तेरे नाम
तेरे नाम | |
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प्रचार छवि | |
निर्देशक | सतीश कौशिक |
निर्माता |
सुनील मंचन्दा मुकेश तलरेजा |
अभिनेता |
सलमान ख़ान, भूमिका चावला, महिमा चौधरी |
छायाकार | तपन मालवीय |
संपादक | संजय वर्मा |
संगीतकार |
हिमेश रेशमिया साजिद-वाजिद |
वितरक | एमडी प्रोडक्शन |
प्रदर्शन तिथियाँ |
15 अगस्त, 2003 |
लम्बाई |
138 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
कुल कारोबार | ₹24 करोड़ (US$3.5 मिलियन) |
तेरे नाम एक भारतीय हिन्दी फ़िल्म है, जिसका निर्देशन सतीश कौशिक ने और निर्माण सुनील मंचन्दा व मुकेश तलरेजा ने किया था। इसमें मुख्य किरदार में सलमान खान और अपनी पहली हिन्दी फिल्म में भूमिका चावला हैं।[1] यह सिनेमाघरों में 15 अगस्त 2003 में प्रदर्शित हुई। यह एक तमिल भाषा में बनी फिल्म सेतु (1999) का पुनः निर्माण है।[2]
Plot
[संपादित करें]राधे मोहन (सलमान खान) कॉलेज का पूर्व आवारा छात्र है जो लोगों से निपटने के लिये एकमात्र तरीका हिंसा का प्रयोग करता है। शुरुआत में ही हम देखते हैं कि कैसे राधे उन गुंडों की दर्दनाक पिटाई करता है जिन्होंने एक विक्षिप्त लड़की के कपड़े खोल दिए थे। वह अपने भाई, एक मजिस्ट्रेट (सचिन खेडेकर) और अपनी भाभी (सविता प्रभुने) के साथ रहता है, जो उसे सही ढंग से समझने वाली एकमात्र व्यक्ति है। राधे कॉलेज के छात्र संघ का चुनाव जीतता है, जिसके बाद प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों के बीच समारोह व परिसर में लड़ाई होती है।
राधे के पास कई चापलूस व्यक्ति हैं। वह एक सहमी हुई लड़की निर्जरा (भूमिका चावला) से मिलता है, जो एक मंदिर के गरीब पुजारी की बेटी है। वह उसकी सादगी और भोलेपन के कारण उसके साथ प्यार में पागल हो जाता है और उसे लुभाने की कोशिश में लग जाता है। राधे उसके लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करता है लेकिन राधे को एक गुंडा मानते हुए वह उसे अस्वीकार कर देती है और उसकी कोई भी बात सुनने से मना कर देती है। राधे का दिल टूट जाता है। एक दिन, निर्जरा का मंगेतर रामेश्वर (रवि किशन) निर्जरा को बताता है कि राधे बाहर से कठोर लगता है लेकिन अंदर से नर्मदिल व नेक है और वह वास्तव में उससे प्यार करता है। रामेश्वर उसे ये भी बताता है कि कैसे राधे ने निर्जरा की बहन, ममता को वेश्यालय के दलालों से बचाया था और बाद में उसके जीजा की भी अक्ल ठिकाने लगाई थी, जबकि राधे को पता तक नहीं था कि वह निर्जरा की बहन थी। राधे के प्रति निर्जरा की गलतफहमी दूर हो जाती है और उसे राधे पसंद आने लगता है। लेकिन फिर इस बात से अनजान राधे उसका अपहरण कर लेता है, उसके लिए अपनी गहरी और भावुक भावनाओं को उग्र रूप से व्यक्त करता है जिससे निर्जरा डर जाती है। हालांकि बाद में राधे के आंसू देखकर निर्जरा उससे अपने प्रेम का इज़हार कर देती है।
दोनों प्रेमियों के बीच सुलह के कुछ समय बाद ही राधे पर कोठों के दलालों के गुंडों द्वारा हमला किया जाता है, जो अपने व्यापार में उसके हस्तक्षेप करने के बाद उस से बदला लेने आते हैं। राधे को मस्तिष्क में चोट लगती है जिससे उसका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है और उसे एक मानसिक संस्थान में भर्ती किया जाता है। वहाँ से सफलता न मिलने पर उसे एक आश्रम में भेजा जाता है। एक बार वह सामान्य हो जाता है परंतु आश्रम के सेवक बिना उनके गुरु के परीक्षण के उसे जाने नहीं देतें। तत्पश्चात राधे दीवार फांदकर भागने की कोशिश करता है, लेकिन वह गिर जाता है और उसे गंभीर चोटें आती हैं।
उसी दिन निर्जरा राधे से मिलने आती है लेकिन उसे ज़ख्मी हालत में सोया पाकर दुःखी मन से बिना जगाए ही लौट जाती है। राधे उठता है और महसूस करता है कि वह उसे देखने आई थी। वह निर्जरा को आवाज़ लगाता है, लेकिन वह उसे नहीं सुन पाती। राधे आश्रम छोड़ने का एक और प्रयास करता है और इस बार सफल रहता है। लेकिन जब वह उसके घर पहुँचता है तो वहाॅं मातम का माहौल होता है। अनिष्ट की आशंका में जब वो अंदर जाता है तो वहाॅं निर्जरा के रोते हुए परिवार के बीच उसे निर्जरा का शव दिखता है। निर्जरा ने ज़हर पीकर आत्महत्या कर ली थी क्योंकि वो राधे के सिवा किसी और से शादी नहीं करना चाहती थी। राधे पागलों की तरह रोने लगता है।
राधे बाहर निकलता है और उसके पिछले दोस्त और उसके परिवार उसे अपनी याददाश्त हासिल करने में मदद करने की कोशिश करते हैं। उसी समय, आश्रम के कर्मचारी उसे वापस लेने के लिए आते हैं। राधे उनके साथ चले जाता है क्योंकि अपने सच्चे प्रेम की मृत्यु के बाद उसके पास यहॉं कुछ भी नहीं बचा है। निर्जरा की याद में राधे अपना बचा हुआ जीवन उसी आश्रम में रोगियों की सेवा में बिताता है - ॑॑जि़न्दगी तेरे नाम ॑।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- सलमान ख़ान - राधे मोहन
