दुर्ग
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दुर्ग
Durg | |
|---|---|
दुर्ग शहर में राजेन्द्र पार्क | |
| निर्देशांक: 21°11′N 81°17′E / 21.19°N 81.28°Eनिर्देशांक: 21°11′N 81°17′E / 21.19°N 81.28°E | |
| ज़िला | दुर्ग ज़िला |
| प्रान्त | छत्तीसगढ़ |
| देश | |
| ऊँचाई | 289 मी (948 फीट) |
| जनसंख्या (2011) | |
| • कुल | 2,68,679 |
| भाषाएँ | |
| • प्रचलित | हिन्दी, छत्तीसगढ़ी |
| समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
| पिनकोड | 491001 |
| दूरभाष कोड | 0788 |
| वाहन पंजीकरण | CG-07 |
| लिंगानुपात | 982 ♂/♀ |
| वेबसाइट | durg |
दुर्ग भारत के छत्तीसगढ़ राज्य का एक प्रमुख शहर एवं जिला मुख्यालय है। यह राज्य की राजधानी रायपुर से लगभग 40 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। दुर्ग और भिलाई शहर मिलकर एक बड़े शहरी परिसर का निर्माण करते हैं, जिसे प्रायः "दुर्ग-भिलाई महानगर क्षेत्र" के नाम से जाना जाता है।
इतिहास
[संपादित करें]दुर्ग का नाम 'दुर्गा' देवी के नाम पर पड़ा माना जाता है। इतिहासकारों के अनुसार, यह क्षेत्र प्राचीन काल में विभिन्न जनजातियों का निवास स्थान रहा है। यह क्षेत्र कलचुरी राजाओं के अधीन था और बाद में मराठा तथा ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आया।
वर्तमान दुर्ग जिले की स्थापना ब्रिटिश काल में हुई, और इसे प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित किया गया। 20वीं सदी के मध्य में भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना के पश्चात् दुर्ग नगर ने भी औद्योगिक और शैक्षणिक विकास में गति प्राप्त की।
भौगोलिक स्थिति
[संपादित करें]दुर्ग छत्तीसगढ़ के मध्य-पश्चिमी भाग में स्थित है। यह शिवनाथ नदी के किनारे बसा है, जो महानदी की सहायक नदी है। दुर्ग समुद्र तल से लगभग 290 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इस क्षेत्र की मिट्टी काली और लाल रंग की है, जो कृषि के लिए उपयुक्त मानी जाती है।
जलवायु
[संपादित करें]यहाँ की जलवायु उष्णकटिबंधीय है। गर्मियों में तापमान 45°C तक जाता है, जबकि सर्दियों में यह 10°C तक गिर सकता है। मानसून के मौसम में जून से सितंबर तक यहाँ औसतन 1200–1400 मिमी वर्षा होती है।
जनसांख्यिकी
[संपादित करें]2021 की अनुमानित जनगणना के अनुसार दुर्ग शहर की जनसंख्या लगभग 7.5 लाख है। शहर में पुरुषों और महिलाओं की संख्या लगभग समान है। साक्षरता दर लगभग 89% है, जो राज्य औसत से अधिक है।
यहाँ हिंदी और छत्तीसगढ़ी भाषा प्रमुखता से बोली जाती है, परंतु मराठी, उड़िया, बंगाली, पंजाबी और तेलुगु भाषाएँ भी कई समुदायों द्वारा बोली जाती हैं।
प्रशासनिक संरचना
[संपादित करें]दुर्ग नगर निगम द्वारा शासित है। यह छत्तीसगढ़ विधानसभा की एक महत्वपूर्ण निर्वाचन सीट भी है। यहाँ का नगर निगम क्षेत्र 40+ वार्डों में विभाजित है।
अर्थव्यवस्था
[संपादित करें]दुर्ग एक उभरता हुआ औद्योगिक नगर है। यह मुख्यतः सेवा क्षेत्र, व्यापार, शिक्षा और लघु उद्योगों पर आधारित है।
- पास ही स्थित भिलाई इस्पात संयंत्र की वजह से कई सहायक औद्योगिक इकाइयाँ यहाँ कार्यरत हैं।
- दुर्ग में अनेक लघु एवं मध्यम आकार के उद्योग, सीमेंट उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ, इंजीनियरिंग वर्कशॉप्स आदि हैं।
- कृषि उत्पादों का बाज़ार: चावल, दालें, तेलहन और सब्जियाँ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आती हैं।
शिक्षा
[संपादित करें]दुर्ग को "शिक्षा नगरी" भी कहा जाता है। यहाँ कई प्रमुख विद्यालय, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्थित हैं।
