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सौरव गांगुली

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सौरव गांगुली

पदस्थ
कार्यालय ग्रहण 
23 अक्टूम्बर 2019
पूर्वा धिकारी सी. के. खन्ना
व्यक्तिगत जानकारी
पूरा नाम सौरव चंडीदास गांगुली
जन्म 9 जुलाई 1972 (1972-07-09) (आयु 52)
बेहला, कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता), पश्चिम बंगाल, भारत
उपनाम दादा, प्रिंस ऑफ कोलकाता, बंगाल टाइगर, महाराजा
कद 5 फीट 11 इंच (1.80 मी॰)
बल्लेबाजी की शैली बाएं हाथ के बल्लेबाज़
गेंदबाजी की शैली दाहिने हाथ से मध्यम तेज गति से
भूमिका बल्लेबाज़
परिवार भाई: स्नेहाशीष गांगुली
पत्नी: डोना गांगुली (m.१९९७)
बेटी: सना गांगुली (b. २००१)
जालस्थल souravganguly.co.in
अंतर्राष्ट्रीय जानकारी
राष्ट्रीय पक्ष
टेस्ट में पदार्पण (कैप २०७)२० जून १९९६ बनाम इंग्लैंड
अंतिम टेस्ट६ नवम्बर २००८ बनाम ऑस्ट्रेलिया
वनडे पदार्पण (कैप ८४)११ जनवरी १९९२ बनाम वेस्टइंडीज़
अंतिम एक दिवसीय१५ नवम्बर २००७ बनाम पाकिस्तान
एक दिवसीय शर्ट स॰
घरेलू टीम की जानकारी
वर्षटीम
१९९०-२०१० बंगाल
२००० लैंकशायर
२००५ ग्लैमोर्गन
२००६ नॉर्थहैम्पटनशायर
२००८-१० कोलकाता नाईट राइडर्स
२०११-१२ पुणे वॉरियर्ज़ इंडिया
कैरियर के आँकड़े
प्रतियोगिता टेस्ट वनडे प्रथम श्रेणी लिस्ट ए
मैच 113 311 254 437
रन बनाये 7,212 11,363 15,687 15,622
औसत बल्लेबाजी 42.17 41.02 44.18 43.32
शतक/अर्धशतक 16/35 22/72 33/89 31/97
उच्च स्कोर 239 183 239 183
गेंद किया 3,117 4,561 11,108 8,199
विकेट 32 100 167 171
औसत गेंदबाजी 52.53 38.49 36.52 38.86
एक पारी में ५ विकेट 0 2 4 2
मैच में १० विकेट 0 n/a 0 n/a
श्रेष्ठ गेंदबाजी 3/28 5/16 6/46 5/16
कैच/स्टम्प 71/– 100/– 168/– 131/–
स्रोत : Cricinfo, ८ जुलाई २०१८

सौरव चंडीदास गांगुली (/sʃrəv ɡɛnɡlj/ ; जन्म ०८ जुलाई १९७२), दादा नाम से ( बंगाली में "बड़े भाई") के रूप में जाने जाते हैं), जो पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी और भारतीय राष्ट्रीय टीम के कप्तान थें। वर्तमान में, वो क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ बंगाल के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त है साथ ही विजडन इंडिया के साथ संपादकीय बोर्ड के अध्यक्ष भी है। अपने खेल करियर के दौरान, गांगुली ने खुद को दुनिया के अग्रणी बल्लेबाजों में से एक के रूप में दिखाया था और राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के सबसे महान कप्तानों में से एक बने थे। यह बाएं हाथ से मध्य क्रम में बल्लेबाजी किया करते थे और एक अच्छे ओपनर बल्लेबाज भी रहे है।

सौरव गांगुली इंडियन प्रीमियर लीग की संचालन परिषद के चार सदस्यों में से एक हैं, जो टूर्नामेंट के सभी कार्यों के लिए जिम्मेदारी निभाते हैं। उन्हें जनवरी २०१६ में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किया गया था। वह इंडियन प्रीमियर लीग की तकनीकी समिति के भी सदस्य हैं।

