"कर्कट रोग": अवतरणों में अंतर

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'''कैंसर''' एक प्रकार का रोग है जो [[कोशिका|कोशिकाओं]] की अनियंत्रित वृद्धि की वजह से होता है। इन असामान्य कोशिकाओं के [[ऊतक]] समीपवर्ती स्वस्थ ऊतकों पर आक्रमण करते हैं और कभी कभी [[शरीर]] के दूसरे अंगों में फैलते हैं. कर्कत रोग के ज़्यादातर वर्गों में [[अर्बुद]] बनने की प्रवृत्ति हैं।
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{{Infobox_Disease
| Name = Cancer
| Image = Normal cancer cell division from NIH-2.svg
| Caption = When normal cells are damaged beyond repair, they are eliminated by [[apoptosis]] (A). Cancer cells avoid apoptosis and continue to multiply in an unregulated manner (B).
| DiseasesDB = 28843
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[[Image:BreastCancer.jpg|thumb|200px|right|[[स्तनोछेदन या स्तन को शल्य क्रिया द्वारा काट कर अलग कर देना|स्तनोछेदन]] ([[:en:Mastectomy|Mastectomy]])एक ऐसा नमूना जिसमें स्तन का बहुत अधिक कैंसर हो (इस स्थिति में, एक दुर्दम [[ वाहिनीपरक कार्सिनोमा |वाहिनीपरक कार्सिनोमा ]] ([[:en:ductal carcinoma|ductal carcinoma]]))]]
सब उम्र के लोग कैंसर से ग्रस्त हो सकते हैं, लेकिन उम्र बढ़ने से ख़तरा भी बढ़ जाता है। तेरह प्रतिशत की मृत्युएं विश्व भर कर्कत रोग के कारण से होती हैं, और [[अमेरिकी कैंसर संस्था]] के अनुसार, २००७ में ७६ लाख लोग इस कारण से मर गए। जानवर भी कैंसर का शिकार बन सकते हैं।


[[Image:Colon cancer 2.jpg|thumb|200px|right|[[कोलेक टोमी |कोलेक टोमी ]] ([[:en:Colectomy|Colectomy]])एक ऐसा नमूना जिसमें एक दुर्दम [[मूत्र-मलाशय कार्सिनोमा |मूत्र-मलाशय कार्सिनोमा ]] ([[:en:colorectal carcinoma|colorectal carcinoma]])हो (गड्ढे की तरह, लाल, अनियमित आकृति की गाँठ)]]
आम तौर पर कर्कत रोग का मूल कारण [[आनुवंशिकी|आनुवांशिक]] असामान्यताएँ है। इन असामान्यताओं के अनेक कारण हो सकते हैं, जिनमें से कैंसरकारी, आनुवांशिक प्रतिकृति प्रक्रम में ग़लतियाँ, और वंशानुक्रम प्रमुख हैं। अन्य कारकों का अध्ययन अभी किया जा रहा है।


[[Image:Lung cancer.jpg|thumb|200px|right|[[न्यूमो नेक्टोमी |न्यूमो नेक्टोमी ]] ([[:en:Pneumonectomy|Pneumonectomy]])[[ फेफड़ों का कैंसर |फेफड़ों के कैंसर]] ([[:en:lung cancer|lung cancer]]) से युक्त एक नमूना, यहाँ एक [[ स्क्वैमस कोशिका कार्सिनोमा |स्क्वैमस कोशिका कार्सिनोमा]] ([[:en:squamous cell carcinoma|squamous cell carcinoma]]) (श्वास नली के पास एक श्वेत गाँठ ).]]
आनुवांशिक असामान्यताओं से दो वर्गों के [[पित्रैक]] पर असर पड़ता है। कैंसर उन्नति पित्रैक ([[ओन्कोजीन्स]]) कैंसर कोशिकाओं में सक्रिय होते हैं और उससे कोशिकाओं को नए गुण प्राप्त होते हैं। इसके बाद [[अर्बुद दमनकारी पित्रैक]] असक्रिय होते हैं, जिससे [[कोशिका चक्र]] जैसे सामान्य प्रक्रम अनियंत्रणीय होते हैं।


[[Image:Renal cell carcinoma.jpg|thumb|200px|right|[[नेफ्रेक टोमी | नेफ्रेक टोमी ]] ([[:en:Nephrectomy|Nephrectomy]])[[गुदा कोशिका कार्सिनोमा |वृक्क कोशिका कार्सिनोमा]] ([[:en:renal cell carcinoma|renal cell carcinoma]])से युक्त एक नमूना (नीचले बाएँ हिस्से में स्पंज जैसी पीली गाँठ ).]]
कर्कट रोग का निदान आम तौर पर ऊतक के निरीक्षण से किया जाता है, लेकिन [[क्षरश्मि-चित्रण]] का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
{{आधार}}


'''कैंसर '''(चिकित्सकीय भाषा: [[दुर्दम |दुर्दम ]] ([[:en:malignant|malignant]])[[नियो प्लास्म |नियो प्लास्म )]] ([[:en:neoplasm|neoplasm]]))[[रोग|रोगों ]]का एक वर्ग है जिसमें [[कोशिका|कोशिकाओं ]]का एक समूह ''अनियंत्रित वृद्धि ''प्रर्दशित करता है (सामान्य सीमा से अधिक [[कोशिका विभाजन|विभाजन ]] ([[:en:cell division|division]])), ''रोग आक्रमण ''(आस-पास के उतकों का विनाश ) और कभी कभी ''[[मेटास्टेसिस |मेटास्टेसिस ]] ([[:en:metastasis|metastasis]])''(लसिका या रक्त के मध्यम से शरीर के अन्य भागों में फ़ैल जाता है ).कैंसर के ये तीन [[दुर्दम|दुर्दम ]] ([[:en:malignant|malignant]])लक्षण इसे [[ अर्बुद जो दुर्दम न हो |सौम्य ट्यूमर]] ([[:en:benign tumor|benign tumor]])से विभेदित करते हैं, जो स्वयं सीमित हैं, आक्रामक नहीं हैं या मेटास्टेसिस प्रर्दशित नहीं करते हैं. अधिकांश कैंसर एक [[गाँठ |ट्यूमर]] ([[:en:tumor|tumor]]) बनाते हैं, लेकिन कुछ जैसे [[रक्त केंसर |रक्त कैंसर ]] ([[:en:leukemia|leukemia]])गाँठ नहीं बनाते हैं.चिकित्सा की वह शाखा जो कैंसर के अध्ययन, निदान, उपचार, और रोकथाम से सम्बंधित है, [[अबुर्द विज्ञान |ऑन्कोलॉजी]] ([[:en:oncology|oncology]]) या कैंसर विज्ञान कहलाती है.
==वाह्य सूत्र==
*[http://hindi.webduniya.com/miscellaneous/health/disease/0812/08/1081208028_1.htm क्या होता है कैंसर?] - संभव है इलाज अगर समय पर हो पहचान
*[http://hindi.webdunia.com/miscellaneous/health/disease/0812/08/1081208030_1.htm कैंसर से बचने के 13 उपाय]
*[http://www.merikhabar.com/fullstory.aspx?storyid=1106 '''शाकाहार''' कैंसर से लड़ने का हथियार है]
*[http://ranuradha.blogspot.com/ '''इन्द्रधनुष'''] - कैंसर पर केन्द्रित हिन्दी चिट्ठा


कैंसर सभी उम्र के लोगों यहाँ तक कि[[भ्रूण| भ्रूण ]]को भी प्रभावित कर सकता है लेकिन अधिकांश प्रजातियों के लिए जोखिम उम्र के साथ बढ़ जाता है.<ref name="Cancer Research UK"><!--Translate this template and uncomment
[[श्रेणी:रोग]]
{{cite web | last =Cancer Research UK | title =UK cancer incidence statistics by age | date=January 2007 | url =http://info.cancerresearchuk.org/cancerstats/incidence/age/ | accessdate =2007-06-25 }}
--></ref>[[ मृत्यु के कारण |सभी मौतों]] ([[:en:causes of death|all deaths]])में 13% का कारण है केन्सर .<ref name="WHO"><!--Translate this template and uncomment
{{cite web | last =WHO | authorlink =World Health Organization | title =Cancer | publisher =World Health Organization |date=February 2006 | url =http://www.who.int/mediacentre/factsheets/fs297/en/ | accessdate =2007-06-25 }}
--></ref>[[ अमेरिकन कैंसर सोसायटी |अमेरिकन कैंसर सोसायटी]] ([[:en:American Cancer Society|American Cancer Society]]) के अनुसार 7.6&nbsp; मिलियन लोग २००७ में कैंसर से मारे गए.<ref name="American Cancer Society"><!--Translate this template and uncomment
{{cite web | last =American Cancer Society | authorlink =Reuters | title =Report sees 7.6&nbsp;million global 2007 cancer deaths | publisher =Reuters |date=December 2007 | url =http://today.reuters.com/news/articlenews.aspx?type=healthNews&storyid=2007-12-17T052342Z_01_N16330649_RTRUKOC_0_US-CANCER-WORLD.xml | accessdate =2007-12-17 }}
--></ref> कैंसर सभी जानवरों को प्रभावित कर सकता हैं .


लगभग सभी कैंसर [[दुर्दम रूपांतरण |रूपांतरित कोशिकाओं ]] ([[:en:malignant transformation|transformed]])के [[ जीनोम |आनुवंशिक पदार्थों ]] ([[:en:genome|genetic material]])में असामान्यताओं के कारन होते हैं.ये असमान्यताएं संभवतया [[कर्सिनोजन |कार्सिनोजन ]] ([[:en:carcinogens|carcinogens]])के प्रभाव से हो सकती हैं जैसे [[ तंबाकू का धुआँ |तंबाकू का धुआँ]] ([[:en:tobacco smoke|tobacco smoke]]), [[विद्युतचुंबकीय विकिरण|विकिरण]], [[रसायन|रसायन]], या [[रोगजनक |संक्रामक एजेंट]] ([[:en:pathogen|infectious agents]]).कैंसर को उत्पन्न करने वाली अन्य आनुवंशिक असामान्यताएं [[ डीएनए अनुलिपि |डीएनए प्रतिकृति]] ([[:en:DNA replication|DNA replication]]) में त्रुटियों के द्वारा हो सकती हैं या [[ आनुवंशिक विकार |आनुवंशिक]] ([[:en:genetic disorder|inherited]])रूप से प्राप्त हो सकती हैं.और इस प्रकार से सभी कोशिकाओं में जन्म से उपस्थित होती हैं.कैंसर की [[आनुवंशिकता की क्षमता |आनुवंशिकता ]] ([[:en:heritability|heritability]])सामान्यतया कार्सिनोजन और होस्ट के[[ जीनोम |जीनोम ]] ([[:en:genome|genome]])के बीच जटिल पारस्परिक संपर्क से प्रभावित होती है. कैंसर रोगजनन, की आनुवंशिकी के नए पहलू जैसे [[ डीएनए मेथिलिकरण | डीएनए मेथिलिकरण ]] ([[:en:DNA methylation|DNA methylation]])और [[सूक्ष्म आर एन ऐ |सूक्ष्म आर एन ऐ ]] ([[:en:microRNAs|microRNAs]])का महत्त्व तेजी से बढ़ रहा है.
[[ar:سرطان]]

[[bg:Рак (болест)]]
कैंसर में पाई जाने वाली आनुवंशिक असामान्यताएं आमतौर पर जीन के दो सामान्य वर्गों को प्रभावित करती हैं.कैंसर को बढ़ावा देने वाले ''[[ओंको जीन |ओंकोजीन ]] ([[:en:oncogene|oncogene]])s'' आमतौर पर कैंसर की कोशिकाओं में सक्रिय होते हैं, ये इन कोशिकाओं को नए गुण देते हैं जैसे सामान्य से अधिक विभाजन और वृद्धि, [[ क्रमादेशित कोशिका मृत्यु |क्रमादेशित कोशिका मृत्यु]] ([[:en:programmed cell death|programmed cell death]]) से सुरक्षा, सामान्य उतक सीमाओं का अभाव,और विविध ऊतक वातावरण में स्थापित होने कि क्षमता''. [[गाँठ का शमन करने वाला जीन |गाँठ का शमन करने वाला जीन ]] ([[:en:Tumor suppressor gene|Tumor suppressor gene]])''अब कैंसर की कोशिकाओं में निष्क्रिय हो जाता है, जिससे इन कोशिकाओं की सामान्य क्रियाओं में कमी आ जाती है जैसे सही डीएनए अनूलिपि, [[ कोशिका चक्र |कोशिका चक्र]] ([[:en:cell cycle|cell cycle]])पर नियंत्रण, ऊतकों के भीतर अभिविन्यास और आसंजन, और [[प्रतिरक्षा तंत्र |प्रतिरक्षा तंत्र ]] ([[:en:immune system|immune system]]) की सुरक्षात्मक कोशिकाओं के साथ पारस्परिक क्रिया.



निदान के लिए आम-तौर पर एक उतक का [[उतक विज्ञान |हिस्टोलोजिक]] ([[:en:histology|histologic]]) परिक्षण किया जाता है, इसके लिए एक उतक का [[ बायोप्सी |बायोप्सी]] ([[:en:biopsy|biopsy]]) नमूना [[शारीरिक रोग विकृति विज्ञान |रोगविज्ञानी]] ([[:en:anatomical pathology|pathologist]])के द्वारा लिया जाता है.यद्यपि दुर्दमता के प्रारंभिक संकेत [[रेडियो ग्राफिक |रेडियो ग्राफिक ]] ([[:en:radiographic|radiographic]])इमेजिंग असमान्यता के लक्षण हो सकते हैं.अधिकांश कैंसरों का इलाज किया जा सकता है, कुछ को ठीक भी किया जा सकता है, यह कैंसर के प्रकार, स्थिति और [[कैंसर की अवस्थाएं |avastha]] ([[:en:Cancer staging|stage]]) पर निर्भर करता है.एक बार निदान हो जाने पर, कैंसर का उपचार [[ शल्य चिकित्सा |शल्य चिकित्सा]] ([[:en:surgery|surgery]]), [[ कीमोथेरेपी या रसायन चिकित्सा |कीमोथेरपी]] ([[:en:chemotherapy|chemotherapy]]) और [[ विकिरण चिकित्सा |रेडियोथेरेपी]] ([[:en:radiation therapy|radiotherapy]]) के संयोजन के द्वारा किया जा सकता है.अनुसंधान के विकास के साथ, कैंसर की विभिन्न किस्मों के लिए उपचार और अधिक विशिष्ट हो रहे हैं.[[ लक्षित थेरेपी |लक्षित थेरेपी]] ([[:en:targeted therapy|targeted therapy]]) के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है दवाएं जो विशिष्ट गाँठ में जांच योग्य आणविक असामान्यताओं पर विशेष रूप se कार्य करती हैं, और सामान्य कोशिकाओं में क्षति को कम करती हैं.कैंसर के रोगियों का पूर्व निदान कैंसर के प्रकार से बहुत अधिक प्रभावित होता है, साथ ही रोग की [[कैंसर की अवस्थाएं |अवस्था ]] ([[:en:cancer staging|stage]])और सीमा का भी इस पर प्रभाव पड़ता है.इसके अलावा,[[उतक विज्ञान |हिस्टोलोजिक ]] ([[:en:histology|histologic]])[[ श्रेणीकरण ( गाँठ ) |श्रेणीकरण]] ([[:en:Grading (tumors)|grading]]) और विशिष्ट आणविक मार्कर की उपस्थिति भी रोग के निदान में तथा उपचार के निर्धारण में सहायक हो सकती है.

== वर्गीकरण ==
सामान्यतया कैंसर का वर्गीकरण उस उतक के आधार पर किया जाता है जिससे कैंसर की कोशिकाएं उत्पन्न होती हैं, प्राथमिक गाँठ, और सामान्य कोशिका प्रकार से वे बहुत अधिक समान होते हैं.ये क्रमशः स्थान और उतक विज्ञान हैं.

