सर्वाधिकारवाद
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राजनीति पर एक शृंखला का हिस्सा |
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सर्वाधिकारवाद वह राजनीतिक सिद्धांत है जो राज्य की शक्ति को एक ही जगह केंद्रित करने में विश्वास करता है। यह विचारधारा जनता के दैनिक जीवन के समस्त पक्षों पर पूर्ण या लगभग पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने का समर्थन करता है।[1]
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सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ राजनीति सिद्धांत की रूपरेखा, ओम प्रकाश गाबा, मयूर पेपरबैक्स, २०१०, पृष्ठ-२९, ISBN:८१-७१९८-०९२-९
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
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