गांगुली को क्रिकेट की दुनिया में आगे लाने में उनके बड़े भाई स्नेहाशीष ने काफी मदद की थी। उन्हें आधुनिक समय में भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक माना जाता है, और अब तक के सबसे महान वनडे बल्लेबाजों में से एक है। उन्होंने राज्य और स्कूल की टीमों में खेलकर अपने करियर की शुरुआत की थी। सचिन तेंदुलकर के बाद वह एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (वनडे) में भारतीय टीम के दूसरे ऐसे खिलाड़ी बने थे जिन्होंने १० हजार से ज्यादा रन बनाये थे। २००२ में, विजडन क्रिकेटर्स अलमैनैक ने उन्हें विव रिचर्ड्स, सचिन तेंदुलकर, ब्रायन लारा, डीन जोन्स और माइकल बेवन के बाद छठे सबसे बड़े वनडे बल्लेबाज का दर्जा दिया।

विभिन्न भारतीय घरेलू टूर्नामेंटों, जैसे कि रणजी ट्रॉफी और दिलीप ट्रॉफी में खेलने के बाद, गांगुली को भारतीय क्रिकेट टीम के इंग्लैंड दौरे पर पहली बार मौका मिला था। उन्होंने १३१ रन बनाए और भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की की थी। गांगुली को टीम में जगह देने का आश्वासन श्रीलंका, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला में सफल प्रदर्शन के बाद दिया गया, जिन्होंने मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता था। १९९९ क्रिकेट विश्व कप में , वह राहुल द्रविड़ के साथ ३१८ रनों की साझेदारी में शामिल थे, जो विश्व कप टूर्नामेंट के इतिहास में दूसरी सर्वोच्च साझेदारी है। २००० में टीम के अन्य खिलाड़ियों द्वारा मैच फिक्सिंग घोटालों के कारण, और उनके खराब स्वास्थ्य के लिए, भारतीय कप्तान सचिन तेंदुलकर ने अपना पद त्याग दिया और गांगुली को भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया था। वह जल्द ही काउंटी की ओर से डरहम के लिए खराब प्रदर्शन और २००२ की नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल में अपनी शर्ट उतारने के बाद मीडिया की आलोचना का विषय बने थे। उन्होंने २००३ क्रिकेट विश्व कप में भारत का नेतृत्व किया था और फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से हार गए थे। व्यक्तिगत प्रदर्शन में कमी के कारण, उन्हें अगले वर्ष टीम से बाहर कर दिया गया था। गांगुली को २००४ में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। उन्होंने २००६ में राष्ट्रीय टीम में वापसी की, और बल्लेबाजी में सफल प्रदर्शन किया। इस समय के दौरान, वह कई गलतफहमियों को लेकर भारतीय टीम के कोच ग्रेग चैपल के साथ विवादों में रहे थे। इसके बाद गांगुली को फिर से टीम से बाहर कर दिया गया, हालांकि उन्हें २००७ क्रिकेट विश्व कप में खेलने के लिए चुना गया था।

गांगुली २००८ में इंडियन प्रीमियर लीग के टूर्नामेंट के लिए कोलकाता नाइट राइडर्स टीम में कप्तान के रूप में शामिल हुए थे। उसी वर्ष, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक घरेलू टेस्ट श्रृंखला के बाद, उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने पश्चिम बंगाल टीम के लिए खेलना जारी रखा और उन्हें बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ क्रिकेट डेवलपमेंट कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। बाएं हाथ के गांगुली एक शानदार एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बल्लेबाज रहे है, जिन्होंने ३११ मैचों में ११,३६३ रन बनाये है। वह अब तक के सबसे सफल भारतीय टेस्ट कप्तानों में से एक हैं, जिन्होंने ४९ टेस्ट मैचों में से २१ में जीत दिलाई। सौरव गांगुली ११ जीत के साथ विदेशों में सबसे सफल भारतीय टेस्ट कप्तान हैं। भारतीय टीम आईसीसी रैंकिंग में उनके कप्तान बनने से पहले आठवें स्थान पर थी, और उनके कार्यकाल में टीम रैंक दूसरे स्थान पर पहुंची थी।

सौरव गांगुली का जन्म ८ जुलाई १९७२ को कलकत्ता में हुआ था। ये चंडीदास और निरूपा गांगुली के छोटे पुत्र हैं।[1][2] श्री चंडीदास एक सफल छपाई का व्यवसाय चलाते थे और कोलकाता के सबसे रईस व्यक्तियों में से थे। गांगुली ने एक संभ्रांत बचपन बिताया और इन्हें महाराजा उपनाम से बुलाया जाता था। क्योंकी कोलकाता के लोगों का पसंदीदा खेल फुटबौल है गांगुली भी आरंभ में इसकी तरफ आकर्षित हुए।

