जॉन विलियम स्ट्रट, रेले के तृतीय बैरन
Jump to navigation
Jump to search
![]() | इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (जून 2015) |
लॉर्ड रेले | |
---|---|
![]() जॉन विलियम स्ट्रट, रेले के तृतीय बैरन | |
जन्म |
12 नवम्बर 1842 लैंगफोर्ड ग्रोव, मैल्डोन, एसेक्स, इंग्लैंड |
मृत्यु |
30 जून 1919 टरलिंग प्लेस, विदैम एसेक्स, इंग्लैंड | (उम्र 76)
राष्ट्रीयता | ब्रिटेन |
क्षेत्र | भौतिकी |
संस्थान | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
शिक्षा | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
डॉक्टरी सलाहकार | एडवर्ड रौथ |
डॉक्टरी शिष्य |
जे जे थॉमसन जॉर्ज पेजेट थॉमसन जगदीश चन्द्र बोस |
प्रसिद्धि |
आर्गन की खोज Rayleigh waves Rayleigh scattering Rayleigh criterion Duplex Theory Theory of Sound Rayleigh flow |
उल्लेखनीय सम्मान |
भौतिकी में नोबेल पुरस्कार (१९०४) |
जॉन विलियम स्ट्रट (१२ नवंबर, १८४२ - ३० जून, १९१९, लॉर्ड रैली के नाम से ख्यात) एक वैज्ञानिक थे जो अपनी वंशानुगत पदवी के मुताबिक रैली के तृतीय बैरन थे। इनको भौतिकी में ध्वनि तरंगों तथा स्कैटरिंग पर किए गए काम के लिए जाना जाता है। सन् १९०४ में इन्हें भौतिकी का नोबेल पुरस्कार भी मिला था।
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
पुरस्कार | ||
---|---|---|
पूर्वाधिकारी बैकेरल पी क्यूरी और एम क्यूरी |
भौतिकी में नोबेल पुरस्कार १९०४ |
उत्तराधिकारी फिलिप लेनार्ड |