बिशन सिंह बेदी

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बिशन सिंह बेदी
व्यक्तिगत जानकारी
पूरा नाम बिशन सिंह बेदी
बल्लेबाजी की शैली दाहिने हाथ के बल्लेबाज
गेंदबाजी की शैली स्लो लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स
भूमिका गेंदबाज, कोच
अंतर्राष्ट्रीय जानकारी
राष्ट्रीय पक्ष
टेस्ट में पदार्पण31 दिसम्बर 1966 बनाम वेस्टइंडीज
अंतिम टेस्ट30 अगस्त 1979 बनाम इंग्लैंड
वनडे पदार्पण13 जुलाई 1974 बनाम इंग्लैंड
अंतिम एक दिवसीय16 जून 1979 बनाम श्रीलंका
घरेलू टीम की जानकारी
वर्षटीम
1968–1981 दिल्ली
1972–1977 नॉर्थहेम्पटनशायर
1961–1967 नॉर्थेर्न पंजाब
कैरियर के आँकड़े
प्रतियोगिता टेस्ट वनडे प्रथम श्रेणी लिस्ट ए
मैच 67 10 370 72
रन बनाये 656 31 3584 218
औसत बल्लेबाजी 8.98 6.20 11.37 6.81
शतक/अर्धशतक 0/1 –/– 0/7 0/0
उच्च स्कोर 50* 13 61 24*
गेंद किया 21364 590 90315 3686
विकेट 266 7 1560 71
औसत गेंदबाजी 28.71 48.57 21.69 29.39
एक पारी में ५ विकेट 14 0 106 1
मैच में १० विकेट 1 n/a 20 n/a
श्रेष्ठ गेंदबाजी 7/98 2/44 7/5 5/30
कैच/स्टम्प 26/– 4/– 172/– 21/–
स्रोत : क्रिकेट आर्काइव, 23 जनवरी 2009

बिशन सिंह बेदी pronunciation सहायता·सूचना (जिन्हें कभी-कभी बिशेन सिंह बेदी भी कहा जाता है) का जन्म 25 सितम्बर 1946 को अमृतसर में हुआ था; वे पूर्व भारतीय क्रिकेटर और मुख्यतः बाएं हाथ के परंपरागत गेंदबाज़ थे। उन्होंने भारत के लिए 1966 से 1979 तक टेस्ट क्रिकेट खेला है और वे प्रसिद्ध भारतीय स्पिन चौकड़ी का हिस्सा भी थे। उन्होंने 22 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की है। बेदी को हमेशा एक रंगीन पटका पहनने और बेबाकी से क्रिकेट पर अपने विचार रखने के लिए भी जाना जाता है।

खेल कैरियर[संपादित करें]

घरेलू क्रिकेट में बेदी ने उत्तरी पंजाब के लिए पहली बार तब खेला था जब वे केवल 15 साल के थे। तब उनको क्रिकेट शुरू किये हुए अभी केवल दो साल ही हुए थे, इस खेल के लिए यह बहुत ही कम आयु होती है।[1] 1968–69 में वे दिल्ली की तरफ से खेलने लगे थे और 1974–75 सत्र में उन्होनें रणजी ट्राफी के लिए रिर्काड 64 विकेट लिए। बेदी ने कई साल तक नॉर्थम्प्टनशायर का अंग्रेज़ी काउंटी क्रिकेट में प्रतिनिधित्व किया। इन्होंने अपना शानदार क्रिकेट कैरियर किसी भी भारतीय से ज्यादा 1560 विकेट के साथ खत्म किया।

इनकी गेंदबाजी को शानदार, सुंदर, छकाने वाली और कलात्मक माना जाता है।[2] वे गेंद को फ्लाइट कराने में बहुत माहिर थे और वे गेंद को उचित समय तक अपने पास रोकने एवं समय पड़ने पर तेजी से आगे बढ़ाने में और स्पिन गेंदबाजी में युक्तिबद्ध बदलाव करने में बहुत कुशल थे। खेलते समय उनकी क्रिया इतनी शांत और संतुलित होती थी कि वे पूरे दिन लय और संतुलन के साथ गेंदबाजी कर सकते थे, यह किसी भी कप्तान के लिए बड़ा गुण होता है। उन्होनें कई बहुत ही सफल टेस्ट श्रृंखलाएं खेली थीं।[3]

  • भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया 1969-70: 20.57 में 21 विकेट
  • भारत बनाम इंग्लैंड 1972-73: 25.28 में 25 विकेट
  • भारत बनाम वेस्ट इंडीज: 25.33 में 18 विकेट
  • भारत बनाम न्यूज़ीलैंड 1976-77: 13.18 में 22 विकेट
  • भारत बनाम इंग्लैंड 1976-77: 22.96 में 25 विकेट
  • भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया 1977-78: 23.87 में 31 विकेट

उनकी सर्वश्रेष्ठ टेस्ट गेंदबाजी आस्ट्रेलिया के विरूद्ध 7/98 कलकत्ता में 1969–70 में हुई थी और उनका सर्वश्रेष्ठ मैच 10/194 आँकड़ों के साथ भी आस्ट्रेलिया के विरूद्ध ही 1978-79 में पर्थ में हुआ था।[3] उनकी सर्वश्रेष्ठ प्रथम श्रेणी की गेंदबाजी 7/5 थी। यह उन्होनें दिल्ली के लिए जम्मू-कश्मीर के विरूद्ध 1974-75 में खेली थी।[3] यद्यपि इनकी बल्लेबाजी उतनी अच्छी नहीं थी फिर भी इन्होंने जिलेट कप सेमिफाइनल में नॉर्थम्प्टनशायर के लिए हैंम्पशायर के विरूद्ध अंतिम से पहली गेंद को सीमारेखा के पार पहुंचाया था और इस मैच में दो विकेट से जीत दर्ज की थी।[3] इन्होंने बल्लेबाजी में अपना उच्चतम स्कोर टेस्ट मैच में 1976 में न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाया था। तब ये पचास रन पर नाबाद रहे थे, जो कि टेस्ट स्तर पर इनका मात्र एक अर्धशतक है।[4]

बेदी का चयन 1976 में भारतीय कप्तान के रूप में हुआ था, तब इन्होंने मनसूर अली खान पटौदी की जगह ली थी। कप्तान के रूप में टेस्ट क्रिकेट में उनकी पहली जीत पोर्ट ऑफ स्पेन में वेस्ट इंडीज के खिलाफ 1976 की श्रृंखला में मिली थी, जिसमें भारत ने चौथी पारी में तब के लिए रिकार्ड 406 रन बनाये थे।[5] इसके बाद भारत ने गृह खेल में न्यूजीलैंड को टेस्ट टेस्ट श्रृंखला में 2 -0 से हराया था। हालांकि इन लगातार सफल टेस्ट श्रृंखलाओं के बाद भारत को कई श्रृंखलाओं में हार का मुंह भी देखना पड़ा. जिसमें भारत इंगलैड से (घर पर 3 -1 से हारा), आस्ट्रेलिया से (बाहर 3 -2 से हारा) और पाकिस्तान से (बाहर 2 -0 से हारा), इसके बाद इनकी जगह सुनील गावस्कर को कप्तान बना दिया गया।

2008 में विज्डन क्रिकेटर्स एलमेनेक ने बेदी का नाम उन पांच सर्वश्रेष्ठ खिलाडि़यों में शुमार किया, जिन्हें विज्डन क्रिकेटर ऑफ द इयर के लिए नहीं चुना जा सका था।[6]

वे कहते थे कि मैं हमेशा अपने कपड़े धोता हूं क्यों कि "यह कंधों और उंगलियों के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यायाम है " जब आप स्पिन बॉल डालते हैं तो उस समय हाथ-पैरों में लचक की आवश्यकता होती है[7]

विवाद[संपादित करें]

भारत के कप्तान के रूप में बेदी का व्यक्तिव अनिवार्य रूप में कुछ विवादों को जन्म देता था।

भारत के वेस्ट इंडीज के विरूद्ध 1976 की टेस्ट श्रृंखला में तीसरे टेस्ट में रिकार्ड कायम करते हुए रन का पीछा करने पर वेस्ट इंडीज ने चौथे टेस्ट में आक्रमण के लिए चार तेज गेंदबाज़ उतारने की रणनीति बनाई। बेदी ने वेस्ट इंडीज़ की इस तरकीब पर आपत्ति दर्ज की और भारत की पहली पारी उसके दो खिलाड़ियों के चोट के चलते बाहर हो जाने के कारण खत्म होने की घोषणा कर दी। इसके बाद मैच की दूसरी पारी में पांच खिलाड़ी चोट के चलते बाहर ही रहे। [8]

