कुमार तुहिन

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श्री कुमार तुहिन एक  भारतीय राजनयिक हैं जो भारतीय विदेश सेवा  में १९९१  बैच से हैं ।  उन्होंने हंगरी  में भारत के  राजदूत  के पद पर  १८ नवंबर २०१८ से  कार्य करना  प्रारम्भ किया है।    इसके पहले  वे  नामीबिया  में  भारत के  उच्चायुक्त  के पद  पर  थे ।     भारतीय  विदेश  सेवा  में  आने  के पहले   श्री  तुहिन  भारतीय रेलवे  की   यांत्रिकी  इंजीनियरिंग  सेवा में  कुछ वर्षों  तक  कार्य  कर चुके  हैं ।  

कुमार तुहिन


हंगरी में भारत के राजदूत
पदस्थ
कार्यभार ग्रहण 
१८ नवंबर  २०१८ 
पूर्व अधिकारी राहुल छाबरा 

बॉस्निया और हर्ज़ेगोविना में भारत के राजदूत
पदस्थ
कार्यभार ग्रहण 
मई २०१९ 

नामीबिया में भारत के उच्चायुक्त
कार्यकाल
जुलाई  २०१५ – अक्टूबर  २०१८
पूर्व अधिकारी एस  पी  मान 
उत्तराधिकारी प्रशांत अग्रवाल 

जीवन संगी दीपा 
संतान २ 
पेशा राजनयिक

शिक्षा[संपादित करें]

श्री तुहिन  की   प्रारंभिक  शिक्षा   बिहार के छपरा  शहर  में  ब्रज किशोर किंडर गार्टन विद्यालय में   १९७६ -१९७७ में हुई ।    यह   विद्यालंय    प्रख्यात    अधिवक्ता   एवं  गांधीवादी श्री   बृजकिशोर प्रसाद  के  नाम  से  है ।    उन्होंने   तथोपरांत   नेतरहाट  आवासीय  विद्यालय  में अपनी  शिक्षा   जारी  रखी ।  यह  विद्यालय  आज   भारत   के  झारखण्ड  राज्य  में  है   पर  उस समय   यह  विद्यालय   बिहार  राज्य  में  ही  था  और  राज्य   के  सबसे  अच्छे   विद्यालयों में  गिना  जाता  था ।    १९८३  में  बिहार  राज्य  के   १०वीं   कक्षा  की   परीक्षा   में  श्री  तुहिन  ने   सारे   राज्य  में   प्रथम  स्थान   प्राप्त   किया। [1]   यह   परीक्षा   बिहार विद्यालय  परीक्षा  समिति   के   द्वारा   आयोजित   की  जाती  है ।  १९८३ से लेकर   १९८५ तक  वे  रांची  के  सेंट  ज़ेवियर  कॉलेज में पढ़े।   तत्पश्चात  उन्होंने  भारतीय  प्रौद्योगिकी संस्थान   कानपुर  में  दाखिला  लिया।     वहां  से   श्री  तुहिन  ने   भारतीय  रेलवे  मैकेनिकल एवं  इलेक्ट्रिकल  इंजीनियरिंग  संस्थान  में  पढ़ाई  की  और  कुछ  वर्षों तक    भारतीय  रेलवे  की   मैकेनिकल  इंजीनियरिंग   कैडर   में  कार्य किया।


करियर[संपादित करें]

भारतीय  विदेश  सेवा  संस्थान  में   प्रशिक्षण   के   पर्यान्त  उन्हें  चीनी   भाषा   सीखने   के  लिए  कहा गया  और  इसी   कारण  उन्हें   हॉन्ग कॉन्ग  में   भारत  के  महावाणिज्य कौंसलावास   ( उस  समय  होंग कोंग   चीन  का  भाग   नहीं   था,   और  ब्रिटिश  भूमि  का  हिस्सा  था,  इसी  लिए  इस का  नाम  महावाणिज्य   कौंसलावास  नहीं   बल्कि  भारतीय  कमीशन  था ) में   नियुक्त   किया  गया।    वहां  रहते  हुए  श्री   तुहिन  ने    हॉन्ग कॉन्ग  चीनी  विश्वविद्यालय  से   चीनी   भाषा  में डिप्लोमा  प्राप्त किया।   उसके बाद  उन्होंने  भारतीय दूतावास, बीजिंग  में  १९९५   से  १९९९  तक  कार्य   किया।