=== नामकरण ===
निम्नलिखित निकट संबंधित शब्दों का उपयोग असामान्य वृद्धि को नामित करने के लिए किया जा सकता है:
*'''[[गाँठ |ट्यूमर]] ([[:en:Tumor|Tumor]]):''' मूल रूप से,इसका अर्थ है कोई भी असामान्य, सूजन गांठ या समूह.वर्तमान अंग्रेज़ी में,यद्यपि, शब्द ट्यूमर निओप्लास्म विशेष रूप से ठोस नियोप्लास्म का पर्याय बन गया है.ध्यान दें कि कुछ नियोप्लास्म, जैसे [[रक्त कैंसर |रक्त कैंसर]] ([[:en:leukemia|leukemia]]), ट्यूमर का निर्माण नहीं करते हैं.
*'''[[नियो प्लाजिया |नियोप्लास्म]] ([[:en:Neoplasia|Neoplasm]]):'''एक वैज्ञानिक शब्द जो आनुवंशिक रूप से परिवर्तित कोशिकाओं के असामान्य प्रचुरोदभवन का वर्णन करता है. नियो प्लास्म दुर्दम या सौम्य हो सकता है.
**'''दुर्दम नियोप्लास्म ''' या '''दुर्दम गाँठ ''': '''कैंसर''' का पर्याय है.
**'''सौम्य नियोप्लास्म ''' या '''[[सौम्य गाँठ |सौम्य गाँठ]] ([[:en:benign tumor|benign tumor]])''': एक गाँठ (ठोस नियोप्लास्म) जिसकी अपने आप के द्वारा वृद्धि रुक जाती है, यह अन्य उतकों को संक्रमित नहीं करती है, मेटास्टेसिस नहीं करती है.
*'''संक्रामक गाँठ''' का एक ओर पर्याय है '''कैंसर '''इस नाम का उपयोग आस-पास के उतकों के संक्रमण के लिए किया जाता है.
*'''पूर्व-दुर्दम ''', '''पूर्व कैंसर''' या '''असंक्रामक''' ट्यूमर:एक नियाप्लास्म जो संक्रामक नहीं है लेकिन उपचार नहीं किए जाने पर कैंसर का रूप ले सकती हैं (संक्रामक हो)सकती हैं.कैंसर के लिए क्षमता बढ़ने के क्रम में ये घाव हैं,[[सामान्य अवस्था से विचलन |सामान्य अवस्था से विचलन ]] ([[:en:atypia|atypia]]), [[असामान्य उतक विकास |असामान्य उतक विकास ]] ([[:en:dysplasia|dysplasia]]),ओर [[कार्सिनोमा स्वस्थानी |कार्सिनोमा स्वस्थानी ]] ([[:en:carcinoma in situ|carcinoma in situ]]).

एक कैंसर का वर्णन करने के लिए निम्न शब्दों का उपयोग किया जा सकता है.
*'''स्क्रीनिंग''': स्वस्थ व्यक्तियों में किया जाने वाला एक परीक्षण जो गाँठ के उत्पन्न होने से पहले ही उनकी जांच के लिए किया जाता है. एक [[ मेमोग्राम |मेमोग्राम]] ([[:en:mammogram|mammogram]]) एक स्क्रीनिंग परीक्षण है .
*'''निदान''': एक गांठ की कैंसर प्रकृति की पुष्टि.इसे सामान्यतया एक [[बायोप्सी|बायोप्सी]] ([[:en:biopsy|biopsy]]) या [[शल्य चिकित्सा|शल्य चिकित्सा]] ([[:en:surgery|surgery]])के द्वारा गाँठ को हटा देने की जरुरत होती है, ऐसा एक [[शल्य विकृति|रोगविज्ञानी]] ([[:en:surgical pathology|pathologist]]) के परीक्षण के बाद किया जाता है.
*'''शल्य छटाई ''': एक ट्यूमर को एक [[शल्य चिकित्सा |शल्य चिकित्सक के द्वारा हटाया जन ]] ([[:en:surgery|surgeon]]).
**'''शल्य हाशिए''':एक शल्य चिकित्सक के द्वारा हटाये गए उतक के किनारों का एक [[शल्य विकृति विज्ञान |रोगविज्ञानी]] ([[:en:surgical pathology|pathologist]]) के द्वारा मूल्यांकन जिससे यह निर्धारित किया जाता है कि गाँठ को पूरी तरह से हटा दिया गया है ( "नकारात्मक हाशिए")या गाँठ बच गई है ( "सकारात्मक हाशिए").
*'''श्रेणी ''': एक संख्या (सामान्यतया 3 के पैमाने पर)जो एक [[ शल्य विकृति विज्ञान |रोगविज्ञानी]] ([[:en:surgical pathology|pathologist]]) के द्वारा गाँठ के आस पास के सौम्य उतक की समानता के अंश का वर्णन करने के लिए दी जाती है.
*'''अवस्था ''': एक संख्या (सामान्यतया 4 के पैमाने पर)जो एक [[अबुर्द विज्ञान|कैंसर विज्ञानी ]] ([[:en:oncology|oncologist]]) गाँठ के द्वारा शरीर पर आक्रमण के अंश का वर्णन करने के लिए देता है.
*'''पुनरावृत्ति''':नई गाँठ जो शल्य चिकित्सा के बाद पहले वाली गाँठ के स्थान पर ही उत्पन्न होती है.
*'''मेटास्टेसिस''': नए ट्यूमर जो कि मूल ट्यूमर से दूर दिखाई देते हैं.
*'''रूपांतरण:''' अवधारणा जिसके अनुसार समय के साथ एक कम ग्रेड का ट्यूमर, एक उच्च ग्रेड ट्यूमर में रूपांतरित हो जाता है. उदाहरण : [[ रिक्टर रूपांतरण |रिक्टर रूपांतरण ]] ([[:en:Richter's transformation|Richter's transformation]]).
*'''कीमोथैरेपी''':दवाओं से इलाज.
*'''विकिरण चिकित्सा''': विकिरण से उपचार.
*'''सहयोगी''' चिकित्सा: उपचार, या तो कीमोथेरपी या विकिरण चिकित्सा, जो शल्य चिकित्सा के बाद शेष कैंसर की कोशिकाओं को मारने के लिए दी जाती है.
*'''पूर्वानुमान''': थेरेपी के बाद उपचार की संभावना इसे सामान्यतया निदान के पाँच साल बाद जीवित रहने की सम्भावना के रूप में व्यक्त किया जाता है.वैकल्पिक रूप से, इसे वर्षों की संख्या के रूप में व्यक्त किया जा सकता है जब 50% रोगी अभी भी जीवित हों.दोनों ही संख्याएँ सैंकडों समान रोगियों के आंकडों से उत्पन्न हुई व्युत्पन्न हुई हैं जो [[Kaplan - Meier अनुमानक|Kaplan-Meier वक्र]] ([[:en:Kaplan-Meier estimator|Kaplan-Meier curve]]) बनाती हैं .

कैंसर को कोशिका के प्रकार के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है जो गाँठ से समानता रखती है, इसीलिए, उतक को गाँठ से उत्पन्न माना जा सकता है. सामान्य श्रेणी के उदाहरणों में शामिल हैं:
*'''[[ कार्सिनोमा |कार्सिनोमा]] ([[:en:Carcinoma|Carcinoma]]):''' [[ उपकला |उपकला]] ([[:en:epithelium|epithelial]]) कोशिकाओं से व्युत्पन्न दुर्दम गाँठ.यह समूह सबसे सामान्य कैंसरों को अभिव्यक्त करता है, जिसमें सामान्य रूप जैसे [[ स्तन कैंसर |स्तन]] ([[:en:breast cancer|breast]]), [[ प्रोस्टेट कैंसर |प्रोस्टेट]] ([[:en:prostate cancer|prostate]]), [[फेफड़ों का कैंसर|फेफड़े]] ([[:en:lung cancer|lung]]) और [[बड़ी आंत -मलाशय कैंसर|बड़ी अंत का कैंसर ]] ([[:en:Colorectal cancer|colon cancer]]) शामिल है.

*'''[[सार्कोमा |सार्कोमा ]] ([[:en:Sarcoma|Sarcoma]]):'''[[संयोजी ऊतक |संयोजी ऊतक]] ([[:en:connective tissue|connective tissue]]), या [[मध्योतक |मध्योतक]] ([[:en:mesenchyme|mesenchymal]]) कोशिकाओं से व्युत्पन्न दुर्दम गाँठ.
*'''[[ लिंफोमा |लिंफोमा]] ([[:en:Lymphoma|Lymphoma]])''' और '''[[रक्त केंसर|रक्त कैंसर]] ([[:en:leukemia|leukemia]]):'''दुर्दमता हिमेटोपोयतिक ([[रक्त |रक्त]] ([[:en:blood|blood]])-बनाने वाली ) कोशिकाओं से उत्पन्न होती है.
*'''[[जनन कोशिका गाँठ |जनन कोशिका गाँठ ]] ([[:en:Germ cell tumor|Germ cell tumor]]):'''[[टोटीपोटेंट |टोटीपोटेंट ]] ([[:en:totipotent|totipotent]])कोशिका से उत्पन्न गाँठ वयस्कों में अक्सर [[शुक्र ग्रंथि या वृषण |शुक्र ग्रंथि]] ([[:en:testicle|testicle]]) और [[ अंडाशय |अंडाशय]] ([[:en:ovary|ovary]]) में पाया जाता है;भ्रूण, बच्चों और छोटे बच्चों में शरीर की मध्य रेखा पर, विशेष रूप से पुच्छ अस्थि के शीर्ष पर पाया जाता है; घोड़ों में अक्सर पोल (खोपड़ी के आधार) पर पाया जाता है.
*'''ब्लास्टिक ट्यूमर:''' एक ट्यूमर (आमतौर पर दुर्दम ) जो कि एक अपरिपक्व या भ्रूण ऊतक के समान दिखता है .इन में से बहुत से ट्यूमर बच्चों में आम हैं.

घातक ट्यूमर (कैंसर) के लिए सामान्यतया '''-कार्सिनोमा''', '''-सार्कोमा''' या '''-ब्लास्टोमा ''' जैसे शब्दों का उपयोग प्रत्यय के रूप में किया जाता है, जो उत्पत्ति के अंगों के लिए लेटिन या ग्रीक शब्द हैं.उदाहरण के लिए, यकृत का कैंसर ''[[यकृत कार्सिनोमा |यकृत कार्सिनोमा ]] ([[:en:hepatocarcinoma|hepatocarcinoma]])''कहलाता है;वसा कोशिकाओं का कैंसर ''लिपोसार्कोमा ''कहलाता है.आम कैंसरों के लिए, अंग्रेज़ी अंग नाम का प्रयोग किया जाता है.उदाहरण के लिए [[स्तन कैंसर|स्तन कैंसर]] ([[:en:breast cancer|breast cancer]]) का सबसे सामान्य प्रकार ''स्तन का वाहिनी परक कार्सिनोमा'' या ''स्तन ग्रंथि वाहिनी कार्सिनोमा'' कहलाता है.यहाँ पर ''वाहिनी ''शब्द का उपयोग, सूक्ष्मदर्शी में दिखाई देने वाली स्तन वाहिनियों के कैंसर के लिए किया गया है.

[[सौम्य गाँठ|सौम्य ट्यूमर]] ([[:en:Benign tumor|Benign tumor]])(जो कैंसर नहीं हैं) उनके नाम में '''-ओमा '''प्रत्यय का प्रयोग किया जाता है, जिसमें मूल शब्द अंग का नाम होता है.उदाहरण के लिए, गर्भाशय की चिकनी पेशी का एक सौम्य ट्यूमर ''leiomyoma''कहलाता है (इस गाँठ का सामान्य नाम है ''फाईब्रोइड अर्थात रेशेदार'').दुर्भाग्य से, कुछ तरह के कैंसरों के लिए भी '''-ओमा '''प्रत्यय का प्रयोग किया जाता है, जैसे [[ मेलेनोमा |मेलेनोमा]] ([[:en:melanoma|melanoma]]) और [[ seminoma |सेमिनोमा ]] ([[:en:seminoma|seminoma]])

=== प्रौढ़ कैंसर ===
अमेरिका और अन्य विकसित देशों में, कैंसर वर्तमान में कुल मौतों के 25% के लिए जिम्मेदार है.<ref name="CACancerJClin2005-Jemal">
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{{cite journal | author=Jemal A, Murray T, Ward E, Samuels A, Tiwari RC, Ghafoor A, Feuer EJ, Thun MJ | title=Cancer statistics, 2005 | journal=CA Cancer J Clin | year=2005 | pages=10&ndash;30 | volume=55 | issue=1 | url=http://caonline.amcancersoc.org/cgi/content/full/55/1/10 | pmid=15661684 | doi=10.3322/canjclin.55.1.10 | doi_brokendate=2008-06-26}}
--></ref> वार्षिक आधार पर, जनसंख्या के 0.5% में कैंसर पाया गया है.नीचे दिए गए आंकडे संयुक्त राज्य अमेरिका में वयस्कों के लिए हैं, और अन्य देशों में काफी अलग हो सकते हैं.

{| class="wikitable"
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|-
|[[प्रोस्टेट कैंसर|प्रोस्टेट कैंसर]] ([[:en:prostate cancer|prostate cancer]]) ( 33 % ) || फेफड़ों का कैंसर ( 31 % ) ||[[स्तन कैंसर|स्तन कैंसर]] ([[:en:breast cancer|breast cancer]]) ( 32 % ) || फेफड़ों का कैंसर ( 27 % )
|-
|[[फेफड़ों का कैंसर|फेफड़ों का कैंसर]] ([[:en:lung cancer|lung cancer]])(13%)|| प्रोस्टेट कैंसर ( 10 % ) ||फेफड़ों का कैंसर (12%)|| स्तन कैंसर ( 15 % )
|-
|[[बड़ी आंत -मलाशय कैंसर|बड़ी आंत -मलाशय कैंसर]] ([[:en:colorectal cancer|colorectal cancer]]) (10%)||बड़ी आंत -मलाशय कैंसर(10%)||बड़ी आंत -मलाशय कैंसर(11%)||बड़ी आंत -मलाशय कैंसर(10%)
|-
|[[मूत्राशय का कैंसर|मूत्राशय का कैंसर]] ([[:en:bladder cancer|bladder cancer]]) (7%)||[[ अग्नाशय का कैंसर | अग्नाशय का कैंसर ]] ([[:en:pancreatic cancer|pancreatic cancer]])(5%)||[[ अन्तर्गर्भाशयकला का कैंसर|अन्तर्गर्भाशयकला का कैंसर]] ([[:en:endometrial cancer|endometrial cancer]]) ( 6 % ) ||[[ डिम्बग्रंथि कैंसर |डिम्बग्रंथि कैंसर]] ([[:en:ovarian cancer|ovarian cancer]]) ( 6 % )
|-
| त्वक [[ मेलेनोमा |मेलेनोमा]] ([[:en:melanoma|melanoma]]) ( 5 % ) ||[[रक्त केंसर|रक्त केंसर]] ([[:en:leukemia|leukemia]])( 4 % ) ||[[ गैर Hodgkin लिंफोमा |गैर Hodgkin लिंफोमा]] ([[:en:non-Hodgkin lymphoma|non-Hodgkin lymphoma]]) ( 4 % ) || अग्नाशय का कैंसर ( 6 % )
|}

=== बाल कैंसर ===
कैंसर बच्चों और किशोरों में भी हो सकता है लेकिन यह बहुत कम पाया जाता है. (अमेरिका में प्रतिवर्ष प्रत्येक मिलियन पर 150 मामले)अमेरिका [[ राष्ट्रीय कैंसर संस्थान |NCI]] ([[:en:National Cancer Institute|NCI]]) के एस ई ई आर कार्यक्रम के आंकडे प्रदर्शित करते हैं कि बच्चों का कैंसर 1975 और 1990 के बीच, 19% बढ़ा इसमें मुख्य रूप से [[ तीव्र ल्यूकेमिया |गंभीर रक्त कैंसर]] ([[:en:acute leukemia|acute leukemia]])शामिल था.1990 के बाद से घटना की दरें कम हो गई है.<ref name="SEER1999"> जेम्स जी Gurney , ए माल्कम Smith, Julie A.रॉस (1999) ''बच्चों और किशोरों में कैंसर की घटना, संयुक्त राज्य अमेरिका एस ई ई आर कार्यक्रम 1975-1995 '', कैंसर सांख्यिकी शाखा,[http://www.seer.cancer.gov/publications/childhood/ एस ई ई आर वेब साइट]से राष्ट्रीय कैंसर संस्थान ऑनलाइन उपलब्ध.</ref>

वहाँ एक उचित संदेह है कि [[ परमाणु सुविधा |परमाणु सुविधाओं]] ([[:en:nuclear facility|nuclear facilities]]) के आस पास रहने वाले बच्चे कैंसर के जोखिम का अधिक सामना करते हैं.<ref>http://www.globalresearch.ca/index.php?context=va%26aid=8785</ref>

=== शिशु कैंसर ===

कैंसर की सबसे अधिक सम्भावना बच्चों में जीवन के पहले वर्ष में, [[ शिशु |शिशु]] ([[:en:infant|infant]])अवस्था में होती है. संयुक्त राज्य अमेरिका में, 1975-1995 में ऐसे शिशु प्रति मिलियन पर 233 थे.<ref name="SEER1999"/>घटना की उपस्थिति के कई अनुमान.संयुक्त राज्य अमेरिका में: एस ई ई आर के अनुसार <ref name="SEER1999"/>
*शिशु कैंसर का 28% [[न्यूरो ब्लास्टोमा |न्यूरो ब्लास्टोमा ]] ([[:en:Neuroblastoma|Neuroblastoma]]) के रूप में था यह इन छोटे बच्चों में सबसे सामान्य दुर्दमता थी (65 शिशु प्रति मिलियन)
*[[रक्त कैंसर |रक्त कैंसर ]] ([[:en:Leukaemia|leukemias]])कैंसर का अगला सबसे सामान्य प्रकार है (41 शिशु प्रति मिलियन). जिसमें सभी मामलों का 17% शामिल है.
*[[ ब्रेन ट्यूमर |केंद्रीय तंत्रिका तंत्र दुर्दमताये ]] ([[:en:brain tumor|Central nervous system malignancies]]) , शिशु कैंसर का 13% बनाती हैं, इसकी औसत दर 30 शिशु प्रति मिलियन है.
*दुर्दम जनन कोशिका और दुर्दम कोमल उतक गाँठ कि औसत वार्षिक दर 15 शिशु प्रति मिलियन थी. प्रत्येक में 6 % शिशु कैंसर के बारे में है .