प्रमुख विद्यालय
[संपादित करें]- सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
- सरस्वती शिशु मंदिर
- दिल्ली पब्लिक स्कूल, दुर्ग
प्रमुख महाविद्यालय
[संपादित करें]- गवर्नमेंट वॉइस कॉलेज, दुर्ग
- शासकीय कन्या महाविद्यालय
- दुर्ग विश्वविद्यालय (हेमचंद यादव विश्वविद्यालय)
- सेंट थॉमस कॉलेज, भिलाई
यहाँ से हज़ारों छात्र प्रतिवर्ष मेडिकल, इंजीनियरिंग, UPSC, PSC जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित होते हैं।
स्वास्थ्य सेवाएँ
[संपादित करें]दुर्ग में सरकारी और निजी दोनों तरह के अस्पताल मौजूद हैं।
सरकारी अस्पताल
[संपादित करें]- जिला चिकित्सालय, दुर्ग
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पाटन
निजी अस्पताल
[संपादित करें]- चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल
- गुरुनानक हॉस्पिटल
- जिंदल हॉस्पिटल
- नर्सिंग होम्स व क्लिनिकों की भरमार
परिवहन
[संपादित करें]दुर्ग छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख परिवहन केंद्र है।
रेलमार्ग
[संपादित करें]दुर्ग रेलवे स्टेशन एक महत्वपूर्ण जंक्शन है जो हावड़ा-मुंबई मुख्य रेलमार्ग पर स्थित है। यहाँ से भारत के कई प्रमुख शहरों के लिए रेल सेवाएं उपलब्ध हैं।
सड़कमार्ग
[संपादित करें]दुर्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 53 (पूर्व NH-6) पर स्थित है जो इसे रायपुर, राजनांदगांव, नागपुर, भिलाई और बिलासपुर से जोड़ता है।
हवाई यात्रा
[संपादित करें]सबसे निकटतम हवाई अड्डा स्वामी विवेकानंद विमानतल, रायपुर है, जो लगभग 45 किलोमीटर दूर है।
संस्कृति
[संपादित करें]दुर्ग की संस्कृति छत्तीसगढ़ी परंपराओं एवं अन्य प्रांतीय प्रवासियों के मिश्रण से समृद्ध है।
प्रमुख त्योहार
[संपादित करें]- गणेश चतुर्थी – मराठी समुदाय द्वारा बड़े स्तर पर मनाया जाता है
- दुर्गा पूजा – बंगाली समाज का भव्य आयोजन
- छेरछेरा, हरेली – छत्तीसगढ़ी परंपराएँ
- दीपावली, होली, ईद, क्रिसमस
संगीत व कला
[संपादित करें]- छत्तीसगढ़ी लोक संगीत, पंथी नृत्य, और करमा यहाँ लोकप्रिय हैं
- सांस्कृतिक सभागार: रविशंकर शुक्ल ऑडिटोरियम, दुर्ग कला मंच
पर्यटन स्थल
[संपादित करें]दुर्ग और इसके आसपास कई दर्शनीय स्थल हैं:
- शिवनाथ नदी तट – सुबह और शाम की सैर के लिए उपयुक्त
- मालवीय उद्यान – बच्चों और परिवारों के लिए
- गायत्री मंदिर – धार्मिक आस्था का केंद्र
- महामाया मंदिर, रतनपुर – प्राचीन मंदिर (दुर्ग से 60 किमी)
- जुनवानी जलाशय – पिकनिक स्थल
- बालोद और डौंडीलोहारा – ऐतिहासिक किले व जलप्रपात
खेल
[संपादित करें]दुर्ग के युवक क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल और वॉलीबॉल में रुचि लेते हैं। यहाँ कई प्रशिक्षण केंद्र और क्लब हैं:
- जिला खेल परिसर, दुर्ग
- हेमचंद यादव स्टेडियम
- स्कूल स्तरीय खेलों के आयोजन
पर्यावरण पहल
[संपादित करें]- नगर निगम द्वारा प्रतिवर्ष वृक्षारोपण
- प्लास्टिक मुक्त अभियान
- जल संरक्षण हेतु रेन वॉटर हार्वेस्टिंग यूनिट्स
- स्वच्छ भारत मिशन में दुर्ग की सक्रिय भागीदारी
प्रशासनिक महत्व
[संपादित करें]दुर्ग एक लोकसभा क्षेत्र है और इसके अंतर्गत दुर्ग, भिलाई, अहिवारा, वैशाली नगर, पाटन जैसे विधानसभा क्षेत्र आते हैं।
यहाँ ज़िला एवं सत्र न्यायालय, महिला थाना, ज़िला शिक्षा कार्यालय, कृषि विभाग कार्यालय, वन विभाग आदि स्थित हैं।
उल्लेखनीय व्यक्ति
[संपादित करें]- **डॉ. चंदूलाल चंद्राकर** – पूर्व सांसद, स्वतंत्रता सेनानी
- **डॉ. शिवानंद तिवारी** – साहित्यकार
- **डॉ. प्रेमचंद वर्मा** – छत्तीसगढ़ी लोक कवि
- **चंद्रशेखर साहू** – राजनीतिज्ञ