अपना  कार्य  बीजिंग  में ख़त्म  करने  के  बाद  श्री  तुहिन  जिनेवा  में  भारतीय स्थायी मिशन   में नियुक्त  हुए  जहाँ  पर  उन्होंने  १९९९  से  २००२  तक  संयुक्त  राष्ट्र  की  विशेष एजेंसियों  का  कार्य  मुख्य  रूप  में  देखा.   २००५ से २००९ तक   वे  हनोई में भारतीय दूतावास   में  कार्य   करते रहे ,  जिसके  बाद   वे  सैन फ़्रांसिस्को में भारतीय महावाणिज्य कौंसलावास   में    उप  कॉन्सुल जनरल के  रूप में  २००९  से  २०१२  तक  कार्य रत  रहे ।  ऐसा ज्ञात   रहे   कि  सान  फ्रांसिस्को  के  महावाणिज्य कौंसलावास  का  कार्य क्षेत्र उस  समय  बहुत  विस्तृत  था ,   और  यहाँ  तक कि  संयुक्त राज्य अमेरिका   के  हवाईअलास्का  एवं  न्यू मेक्सिको  जैसे  राज्य  भी  इसमें   शामिल  थे । [2]

नामीबिया  में भारत के उच्चायुक्त[संपादित करें]

श्री  कुमार तुहिन  को   २३ जून  २०१५  को  नामीबिया में भारत के उच्चायुक्त Archived 2022-05-06 at the वेबैक मशीन के रूप में  नियुक्त किया गया [3]  और  उनका  कार्यकाल   अक्टूबर २०१८  में   पूरा  हुआ। [4]     अपनी  कार्यावधि   में   श्री तुहिन ने  नामीबिया के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय  में   भारत की  सहायता से  सूचना   प्रौद्योगिकी केंद्र   की   स्थापना   की   नींव  रखी। [5] [6]   भारत  के  राष्ट्रपति  की  २०१६  में  नामीबिया  यात्रा  के  दौरान  नामीबिया सार्वजनिक प्रशासन और प्रबंधन संस्थान, (NIPAM) और भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद के बीच   संपन्न   समझौता ज्ञापन के भारतीय पक्ष से हस्ताक्षर कर्ता  श्री तुहिन थे । [7] सितम्बर  २०१८ में  भारतीय   लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी  एवं    नामीबिया सार्वजनिक प्रशासन और प्रबंधन संस्थान के   बीच संपन्न समझौता ज्ञापन के भारतीय पक्ष से हस्ताक्षर कर्ता भी  श्री तुहिन ही थे । [8]  भारत   और नामीबिया के सम्बन्ध,  विशेषकर आर्थिक एवं वाणिज्य सम्बन्ध, उनके कार्य काल में विशेष कर दृढ हुए। [9][10]

हंगरी में भारत के राजदूत[संपादित करें]

श्री तुहिन को २६ सितम्बर २०१८ को हंगरी में भारत के राजदूत के पद पर  नियुक्त    किया गया। [11] उन्होंने   यह इंगित किया है कि  आर्थिक संबंधों पर  कार्य   करना उनकी  एक  प्राथमिकता रहेगी। [12]

बॉस्निया और हर्ज़ेगोविना में भारत के राजदूत  [संपादित करें]

१४ मई  २०१९  को,  श्री  तुहिन   को  बॉस्निया और हर्ज़ेगोविना  में  भारत  के  राजदूत  के  रूप  में समवर्ती मान्यता    दी गयी । [13]   उन्होंने   अपने  क्रेडेंशियल   महामहिम  जेलज्को  कोमसीच ,  जो तब बॉस्निया और हर्ज़ेगोविना की   प्रेसीडेंसी  के अध्यक्ष थे,  को प्रस्तुत किये ।[14]