वेसिलीन घटना - 1976-77 में भारत के इंग्लैंड दौरे में उन्होंने मद्रास में हुए तीसरे टेस्ट में जॉन लिवर को अवैध तरीके से गेंद को वैसलीन से पॉलिश करने का दोषी बताया। लीवर ने अपने माथे पर वैसलीन इसलिए लगाई थी ताकि उनके आखों से खेलते समय पसीना दूर रहे, लेकिन बाद में उन्हें किसी भी गलत आरोप से मुक्त कर दिया गया।[3]

नवंबर 1978 में वे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच में स्वयं हार मानने वाले पहले कप्तान बन गये थे। साहिवाल में पाकिस्तान के खिलाफ एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच में भारत के पास आठ विकेट बचे थे और उसे जीत के लिए चौदा गेंदों पर सिर्फ 23 रन चाहिये थे। बेदी ने हालांकि क्रीज़ से बल्लेबाज़ को वापिस बुलाया और इस बात पर नाराज़ होकर कि सरफराज़ नवाज़ जिन्होनें लगातार चार बाउंसर गेंदें की थी, उन्हें अंपायर द्वारा वाइड क्यों नहीं दिया गया, उन्होनें मैच में आगे खेले बिना ही हार मान ली। [9]

कोचिंग[संपादित करें]

1990 में उनका भारतीय राष्ट्रीय टीम के कोच के रूप में एक संक्षिप्त कार्यकाल था। वह पहले व्यक्ति थे जिन्हें इस काम के लिए पूर्णकालिक क्षमता में नियुक्त किया गया था। एक क्रिकेट दौरे के बाद जहां भारत ने खराब प्रदर्शन किया था, उन्होनें एक बड़ी प्रसिद्ध धमकी दी कि वे पूरी टीम को वापसी की यात्रा में नदी में डूबों देंगे। [10]

आधुनिक समय के क्रिकेट पर विचार[संपादित करें]

इन्हें भी देखें: throwing (cricket)

बेदी ने आधुनिक क्रिकेट के कई प्रारूपों पर अपने विचार बड़ी ही मज़बूती के साथ दिये हैं और उनका वर्णन कुछ इस तरह से किया जाता है कि वह अपने मन की बात बोलने में कभी घबराते नहीं हैं।[11] विवेश रूप से वे मुथैया मुरलीधरन के गेंदबाज़ी के तरीके के उग्र आलोचक हैं ("अगर मुरली बेपरवाह नहीं फेंकता है तो मुझे बताओ की गेंद कैसे डाली जाती है"[7]) इसके लिए वे साफ कहते हैं कि ये तो धोखा है और बिल्कुल भाला फेंकने[12] जैसा है और अभी हाल ही में उन्होनें यह कहा कि मुरली अब हजार विकेट पूरा करने वाले हैं लेकिन मेरी नज़रों में यह सिर्फ रन आउट ही है।[13] वे जिस तरह से बेपरवाह गेंद फेकते हैं मेरा मानना है कि "ये सट्टे और घूसखोरी से भी ज्यादा बड़ा खतरा है " और[7] 2004 में उन्होनें यह दावा किया कि इस उपमहाद्वीप में कई गेंदबाज़ मुरलीधरन को श्रीलंका का डाकू बुलाते हैं जो कि स्वपन कलाकार कहे जाने वाले शेनवार्न के नजदीक पहुंच रहा है।[14] उन्होनें कहा कि उन्हें मुरली से कोई ज़ाति दुश्मनी नहीं[15] है यद्यपि मुरली ने उनपर अभियोग चलाने की धमकी दी है।[16] अभी हाल ही में उन्होनें यही बात देश के ही हरभजन सिंह के लिए भी कही है।[17] जहां तक क्रिकेट में संदिग्ध के खेलने का सवाल है उन्होनें कहा "जब कोई गेंदबाज गलत तरीके से गेंद फेंकता है तो उसे पैनल और गृह क्रिकेट बोर्ड के पास भेजा जाता. "तो क्यों न यही चीज़ वाइड और नो बॉल के लिए भी लागू हो?"[11] उन्होनें भारत में पारंपरिक स्पिन गेंदबाज के स्तर पर आई गिरावट का कारण एक दिवसीय क्रिकेट, आधुनिक क्रिकेट बल्ले और छोटे मैदान को बताया। [7]