एक अन्य अध्ययन के अनुसार :<ref name="CACancerJClin2005-Jemal" />
*[[रक्त कैंसर|रक्त कैंसर]] ([[:en:Leukemia|Leukemia]]) (आमतौर पर [[ तीव्र लिम्फो ब्लास्टिक ल्यूकेमिया |ALL]] ([[:en:Acute lymphoblastic leukemia|ALL]])) [[ ब्रेन ट्यूमर |केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के कैंसर]] ([[:en:brain tumor|central nervous system cancers]]) और [[न्यूरो ब्लास्टोमा |न्यूरो ब्लास्टोमा ]] ([[:en:neuroblastoma|neuroblastoma]])के बाद सबसे सामान्य शिशु दुर्दमता (30%)है .शेष हैं [[ Wilms ' ट्यूमर |Wilms' ट्यूमर]] ([[:en:Wilms' tumor|Wilms' tumor]]), [[लिंफोमा |लिंफोमा]] ([[:en:lymphoma|lymphoma]])s, [[रेब्डोमायोसार्कोमा |रेब्डोमायोसार्कोमा ]] ([[:en:rhabdomyosarcoma|rhabdomyosarcoma]]) (पेशी से उत्पन्न होने वाली), [[रेटिनो ब्लास्टोमा |रेटिनो ब्लास्टोमा
]] ([[:en:retinoblastoma|retinoblastoma]]), [[ऑस्टियो सार्कोमा |ऑस्टियो सार्कोमा ]] ([[:en:osteosarcoma|osteosarcoma]]) और [[ Ewing के सार्कोमा |Ewing का सार्कोमा]] ([[:en:Ewing's sarcoma|Ewing's sarcoma]]).

[[टेरा टोमा |टेराटोमा ]] ([[:en:Teratoma|Teratoma]]) (एक [[जनन कोशिका गाँठ|जनन कोशिका गाँठ]] ([[:en:germ cell tumor|germ cell tumor]]))इस आयु में सबसे आम गाँठ है, लेकिन अधिकांश टेरा टोमा सौम्य होते हैं, शल्य क्रिया से हटा दिए जाते हैं, जरुरी रूप से कैंसर नहीं होते हैं.जन्म के पूर्व का अल्ट्रासाउंड परीक्षाओं का व्यापक उपयोग किया जाने लगा है.जन्म के समय [[ sacrococcygeal teratoma|sacrococcygeal teratoma]] ([[:en:sacrococcygeal teratoma|sacrococcygeal teratoma]]) की दर प्रति मिलियन 25 से 29 पाई गई है.<!-- 1:40,000 to 1:35,000 -->

नर और मादा शिशुओं में कैंसर की दर लगभग समान पाई गई है, बड़े बच्चों की तुलना में काफी अन्तर पाया गया है.

गोरे शिशुओं में कैंसर की दर काले शिशुओं से अधिक पाई जाती है .रक्त कैंसर इस अन्तर का एक पर्याप्त अनुपात बनाते हैं: गोरे शिशुओं के लिए वार्षिक औसत दर (48,7 प्रति मिलियन)है जो से 66% अधिक थी
काले शिशु (29.4 प्रति मिलियन ).<ref name="SEER1999"/>

शिशुओं के लिए न्यूरो ब्लास्टोमा [[ विल्म का ट्यूमर|Wilms' ट्यूमर]] ([[:en:Wilms' tumor|Wilms' tumor]]) और [[रेटिनो ब्लास्टोमा |रेटिनो ब्लास्टोमा]] ([[:en:retinoblastoma|retinoblastoma]])के लिए सापेक्ष उत्तर जीविता बहुत अधिक है, रक्त कैंसर के लिए बहुत अधिक (80%) है लेकिन अधिकांश अन्य प्रकार के कैंसरों के लिए नहीं.

==संकेत और लक्षण==
मोटे तौर पर, कैंसर के लक्षणों को तीन समूहों में विभाजित किया जा सकता है:
*''स्थानीय लक्षण'': असामान्य lumps या सूजन (''[[गाँठ|ट्यूमर]] ([[:en:tumor|tumor]])''), [[रक्त प्रवाह |नकसीर]] ([[:en:hemorrhage|hemorrhage]]) (खून बहना), [[ दर्द|पीड़ा]] ([[:en:pain|pain]]) और / या [[ अल्सर|अल्सर]] ([[:en:ulcer|ulcer]])करण. आसपास के ऊतकों में संपीड़न जैसे लक्षण [[पीलिया|पीलिया]] ([[:en:jaundice|jaundice]]) (आंखों और त्वचा का पीलापन) उत्पन्न कर सकते हैं.
*''[[ मेटास्टेसिस|मेटास्टेसिस ]] ([[:en:metastasis|metastasis]])(फैलना) के लक्षण '':बढ़े हुए [[लसिका नोड |लिम्फ नोड्स]] ([[:en:lymph node|lymph node]]), [[ खाँसी|खाँसी ]] ([[:en:cough|cough]])और [[हिमोपटायसिस |हिमोपटायसिस]] ([[:en:hemoptysis|hemoptysis]]) , [[हिपेटोमिगेली |हिपेटोमिगेली ]] ([[:en:hepatomegaly|hepatomegaly]]) (बढ़ा हुआ [[कलेजा|जिगर]]), हड्डी में दर्द, प्रभावित [[हड्डी टूटना |हड्डियों का टूटना ]] ([[:en:fracture|fracture]])और [[तंत्रिका विज्ञान|तंत्रिका विज्ञानी लक्षण]] ([[:en:neurology|neurological]])
यद्यपि विकसित हो चुके कैंसर में [[ दर्द|दर्द ]] ([[:en:pain|pain]])हो सकता है, यह प्रारंभिक लक्षण नहीं है.
*''प्रणालीगत लक्षण'': [[भार में कमी |वजन घटना]] ([[:en:weight loss|weight loss]]), [[एनोरेक्सिया (लक्षण)| भूख में कमी]] ([[:en:anorexia (symptom)|poor appetite]]), [[ थकान (चिकित्सा)|थकान ]] ([[:en:Fatigue (medical)|fatigue]])और [[ कैचेक्सिया|कैचेक्सिया]] ([[:en:cachexia|cachexia]]) ([[ बर्बाद करना |बर्बाद]] ([[:en:wasting|wasting]])), अत्यधिक [[ पसीना आना |पसीना आना]] ([[:en:sweating|sweating]]) ([[निद्रा हाइपर हाइड्रोसिस |रात को पसीना आना ]] ([[:en:sleep hyperhidrosis|night sweats]])), [[अरक्तता|अरक्तता]] ([[:en:anemia|anemia]]) और विशिष्ट [[पेरानियोप्लास्टिक घटना |paraneoplastic घटना]] ([[:en:paraneoplastic phenomenon|paraneoplastic phenomena]]), और विशिष्ट स्थितियां जो एक सक्रीय कैंसर के कारण होती हैं, जैसे कि [[स्कंदन |घनास्त्रता ]] ([[:en:thrombosis|thrombosis]])या हार्मोन परिवर्तन.

उपरोक्त सूची में प्रत्येक लक्षण कई स्थितियों के कारण होता है (जिसकी एक सूची [[ विभेदक निदान|विभेदक निदान]] ([[:en:differential diagnosis|differential diagnosis]]) के रूप में दी गई है.).कैंसर प्रत्येक मद के लिए एक आम या असामान्य कारण हो सकता है.

==निदान==
अधिकांश कैंसर संकेत या लक्षण के कारण प्रारंभिक रूप से पहचाने जाते हैं या स्क्रीनिंग के दोरान प्रकट होते हैं.इनमें से कोई भी निश्चित निदान नहीं है, इसे [[ संरचनात्मक विकृतिविज्ञान|रोगविज्ञानी]] ([[:en:anatomical pathology|pathologist]]) की सलाह की जरुरत होती है, यह एक प्रकार का फिजिशियन (मेडिकल डॉक्टर) है जो कैंसर और अन्य रोगों के निदान में माहिर है.

===तहकीकात===
[[Image:Thorax pa peripheres Bronchialcarcinom li OF markiert.jpg|thumb|छाती का एक्सरे, बाएं फेफड़े में, फेफड़ों के कैंसर दिखाता हुआ .|right]]

जिन लोगों में कैंसर का संदेह होता है उनकी [[चिकित्सकीय जांच |चिकित्सा परीक्षण]] ([[:en:medical test|medical test]])के द्वारा जांच की जाती है.इसमें सामान्य हैं [[ रक्त परीक्षण|रक्त परीक्षण]] ([[:en:blood test|blood test]]), [[एक्स किरण|एक्सरे]]s, [[ सीटी स्कैन|सीटी स्कैन]] ([[:en:CT scan|CT scan]]) और [[एंडो स्कोपी |एंडो स्कोपी]] ([[:en:endoscopy|endoscopy]]).

===बायोप्सी===
एक कैंसर को कई कारणों से माना जा सकता है, लेकिन अधिकांश दुर्दमताओं का निश्चित निदान कैंसर कोशिका के [[उतक विज्ञान|हिस्टोलोजिकल ]] ([[:en:histology|histological]])परीक्षण के द्वारा किया जाता है जिसे एक [[संरचनात्मक विकृतिविज्ञान|रोगविज्ञानी]] ([[:en:anatomical pathology|pathologist]]) करता है.उतक को [[बायोप्सी|बायोप्सी]] ([[:en:biopsy|biopsy]]) या [[शल्य चिकित्सा|शल्य चिकित्सा]] ([[:en:surgery|surgery]]) के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है.कई बायोप्सी (जैसे त्वचा, स्तन या यकृत की) एक चिकित्सक के कार्यालय में ही की जा सकती हैं.अन्य अंगों की बायोप्सी एक [[संवेदन हीन करने वाले कारक |निश्चेतक ]] ([[:en:anesthesia|anesthesia]])की उपस्थिति में की जाती है, इसके लिए [[शल्य चिकित्सा|ऑपरेशन के कमरे ]] ([[:en:surgery|surgery]])में [[शल्य चिकित्सा के लिए कमरा |शल्य क्रिया ]] ([[:en:operating room|operating room]])की आवश्यकता होती है.

[[ निदान|रोग विज्ञानी ]] ([[:en:diagnosis|diagnosis]])के द्वारा दिया गया उतक निदान प्रचुरोदभवन करने वाली कोशिका के प्रकार को प्रदर्शित करता है, इसकी [[उतक विज्ञानी श्रेणी |उतकीय श्रेणी ]] ([[:en:histological grade|histological grade]]) और गाँठ के अन्य लक्षणों को भी बताता है.साथ ही यह जानकारी रोगी के [[रोग के लक्षण का पूर्वानुमान |पूर्व निदान ]] ([[:en:prognosis|prognosis]])का मूल्यांकन करने में तथा सर्वोत्तम इलाज का चयन करने में उपयोगी है.[[कोशिका आनुवंशिकी |कोशिका आनुवंशिकी ]] ([[:en:Cytogenetics|Cytogenetics]])और [[प्रतिरक्षा उतक विज्ञान |प्रतिरक्षा उतक रसायन विज्ञान ]] ([[:en:immunohistochemistry|immunohistochemistry]])परीक्षण के अन्य प्रकार हैं जो एक रोग विज्ञानी एक उतक के नमूने पर कर सकता है.ये परीक्षण कैंसर के भावी व्यवहार (पूर्व निदान) तथा सर्वोत्तम उपचार के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं.

==उपचार==
कैंसर का उपचार [[शल्य चिकित्सा|शल्य चिकित्सा]] ([[:en:surgery|surgery]]), [[कीमोथेरेपी या रसायन चिकित्सा|कीमोथेरपी]] ([[:en:chemotherapy|chemotherapy]]), [[विकिरण चिकित्सा|विकिरण चिकित्सा]] ([[:en:radiation therapy|radiation therapy]]), [[प्रतिरक्षा थेरेपी |प्रतिरक्षा थेरेपी ]] ([[:en:immunotherapy|immunotherapy]]), [[मोनोक्लोनल प्रतिरक्षी चिकित्सा|मोनोक्लोनल एंटीबॉडी चिकित्सा]] ([[:en:monoclonal antibody therapy|monoclonal antibody therapy]]) या अन्य विधियों के द्वारा किया जा सकता है.थेरेपी का चयन गाँठ की स्थिति और श्रेणी तथा रोग की [[कैंसर की अवस्थाएं|अवस्था ]] ([[:en:Cancer staging|stage]])पर निर्भर करता है, साथ ही रोगी की सामान्य अवस्था पर भी निर्भर करता है ([[ प्रदर्शन स्थिति|प्रदर्शन की स्थिति]] ([[:en:performance status|performance status]])). कई [[ प्रयोगात्मक कैंसर उपचार|प्रयोगात्मक कैंसर उपचार]] ([[:en:experimental cancer treatment|experimental cancer treatment]]) भी विकसित हो रहे हैं.

शरीर को नुकसान पहुचाये बिना कैंसर को पूरी तरह से ख़त्म करना उपचार का उद्देश्य होता है.कभी कभी इसे शल्य चिकित्सा के द्वारा किया जा सकता है, लेकिन कैंसर की आस-पास के उतकों पर आक्रमण करने की प्रवृति या सूक्ष्म मेटास्टेसिस द्वारा दूर के स्थानों पर फ़ैल जाने की प्रवृति अक्सर इसकी प्रभावित को सिमित कर देती है.कीमोथेरपी की प्रभावशीलता अक्सर शरीर में अन्य उतकों के विषिकरण के द्वारा सीमित हो जाती है.विकिरण भी सामान्य ऊतकों को नुकसान पहुँचा सकते हैं.

क्योंकि "कैंसर" रोगों के एक वर्ग का उल्लेख है, ऐसा सम्भव नहीं है कि[[कैंसर के लिए इलाज| कैंसर का एक मात्र उपचार ]] ([[:en:cure for cancer|cure for cancer]])ही रहेगा, फ़िर भी सभी [[औपसर्गिक रोग|संक्रामक रोगों ]]के लिए एक मात्र उपचार होगा.

===शल्य चिकित्सा===
सैद्धांतिक रूप से गैर [[हिमेटोलोजिकल |हिमेटोलोजिकल ]] ([[:en:hematological|hematological]])कैंसर का इलाज किया जा सकता है यदि इसे पूरी तरह से [[शल्य चिकित्सा|शल्य चिकित्सा]] ([[:en:surgery|surgery]]) के द्वारा हटा दिया जाए, लेकिन यह सदा सम्भव नहीं है.जब कैंसर शल्य चिकित्सा से पहले ही [[मेटास्टेसिस|मेटास्टेसिस ]] ([[:en:metastasis|metastasized]])के द्वारा शरीर के अन्य अंगों तक पहुँच जाता है, तब पूरी तरह से शल्य क्रिया द्वारा इसे हटा देना आम तोर पर असंभव होता है.कैंसर के [[ विलियम स्टीवर्ट Halsted |Halsted]] ([[:en:William Stewart Halsted|Halsted]])नमूने में गाँठ स्थानिक रूप से बढती है, फ़िर लसिका नोड्स तक फ़ैल जाती है, और फ़िर शरीर के अन्य सभी भागों में.इसी कारण से छोटे कैंसरों के लिए स्थानिक उपचार जैसे शल्य चिकित्सा की लोकप्रियता बढ़ गई है.यहाँ तक कि छोटे स्थानीयकृत ट्यूमर में भी मेटास्टेसिस की बहुत अधिक क्षमता होती है.

कैंसर के लिए शल्यचिकित्सा की प्रक्रियाओं के उदाहरणों में शामिल हैं-स्तन कैंसर के लिए [[स्तनोछेदन या स्तन को शल्य क्रिया द्वारा काट कर अलग कर देना |स्तनोछेदन]] ([[:en:mastectomy|mastectomy]])और प्रोस्टेट कैंसर के लिए [[प्रोस्टेट- टेकटोमी या प्रोस्टेट को कट कर निकाल देना |प्रोस्टेट- टेकटोमी ]] ([[:en:prostatectomy|prostatectomy]]).शल्य चिकित्सा का लक्ष्य होता है या तो केवल गाँठ को हटाना या पूरे अंग को निकाल देना.एक कैंसर कोशिका नग्न आंखों के लिए अदृश्य है, लेकिन एक नई गाँठ में फ़िर से वृद्धि कर सकती है, यह प्रक्रिया पुनरावृत्ति कहलाती है.इस कारण के लिए, [[ संरचनात्मक विकृतिविज्ञान|रोगविज्ञानी]] ([[:en:anatomical pathology|pathologist]]) शल्य क्रिया से निकाले गए नमूने की जांच करते हैं, यदि स्वस्थ उतक की सीमा उपस्थित है, तो इस बात की संभावना कम हो जाती है कि सूक्ष्म कैंसर की कोशिकाये रोगी के शरीर में रह गई हैं.

