केला
केला | |
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Peeled, whole, and cross section | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | पादप |
अश्रेणीत: | सपुष्पक पौधा |
अश्रेणीत: | एकबीजपत्री |
अश्रेणीत: | कोमलिनिड्स |
गण: | जिंगीबेरल्स |
कुल: | मुसासी |
वंश: | मूसा परेडसिका |
मूसा जाति के घासदार पौधे और उनके द्वारा उत्पादित फल को आम तौर पर केला कहा जाता है। मूल रूप से ये दक्षिण पूर्व एशिया के उष्णदेशीय क्षेत्र के हैं और संभवतः पपुआ न्यू गिनी में इन्हें सबसे पहले उपजाया गया था। आज, उनकी खेती सम्पूर्ण उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है।केले का सर्वप्रथम प्रमाण 4000 साल पहले मलेशिया में मिला थl केला खाने के संदर्भ में युगांडा पहले स्थान पर है जहां प्रति व्यक्ति 1 साल में लगभग 225 खेले खा जाता है[1]
[संपादित करें]केले के पौधे मुसा के परिवार के हैं। मुख्य रूप से फल के लिए इसकी खेती की जाती है और कुछ हद तक रेशों के उत्पादन और सजावटी पौधे के रूप में भी इसकी खेती की जाती है। चूंकि केले के पौधे काफी लंबे और सामान्य रूप से काफी मजबूत होते हैं और अक्सर गलती से वृक्ष समझ लिए जाते हैं, पर उनका मुख्य या सीधा तना वास्तव में एक छद्मतना होता है। कुछ प्रजातियों में इस छद्मतने की ऊंचाई 2-8 मीटर तक और उसकी पत्तियाँ 3.5 मीटर तक लम्बी हो सकती हैं। प्रत्येक छद्मतना हरे केलों के एक गुच्छे को उत्पन्न कर सकता है, जो अक्सर पकने के बाद पीले या कभी-कभी लाल रंग में परिवर्तित हो जाते हैं। फल लगने के बाद, छद्मतना मर जाता है और इसकी जगह दूसरा छद्मतना ले लेता है।
केले के फल लटकते गुच्छों में ही बड़े होते है, जिनमें 20 फलों तक की एक पंक्ति होती है (जिसे हाथ भी कहा जाता है) और एक गुच्छे में 3-20 केलों की पंक्ति होती है। केलों के लटकते हुए सम्पूर्ण समूह को गुच्छा कहा जाता है, या व्यावसायिक रूप से इसे "बनाना स्टेम" कहा जाता है और इसका वजन 30-50 किलो होता है। एक फल औसतन 125 ग्राम का होता है, जिसमें लगभग 75% पानी और 25% सूखी सामग्री होती है। प्रत्येक फल (केला या 'उंगली' के रूप में ज्ञात) में एक सुरक्षात्मक बाहरी परत होती है (छिलका या त्वचा) जिसके भीतर एक मांसल खाद्य भाग होता है।
खेती
[संपादित करें]क्षेत्रफल व उत्पन्न की दृष्टि से आम के बाद केले का क्रमांक आता है। केले के उत्पादन को देखे तो भारत का दूसरा क्रमांक है। भारत में अंदाजे दोन लाख बीस हजार हेक्टर क्षेत्रफल पर केले लगाए जाते हैं। केले का उत्पादन करनेवाले प्रांतो में क्षेत्रफल की दृष्टी से महाराष्ट्र का तिसरा क्रमांक है फिर भी व्यापारी दृष्टी से या परप्रांत में बिक्रीकी दृष्टी से होनेवाले उत्पादन में महाराष्ट्र पहिला है। उत्पादन के लगभग ५० प्रतिशत उत्पादन महाराष्ट्र में होता है। फिलहाल महाराष्ट्र में कुल चवालिस हजार हेक्टर क्षेत्र केले की फसल के लिए है उसमें से आधेसे अधिक क्षेत्र जलगांव जिले में है इसलिए जलगांव जिले को केलेका भंडार कहते है।मुख्यतः उत्तर भारत में जलगाव भाग के बसराई केले भेजे जाते हैं। इसी प्रकार सौदी अरेबिया इराण, कुवेत, दुबई, जपान और युरोप में बाजारपेठ में केले की निर्यात की जाती है। उससे बड़े पैमाने पर विदेशी चलन प्राप्त होता है। केले के ८६ प्रतिशत से अधिक उपयोग खाने के लिए होता है। पके केले उत्तम पौष्टिक खाद्य होकर केले के फूल, कच्चे फल व तने का भीतरी भाग सब्जी के लिए उपयोग में लाया जाता है।फल से पावडर, मुराब्बा, टॉफी, जेली आदि पदार्थ बनाते हैं। सूखे पत्तों का उपयोग आच्छन के लिए करते हैं। केले के तने और कंद के टुकडे करके वह जानवरो के लिए चारा के रुप में उपयोग में लाते है। केले के झाड का धार्मिक कार्य में मंगलचिन्ह के रुप में उपयोग में लाए जाते हैं।
केले को लगाने का मोसम जलवायु के अनुसार बदलता रहता है कारण जलवायु का परिणाम केले के बढ़ने पर, फल लगने पर और तैयार होने के लिए लगने वाली कालावधी पर निर्भर करता है। जलगाँव जिले में केले लगाने का मौसम बारिश के शुरू में होता है। इस समय इस भाग का मौसम गरम रहता है।
उत्पादन एवं निर्यात