अन्य जानकारी  [संपादित करें]

विदेश मंत्रालय (भारत) में  उन्होंने  विभिन्न पदों  पर  कार्य किया है,  और  २०१२  से २०१५ के बीच वे विकास साझेदारी प्रशासन  में संयुक्त सचिव के पद पर थे। इस दौरान उन्होने भारत सरकार के  प्रशिक्षण कार्यक्रम, विशेष कर आईटेक (Indian Technical and Economic Cooperation ITEC)   जैसे महत्व पूर्ण   क्षमता निर्माण कार्यक्रम और  विश्व के कई क्षेत्रों में  सूचना प्रौद्योगिकी केंद्रों, वोकेशनल प्रशिक्षण केंद्रों और अन्य भारत सरकार के अनुदान से स्थापित होने वाली  परियोजनाओं  की ज़िम्मेदारी निभाई।


उन्होंने   संयुक्त राज्य अमेरिका के  राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय   के निकट पूर्व दक्षिण एशिया रणनीतिक  अध्ययन केंद्र में  भी एक  नेतृत्व  कार्यक्रम  में  भाग लिया है  ।


वे आज कल  भारत सरकार में  अवर   सचिव के  पद  के  समतुल्य  हैं.

प्रकाशन[संपादित करें]

श्री तुहिन  ने  रूटलेज, २०१६  से प्रकाशित  भारत के विकास  साझेदारी के  दृष्टिकोण   विषय की  पुस्तक में क्षमता  निर्माण  की  भूमिका से सम्बद्ध एक  लेख  को लिखा है। यह पुस्तक एवं  लेख दोनों  अंग्रेजी  भाषा में प्रकाशित हैं।[15][16]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Bihar Board Toppers". मूल से 21 जुलाई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 May 2020.
  2. "New Consul General of India visits the Sikh American community in New Mexico". अभिगमन तिथि 6 May 2020.
  3. "Kumar Tuhin appointed as the next High Commissioner of India to the Republic of Namibia". mea.gov.in. अभिगमन तिथि 2020-05-08.
  4. "Indian high commissioner completes mission".
  5. "CENTRE OF EXCELLENCE IN INFORMATION TECHNOLOGY (CEIT)". मूल से 28 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 May 2020.
  6. "Namibia appreciates India's support". अभिगमन तिथि 6 May 2020.
  7. "Indian President Addresses a Joint Session of the Namibian Parliament".[मृत कड़ियाँ]
  8. "NIPAM and LSBNAA sign MoU on capacity building". अभिगमन तिथि 6 May 2020.[मृत कड़ियाँ]
  9. "India wants improvement on N$2.3 billion trade with Namibia". अभिगमन तिथि 6 May 2020.
  10. "KEYNOTE ADDRESS BY HON. TOM ALWEENDO, MP MINISTER OF MINES AND ENERGY THE OCCASION OF THE SKY INVESTMENT CUTTING AND POLISHING FACTORY OPENING" (PDF).
  11. "Kumar Tuhin appointed as next Ambassador of India to the Republic of Hungary". mea.gov.in. मूल से 18 सितंबर 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-05-08.
  12. "BIG POTENTIAL FOR ENHANCING INDIA-HUNGARY ECONOMIC COOPERATION".
  13. "Kumar Tuhin concurrently accredited as the next Ambassador of India to Bosnia & Herzegovina". mea.gov.in. अभिगमन तिथि 2020-05-08.
  14. "BiH Presidency Chairman Želјko Komšić received letters of credence from the newly appointed Ambassador of the Republic of India to BiH, with residence in Budapest, Kumar Tuhin". www.predsjednistvobih.ba. अभिगमन तिथि 2020-05-08.[मृत कड़ियाँ]
  15. Chaturvedi, Sachin; Mulakala, Anthea (2016). India's Approach to Development Cooperation (1st संस्करण). Abingdon, Oxon: Routledge. पपृ॰ 29–44. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781138947733.
  16. "India's Approach to Development Cooperation". अभिगमन तिथि 6 May 2020.