प्राथमिक ट्यूमर को दूर करने के अलावा, शल्य क्रिया [[कैंसर की अवस्थाएं|अवस्था निर्धारण ]] ([[:en:cancer staging|staging]])के लिए आवश्यक होती है उदाहरण इससे इस बात का पता लग जाता है कि [[मेटास्टेसिस|मेटास्टेसिस द्वारा ]] ([[:en:metastasis|metastasized]]) इसके क्षेत्रीय [[लसिका नोड|लसिका नोड ]] ([[:en:lymph node|lymph node]])में फैलने की क्षमता कितनी है.अवस्था निर्धारण [[रोग के लक्षण का पूर्वानुमान|पूर्व निदान]] ([[:en:prognosis|prognosis]]) का मुख्य निर्धारक है और [[ सहयोगी चिकित्सा|सहयोगी चिकित्सा]] ([[:en:adjuvant therapy|adjuvant therapy]]) kii

अक्सर, लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए शल्य चिकित्सा जरुरी होती है जैसे [[मेरी रज्जू संपीड़न|मेरु रज्जू संपीड़न]] ([[:en:spinal cord compression|spinal cord compression]]) या [[ आंत्र बाधा|आंत्र बाधा]] ([[:en:bowel obstruction|bowel obstruction]])इसे [[ शमन उपचार|शमन उपचार]] ([[:en:palliative treatment|palliative treatment]]) के सन्दर्भ में काम में लिया जाता है.

===विकिरण चिकित्सा===
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{{main|Radiation therapy}}
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[[विकिरण चिकित्सा|विकिरण चिकित्सा]] ([[:en:Radiation therapy|Radiation therapy]]) (रेडियोथेरेपी, एक्सरे चिकित्सा,या irradiation भी कहलाती है)में कैंसर की कोशिकाओं और संकुचित गाँठ को नष्ट करने के लिए आयनीकृत विकिरण का उपयोग किया जाता है.विकिरण चिकित्सा [[ बाह्य किरण रेडियोथेरेपी|बाह्य किरण रेडियोथेरेपी]] ([[:en:external beam radiotherapy|external beam radiotherapy]]) के द्वारा बाहर से ही प्रशासित की जाती है या [[ब्रेकीथेरेपी |ब्रेकीथेरेपी ]] ([[:en:brachytherapy|brachytherapy]])के द्वारा अन्दर से प्रशासित की जा सकती है.विकिरण चिकित्सा का प्रभाव चिकित्सा किए जाने वाले क्षेत्र तक ही सीमित होता है.विकिरण चिकित्सा, इलाज किए जाने वाले क्षेत्र ("लक्ष्य ऊतक") की कोशिकाओं को नष्ट कर देती है, इस क्रिया में इन कोशिकाओं के आनुवंशिक पदार्थ को नष्ट कर दिया जाता है ताकि कोशिकाओं में आगे विभाजन और वृद्धि न हो पाए. यद्यपि विकिरण कैंसर की कोशिकाओं और सामान्य कोशिकाओं दोनों को नष्ट कर देता है, अधिकांश सामान्य कोशिकाएं विकिरण के प्रभाव से उबर आती हैं और ठीक प्रकार से कार्य करने लगती हैं.विकिरण चिकित्सा, का लक्ष्य है अधिक से अधिक कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना, जबकि आस-पास के स्वस्थ उतकों को कम से कम नुकसान पहुचना.इसलिए, यह कई भागों में दी जाती है जिससे बीच की अवधि में स्वस्थ उतकों को ठीक होने का मौका मिल जाता है.

विकिरण चिकित्सा, का उपयोग लगभग हर प्रकार के ठोस ट्यूमर के इलाज में किया जा सकता है, जिसमें मस्तिष्क, स्तन, गर्भाशय ग्रीवा, गला, फेफड़े, अग्न्याशय, प्रोस्टेट, त्वचा, पेट, गर्भाशय, या कोमल ऊतकों के सार्कोमा शामिल हैं.रक्त केंसर और लिम्फोमा के उपचार में भी विकिरण चिकित्सा का उपयोग किया जा सकता है.प्रत्येक साइट के लिए विकिरण खुराक कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे हर प्रकार के कैंसर की रेडियो संवेदन शीलता, और आस-पास के उतक या अंग विकिरण से नष्ट हो सकते हैं या नहीं.इस प्रकार, हर प्रकार के उपचार में, विकिरण चिकित्सा इसके दुष्प्रभावों के बिना नहीं है.

===कीमोथैरेपी===
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{{main|Chemotherapy}}
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[[कीमोथैरेपी|कीमोथेरपी]] ([[:en:Chemotherapy|Chemotherapy]]) का अर्थ है [[ दवा|दवाओं]] ([[:en:medication|drugs]]) से कैंसर का उपचार. ( "anticancer ड्रग्स") ये दवाएं कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट कर सकती हैं.वर्तमान उपयोग में, "कीमोथेरपी" शब्द का उपयोग आमतौर पर ''साइटोटोक्सिक'' ड्रग्स के लिए किया जाता है, जो ''लक्षित थेरेपी'' के विपरीत विभाजित होती हुई कोशिकाओं को तेजी से प्रभावित करती हैं (नीचे देखें).कीमोथेरेपी दवाएं भिन्न संभव तरीकों से कोशिका विभाजन में बाधा डालती हैं, उदाहरण [[डीएनए|डीएनए]] ([[:en:DNA|DNA]]) की प्रतिकृति से या नव निर्मित [[ गुणसूत्र|गुणसूत्रों]] ([[:en:chromosome|chromosome]]) के पृथक करण से कीमोथेरेपी के अधिकांश रूप तेजी से विभाजित होती हुई सभी कोशिकाओं को लक्ष्य बनाते हैं, ये केवल कैंसर की कोशिकाओं के लिए विशिष्ट नहीं हैं, यद्यपि कुछ विशिष्टता इस वजह से आ जाती है कि अधिकांश कैंसर की कोशिकाएं [[ डीएनए क्षति|डीएनए क्षति]] ([[:en:DNA damage|DNA damage]]) की मरम्मत में सक्षम नहीं होती हैं जबकि सामान्य कोशिकाओं में आम तौर पर पर ये क्षमता होती है.अतः, कीमोथेरेपी में स्वस्थ उतकों को नुकसान पहुचाने की क्षमता होती है, विशेष रूप से वे उतक जिनमें उच्च प्रतिस्थापन दर होती है (उदाहरण आंत का आंतरिक स्तर)ये कोशिकाएं आमतौर पर कीमो थेरेपी के बाद अपनी मरम्मत कर लेती हैं.

क्योंकि कुछ दवाएं अकेले की तुलना में एक साथ बेहतर कार्य करती हैं, एक ही समय पर दो या अधिक दवाएं दी जाती हैं.इसे "संयोजन कीमोथेरपी" कहा जाता है; अधिकांश कीमोथेरेपी रेजिमेन एक संयोजन में ही दिए जाते हैं.

कुछ प्रकार के [[रक्त कैंसर|रक्त कैंसर]] ([[:en:leukaemia|leukaemia]]) और [[लिंफोमा|लिंफोमा]] ([[:en:lymphoma|lymphoma]]) के लिए उच्च खुराक कीमोथेरपी की या [[पूर्ण शरीर का किरणन|कुल शरीर किरणन]] ([[:en:total body irradiation|total body irradiation]]) की जरुरत होती है.यह उपचार अस्थि मज्जा को अलग कर देता है, और इसलिए शरीर रक्त के पुनर् निर्माण में सक्षम होता है.इस कारण से, अस्थि मज्जा, या परिधीय रक्त स्तम्भ कोशिका हार्वेस्टिंग को थेरेपी के अलगाव प्रभाव से पहले ही किया जाता है, ताकि दिए गए उपचार के बाद "बचाव" सम्भव हो.इसे ऑटोलॉगस [[स्टेम कोशिका प्रत्यारोपण|स्टेम कोशिका प्रत्यारोपण]] ([[:en:stem cell transplantation|stem cell transplantation]])के रूप में जाना जाता है. वैकल्पिक रूप से, [[ hematopoietic स्टेम सेल|हिमेटोपोयटिक स्टेम कोशिकाएं]] ([[:en:hematopoietic stem cells|hematopoietic stem cells]]) एक मिलान किए गए असंबंधित दाता से स्थानांतरित की जा सकती हैं.

===लक्षित उपचार===
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{{main|Targeted therapy}}
-->

लक्षित थेरेपी जो 1990 के दशक के अंत में सबसे पहले उपलब्ध हुई, इसका कई प्रकार के कैंसर के उपचार में मुख्य प्रभाव था, और वर्तमान में यह एक बहुत ही अधिक सक्रिय अनुसंधान क्षेत्र है. इसमें ऐसे एजेंटों का उपयोग शामिल है जो कैंसर कोशिकाओं के प्रोटीन को अनियमित कर देते हैं. छोटे अणु लक्षित उपचार दवायें आमतौर पर उत्परिवर्तित अति अभिव्यक्त कोशिकाओं पर [[जैव-उत्प्रेरक | एन्जाइमेटिक ]] ([[:en:enzyme|enzymatic]]) डोमेन की संदमक हैं, अथवा कैंसर कोशिकाओं के भीतर जटिल प्रोटीन की संदमक हैं.प्रमुख उदाहरण हैं टायरोसिन काईनेज संदमक [[ imatinib|imatinib]] ([[:en:imatinib|imatinib]]) और [[ gefitinib|gefitinib]] ([[:en:gefitinib|gefitinib]]).

[[मोनोक्लोनल प्रतिरक्षी चिकित्सा|मोनोक्लोनल एंटीबॉडी चिकित्सा]] ([[:en:Monoclonal antibody therapy|Monoclonal antibody therapy]]) एक अन्य रणनीति है जिसमें उपचार का एजेंट एक [[प्रतिरक्षी |प्रतिरक्षी ]] ([[:en:antibody|antibody]])है जो कैंसर कोशिकाओं की सतह पर एक प्रोटीन के साथ बंध बना लेता है.उदहारण हैं anti-[[ HER2/neu|HER2/neu]] ([[:en:HER2/neu|HER2/neu]])प्रतिरक्षी [[trastuzumab|trastuzumab]] ([[:en:trastuzumab|trastuzumab]]) (Herceptin) जिसका उपयोग स्तन कैंसर में होता है और anti-CD20 प्रतिरक्षी[[ rituximab|rituximab]] ([[:en:rituximab|rituximab]]),जिसका उपयोग कई प्रकार की [[B-कोशिका |B-कोशिका]] ([[:en:B-cell|B-cell]]) दुर्दमताओं में होता है.

[[लक्षित थेरेपी|लक्षित थेरेपी]] ([[:en:Targeted therapy|Targeted therapy]]) में "गृह युक्ति " के रूप में छोटे [[पेप्टाइड|पेप्टाइड]] ([[:en:peptide|peptide]]) शामिल हो सकते हैं जो कोशिका की सतह पर ग्राही से बंध बना सकते हैं या गाँठ के चारों ओर प्रभावित[[बाह्य कोशिकी मैट्रिक्स|बाह्य कोशिकी मैट्रिक्स]] ([[:en:extracellular matrix|extracellular matrix]])के साथ बंध बना सकते हैं.रेडियो न्युक्लिड्स जो इस पेप्टाइड्स से जुड़े होते हैं (उदा.RGDs)antatah कैंसर कोशिकाओं को मार देते हैं यदि न्युक्लिड्स कोशिका के आस-पास अपघटित होता है.विशेष रूप से इन बाध्यकारी motifs के ओलिगो या मल्तिमर, बहुत अधिक महत्त्व के होते हैं, अतः ये ट्यूमर विशिष्टता का कारण बन सकते हैं.

[[प्रकाश गतिक थेरेपी |प्रकाश गतिक चिकित्सा ]] ([[:en:Photodynamic therapy|Photodynamic therapy]])कैंसर के लिए तिहरा उपचार है जिसमें प्रकाश संवेदक, उतक ऑक्सीजन, ओर प्रकाश शामिल हैं (अक्सर [[लेसर विज्ञान|लेजर]] का उपयोग)पीडीटी का उपयोग [[आधारी कोशिका कार्सिनोमा |आधारी कोशिका कार्सिनोमा ]] ([[:en:basal cell carcinoma|basal cell carcinoma]])या [[फेफड़ों का कैंसर|फेफड़ों के कैंसर]] ([[:en:lung cancer|lung cancer]]) के उपचार के लिए किया जाता है; पीडीटी का उपयोग बड़े ट्यूमर को शल्य चिकित्सा के द्वारा हटा दिए जाने के बाद उसके अवशेषों को हटाने के लिए किया जाता है.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |last=Dolmans |first=DE |coauthors=Fukumura D, Jain RK |year=2003 |month=May |title=Photodynamic therapy for cancer |journal=Nat Rev Cancer |volume=3 |issue=5 |pages=380–7 |pmid=12724736 |url=http://www.nature.com/nrc/journal/v3/n5/abs/nrc1071_fs.html |doi=10.1038/nrc1071}}
--></ref>

===प्रतिरक्षा थेरेपी ===
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{{main|Cancer immunotherapy}}
-->

कैंसर प्रतिरक्षा थेरेपी में थेरेपी रणनीतियों के ऐसे समूह का उपयोग किया जाता है जो गाँठ से लड़ने के लिए रोगी के अपने [[प्रतिरक्षा तंत्र|प्रतिरक्षा तंत्र ]] ([[:en:immune system|immune system]])को प्रेरित करता है. ट्यूमर के लिए प्रतिरक्षा उत्पन्न करने के तरीकों में शामिल हैं सतही मूत्राशय कैंसर के लिए[[ दण्डाणु Calmette-Guérin|बीसीजी]] ([[:en:Bacillus Calmette-Guérin|BCG]]) प्रतिरक्षा थेरेपी, और [[ वृक्क कोशिका कार्सिनोमा|वृक्क कोशिका कार्सिनोमा]] ([[:en:renal cell carcinoma|renal cell carcinoma]]) और [[मेलेनोमा|मेलेनोमा]] ([[:en:melanoma|melanoma]]) रोगियों में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित करने के लिए [[ इंटरफेरॉन|इंटरफेरॉन]] ([[:en:interferon|interferon]]) और अन्य [[साइटोकाइन |साइटोकाइन]] ([[:en:cytokine|cytokine]])का उपयोग.विशिष्ट [[ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया|प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया]] ([[:en:immune response|immune response]])उत्पन्न करने के लिए [[ वैक्सीन|वेक्सीन ]] ([[:en:Vaccine|Vaccine]])पर कई प्रकार के ट्यूमरों के लिए गहन अनुसंधान चल रहा है, खास तोर पर [[दुर्दम मेलेनोमा|घातक मेलेनोमा]] ([[:en:malignant melanoma|malignant melanoma]]) और [[वृक्क कोशिका कार्सिनोमा|वृक्क सेल कार्सिनोमा]] ([[:en:renal cell carcinoma|renal cell carcinoma]]).[[ Sipuleucel-T|Sipuleucel-T]] ([[:en:Sipuleucel-T|Sipuleucel-T]])[[प्रोस्टेट कैंसर|प्रोस्टेट कैंसर]] ([[:en:prostate cancer|prostate cancer]]) के लिए आधुनिक वेक्सीन है जिसमें रोगी की [[डेनड्राइटिक कोशिका |dendritic कोशिकाओं ]] ([[:en:dendritic cell|dendritic cell]])को [[प्रोस्टेटिक अम्ल फोस्फेट |प्रोस्टेटिक अम्ल फोस्फेटेज ]] ([[:en:prostatic acid phosphatase|prostatic acid phosphatase]])पेप्टाइड्स से लोड कर दिया जाता है जो प्रोस्टेट-व्युत्पन्न कोशिकाओं के लिए विशेष प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रेरित करता है.

Allogeneic[[हिमेटोपोयटिक स्टेम कोशिका प्रत्यारोपण|हिमेटोपोयटिक स्टेम कोशिका प्रत्यारोपण]] ([[:en:hematopoietic stem cell transplantation|hematopoietic stem cell transplantation]])(आनुवंशिक रूप से असमान दाता से "अस्थि-मज्जा स्थानान्तरण ")को प्रतिरक्षा थेरेपी का एक रूप माना जा सकता है, क्योंकि दाता की प्रतिरक्षा कोशिकाएं [[हिमेटोपोयटिक स्टेम कोशिका प्रत्यारोपण# पार्श्व दुष्प्रभाव और जटिलताये |ग्राफ्ट -वर्सेस-ट्यूमर प्रभाव ]] ([[:en:Hematopoietic stem cell transplantation#Side effects and complications|graft-versus-tumor effect]]) के तहत ट्यूमर पर आक्रमण करती हैं.इसीलिए, allogeneic HSCT, कई प्रकार के कैंसर के लिए ऑटोलॉगस ट्रांसप्लांटेशन की तुलना में उपचार की उच्च दर का कारण बनती है,यद्यपि पार्श्व दुष्प्रभाव भी अधिक गंभीर होते हैं.

