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अर्विन श्रोडिन्गर

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एर्विन श्रोडिङर

एर्विन श्रोडिङर एक नोबेल पुरस्कार विजेता औस्ट्रीय और प्राकृतिकीकृत आयरलैण्डीय भौतिक शास्त्री थे जिन्होंने प्रमात्रा यान्त्रिकी में कई मौलिक परिणाम विकसित किए: श्रोडिङर समीकरण एक तन्त्र के तरंग फलन की गणना का एक तरीका प्रदान करता है और यह समय में गतिशील रूप से कैसे बदलता है।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने भौतिकी के विभिन्न पहल्वों पर कई रचनाएँ लिखीं: सांख्यिकीय यान्त्रिकी और ऊष्मगतिकी, परावैद्युत, वर्ण सिद्धान्त, विद्युद्गतिकी, सामान्य आपेक्षिकता और ब्रह्माण्डविद्या, और उन्होंने एक एकीकृत क्षेत्र सिद्धान्त के निर्माण हेतु कई प्रयास किए। उनकी पुस्तक "वॉट इज़ लाइफ़?" में श्रोडिङर ने भौतिकी के दृष्टिकोण से जीवन की घटना को देखते हुए आनुवंशिकी की समस्याओं को सम्बोधित किया। उन्होंने विज्ञान, प्राचीन और प्राच्य दार्शनिक अवधारणाओं, सदाचार और धर्म के दार्शनिक पहलुओं पर भी बहुत ध्यान दिया।[1] उन्होंने दर्शनशास्त्र और सैद्धान्तिक जैविकी पर भी लिखा। लोकप्रिय संस्कृति में, वह अपने "श्रोडिङर के विडाल" विचार प्रयोग हेतु सर्वाधिक जाने जाते हैं।[2]

Books by Erwin Schrödinger

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  • "Nature and the Greeks" and "Science and Humanism" Cambridge University Press (1996) ISBN 0-521-57550-8.
  • "Statistical Thermodynamics" Dover Publications (1989) ISBN 0-486-66101-6.
  • "Space-Time Structure" Cambridge University Press (1950) ISBN 0-521-31520-4.
  • "Expanding Universes" Cambridge University Press (1956).
  • "My View of the World" Ox Bow Press (1983) ISBN 0-918024-30-7.
  • "What is Life?" Macmillan (1946).

इन्हें भी देखें

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  1. "Erwin Schrödinger, 1887-1961". Biographical Memoirs of Fellows of the Royal Society (अंग्रेज़ी भाषा में). 7: 221–228. 1961-11. डीओआई:10.1098/rsbm.1961.0017. आईएसएसएन 0080-4606. {{cite journal}}: Check date values in: |date= (help)
  2. "Erwin Schrödinger - Biography". Maths History (अंग्रेज़ी भाषा में). अभिगमन तिथि: 2023-04-07.