"मध्य प्रदेश के ज़िले": अवतरणों में अंतर

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•मध्यप्रदेश में मार्च २०२० से जिलों कि कुल संख्या ५५ हो चुकी है।
•मध्यप्रदेश में मार्च २०२० से जिलों कि कुल संख्या ५५ हो चुकी है।



20:47, 9 जनवरी 2021 का अवतरण

•मध्यप्रदेश में मार्च २०२० से जिलों कि कुल संख्या ५५ हो चुकी है।

इतिहास

•१९५६ में गठन के समय कुल जिले ४३ थे।

•1972 में २ जिले बनाए गए ४३+२=४५

 -भोपाल
 -राजनांदगांव

•१९९८ में बड़े जिलों से १६ नए जिले बनाए गए जिनसे मध्यप्रदेश में कुल जिलों की संख्या ६१ हो गई। ४५+१६=६१ जिनमें से १६ जो नए जिले बनाए थे उनमें से ७ जिले वर्तमान में मध्यप्रदेश में है।

•२००० में मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ को अलग राज्य बनाया गया और १६ जिले इस राज्य में दिए गए इस प्रकार मध्यप्रदेश में जिलों कि संख्या पुनः ४५ हो गई।

•छत्तीसगढ़ विभाजन के समय मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह थे।

•२००३ में पुनः ३ नए जिले बनाए गए इस समय मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती जी थे जो कि मध्यप्रदेश की प्रथम महिला सीएम है। तीन नए जिले इस प्रकार है -

-अनूपपुर
-बुरहानपुर
-अशोकनगर

इस प्रकार जिलों कि कुल संख्या ४५+३=४८ हो गई।

•२००८ में २ नए जिले बनाए गए इस समय सीएम श्री शिवराज सिंह चौहान थे।

-अलीराजपुर (झाबुआ से)
-सिंगरोली (सीधी से)

जिलों की संख्या ४८+२=५०

•१६ अगस्त २०१३ में एक नया जिला बनाया गया।

-आगर मालवा (शाजापुर से)

कुल जिले ५०+१=५१

•१ अक्टूबर २०१८ में एक ओर नया जिला बनाया गया।

-निवाड़ी (टीकमगढ़ से)

कुल जिले ५१+१=५२

•१८ मार्च २०२० को ३ नए जिलों को मंजूरी प्रदान की गई। सीएम - श्री कमलनाथ

-मैहर (सतना से)
-नागदा (उज्जैन से)
-चाचौड़ा (गुना से)

इस प्रकार मध्यप्रदेश में कुल जिले ५२+३=५५

इसी प्रकार मध्यप्रदेश में वर्तमान में कुल ५५ जिले और १० संभाग है।

सन्दर्भ