===हार्मोन थेरेपी===
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{{main|Hormonal therapy (oncology)}}
-->

कुछ कैंसर की वृद्धि को विशेष होर्मोनों को उपलब्ध करा कर या अवरुद्ध करके संदमित किया जा सकता है.होरमोन संवेदी ट्यूमरों के कुछ सामान्य उदाहरण हैं-विशेष प्रकार के स्तन और प्रोस्टेट कैंसर.[[एस्ट्रोजन|एस्ट्रोजन]] ([[:en:estrogen|estrogen]]) या [[टेस्टोस्तेरोन |टेस्टोस्तेरोन ]] ([[:en:testosterone|testosterone]]) को हटा देना या अवरुद्ध कर देना अक्सर एक महत्वपूर्ण अतिरिक्त उपचार है.विशेष प्रकार के कैंसरों में होरमोन का प्रशासन शिथिल हो जाता है,जैसे [[प्रोजेसटोजन |प्रोजेसटोजन ]] ([[:en:progestogen|progestogen]])थेरेपी की दृष्टि से लाभकारी हो सकता है.

===एन्जियोजिनेसिस संदमक ===
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{{Main|Angiogenesis inhibitor}}
-->
एंजियोजिनेसिस संदमक रक्त वाहिनियों कि व्यापक वृद्धि को रोकता है ([[एन्जियोजिनेसिस|एंजियोजिनेसिस]] ([[:en:angiogenesis|angiogenesis]]))जो ट्यूमर को जीवित रहने के लिए जरुरी है.कुछ, जैसे [[bevacizumab|bevacizumab]] ([[:en:bevacizumab|bevacizumab]]),को अनुमोदित कर दिया गया है और नैदानिक रूप से इनका इस्तेमाल किया जा रहा है.एंटी-एंजियोजिनेसिस दवाओं के साथ एक मुख्य समस्या यह है कि सामान्य कोशिकाओं और कैंसर में कई कारक रक्त वाहिनी की वृद्धि को उत्तेजित करते हैं.एंटी-एंजियोजिनेसिस दवाये केवल एक ही कारक को लक्ष्य बनती हैं, इसलिए अन्य कारक रक्त वाहिनी की वृद्धि को उत्तेजित करना जारी रखते हैं.अन्य समस्याओं में शामिल हैं [[ प्रशासन का मार्ग|प्रशासन का मार्ग]] ([[:en:route of administration|route of administration]]), स्थिरता का रख-रखाव, और ट्यूमर वाहिका संरचना पर क्रिया और लक्ष्यीकरण.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Kleinman HK, Liau G |title=Gene therapy for antiangiogenesis |journal=J. Natl. Cancer Inst. |volume=93 |issue=13 |pages=965–7 |year=2001 |month=July |pmid=11438554 |doi=10.1093/jnci/93.13.965 |url=http://jnci.oxfordjournals.org/cgi/content/full/93/13/965}}
--></ref>

===लक्षण नियंत्रण===
यद्यपि कैंसर के लक्षणों पर नियंत्रण को कैंसर का उपचार नहीं माना जा सकता है, यह कैंसर रोगियों की [[ जीवन की गुणवत्ता|जीवन की गुणवत्ता]] ([[:en:quality of life|quality of life]]) का एक महत्वपूर्ण निर्धारक है, और इस फैसले में मुख्य भूमिका निभाता है कि रोगी अन्य उपचार के लिए सक्षम है या नहीं.हालांकि डॉक्टरों के पास, कैंसर के रोगियों में मतली, दर्द उल्टी, दस्त, नकसीर और अन्य आम समस्याओं को कम करने के लिए चिकित्सकीय कौशल होता है, इन रोगियों में लक्षण नियंत्रण की प्रतिक्रिया में [[प्रशामक देखभाल|प्रशामक देखभाल]] ([[:en:palliative care|palliative care]]) की multidisciplinary विशेषता का विकास हुआ है.

[[एनाल्जेसिया |दर्द की दवाये ]] ([[:en:analgesia|Pain medication]]), जैसे कि [[मोर्फीन |मोर्फीन ]] ([[:en:morphine|morphine]]) और [[ओक्सिकोडोन |ओक्सिकोडोन ]] ([[:en:oxycodone|oxycodone]]), और मिचली और उल्टी को रोकने के लिए [[एंटीएमिटिक |antiemetic]] ([[:en:antiemetic|antiemetic]])दवाएं, कैंसर के रोगियों में आम-तोर पर काम में ली जाती हैं. परिष्कृत [[एंटीएमिटिक |antiemetics]] ([[:en:antiemetics|antiemetics]]) जैसे [[ ondansetron|ondansetron]] ([[:en:ondansetron|ondansetron]]) और analogues, साथ ही [[ aprepitant|aprepitant]] ([[:en:aprepitant|aprepitant]]) ने कैंसर रोगियों में उग्र उपचार को अधिक सम्भव बना दिया है.

कैन्सर के कारण [[ लगातार दर्द|पुराना दर्द]] ([[:en:Chronic pain|Chronic pain]]) हमेशा सतत उतक क्षति के कारण होता है जो रोग या उपचार प्रक्रिया से सम्बंधित है (यानी शल्य चिकित्सा, रेडिएशन, कीमोथेरपी) यद्यपि इसमें वातावरणी कारकों का और दर्द को उत्पन्न करने वाली प्रभावी गड़बडियों का मुख्य योगदान होता है, फ़िर भी कैंसर के दर्द में इस रोग का ख़ुद कोई योगदान सामान्यतया नहीं होता है. इसके अलावा, गंभीर दर्द से युक्त कैंसर के अधिकांश रोगी अपने जीवन के अंत पर होते हैं, और उनमें [[ शमन|शमन]] ([[:en:palliative|palliative]]) उपचार आवश्यक हैं.सामाजिक कलंक जैसे मुद्दे जैसे [[ opioids|opioids]] ([[:en:opioids|opioids]]) का उपयोग, काम और कार्यात्मक स्थिति, और स्वास्थ्य देखभाल, समग्र मामले के प्रबंधन में अधिक महत्वपूर्ण नहीं हैं.अतः, कैंसर दर्द प्रबंधन के लिए विशिष्ट रणनीति है opioids और अन्य दवाओं, शल्य चिकित्सा का प्रयोग कर के, रोगी को अधिक से अधिक आराम पहुँचने की कोशिश करना. डॉक्टर कैंसर के अन्तिम स्थिति के रोगियों में दर्द के लिए मादक पदार्थों का उपयोग नहीं करना चाहते हैं क्यों कि इससे उन्हें इसकी लत हो सकती है या उनकी श्वास क्रिया में बाधा आ सकती है.[[प्रशामक देखभाल|प्रशामक देखभाल]] ([[:en:palliative care|palliative care]]) [[धर्मशाला|hospice]] ([[:en:hospice|hospice]]) आंदोलन की एक नई शाखा है जो कैंसर के रोगियों में दर्द के उपचार में अधिक व्यापक सहयोग प्रदान करती है.

[[थकान (चिकित्सा)|थकान]] ([[:en:Fatigue (medical)|Fatigue]]) कैंसर रोगियों के लिए एक बहुत ही आम समस्या है, और हाल ही में कैंसर चिकित्सा विज्ञानियों के लिए इसका उपचार बहुत महत्वपूर्ण बन गया है, यद्यपि यह कई रोगियों में जीवन की गुणवत्ता को लेकर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

===उपचार प्रयास ===
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{{Main|Experimental cancer treatment}}
-->
[[ नैदानिक प्रयास |नैदानिक परीक्षण]] ([[:en:Clinical trial|Clinical trial]])जो अनुसंधान अध्ययन भी कहलाते हैं,कैंसर के रोगियों में नए उपचारों का परिक्षण भी करते हैं.इस शोध का लक्ष्य है कैंसर के इलाज के लिए बेहतर तरीके खोजन और कैंसर रोगियों की मदद करना. नैदानिक परीक्षण कई प्रकार के उपचारों का परिक्षण करते हैं जैसे दवाएं, सर्जरी या विकिरण चिकित्सा, उपचार के नए संयोजन, या नई विधियां जैसे [[ जीन थेरेपी|जीन थेरेपी]] ([[:en:gene therapy|gene therapy]]).

एक नैदानिक परीक्षण एक एक लम्बी और सतर्क कैंसर अनुसंधान की प्रक्रिया के अंतिम चरणों में से एक है.नए उपचार के लिए खोज प्रयोगशाला में शुरू होती है, जहाँ वैज्ञानिक पहले नए विचारों का परीक्षण और विकास करते हैं.अगर एक दृष्टिकोण उपयोगी प्रतीत होता है तो, अगला कदम होता है इसका जानवर पर परीक्षण, जो यह बताता है कि कैंसर रोगी पर क्या प्रभाव होगा, और इसके कोई हानिकारक प्रभाव हैं या नहीं. बेशक, कई उपचार जो प्रयोगशाला में या पशुओं में अच्छी तरह से कम करते हैं, वे लोगों में काम नहीं करते. कैंसर रोगियों में उपचार सुरक्षित और प्रभावी हैं या नहीं इसका पता लगाने के लिए अध्ययन किए जाते हैं.

हो सकता है कि जो रोगी इसमें भाग ले रहा है उसे इस उपचार से व्यक्तिगत रूप से मदद मिले.वे कैंसर विशेषज्ञ से आधुनिक सुरक्षा प्राप्त करते हैं,और वे या तो जांच किया जा रहा सर्वोत्तम इलाज प्राप्त करते हैं या सबसे अच्छा उपलब्ध मानक उपचार प्राप्त करते हैं.साथ ही नए नए उपचारों में अज्ञात जोखिम हो सकते हैं, लेकिन यदि नए उपचार मानक उपचारों से अधिक प्रभावी साबित होते हैं, तो अध्ययन किया जाने वाला रोगी इसके लाभ को प्राप्त करने वाला पहला व्यक्ति बन जाता है.इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि परिक्षण किया जाने वाला नया उपचार या एक मानक उपचार अच्छे परिणाम देगा.कैंसर युक्त बच्चों में, एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि जिन बच्चों पर ऐसे परिक्षण किया गए उनमें मानक उपचारों की तुलना में बेहतर या बुरे परिणाम नहीं देखे गए; इससे यह सुनिश्चित होता है कि किसी भी प्रयोगात्मक उपचार की सफलता या असफलता का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Kumar A, Soares H, Wells R, ''et al'' |title=Are experimental treatments for cancer in children superior to established treatments? Observational study of randomised controlled trials by the Children's Oncology Group |journal=BMJ |volume=331 |issue=7528 |pages=1295 |year=2005 |month=December |pmid=16299015 |pmc=1298846 |doi=10.1136/bmj.38628.561123.7C |url=http://bmj.bmjjournals.com/cgi/content/full/331/7528/1295}}
--></ref>

===पूरक और वैकल्पिक===
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{{Main|Unproven cancer therapy}}
-->
[[ वैकल्पिक दवा |पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा]] ([[:en:Alternative medicine|Complementary and alternative medicine]]) उपचार मेडिकल और स्वास्थ्य सुरक्षा तंत्र, प्रथाओं,और उत्पादों के विविध समूह हैं, जो पारंपरिक चिकित्सा का भाग नहीं हैं.<ref name="mnalt"><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Cassileth BR, Deng G |title=Complementary and alternative therapies for cancer |journal=Oncologist |volume=9 |issue=1 |pages=80–9 |year=2004 |pmid=14755017 |url=http://theoncologist.alphamedpress.org/cgi/content/full/9/1/80 |doi=10.1634/theoncologist.9-1-80}}
--></ref>"पूरक चिकित्सा" शब्द का उपयोग उन विधियों और पदार्थों के लिए किया जाता है जिनका उपयोग पारम्परिक चिकित्सा के साथ किया जाए, जबकि "वैकल्पिक दवा " शब्द का उपयोग उन योगिकों के लिए किया जाता है जिनका उपयोग पारंपरिक दवा के स्थान पर किया जाता है.<ref>[http://nccam.nih.gov/health/whatiscam/#2 CAMक्या है?][[पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा के लिए राष्ट्रीय केंद्र|पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा के लिए राष्ट्रीय केंद्र]] ([[:en:National Center for Complementary and Alternative Medicine|National Center for Complementary and Alternative Medicine]])पुनः प्राप्त [[3 फरवरी|3 फरवरी]][[२००८|2008]].</ref>सी ऐ एम का उपयोग कैंसर युक्त लोगों में सामान्य है;2000 में किये गए अध्ययन में यह पाया गया कि 69% कैंसर रोगियों ने अपने कैंसर उपचार के एक भाग के रूप में कम से कम एक कैंसर थेरेपी का उपयोग किया.<ref name=Richardson2000><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Richardson MA, Sanders T, Palmer JL, Greisinger A, Singletary SE |title=Complementary/alternative medicine use in a comprehensive cancer center and the implications for oncology |journal=J. Clin. Oncol. |volume=18 |issue=13 |pages=2505–14 |year=2000 |month=July |pmid=10893280 |url=http://jco.ascopubs.org/cgi/content/full/18/13/2505}}
--></ref>कैंसर के लिए अधिकांश पूरक और वैकल्पिक दवाओं का कठोरता से अध्ययन या परिक्षण नहीं किया गया है.कुछ वैकल्पिक उपचार जो खोजे गए हैं और निष्प्रभावी हैं, उनका लगातार विपणन हो रहा है और उन्हें प्रोत्साहन मिल रहा है.<ref name="pmid15061600"><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Vickers A |title=Alternative cancer cures: "unproven" or "disproven"? |journal=CA Cancer J Clin |volume=54 |issue=2 |pages=110–8 |year=2004 |pmid=15061600 |doi= |url=http://caonline.amcancersoc.org/cgi/content/full/54/2/110}}
--></ref>

==रोग का निदान==
कैंसर एक घातक रोग के रूप में जाना जाता है.हालाँकि यह बात निश्चित रूप से विशेष प्रकारों पर लागू होती है, कैंसर के ऐतिहासिक तथ्यों के पीछे छुपी हुई सच्चाई चिकित्सा क्षेत्र में आधुनिकीकरण के कारण बदल गई है.कैंसर के कुछ प्रकारों में ऐसे लक्षण पाए गए हैं, जो कुछ अदुर्दम रोगों जैसे [[हृदय का असफल होना |हृदय का असफल होना ]] ([[:en:heart failure|heart failure]])और [[पक्षाघात|हृदय आघात ]]से बेहतर हैं.

इस बढ़ते हुए घातक रोग का कैंसर रोगी के जीवन की गुणवत्ता पर काफी प्रभाव पड़ता है, और कई कैंसर उपचार (जैसे [[कीमोथैरेपी|कीमोथेरपी]] ([[:en:chemotherapy|chemotherapy]])) के गंभीर पार्श्व दुष्प्रभाव होते हैं.कैंसर की उन्नत चरणों में, कई रोगियों को व्यापक देखभाल की जरुरत होती है, यह उसके परिवार के सदस्यों और दोस्तों को प्रभावित करता है.[[प्रशामक देखभाल|प्रशामक देखभाल]] ([[:en:Palliative care|Palliative care]]) समाधान में स्थायी "राहत" नर्सिंग शामिल हो सकती है.

===भावनात्मक प्रभाव===
कई स्थानीय संगठन कैंसर रोगियों के लिए कई प्रकार की व्यावहारिक सहायतायें और सेवाएं उपलब्ध कराते हैं.ये सेवाएं हैं [[कैंसर सहायता समूह|सहायता समूह ]] ([[:en:Cancer support group|support groups]]), [[ परामर्श|परामर्श]] ([[:en:counseling|counseling]]), सलाह, वित्तीय सहायता, उपचार के स्थान से और वहाँ तक परिवहन, फिल्में और कैंसर के बारे में जानकारी.अस-पास के संगठनों, स्थानीय स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, या क्षेत्र के अस्पतालों में संसाधनों या सेवाएं उपलब्ध हो सकती हैं.

परामर्श कैंसर रोगियों को भावनात्मक सहारा प्रदान करता है, उन्हें अपनी बीमारी समझने में मदद करता है.भिन्न प्रकार के परामर्श में, समूह, परिवार, साथियों के परामर्श, वियोग, रोगी-से-रोगी का परामर्श और कामुकता शामिल हैं.

रोगियों को कैंसर से निपटने में मदद करने के लिए कई कई सरकारी और धर्मार्थ संगठन स्थापित किए गए हैं.ये संगठन अक्सर कैंसर की रोकथाम, कैंसर उपचार , और कैंसर अनुसंधान में संलग्न होते हैं.