- भूमिका चावला - निर्जरा
- सचिन खेडेकर - अजय मोहन, राधे का भाई
- सविता प्रभुने - राधे की भाभी
- रवि किशन - रामेश्वर
- दर्शन कुमार - कनक, राधे का दोस्त
- सरफराज़ खान - असलम, राधे का दोस्त
- गोपाल दत्त - चंदर, राधे का दोस्त
- अनंग देसाई - डॉक्टर
- इंदिरा कृष्णन - ममता, निर्जरा की बहन
- दिनेश कौशिक - आत्माराम, निर्जरा के जीजा
- महिमा चौधरी - एक गीत में विशेष भूमिका
- राधिका चौधरी - भिखारी
- सौरभ दुबे - निर्जरा के पिता
- इंदु वर्मा - निर्जरा की सहेली
- महेंद्र वर्मा - वेश्यालय का दलाल
संगीत
[संपादित करें]तेरे नाम | |||||
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एल्बम हिमेश रेशमिया तथा साजिद-वाजिद द्वारा | |||||
जारी | 7 जुलाई 2003 (भारत) | ||||
संगीत शैली | फिल्म साउंडट्रैक | ||||
लंबाई | 57:42 | ||||
भाषा | हिन्दी | ||||
लेबल | टी-सीरीज़ | ||||
हिमेश रेशमिया कालक्रम | |||||
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साजिद-वाजिद क्रमानुक्रम | |||||
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फिल्म का संगीत समीर के बोलों के साथ हिमेश रेशमिया द्वारा रचित है। जारी होने पर ये बहुत लोकप्रिय रहा और उस वर्ष का सर्वाधिक बिकने वाला एल्बम है।[3] हिमेश रेशमिया ने स्टार स्क्रीन पुरस्कार और ज़ी सिने पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ संगीत के लिये पुरस्कार जीता था जबकि फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार में भी उन्हें नामांकित किया गया था लेकिन वो जीत नहीं पाए थे।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | संगीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "तुमसे मिलना बातें करना" | समीर | हिमेश रेशमिया | उदित नारायण, अलका याज्ञनिक | 4:41 |
2. | "तेरे नाम हमने किया है" (महिला) | समीर | हिमेश रेशमिया | अलका याज्ञनिक | 6:30 |
3. | "ओढ़नी ओढ़ के नाचूँ" | समीर | हिमेश रेशमिया | अलका याज्ञनिक, उदित नारायण | 6:53 |
4. | "क्यों किसी को वफ़ा के" | समीर | हिमेश रेशमिया | उदित नारायण | 5:37 |
5. | "लगन लगन लग गई" | जलीस शेरवानी | साजिद-वाजिद | सुखविंदर सिंह | 4:35 |
6. | "ओ जाना कह रहा है दिल" | समीर | हिमेश रेशमिया | शान, अलका याज्ञिक, उदित नारायण, केके, कमाल खान | 5:29 |
7. | "तेरे नाम हमने किया है" (डुएट) | समीर | हिमेश रेशमिया | अलका याज्ञनिक, उदित नारायण | 6:33 |
8. | "तेरे नाम हमने किया है" (दुखद) | समीर | हिमेश रेशमिया | उदित नारायण | 2:05 |
9. | "तूने साथ जो मेरा छोड़ा" | जलीस शेरवानी | साजिद-वाजिद | उदित नारायण, राघव चटर्जी | 5:33 |
10. | "उस चाँद का मुकाबला क्या होगा" | समीर | हिमेश रेशमिया | उदित नारायण | 5:35 |
11. | "मन बसिया ओ कान्हा" | समीर | हिमेश रेशमिया | अलका याज्ञिक | 3:04 |
12. | "तूने साथ जो मेरा छोड़ा" (दुखद) | जलीस शेरवानी | साजिद-वाजिद | उदित नारायण | 1:22 |
13. | "ओ जाना कह रहा है दिल" (रिमिक्स) | समीर | हिमेश रेशमिया | कमाल खान, अलका याज्ञिक, उदित नारायण, केके | 4:17 |
नामांकन और पुरस्कार
[संपादित करें]वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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2004 | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार | नामित | |
सतीश कौशिक | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार | नामित | |
सलमान ख़ान | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार | नामित | |
भूमिका चावला | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | नामित | |
हिमेश रेशमिया | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार | नामित | |
समीर ("तेरे नाम हमने किया है") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | नामित | |
उदित नारायण ("तेरे नाम हमने किया है") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | नामित | |
अलका याज्ञिक ("ओढ़नी ओढ़ के नाचूँ") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार | नामित |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "बेहद खूबसूरत दिखती हैं फिल्म 'तेरे नाम' की यह अभिनेत्री, तस्वीरें देखकर आपके भी होश उड़ जाएंगे". पंजाब केसरी. 2 जनवरी 2018. मूल से 17 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 जून 2018.
- ↑ "Bollywood remakes of South Indian films". NDTV. मूल से 6 सितंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 August 2012.
- ↑ "Music Hits 2000–2009 (Figures in Units)". बॉक्स ऑफिस इंडिया. मूल से 15 February 2008 को पुरालेखित.