ललितामहल
ललिता महल, मैसूर | |
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ललिता महल, मैसूर | |
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सामान्य जानकारी | |
स्थापत्य कला | पुनर्जागरण वास्तुकला |
कस्बा या शहर | मैसूर |
देश | भारत |
निर्देशांक | 12°17′53″N 76°41′35″E / 12.298°N 76.693°E |
निर्माण आरंभ | १९२१ |
पूर्ण | बीसवीं शताब्दी |
लागत | १३ लाख |
तकनीकी विवरण | |
संरचनात्मक प्रणाली | पत्थर निर्माण संगमर्मर आवरण |
डिजाइन और निर्माण | |
ग्राहक | कृष्णराज वोडेयार चतुर्थ, मैसूर राज्य |
वास्तुकार | ई.डब्लु.फ़्रिचलेय |
ललिता महल मैसूर का दूसरा सबसे बड़ा महल है। यह चामुंडी हिल के निकट, मैसूर शहर के पूर्वी ओर कर्नाटक राज्य में स्थित है। इस महल का निर्माण १९२१ में मैसूर के तत्कालीन महाराजा कृष्णराज वोडेयार चतुर्थ के आदेशानुसार हुआ था। इस महल के निर्माण का प्रमुख उद्देश्य तत्कालीन भारत के वाइसरॉय को मैसूर यात्रा के दौरान ठहराना था।[1] वर्तमान में ललितामहल भारत का अतिथिगृह एवं भारत पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) होटल है।[2] यह महल लंदन के सेंट पॉल कैथेड्रल की तर्ज पर बना हुआ है। यह मैसूर शहर की भव्य संरचनाओं में से एक है।[3][4][5][6]
इस भव्य महल को शुद्ध सफेद रंग से पोता गया है। इसे 1974 में एक विरासत होटल के रूप में परिवर्तित किया गया था।[7] यह अब भारत सरकार के तहत भारत पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) के अन्तर्गत अशोक ग्रुप के एक विशिष्ट होटल के रूप में चलाया जाता है। हालांकि, महल के मूल शाही माहौल को पहले जैसा ही बनाए रखा गया है।[1][4][8]
इतिहास
[संपादित करें]महल 20वीं शताब्दी में बना था, जो कि ब्रिटिश शासन के तहत मैसूर रियासत में बनाया गया था। रियासत, ब्रिटिश प्रशासक द्वारा एक "मॉडल राज्य" के रूप में नामित किया गया था। मैसूर के महाराजा, हैदराबाद के निज़ाम बाद सबसे अमीर थे। महल, एक बहुत ही प्रभावशाली वास्तुशिल्प भवन के रूप में, उनकी 20 मिलियन पाउंड की वार्षिक आय की तुलना में उचित राशि में बन कर तैयार हुआ था।[1][3] मैसूर रियासत के महाराज एचएच कृष्णराज वोडेयार चतुर्थ (4 जून, 1884 - 3 अगस्त 1940) थे, जोकि "वोडेयार राजवंश" के थे और मैसूर उनकी राजधानी हुआ करती थी। ललितामहल 1921 में भारत के तत्कालीन वायसराय के अनन्य प्रवास के लिए और बाद में महाराजा के यूरोपीय मेहमानों के लिए गेस्ट हाउस के लिये बनावाया गया था।[3][4]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ इ "ललिता महल के बारे में (अंग्रेजी में)". मूल से 2 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010-01-02.
- ↑ "राजा-रजवाड़ों के दौर में अतिथि का स्वागत काफी अहमियत रखता था।". मूल से 5 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 मई 2010.
- ↑ अ आ इ केन्नाडिने, डेविड (2002). ऑर्नमेंटलिस्म: ब्रिटिश अपने साम्राज्य कैसे देखता है (अंग्रेजी में). ललिता महल. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस अमेरिका. पपृ॰ 54–55. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-19-515794-X. अभिगमन तिथि 2010-01-02.
- ↑ अ आ इ रमन, अफरीद (1994). बैंगलोर - मैसूर. मैसूर पैलेस. ओरिएंट ब्लैकस्वान. पपृ॰ 87–88. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-86311-431-1. ISBN 0-86311-431-8. मूल से 24 मई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010-01-02.
- ↑ "मैसूर के महलें: ललिता महल पैलेस (अंग्रेजी में)". मूल से 10 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010-01-02.
- ↑ Bruyn, Pippa de; Niloufer Venkatraman; Keith Bain (2006). Frommer's India. Lalitha Mahal Palace Hotel. John Wiley and Sons. पपृ॰ 266–267. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-7645-9899-6. अभिगमन तिथि 2010-01-02.
- ↑ "ललिता महल के बारे में". मूल से 17 जून 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 मई 2010.
- ↑ "ललिता महल पैलेस (ए हेरिटेज अशोक)". अशोक होटल समूह. मूल से 13 मई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010-01-02.
बाहरी सूत्र
[संपादित करें]विकिमीडिया कॉमन्स पर ललिता महल से सम्बन्धित मीडिया है। |
चित्र दीर्घा
[संपादित करें]आन्तरिक सज्जा
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महल का रिसेप्शन हॉल।
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विशाल बॉलरूम जो अब ललितामहल होटल का भोजन कक्ष है।
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इतालवी संगमरमर से बने मुख्य सीढ़ी।
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बॉलरूम - बेल्जियम ग्लास से बने तीन डोमड स्काइलइट्स
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ललितामहल
बाहरी रूप
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ललितामहल
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ललितामहल
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ललितामहल
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ललितामहल होटल
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ललितामहल पैलेस की छत से उद्यान
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ललितामहल होटल
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पैलेस और बरामदे के लिये प्राथमिक सीढ़ी