==कारण==
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{{main|Carcinogenesis}}
-->

कैंसर भिन्न रोगों का एक वर्ग है जो अपने कारणों और जैव-विज्ञान में एक दूसरे से बहुत अलग होते हैं.सभी ज्ञात कैंसर में एक बात जो देखी जाती है वह है कैंसर कोशिका और इसकी संतान की आनुवंशिक सामग्री में असामान्यताएं उत्पन्न होना.कैंसर के रोगजनन में अनुसंधान को तीन व्यापक क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है.अनुसंधान का पहला क्षेत्र उन कारकों और घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करता है जो कोशिकाओं में आनुवंशिक परिवर्तन का कारण होते हैं, ये उन कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं में रूपांतरित कर देते हैं. दूसरा, इसके द्वारा प्रभावित आनुवंशिक क्षति और जीन की प्रवृति का अनावरण महत्वपूर्ण है.तीसरा, इन आनुवंशिक परिवर्तनों के परिणामस्वरूप कोशिका के जीव-विज्ञान पर पड़ने वाले प्रभाव, इसमें कैंसर कोशिका के लाक्षणिक गुणों को उत्पन्न करना और उन आनुवंशिक घटनाओं को बढ़ावा देना जो कैंसर की प्रगति के लिए अग्रणी हैं.

===रासायनिक कर्सिनोजन ===
कैंसर रोग जनन को [[ डीएनए उत्परिवर्तन |डीएनए उत्परिवर्तन ]] ([[:en:DNA mutations|DNA mutations]]) के द्वारा पता लगाया जा सकता है जो कोशिका की वृद्धि और मेटास्टेसिस को प्रभावित करते हैं.पदार्थ जो [[डीएनए उत्परिवर्तन |डीएनए उत्परिवर्तन ]] ([[:en:DNA mutations|DNA mutations]]) का कारण हैं उत्परिवर्तजन कहलाते हैं, और वे उत्परिवर्तजन जो कैंसर का कारण हैं, कार्सिनोजन कहलाते हैं.कई विशेष पदार्थ विशिष्ट प्रकार के कैंसर से जुड़े हुए हैं.[[तम्बाकू धूम्रपान|तम्बाकू धूम्रपान]] ([[:en:Tobacco smoking|Tobacco smoking]]) [[फेफड़ों का कैंसर|फेफड़ों के कैंसर]] ([[:en:lung cancer|lung cancer]]) और [[मूत्राशय का कैंसर|मूत्राशय कैंसर]] ([[:en:bladder cancer|bladder cancer]])से सम्बंधित है.लंबे समय तक [[एस्बेसटोस |एस्बेसटोस ]] ([[:en:asbestos|asbestos]]) फाइबर के संपर्क में रहना [[मीसोथेलीओमा |मीसोथेलीओमा ]] ([[:en:mesothelioma|mesothelioma]])से सम्बंधित है.


अनेक [[उत्परिवर्तजन |उत्परिवर्तजन ]] ([[:en:mutagen|mutagen]]) [[कर्सिनोजन|कार्सिनोजन]] ([[:en:carcinogen|carcinogen]])भी हैं लेकिन कुछ कार्सिनोजन उत्परिवर्तजन नहीं हैं.[[शराब|एल्कोहल ]]एक रासायनिक कार्सिनोजन का उदहारण है जो एक उत्परिवर्तजन नहीं है.ऐसा माना जाता है की इस तरह के रसायन अपने उत्तेजक प्रभाव के द्वारा कोशिका [[समसूत्री विभाजन |समसूत्री विभाजन ]] ([[:en:mitosis|mitosis]]) को उत्तेजित करके कैंसर को बढ़ावा देते हैं.समसूत्री विभाजन की तीव्र दर [[डीएनए अनुलिपि|डीएनए प्रतिकृति]] ([[:en:DNA replication|DNA replication]]) के दोरान क्षतिग्रस्त डीएनए की मरम्मत के लिए एंजाइमों की मरम्मत हेतु कम समय देती है. यह एक आनुवंशिक गलती की संभावना को बढ़ता है.समसूत्री विभाजन के दोरान हुई एक गलती के कारन पुत्री कोशिकाएं ग़लत संख्या में [[गुणसूत्र|क्रोमोसोम]] ([[:en:chromosomes|chromosomes]]) प्राप्त कर सकती हैं.(''ऊपर [[aneuploidy|aneuploidy]] ([[:en:aneuploidy|aneuploidy]])देखें '').

[[Image:Cancer smoking lung cancer correlation from NIH.svg|thumb|300px|right|फेफड़ों के कैंसर के मामले धूम्रपान के साथ अत्यधिक संबंधित है. स्रोत: NIH.]]
दशकों के अनुसंधान से [[तम्बाकू|तम्बाकू]] ([[:en:tobacco|tobacco]]) प्रयोग और कई स्थानों के कैंसर के बीच प्रबल सम्बन्ध का पता चला है, जो संभवतया इसे सबसे महत्वपूर्ण मानव कार्सिनोजन बनाता है.सैकड़ों अध्ययन इस सम्बन्ध की पुष्टि करते हैं.इस तथ्य को इस बात से समर्थन मिलता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में [[फेफड़ों का कैंसर|फेफड़ों का कैंसर]] ([[:en:lung cancer|lung cancer]]) के कारण मृत्यु दर [[तम्बाकू धूम्रपान|धूम्रपान]] ([[:en:tobacco smoking|smoking]]) प्रतिरूप पर निर्भर करती है, धूम्रपान की दर में वृद्धि फेफड़ों का कैंसर के कारण मृत्यु दर को बढाती है और हाल ही में धूम्रपान की दर में कमी से फेफड़ों का कैंसर के कारण मृत्यु दर कम हुई है.

===आयनीकरण विकिरण ===
[[आयनीकरण विकिरण |आयनीकरण विकिरण ]] ([[:en:ionizing radiation|ionizing radiation]])के स्रोत जैसे [[रेडन| रेडन]] गैस, कैंसर पैदा कर सकता है.[[सूर्य|सूरज]] के [[पराबैंगनी|पराबैंगनी विकिरण]] के लंबे समय तक संपर्क में रहने से [[मेलेनोमा|मेलेनोमा]] ([[:en:melanoma|melanoma]]) और अन्य त्वचा दुर्दाम्तायें हो सकती हैं.

[[मोबाइल फोन|मोबाइल फोन]] से निकलने वाले विकिरण को कुछ समय के लिए इसका कारण माना गया लेकिन इस सिद्धांत को मुख्य धारा का समर्थन प्राप्त नहीं हुआ है.फिर भी कुछ विशेषज्ञ लंबे समय तक इसके संपर्क में न रहने की चेतावनी देते हैं.<ref>''[http://www.cnn.com/2008/HEALTH/conditions/07/23/cancer.cell.phones.ap/index.html कैंसर विशेषज्ञ सेलफोन पर कर्मचारियों को चेतावनी देते हैं ]'', [http://www.cnn.com सीएनएन], 23 जुलाई 2008</ref>

===संक्रामक रोग===
कुछ कैंसर [[रोगजनक|रोगज़नक़]] ([[:en:pathogen|pathogen]]) के [[ संक्रमण|संक्रमण]] ([[:en:infection|infection]]) के कारण हो सकते हैं.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Pagano JS, Blaser M, Buendia MA, ''et al'' |title=Infectious agents and cancer: criteria for a causal relation |journal=Semin. Cancer Biol. |volume=14 |issue=6 |pages=453–71 |year=2004 |month=December |pmid=15489139 |doi=10.1016/j.semcancer.2004.06.009}}
--></ref>कई कैंसर एक [[वायरस| विषाणु ]]संक्रमण से उत्पन्न होते हैं;यह विशेष रूप से जानवरों जैसे [[पक्षी|पक्षी]] में सच है लेकिन [[मानव|मानव]] ([[:en:human|human]]) में भी यह सच है, क्योंकि दुनिया भर में 15% मानव कैंसर के लिए विषाणु जिम्मेदार हैं.मानव के कैंसर से जुड़े हुए मुख्य वायरस हैं [[मानव पेपीलोमा वाइरस |मानव पेपिलोमा वायरस]] ([[:en:human papillomavirus|human papillomavirus]]), [[ हैपेटाइटिस बी|हैपेटाइटिस बी]] ([[:en:hepatitis B|hepatitis B]]) और [[ हेपेटाइटिस सी|हेपेटाइटिस सी]] ([[:en:hepatitis C|hepatitis C]]) वायरस, [[Epstein-Barr वायरस
|Epstein-बर्र वायरस]] ([[:en:Epstein-Barr virus|Epstein-Barr virus]]), और [[ मानव T-लिम्फोटरोपिक् वायरस|मानव टी -लिम्फोट्रोपिक वायरस]] ([[:en:human T-lymphotropic virus|human T-lymphotropic virus]]).प्रयोगात्मक और महामारी विज्ञान डाटा में वायरसों का महत्वपूर्ण योगदान है और वे मानव में कैंसर के विकास के लिए दूसरे सबसे महत्वपूर्ण जोखिम कारक हैं, पहले नंबर पर तंबाकू का उपयोग इसका कारण है.<ref name="zur Hausen-viruses"><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal | author = zur Hausen H | title = Viruses in human cancers. | journal = Science | volume = 254 | issue = 5035 | pages = 1167| year = 1991 | pmid = 1659743| doi = 10.1126/science.1659743 }}
--></ref>विषाणु से प्रेरित गाँठ को दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है. ''तीव्रता से-बदलने'' या ''धीरे धीरे-बदलने''वाले. तीव्रता से बदलने वाले वायरस में, विषाणु में एक अति सक्रिय ओंको जीन होता है जो वायरल-ओंकोजीन कहलाता है, और जैसे ही v-ओंक की अभिव्यक्ति होती है संक्रमित कोशिका रूपांतरित हो जाती है.इसके विपरीत, धीरे धीरे-बदलने वायरस में, वायरस जीनोम मेजबान जीनोम में एक प्रोटो ओंको जीन के पास प्रवेश कर जाता है.अब वायरल [[प्रोमोटर |प्रवर्तक]] ([[:en:promoter|promoter]]) या अन्य प्रतिलेखन विनियमन तत्व उस प्रोटो ओंको जीन की अति-अभिव्यक्ति का कारण बनते हैं.यह अनियंत्रित कोशिका विभाजन को प्रेरित करता है.क्योंकि प्रविष्टि का स्थान प्रोटो ओंको जीन के लिए विशिष्ट नहीं होता है और किसी भी प्रोटो ओंको जीन के पास प्रविष्टि की सम्भावना कम होती है, जल्दी बदलने वाले विषाणु की तुलना में धीरे धीरे-बदलने वाला विषाणु संक्रमण के लंबे समय के बाद ट्यूमर पैदा करता है.

[[हैपेटाइटिस बी|हैपेटाइटिस बी]] ([[:en:hepatitis B|hepatitis B]]) और [[हेपेटाइटिस सी|हेपेटाइटिस सी]] ([[:en:hepatitis C|hepatitis C]]) सहित हेपेटाइटिस वायरस,एक पुराने वायरल संक्रमण को प्रेरित कर सकता है जो प्रति वर्ष [[हैपेटाइटिस बी|हैपेटाइटिस बी]] ([[:en:hepatitis B|hepatitis B]]) के 0.47% रोगियों में [[यकृत कोशिका कार्सिनोमा |यकृत कैंसर]] ([[:en:Hepatocellular carcinoma|liver cancer]]) का कारण है (विशेष रूप से एशिया में, उत्तरी अमेरिका में ऐसा कम देखा गया है) और ऐसा प्रति वर्ष [[हेपेटाइटिस सी|हेपेटाइटिस सी]] ([[:en:hepatitis C|hepatitis C]]) के 1.4% रोगियों में देखा जाता है.लीवर सिरोसिस, चाहे क्रोनिक वायरल हैपेटाइटिस संक्रमण के कारण हो या शराब के कारण, यह [[यकृत कोशिका कार्सिनोमा |यकृत कैंसर]] ([[:en:Hepatocellular carcinoma|liver cancer]]) के विकास से सम्बंधित होता है, और सिरोसिस और वायरल हैपेटाइटिस का संयोजन [[यकृत कोशिका कार्सिनोमा |यकृत कैंसर]] ([[:en:Hepatocellular carcinoma|liver cancer]]) विकास के उच्च जोखिम का कारण है.दुनिया भर में, [[यकृत कोशिका कार्सिनोमा |यकृत कैंसर]] ([[:en:Hepatocellular carcinoma|liver cancer]]) सबसे आम के, और सबसे अधिक घातक कैंसरों में से एक है, इसका कारण है [[वायरल हैपेटाइटिस|वायरल हैपेटाइटिस]] ([[:en:viral hepatitis|viral hepatitis]]) पारेषण और रोग का भारी बोझ.

कैंसर अनुसंधान में आधुनिकीकरण ने कैंसर को रोकने के लिए एक वेक्सीन को डिजाइन किया है.2006 में, अमेरिका [[ एफडीए|एफडीए]] ([[:en:FDA|FDA]]) ने [[ मानव papilloma वायरस|मानव पेपिलोमा वायरस]] ([[:en:human papilloma virus|human papilloma virus]])वेक्सीन को स्वीकृति दी, जो [[ Gardasil|Gardasil]] ([[:en:Gardasil|Gardasil]]) कहलाती है.वेक्सीन चार एचपीवी प्रकारों से सुरक्षा करती है, जो 70%ग्रीवा कैंसर और 90%जननांग मस्सों के कारण हैं.मार्च 2007 में अमेरिका [[रोग नियंत्रण और रोकथाम के लिए केंद्र|सीडीसी]] ([[:en:Centers for Disease Control and Prevention|CDC]])[[टीकाकरण प्रथा पर सलाहकार समिटी |प्रतिरक्षण प्रथाओं पर सलाहकार समिति]] ([[:en:Advisory Committee on Immunization Practices|Advisory Committee on Immunization Practices]])ने आधिकारिक तौर पर कहा कि 11-12 वर्ष की आयु की मादाओं को वेक्सीन दिया जा सकता है और यह भी बताया कि 9 साल की छोटी बच्ची और 26 साल की महिला भी इसके लिए पात्र है.

वायरस के अलावा, शोधकर्ताओं ने [[कैंसर के जीवाणु|बैक्टीरिया और कुछ तरह के कैंसर]] ([[:en:Cancer bacteria|bacteria and certain cancers]]) के बीच सम्बन्ध पाया है.सबसे प्रमुख उदाहरण है ''[[हेलिको बेक्टर पायलोराई | हेलिको बेक्टर पायलोराई ]] ([[:en:Helicobacter pylori|Helicobacter pylori]])''युक्त आमाशय की दीवार के पुराने संक्रमण और [[आमाशय का कैंसर|आमाशय के कैंसर]] ([[:en:gastric cancer|gastric cancer]]) <ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Peter S, Beglinger C |title=Helicobacter pylori and gastric cancer: the causal relationship |journal=Digestion |volume=75 |issue=1 |pages=25&ndash;35 |year=2007 |pmid=17429205 |doi=10.1159/000101564}}
--></ref><ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Wang C, Yuan Y, Hunt RH |title=The association between Helicobacter pylori infection and early gastric cancer: a meta-analysis |journal=Am. J. Gastroenterol. |volume=102 |issue=8 |pages=1789–98 |year=2007 |month=August |pmid=17521398 |doi=10.1111/j.1572-0241.2007.01335.x}}
--></ref>के बीच सम्बन्ध.

हालांकि '' हेलिको बेक्टर ''से संक्रमित बहुत ही कम संख्या कैंसर में विकसित हो जाती है, यह रोगजनक बहु आम है और शायद यह,ऐसे अधिकांश कैंसर के लिए जिम्मेदार है .<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Cheung TK, Xia HH, Wong BC |title=Helicobacter pylori eradication for gastric cancer prevention |journal=J. Gastroenterol. |volume=42 Suppl 17 |issue= |pages=10–5 |year=2007 |month=January |pmid=17238019 |doi=10.1007/s00535-006-1939-2}}
--></ref>

===हार्मोनल असंतुलन===
कुछ होरमोन गैर-उत्परिवर्तजनिक कर्सिनोजन्स की तरह से ही कार्य करते हैं, वे अतिरिक्त कोशिका वृद्धि को उत्तेजित कर सकते हैं.एक अच्छा उदाहरण है-[[अन्तर्गर्भाशयकला का कैंसर|अन्तर्गर्भाशयकला के कैंसर]] ([[:en:endometrial cancer|endometrial cancer]])को विकसित करने में [[एस्ट्रोजन|हाइपर एस्ट्रोजेनिक ]] ([[:en:estrogen|hyperestrogenic]])अवस्थाएं.