गांगुली ने अपने कैरियर की शुरुआत उन्होंने स्कूल की और राज्य स्तरीय टीम में खेलते हुए की। वर्तमान में वह एक दिवसीय मैच में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाडियों में ५ वें स्थान पर हैं और १०,००० बनाने वाले ५ वें खिलाडी और सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे भारतीय खिलाडी हैं। क्रिकेट पत्रिका विस्डन के अनुसार वे अब तक के सर्वश्रेष्ठ एक दिवसीय बल्लेबाजों में ६ठे स्थान पर हैं।

कई क्षेत्रीय टूर्नामेंटों (जैसे रणजी ट्राफी, दलीप ट्राफी आदि) में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद गांगुली को राष्ट्रीय टीम में इंग्लैंड के खिलाफ खेलने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने पहले टेस्ट में १३१ रन बनाकर टीम में अपनी जगह बना कर ली। लगातार श्री लंका, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने और कई मैन ऑफ द मैच ख़िताब जीतने के बाद के बाद टीम में उनकी जगह सुनिश्चित हो गयी। १९९९ क्रिकेट विश्व कप में उन्होंने राहुल द्रविड़ के साथ ३१८ रन के साझेदारी की जो की आज भी विश्व कप इतिहास में सर्वाधिक है।

सन २००० में टीम के अन्य सदस्यों के मैच फिक्सिंग के कांड के कारण और के खराब स्वास्थ्य तात्कालिक कप्तान सचिन तेंदुलकर ने कप्तानी त्याग दी, जिसके फलस्वरूप गांगुली को कप्तान बनाया गया। जल्द ही गांगुली को काउंटी क्रिकेट में डरहम की ओर से खराब प्रदर्शन और २००२ में नेटवेस्ट फायनल में शर्ट उतारने के कारण मीडिया में आलोचना का सामना करना पड़ा। सौरव ने २००३ विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और भारत विश्व कप फायनल में ऑस्ट्रेलिया से हरा. उसी वर्ष बाद में खराब प्रदर्शन के कारण सौरव गांगुली को टीम से निकला गया। सन २००४ में इन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया जो की भारत के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कारों में से है। २००६ में सौरव गांगुली की राष्ट्रीय टीम में वापसी हुई और उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसी समय वे भारत के कोच ग्रेग चैपल के साथ विवादों में आये। गांगुली पुनः टीम से निकाले गए लेकिन २००७ क्रिकेट विश्व कप में खेलने के लिए चयनित हुए।

२००८ में सौरव इंडियन प्रेमिएर लीग की टीम कोलकाता नाईट राइडर्स के कप्तान बनाये गए। इसी वर्ष ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक घरेलू सीरीस के बाद गांगुली ने क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। इसके पश्चात गांगुली बंगाल की टीम से खेलते रहे और बंगाल क्रिकेट संघ की क्रिकेट विकास समिति के अध्यक्ष बनाये गए। बांये हाथ के बल्लेबाज सौरव गांगुली एक सफल एक दिवसीय खिलाड़ी के रूप में जाने जाते हैं जिन्होंने एक दिवसीय मैचों में ११००० से ज्यादा रन बनाये। ये भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तानों में से एक हैं जिन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को ४९ में से २१ मैचों में सफलता दिलाई। एक उग्र कप्तान के रूप में मशहूर गांगुली ने कई नए खिलाड़ियों को अपनी कप्तानी के समय खेलने का अवसर प्रदान किया।

बंगाल क्रिकेट संघ ने जुलाई २०१४ में सौरव गांगुली को खेल प्रशासक के रूप में नियुक्त किया।[3]

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. "Cricinfo - Players and Officials - Sourav Ganguly". Cricinfo Magazine. ESPN. मूल से 20 जून 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-05-19.
  2. Datta 2007, पृष्ठ 21
  3. "सौरव गांगुली ने क्रिकेट प्रशासक के रूप में शुरू की दूसरी पारी". पत्रिका समाचार समूह. २७ जुलाई २०१४. मूल से 3 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २७ जुलाई २०१४.