रूढ़िवाद

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रूढ़िवाद सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत व्यवहृत एक ऐसी विचारधारा है जो पारंपरिक मान्यताओं का अनुकरण तार्किकता या वैज्ञानिकता के स्थान पर केवल आस्था तथा प्रागनुभवों के आधार पर करती है। यह सामाजिक, राजनीतिक और नैतिक मान्यताओं का समुच्चय है जो चिरकाल से प्रचलित मान्यताओं और व्यवस्था के प्रति सम्मान को बढ़ावा देती है। यह विचारधारा नए और बिना आज़माए हुए विचारों और संस्थाओं को अपनाने के बजाय पुराने और आज़माए हुए विचारों और संस्थाओं को क़ायम रखने का समर्थन करती है। डेविड ह्यूम और एडमंड बर्क रूढ़िवाद के प्रमुख उन्नायक माने जाते हैं। समकालीन विचारकों में माइकेल ओकशॉट को रूढ़िवाद का प्रमुख सिद्धांतकार माना जाता है।[1]

  1. ..रूढ़िवाद ऐसी विचारधारा हैजो पुराने समय से चली आ रही है यह तथ्य और सिद्धांत पर विश्वास करती है रूढ़िवादी परिवर्तन को स्वीकार नहीं करते है (by-dashrath guru)


सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. राजनीतिक सिद्धांत की रूपरेखा, ओम प्रकाश गाबा, मयूर पेपरबैक्स, २0१0, पृष्ठ- २६, ISBN:८१-७१९८-0९२-९

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]