===प्रतिरक्षा तंत्र क्रिया प्रणाली में खराबी ===
[[एचआईवी|एचआईवी]]कई प्रकार की दुर्दमताओं से सम्बंधित है जिसमें शामिल है [[Kaposi का सार्कोमा |कापोसी सार्कोमा ]] ([[:en:Kaposi's sarcoma|Kaposi's sarcoma]]), [[non-Hodgkin's लिम्फोमा |non-Hodgkin's लिंफोमा]] ([[:en:non-Hodgkin's lymphoma|non-Hodgkin's lymphoma]]), और [[एचपीवी|एचपीवी]] ([[:en:HPV|HPV]])-सम्बंधित दुर्दाम्तायें जैसे [[गुद कैंसर |गुदा कैंसर]] ([[:en:anal cancer|anal cancer]]) और [[ग्रीवा कैंसर|ग्रीवा कैंसर]] ([[:en:cervical cancer|cervical cancer]]).[[एड्स|एड्स]]-कई बीमारियों को परिभाषित करते हुए इन निदानों में शामिल है.एचआईवी रोगियों में दुर्दमताओं की प्रवृति बढ़ना इंगित करता है कि प्रतिरक्षा में कमी के कारण कैंसर की संभावना में वृद्धि होती है. <ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Wood C, Harrington W |title=AIDS and associated malignancies |journal=Cell Res. |volume=15 |issue=11-12 |pages=947–52 |year=2005 |pmid=16354573 |doi=10.1038/sj.cr.7290372}}
--></ref>कुछ अन्य प्रतिरक्षा न्यूनता अवस्थाएं (उदाहरण [[आम भिन्न प्रतिरक्षा क्षति |सामान्य वेरीएबल प्रतिरक्षा कमी ]] ([[:en:common variable immunodeficiency|common variable immunodeficiency]]) और [[ IgA कमी|IgA कमी]] ([[:en:IgA deficiency|IgA deficiency]])) भी दुर्दमता के जोखिम के बढ़ने से सम्बन्धित है.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Mellemkjaer L, Hammarstrom L, Andersen V, ''et al'' |title=Cancer risk among patients with IgA deficiency or common variable immunodeficiency and their relatives: a combined Danish and Swedish study |journal=Clin. Exp. Immunol. |volume=130 |issue=3 |pages=495–500 |year=2002 |pmid=12452841|doi=10.1046/j.1365-2249.2002.02004.x}}
--></ref>

===आनुवंशिकता===
कैंसर के ज्यादातर रूप "स्पोरेडिक "हैं, और आनुवंशिकता में उनका कोई आधार नहीं है.तथापि, ऐसे कई ज्ञात कैंसर [[सिंड्रोम|सिंड्रोम]] ([[:en:syndrome|syndrome]]) हैं जो वंशानुगत घटक के साथ सम्बंधित हैं, अक्सर एक दोषपूर्ण ट्यूमर शमन [[एलील |एलील]] ([[:en:allele|allele]]).प्रसिद्ध उदाहरण हैं:
*''[[ बीआरसीए 1|बीआरसीए 1]] ([[:en:BRCA1|BRCA1]])'' और ''[[ फेफड़ों के कैंसर # गैर छोटे कोशिका फुफ्फुस कार्सिनोमा .28 NSCLC.29|बीआरसीए2]] ([[:en:Lung cancer#Non-small cell lung carcinoma .28NSCLC.29|BRCA2]])'' जीनों में निश्चित आनुवंशिक उत्परिवर्तन [[स्तन कैंसर|स्तन कैंसर]] ([[:en:breast cancer|breast cancer]]) और [[डिम्बग्रंथि कैंसर|डिम्बग्रंथि के कैंसर]] ([[:en:ovarian cancer|ovarian cancer]]) के जोखिम को बढाते हैं.
*[[बहुल अन्तः स्रावी नियोप्लाजिया |बहुल अन्तः स्रावी नियोप्लाजिया ]] ([[:en:multiple endocrine neoplasia|multiple endocrine neoplasia]])में भिन्न अन्तः स्रावी अंगों में ट्यूमर्स (एम ई एन प्रकार 1, 2a, 2b)
*[[ ली-Fraumeni सिंड्रोम|ली-Fraumeni सिंड्रोम]] ([[:en:Li-Fraumeni syndrome|Li-Fraumeni syndrome]]) (विभिन्न ट्यूमर जैसे [[ऑस्टियो सार्कोमा या अस्थि कैंसर |ऑस्टियो सार्कोमा]] ([[:en:osteosarcoma|osteosarcoma]]), स्तन कैंसर, [[ कोमल ऊतक सार्कोमा |कोमल ऊतक सार्कोमा ]] ([[:en:soft tissue sarcoma|soft tissue sarcoma]]), [[ब्रेन ट्यूमर|ब्रेन ट्यूमर]] ([[:en:brain tumor|brain tumor]])) [[ p53|p53]] ([[:en:p53|p53]])के उत्परिवर्तनों के कारण हैं.
*[[ Turcot सिंड्रोम|Turcot सिंड्रोम]] ([[:en:Turcot syndrome|Turcot syndrome]]) ([[ब्रेन ट्यूमर|ब्रेन ट्यूमर]] ([[:en:brain tumor|brain tumor]]) और वृहद् आंत्रीय पोली पोसिस )
*[[परिचित एडिनोमेटस पोली पोसिस |परिचित एडिनोमेटस पोली पोसिस ]] ([[:en:Familial adenomatous polyposis|Familial adenomatous polyposis]])''APC'' जीन में एक वंशागत उत्परिवर्तन जो [[बृहदान्त्र कार्सिनोमा|बृहदान्त्र कार्सिनोमा]] ([[:en:colon carcinoma|colon carcinoma]])की शुरुआत का कारण है.
*[[वंशानुगत नॉन पोलीपोसिस वृहद् आंत्र मलाशय कैंसर|वंशानुगत नॉन-पोलिपोसिस बड़ी आंत -मलाशय कैंसर]] ([[:en:Hereditary nonpolyposis colorectal cancer|Hereditary nonpolyposis colorectal cancer]])( लिंच सिंड्रोम के रूप में भी जाना जाता है ) इसमें [[पोलिप ( दवा )|बृहदान्त्र पोलिप्स]] ([[:en:Polyp (medicine)|colon polyps]])की प्रमुखता के बिना [[बड़ी आंत -मलाशय कैंसर|बड़ी आंत का कैंसर ]] ([[:en:Colorectal cancer|colon cancer]]), गर्भाशय का कैंसर, [[आमाशय का कैंसर|अमाशय का कैंसर]] ([[:en:gastric cancer|gastric cancer]]), और [[डिम्बग्रंथि कैंसर|डिम्बग्रंथि के कैंसर]] ([[:en:ovarian cancer|ovarian cancer]]), के परिचित मामले शामिल हो सकते हैं.
*[[रेटिनो ब्लास्टोमा|रेटिनो ब्लास्टोमा]] ([[:en:Retinoblastoma|Retinoblastoma]])जब छोटे बच्चों में होता है, तो यह रेटिनो ब्लास्टोमा जीन में वंशानुगत उत्परिवर्तन के कारण होता है.
*[[डाउन सिंड्रोम|डाउन सिंड्रोम]] ([[:en:Down syndrome|Down syndrome]]) रोगियों,जिनके पास एक अतिरिक्त [[गुणसूत्र 21|गुणसूत्र 21]] ([[:en:chromosome 21|chromosome 21]]) होता है, उनमें [[रक्त केंसर|रक्त केंसर]] ([[:en:leukemia|leukemia]])और [[शुक्र ग्रंथि कैंसर | शुक्र ग्रंथि कैंसर ]] ([[:en:testicular cancer|testicular cancer]])के मामले देखे गए हैं,यद्यपि इस कारण को ठीक प्रकार से समझा नहीं गया है.

===अन्य कारण===
कई गैर मानव कैंसर स्वयं ट्यूमर कोशिकाओं के कारण पाए गए हैं.यह घटना कुत्तों में [[ स्टिकर का सार्कोमा |स्टिकर सार्कोमा ]] ([[:en:Sticker's sarcoma|Sticker's sarcoma]])के रूप में देखी गई है, जो संक्रामक यौन ट्यूमर के रूप में जाना जाता है <ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Murgia C, Pritchard JK, Kim SY, Fassati A, Weiss RA |title=Clonal origin and evolution of a transmissible cancer |journal=Cell |volume=126 |issue=3 |pages=477–87 |year=2006 |pmid=16901782 |doi=10.1016/j.cell.2006.05.051}}
--></ref>, साथ ही [[Tasmanian Devil|तस्मानियन डेविल ]] ([[:en:Tasmanian Devil|Tasmanian devils]]) में [[डेविल चेहरे के ट्यूमर की बीमारी|डेविल चेहरे के ट्यूमर की बीमारी]] ([[:en:Devil facial tumour disease|Devil facial tumour disease]])मनुष्य में ऐसा नजदीकी तथ्य है वे लोग जिनमें अंग प्रत्यारोपण के अंदर छुपे ट्यूमर ने कैंसर का रूप ले लिया हो.

==रोग शरीर कार्यिकी ==
[[Image:Cancer requires multiple mutations from NIH.png|thumb|150px|right|कैंसर उत्परिवार्तनों की एक श्रृंखला के कारण होता है. प्रत्येक उत्परिवर्तन कोशिका के व्यवहार को किसी तरह से बदल देता है.]]

कैंसर मूलरूप में ऊतक विकास के विनियमन की एक बीमारी है.एक सामान्य कोशिका के कैंसर कोशिका में [[दुर्दम रूपांतरण|रूपांतरण]] ([[:en:malignant transformation|transform]]) के क्रम में, [[ जीन|जीन]] ([[:en:genes|genes]]) कोशिका वृद्धि को नियमित करता है, और विभेदन में परिवर्तन आ जाता है.आनुवंशिक परिवर्तन कई स्तरों पर हो सकते हैं, एक पूरे गुणसूत्र में उत्परिवर्तन [[ एकल न्युक्लियोटाईड बहुरूपता|एकल डीएनए न्युक्लिओटाइड ]] ([[:en:Single nucleotide polymorphism|single DNA nucleotide]])को प्रभावित करता है.जीन की दो व्यापक श्रेणियां हैं, जो इन परिवर्तनों से प्रभावित होती हैं.[[ओंको जीन|ओंको जीन ]] ([[:en:Oncogene|Oncogene]])सामान्य जीन हो सकते हैं, जो अनुपयुक्त रूप से उच्च स्तर पर प्रकट होते हैं, या परिवर्तित जीन जिनमें नोवल गुण होते हैं.किसी भी मामले में, इन जीनों की अभिव्यक्ति कैंसर की कोशिकाओं के घातक लक्षण प्रारूप के बढ़ावा देता है.[[गाँठ का शमन करने वाला जीन|ट्यूमर का शमन करने वाला जीन]] ([[:en:Tumor suppressor gene|Tumor suppressor gene]])वह जीन है जो कैंसर की कोशिकाओं के विभाजन, अस्तित्व, या अन्य गुणों को संदमित करता है.ट्यूमर का शमन करने वाला जीन अक्सर कैंसर के कारक आनुवंशिक परिवर्तन से अक्षम हो जाता है.आमतौर पर, कई जीनों में परिवर्तन सामान्य कोशिका को कैंसर कोशिका में रूपांतरित कर सकते हैं.

विभिन्न जीनोमिक परिवर्तन के लिए एक विविध वर्गीकरण योजना है, जो कैंसर कोशिकाओं के उत्पादन में योगदान कर सकती है. इनमें से अधिकांश परिवर्तन हैं [[उत्परिवर्तन |उत्परिवर्तन]] ([[:en:mutation|mutation]]) या जीनोमिक डीएनए के [[न्युक्लियोटाईड |न्युक्लियोटाइड ]] ([[:en:nucleotide|nucleotide]]) के अनुक्रम में परिवर्तन .[[एन्यूप्लोइडी |एन्यूप्लोइडी ]] ([[:en:Aneuploidy|Aneuploidy]])गुणसूत्रों की एक असामान्य संख्या की मौजूदगी एक जीनोमिक परिवर्तन है जो उत्परिवर्तन नहीं है, इसमें [[समसूत्री विभाजन|समसूत्री विभाजन ]] ([[:en:mitosis|mitosis]])में ग़लती के कारण एक पूर्ण [[गुणसूत्र|गुणसूत्र ]] ([[:en:chromosomes|chromosomes]])की क्षति हो सकती है या इनकी संख्या एक बढ़ सकती है.

बड़े पैमाने के उत्परिवर्तनो में एक गुणसूत्र के भाग की क्षति या इसका बढ़ जाना शामिल है.[[जीन प्रवर्धन|जीनोमिक प्रवर्धन]] ([[:en:Gene amplification|Genomic amplification]]) तब होता है जब एक कोशिका एक छोटे गुणसूत्री लोकस की कई प्रतिलिपियाँ (प्रायः 20 या अधिक) प्राप्त कर लेती है, सामान्यतया इसमें एक या अधिक ओंकोजीन होते हैं और आसन्न आनुवंशिक सामग्री होती है.[[गुणसूत्री स्थानीकरण | स्थानीकरण ]] ([[:en:Chromosomal translocation|Translocation]])जब दो अलग अलग गुणसूत्री क्षेत्र असामान्य रूप से एक विशिष्ट स्थान पर संगलित हो जाते हैं, तब ऐसा होता है.इसका एक जाना माना उदाहरण है [[ फिलाडेल्फिया गुणसूत्र|फिलाडेल्फिया गुणसूत्र]] ([[:en:Philadelphia chromosome|Philadelphia chromosome]])या गुणसूत्र 9 और 22 का स्थानीकरण, जो [[ पुराने मज्जा जनित रक्त केंसर |पुराने मज्जा जनित रक्त केंसर ]] ([[:en:chronic myelogenous leukemia|chronic myelogenous leukemia]])में होता है, इसके परिणामस्वरूप [[ बीसीआर जीन|बी सी आर ]] ([[:en:BCR gene|BCR]])-[[ Abl जीन|abl]] ([[:en:Abl gene|abl]]) [[संलयन प्रोटीन|संग्लन प्रोटीन ]] ([[:en:fusion protein|fusion protein]]), एक ओंकोजेनिक [[टायरोसिन काइनेज |टायरोसिन काइनेज ]] ([[:en:tyrosine kinase|tyrosine kinase]])का उत्पादन होता है.

छोटे पैमाने के उत्परिवार्तनों में शामिल हैं बिंदु उत्परिवर्तन, कमी या बढोतरी, जो एक जीन के [[ प्रोमोटर|प्रवर्तक]] ([[:en:promoter|promoter]]) में हो सकती है, यह इसकी [[ जीन अभिव्यक्ति|अभिव्यक्ति]] ([[:en:gene expression|expression]]) को प्रभावित करती है. या जीन के [[ कोडन अनुक्रम|अनुक्रम कोडन]] ([[:en:coding sequence|coding sequence]]) में हो सकती है और इसके [[प्रोटीन|प्रोटीन]] ([[:en:protein|protein]]) उत्पाद के स्थायित्व या क्रिया को रूपांतरित कर सकती है.एक जीन का विघटन एक [[डीएनए वायरस|डीएनए वायरस]] ([[:en:DNA virus|DNA virus]]) या [[रिट्रो विषाणु |रिट्रो विषाणु ]] ([[:en:retrovirus|retrovirus]])से [[प्रो-विषाणु |जीनोमिक सामग्री के एकीकरण]] ([[:en:provirus|integration of genomic material]]) के परिणामस्वरुप हो सकता है,और इसके परिणामस्वरूप प्रभावित कोशिका और उसके वंश में वायरल ओंकोजीन की अभिव्यक्ति हो सकती है.

===अधि-अनुवांशिकी ===
[[अधि-अनुवांशिकी |अधि-अनुवांशिकी ]] ([[:en:Epigenetic|Epigenetic]]) रसायनों और डीएनए संरचना में गैर-उत्वरिवर्तक परिवर्तनों के माध्यम से जीन अभिव्यक्ति के नियमन का अध्ययन है.कैंसर रोगजनन में [[अधि-अनुवांशिकी |अधि-अनुवांशिकी]] ([[:en:epigenetics|epigenetics]])का सिद्धांत है कि डीएनए संरचना में गैर-उत्वरिवर्तक परिवर्तन, जीन अभिव्यक्ति में परिवर्तन कर देते हैं.सामान्य रूप से, [[ओंको जीन|ओंकोजीन ]] ([[:en:oncogenes|oncogenes]])शांत रहते हैं, उदाहरण के लिए ऐसा [[डीएनए मेथिलिकरण|डीएनए मेथिलिकरण]] ([[:en:DNA methylation|DNA methylation]])के कारण होता है.इस मेथिलिकरण में क्षति [[ओंको जीन|ओंकोजीन ]] ([[:en:oncogenes|oncogenes]]) की अभिव्यक्ति को प्रेरित करती है, जो कैंसर रोगजनन का कारण है.अधि-अनुवांशिक परिवर्तन की ज्ञात प्रणाली में शामिल है [[डीएनए मेथिलिकरण|डीएनए मेथिलिकरण]] ([[:en:DNA methylation|DNA methylation]])या [[हिसटोन |हिसटोन]] ([[:en:histone|histone]])प्रोटीन का एसिटिलीकरण जो विशेष स्थितियों पर गुणसूत्री डी एन ए से जुदा है.
चिकित्सा के वर्ग जो [[एच डी ऐ सी संदमक |एच डी ऐ सी संदमक ]] ([[:en:HDAC inhibitors|HDAC inhibitors]])और [[डीएनए मिथाइल ट्रांसफरेज संदमक |डीएनए मिथाइल ट्रांसफरेज संदमक ]] ([[:en:DNA methyltransferase inhibitors|DNA methyltransferase inhibitors]])के रूप में जाने जाते हैं, कैंसर कोशिका में अधि-अनुवांशिक संकेतन को पुनः नियमित कर सकते हैं.