[संपादित करें]सन् 2017 में विश्व में केले का कुल उत्पादन १५.३ करोड़ टन हुआ जिसमें भारत और चीन की हिस्सेदारी सर्वाधिक थी और दोनों की हिस्सेदारी मिलाकर कुल २७ प्रतिशत थी। [2][3] अन्य प्रमुख उत्पादक देश हैं- फिलीपीन्स, कोलम्बिया, इंडोनेशिया, एक्वाडोर, और ब्राजील।
केले | कदली | कुल | |
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India | 30.5 | 30.5 | |
China | 11.2 | 11.2 | |
Philippines | 6.1 | 3.1 | 9.2 |
Colombia | 3.8 | 3.6 | 7.4 |
Indonesia | 7.2 | 7.2 | |
Ecuador | 6.3 | 0.8 | 7.1 |
Brazil | 6.7 | 6.7 | |
Cameroon | 1.3 | 4.5 | 5.8 |
Democratic Republic of the Congo | 0.3 | 4.8 | 5.1 |
Angola | 4.3 | 4.3 | |
Guatemala | 3.9 | 0.4 | 4.3 |
Ghana | 0.1 | 4.1 | 4.2 |
Tanzania | 3.5 | 0.6 | 4.1 |
Uganda | 0.6 | 3.3 | 3.9 |
Nigeria | 3.2 | 3.2 | |
Costa Rica | 2.6 | 0.1 | 2.7 |
Peru | 0.3 | 2.0 | 2.3 |
Mexico | 2.2 | 2.2 | |
Dominican Republic | 1.2 | 1.0 | 2.2 |
Vietnam | 2.1 | 2.1 | |
World | 113.9 | 39.2 | 153.1 |
Source: FAOSTAT of the United Nations[4][5] Note: Some countries distinguish between bananas and plantains, but four of the top six producers do not, thus necessitating comparisons using the total for bananas and plantains combined. |
सन २०१३ की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व में केले का कुल निर्यात २ करोड़ टन तथा कदली (plantains) का कुल निर्यात ८.५९ लाख टन था। [6] एक्वाडोर और फिलीपीन्स केले के प्रमुख निर्यातक देश हैं। [6]
केले का पोषण मूल्य:
[संपादित करें]केले (केला) में आहार फाइबर, विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं, साथ ही इसमें एंथोसायनिन, कैरोटीनॉयड, ट्रिप्टोफैन और डेल्फिनिडिन जैसे विभिन्न फाइटोकेमिकल्स भी होते हैं। केले के पोषक तत्वों का उल्लेख नीचे दी गई तालिका में किया गया है।[7]
पोषण घटक | प्रति 100 ग्राम मूल्य |
कार्बोहाइड्रेट | 22.84 ग्राम |
शर्करा | 12.23 ग्राम |
आहार फाइबर | 2.6 ग्राम |
प्रोटीन | 1.09 ग्राम |
वसा | 0.3 ग्राम |
पोटैशियम | 358.0 मिलीग्राम |
मैगनीशियम | 27.0 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 22.0 मिलीग्राम |
कोलीन | 9.8 मिलीग्राम |
विटामिन सी | 8.7 मिलीग्राम |
कैल्शियम | 5.0 मिलीग्राम |
नियासिन | 0.6 मिलीग्राम |
सोडियम | 1.00मिग्रा |
फोलेट | 20.0 माइक्रोग्राम |
विटामिन ए | 3.0 माइक्रोग्राम |
सेलेनियम | 1.00 माइक्रोग्राम |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Banana in hindi केले के बारे में रोचक तथ्य". अभिगमन तिथि 2020-05-28.
- ↑ "EST: Banana facts". www.fao.org. मूल से July 18, 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-05-28.
- ↑ "Global leading producers of bananas 2017". Statista (अंग्रेज़ी में). मूल से July 26, 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-05-28.
- ↑ "Banana production in 2017, Crops/Regions/World list/Production Quantity (pick lists)". UN Food and Agriculture Organization, Corporate Statistical Database (FAOSTAT). 2018. मूल से May 11, 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि September 14, 2019.
- ↑ "Archived copy". मूल से May 11, 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि January 6, 2018.सीएस1 रखरखाव: Archived copy as title (link)
- ↑ अ आ "Banana and plantain exports in 2013, Crops and livestock products/Regions/World list/Export quantity (pick lists)". UN Food and Agriculture Organization, Corporate Statistical Database (FAOSTAT). 2017. मूल से May 11, 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि January 6, 2018.
- ↑ "केले (केला): उपयोग, लाभ, दुष्प्रभाव डॉ. स्मिता बरोड़े द्वारा".
माल भोग केला जो कि सिर्फ हाजीपुर बिहार में पाया जाता है यह दुनिया का सबसे स्वादिष्ट केला माना जाता है हां और इसकी कीमत भी दुनिया के सबसे महंगे केलो में से एक है