उन्होनें सुनील गावस्कर पर भी यह कहते हुए हमला किया कि वे "विनाशकारी प्रभाव हैं"[18] उन्होनें आस्ट्रेलिया के कोच जॉन बुचेनन को कहा कि "जॉन हमे बताओ कि क्या तुमने इस आस्ट्रेलिया को टीम को महान बनाया है या फिर इन्होंने तुम्हें बनाया है?"[19]

अभी हाल ही में बेदी ने टी-20 क्रिकेट को "क्रिकेट की सबसे अशिष्ट अभिव्यक्ति कहकर संबोधित किया"

व्यक्तिगत जीवन‍[संपादित करें]

उनके बेटे अंगद बेदी ने मॉडलिंग तथा अभिनय क्षेत्र में कैरियर बनाने से पहले दिल्ली के लिए अंडर 19 स्तर पर क्रिकेट खेला था।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. ट्रेवर बेली, रिची बेनौड, कॉलिन काउड्रे और जिम लेकर, दी लॉर्ड्स टेवर्नर्स फिफ्टी ग्रेटेस्ट, हेनेमन-क्विक्सोट,1983
  2. डी.जे. रुटनागुर, दी बार्कलेज वर्ल्ड ऑफ क्रिकेट, विलो बुक्स 1986
  3. पीटर अर्नोल्ड, दी इलस्ट्रेटेड एन्साइक्लोपीडिया ऑफ वर्ल्ड क्रिकेट, डब्ल्यूएचस्मिथ 1985
  4. "2nd टेस्ट: इंडिया वर्सेज न्यूजीलैंड एट कानपुर, 18-23 नवम्बर 1976". मूल से 13 अक्तूबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मई 2011.
  5. 3rd टेस्ट: वेस्ट इंडीज वर्सेज इंडिया एट पोर्ट ऑफ स्पेन, 7-12 अप्रैल 1976 Archived 2010-05-25 at the Wayback Machine क्रिकइन्फो से
  6. विज्डन - नेवर ए क्रिकेटर ऑफ दी ईयर Archived 2009-12-11 at the Wayback Machine क्रिकइन्फो से
  7. "क्रिकइन्फो - 'चकिंग इज ए बिगर थ्रेट डेन ब्रिबंग और बेटिंग'". मूल से 30 दिसंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मई 2011.
  8. "4th Test: West Indies v India at Kingston, 21–25 अप्रैल 1976". Cricinfo. मूल से 9 मार्च 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 मार्च 2007.
  9. "3rd ओडीआई: पकिस्तान वर्सेज इंडिया एट साहिवाल, 3 नवम्बर 1978". मूल से 21 अक्तूबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मई 2011.
  10. बिशन बेदी Archived 2013-09-28 at the Wayback Machine क्रिकइन्फो से
  11. "क्रिकइन्फो - बिशन बेदीज़ डेडली स्ट्रेट डिलिवरी". मूल से 31 दिसंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मई 2011.
  12. "'Chucking is a bigger threat than bribing or betting'". Cricinfo. अभिगमन तिथि 18 मार्च 2007.
  13. "क्रिकइन्फो - मुरली कंसिडर्स लीगल एक्शन आफ्टर बेदी जाइब". मूल से 29 दिसंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मई 2011.
  14. "क्रिकइन्फो - होम बॉइज़, शेखस एंड चकिंग". मूल से 29 दिसंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मई 2011.
  15. "क्रिकइन्फो - 'आई हैव नथिंग पर्सनल अगेंस्ट मुरली' - बेदी". मूल से 31 दिसंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मई 2011.
  16. "क्रिकइन्फो - मुरली थ्रेटेंस टू सू बेदी". मूल से 31 दिसंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मई 2011.
  17. "बेदी पॉइंट्स फिंगर एट हरभजन - क्रिकेट - स्पोर्ट - theage.com.au". मूल से 9 अगस्त 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मई 2011.
  18. "क्रिकइन्फो - गावस्कर ए 'डिस्ट्रक्टिव' इन्फ्लूएंस - बिशन बेदी". मूल से 31 दिसंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मई 2011.
  19. "क्रिकइन्फो - दी मैलेज़ ऑफ बिटरनेस". मूल से 29 दिसंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मई 2011.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

पूर्वाधिकारी
Sunil Gavaskar
Indian National Test Cricket Captain
1975–76 – 1978–79
उत्तराधिकारी
Sunil Gavaskar