===ओंको जींस ===
[[ओंको जीन|ओंकोजीन ]] ([[:en:Oncogene|Oncogene]])कोशिका वृद्धि को कई प्रकार से बढ़ावा देता है.कई [[हार्मोन|हार्मोन]] ([[:en:hormone|hormone]]),कोशिकाओं के बीच एक "रासायनिक दूत", को उत्पन्न करते हैं जो [[समसूत्री विभाजन| समसूत्री विभाजन]] ([[:en:mitosis|mitosis]])को प्रेरित करता है, यह कोशिका या उतक के [[ संकेत पारगमन | संकेत पारगमन ]] ([[:en:signal transduction|signal transduction]])पर निर्भर करता है.

दूसरे शब्दों में, जब एक प्राप्तकर्ता कोशिका पर एक हार्मोन उत्तेजित होता है, संकेत कोशिका की सतह से [[कोशिका केन्द्रक|कोशिका के केन्द्रक ]] ([[:en:cell nucleus|cell nucleus]])को संवहित होता है, यह केन्द्रीय स्तर पर जीन प्रतिलेखन विनियमन में कुछ परिवर्तनों को प्रभावित करता है.कुछ ओंकोजीन ख़ुद संकेत पारगमन तंत्र का भाग होते हैं, या कोशिकाओं और ऊतकों में संकेत [[ग्राही (जीव रसायन)|ग्राही ]] ([[:en:receptor (biochemistry)|receptors]])का एक भाग होते हैं, इस प्रकार से ऐसे होर्मोनों की संवेदन शीलता को नियंत्रित करते हैं.ओंकोजीन अक्सर [[समसूत्र जन |समसूत्रजन ]] ([[:en:mitogen|mitogen]])उत्पन्न करते हैं,या [[प्रोटीन जैव-संश्लेषण |प्रोटीन संश्लेषण]] ([[:en:protein biosynthesis|protein synthesis]]) में डीएनए के [[प्रतिलेखन(आनुवंशिकी)|प्रतिलेखन]] ([[:en:transcription (genetics)|transcription]]) में संलग्न होते हैं, जो [[ प्रोटीन|प्रोटीन]] ([[:en:protein|protein]]) और [[जैव-उत्प्रेरक|एंजाइम]] ([[:en:enzyme|enzyme]])बनाता है, ये प्रोटीन और एंजाइम उत्पादों के उत्पादन के लिए उत्तरदायी हैं, [[जैवरसायनिकी|जैव-रासायनिक ]]कोशिकाएं इनका उपयोग करती हैं और इनके साथ अन्तर क्रिया करती हैं.

प्रोटो ओंकोजीन में उत्परिवर्तन, जो सामान्यतया [[ओंको जींस | ओंकोजीन ]] ([[:en:oncogenes|oncogenes]])के भाग हैं, अपनी [[जीन अभिव्यक्ति|अभिव्यक्ति]] ([[:en:gene expression|expression]]) और क्रिया को संशोधित कर सकते हैं, ये उत्पाद प्रोटीन की सक्रियता और मात्रा को बढाते हैं.जब ऐसा होता है, प्रोटो ओंकोजीन [[ओंको जीन| ओंकोजीन ]] ([[:en:oncogene|oncogene]]) बन जाता है, और यह संक्रमण कोशिका में [[कोशिका चक्र|कोशिका चक्र]] ([[:en:cell cycle|cell cycle]]) नियमन के सामान्य संतुलन को बिगाड़ देता है, तथा अनियंत्रित वृद्धि को संभव बनाता है.[[जीनोम|जीनोम]] ([[:en:genome|genome]]) से प्रोटो ओंकोजीन को हटा कर कैंसर कि संभावना को कम नहीं किया जा सकता है, चाहे ये सम्भव भी हो जाए तो ये जीव के विकास, मरम्मत और[[समस्थापन |समस्थापन ]] ([[:en:homeostasis|homeostasis]])के लिए जटिल होते हैं.ऐसा केवल तब होता है जब वे उत्परिवर्तित हो जाते हैं और वृद्धि के संकेत अत्यधिक हो जाते हैं.

कैंसर अनुसंधान में एक ऐसा [[ओंको जींस|ओंकोजीन ]] ([[:en:oncogenes|oncogenes]])है [[रास ओंको जीन |रास ओंकोजीन ]] ([[:en:ras oncogene|ras oncogene]]).[[प्रोटो ओंको जीन |प्रोटो ओंकोजीन]] ([[:en:proto-oncogene|proto-oncogene]])के रास परिवार में उत्परिवर्तन (एच -रास, एन -रास और के-रास) बहुत आम हैं, सभी मानव ट्यूमर में 20% से 30% तक पाए गए हैं.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal | author=Bos J | title=ras oncogenes in human cancer: a review. | journal=Cancer Res | volume=49 | issue=17 | pages=4682–9 | year=1989 | pmid=2547513}}
--></ref>रास मूल रूप से हार्वे सार्कोमा वायरस जीनोम में पहचाना गया, और शोधकर्ता हैरान रह गए कि ये जीन न केवल मानव के जीनोम, में उपस्थित था, बल्कि एक उत्तेजनाकारी नियंत्रण अवयव से जुड़े होने पर , कोशिका रेखा में कैंसर उत्पन्न कर सकता था.<ref name="pmid6283358"><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Chang EH, Furth ME, Scolnick EM, Lowy DR |title=Tumorigenic transformation of mammalian cells induced by a normal human gene homologous to the oncogene of Harvey murine sarcoma virus |journal=Nature |volume=297 |issue=5866 |pages=479–83 |year=1982 |pmid=6283358|doi=10.1038/297479a0}}
--></ref>

===गाँठ का शमन करने वाला जीन===
[[गाँठ का शमन करने वाला जीन|गाँठ का शमन करने वाला जीन]] ([[:en:Tumor suppressor gene|Tumor suppressor gene]])प्रचुरोद भवन विरोधी संकेतों के लिए कोड करता है और उस प्रोटीन का जो समसूत्री विभाजन और कोशिका वृद्धि का शमन कर देते हैं. सामान्यतः, ट्यूमर शामक [[प्रतिलेखन कारक |प्रतिलेखन कारक]] ([[:en:transcription factor|transcription factor]]) हैं जो कोशिकीय [[तनाव ( दवा )|तनाव]] ([[:en:stress (medicine)|stress]]) या डीएनए क्षति से सक्रिय होते हैं.अक्सर डीएनए क्षति के कारण मुक्त-उत्प्लावी आनुवंशिक पदार्थ की उपस्थिति और साथ ही अन्य लक्षण देखे जा सकते हैं, यह एंजाइमों और मार्ग को ट्रिगर करेगा, जो [[गाँठ का शमन करने वाला जीन|ट्यूमर शमन जीन]] ([[:en:tumor suppressor genes|tumor suppressor genes]]) के सक्रियण के लिए उत्तरदायी है.ऐसे जीनों का कार्य है डीएनए की मरम्मत के लिए कोशिका चक्र के आगे बढ़ने पर नियंत्रण, जो उत्परिवर्तन को पुत्री कोशिका तक स्थानांतरित होने से रोकता है.[[p53|p53]] ([[:en:p53|p53]]) प्रोटीन, ट्यूमर शमन जीनों में से एक है, जिस पर अध्ययन किया गया है, यह कई कोशिकीय तनावों के द्वारा सक्रीय एक प्रतिलेखन कारक है जिसमें [[Hypoxia (चिकित्सा)|हाइपोक्सिया ]] ([[:en:Hypoxia (medical)|hypoxia]])और [[पराबैंगनी|पराबैंगनी विकिरण]] क्षति शामिल है.

सभी कैंसरों में से लगभग आधे प्रकारों को छोड़ कर शेष में p53 रूपांतरण देखा जाता है, इसकी ट्यूमर शमन क्रिया को बुरी तरह से समझा गया है. p53 स्पष्ट दो काम करता है: एक प्रतिलेखन कारक के रूप में एक नाभिकीय भूमिका, और दूसरा कोशिका चक्र, कोशिका विभाजन , और apoptosis विनियमन में कोशिका द्रव्यी भूमिका.

[[ वारबर्ग परिकल्पना| वारबर्ग परिकल्पना]] ([[:en:Warburg hypothesis|Warburg hypothesis]])के अनुसार कैंसर की वृद्धि के लिए उर्जा हेतु ग्लाइकोलाइसिस का अधिमान्य प्रयोग होता है.p53 श्वसन से ग्लाइकोलाइटिक पथ को स्थानांतरण का नियमन करता है.<ref name="Mantoba-Warburg"><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal | author = Matoba S, Kang J, Patino W, Wragg A, Boehm M, Gavrilova O, Hurley P, Bunz F, Hwang P | title = p53 regulates mitochondrial respiration. | journal = Science | volume = 312 | issue = 5780 | pages = 1650–3 | year = 2006 | pmid = 16728594 | doi = 10.1126/science.1126863}}
--></ref>


हालांकि, एक उत्परिवर्तन, ख़ुद ट्यूमर शमन जीन को क्षति पहुँचा सकता है, या उस संकेत मार्ग को क्षति पहुँचा सकता है जो "इसे बंद करते" हुए सक्रिय कर देता है.इस का अचल परिणाम है कि डीएनए की मरम्मत बाधित या संदमित हो जाती है:मरम्मत रहित डीएनए क्षति निश्चित रूप कैंसर का कारण बनती है.

ट्यूमर शमन जीनों के उत्परिवर्तन [[जर्म लाइन |जर्म लाइन ]] ([[:en:germline|germline]])कोशिकाओं में होते हैं वे [[संतान |संतति ]] ([[:en:offspring|offspring]])में स्थानांतरित हो जाते हैं, और बाद की पीढ़ियों में कैंसर की संभावना को बढ़ा देते हैं.इन परिवारों में ऐसी घटनाओं में वृद्धि हुई है और बहुल ट्यूमर की विलंबता की कमी आई है.ट्यूमर के प्रकार हर प्रकार के ट्यूमर शमन जीनों के उत्परिवर्तन के लिए प्रारूपिक हैं, कुछ उत्परिवर्तन विशेष कैंसर उत्पन्न करते हैं, अन्य उत्परिवर्तन अन्य प्रकार के कैंसर उत्पन्न करते हैं.उत्परिवर्ती ट्यूमर शामक की वंशागति का प्रकार यह है कि एक प्रभावी सदस्य एक दोषपूर्ण प्रतिलिपि को एक जनक से और सामान्य प्रतिलिपि को दूसरे जनक से प्राप्त करता है.उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति जो एक उत्परिवर्ती ''[[p53| p53]] ([[:en:p53|p53]])''एलील को वंशागत रूप से प्राप्त करता है (और इसलिए उत्परिवर्तित '' p53'' के लिए [[विषम युग्मज |विषम युग्मज ]] ([[:en:heterozygote|heterozygous]])है )वह [[मेलानोमस |मेलानोमा ]] ([[:en:melanomas|melanomas]])और [[अग्नाशय का कैंसर|अग्नाशयी कैंसर ]] ([[:en:pancreatic cancer|pancreatic cancer]])विकसित कर सकता है जो [[ली-Fraumeni सिंड्रोम|Li-Fraumeni सिंड्रोम ]] ([[:en:Li-Fraumeni syndrome|Li-Fraumeni syndrome]]) कहलाते हैं.अन्य वंशागत ट्यूमर शमन जीन सिंड्रोम में शामिल है [[रेटिनो ब्लास्टोमा|रेटिनो ब्लास्टोमा]] ([[:en:retinoblastoma|retinoblastoma]]) से सम्बंधित ''[[रेटिनो ब्लास्टोमा प्रोटीन|आरबी]] ([[:en:Retinoblastoma protein|Rb]])'' उत्परिवर्तन और [[पारिवारिक एडिनोमेटस पोली पोसिस|अडिनोपोलीपोसिस बड़ी आंत के कैंसर से जुड़े]] ([[:en:Familial adenomatous polyposis|adenopolyposis colon cancer]])''[[पारिवारिक एडिनोमेटस पोली पोसिस #रोग विज्ञान कार्यिकी |APC]] ([[:en:Familial adenomatous polyposis#Pathophysiology|APC]])'' जीन उत्परिवर्तन.अडिनोपोलीपोसिस बड़ी आंत के कैंसर बचपन की अवस्था में बड़ी आंत में हजारों पोलिप से सम्बंधित हैं, अपेक्षाकृत कम उम्र में [[बड़ी आंत -मलाशय कैंसर|बड़ी आंत का कैंसर ]] ([[:en:Colorectal cancer|colon cancer]])उत्पन्न करते हैं.अंत में, ''[[बीआरसीए 1|बीआरसीए 1]] ([[:en:BRCA1|BRCA1]])'' और ''[[BRCA2|बीआरसीए2]] ([[:en:BRCA2|BRCA2]])''में वंशागत उत्परिवर्तन [[स्तन कैंसर|स्तन कैंसर]] ([[:en:breast cancer|breast cancer]]) की प्रारंभिक शुरुआत के लिए उत्तरदायी हैं.

1971 में यह प्रस्ताव दिया गया कि कैंसर का विकास कम से कम दो उत्परिवर्तन घटनाओं पर निर्भर करता है.यह [[अल्फ्रेड जीKnudson|Knudson]] ([[:en:Alfred G. Knudson|Knudson]]) [[Knudson परिकल्पना|द्वि-घात परिकल्पना]] ([[:en:Knudson hypothesis|two-hit hypothesis]])के रूप में विख्यात है, एक [[गाँठ का शमन करने वाला जीन|ट्यूमर शमन जीन ]] ([[:en:tumor suppressor gene|tumor suppressor gene]])में वंशागत जर्म लाइन उत्परिवर्तन केवल तभी कैंसर उत्पन्न करेगा जब जीव के जीवन में बाद में कोई अन्य उत्परिवर्तन घटित होता है, यह [[गाँठ का शमन करने वाला जीन|ट्यूमर शमन जीन]] ([[:en:tumor suppressor gene|tumor suppressor gene]])के अन्य [[एलील|एलील ]] ([[:en:allele|allele]])को निष्क्रिय कर देता है.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Knudson A |title=Mutation and cancer: statistical study of retinoblastoma |journal=[[PNAS|Proc Natl Acad Sci U S A]] |volume=68 |issue=4 |pages=820–3 |year=1971 |pmid=5279523 |doi=10.1073/pnas.68.4.820}}
--></ref>

आमतौर पर, ओंकोजीन [[प्रभावी जीन |प्रभावी ]] ([[:en:dominant gene|dominant]])होते हैं, क्योंकि उनमें [[क्रिया-का-लाभ उत्परिवर्तन |क्रिया-का-लाभ उत्परिवर्तन ]] ([[:en:gain-of-function mutation|gain-of-function mutation]])शामिल होता है, जबकि उत्परिवर्तित ट्यूमर शामक [[अप्रभावी जीन |अप्रभावी ]] ([[:en:recessive gene|recessive]])होता है, क्योंकि उनमें [[क्रिया-की-हानि उत्परिवर्तन|क्रिया-की-हानि ]] ([[:en:loss-of-function mutation|loss-of-function mutation]])उत्परिवर्तन शामिल होता है. हर कोशिका में समान जीन की दो प्रतिलिपियाँ होती हैं, प्रत्येक अभिभावक से एक प्रतिलिपि मिलती है, और अधिकांश मामलों के अंतर्गत एक विशेष प्रोटो-ओंकोजीन की केवल एक कोपी में क्रिया-का-लाभ उत्परिवर्तन उसे एक वास्तविक ओंकोजीन बनाने के लिए पर्याप्त होता है.दूसरी ओर,क्रिया-की-हानि उत्परिवर्तन का, ट्यूमर शमन जीन की दोनों प्रतिलिपियों में होना आवश्यक है ताकि जीन को पूरी तरह से क्रियाहीन बनाया जा सके. हालांकि, ऐसे मामले हैं जिनमें [[गाँठ का शमन करने वाला जीन|ट्यूमर शमन जीन]] ([[:en:tumor suppressor gene|tumor suppressor gene]]) की एक उत्परिवर्तित प्रतिलिपि अन्य [[ जंगली-प्रकार | जंगली-प्रकार ]] ([[:en:wild-type|wild-type]])प्रतिलिपि को क्रियाहीन बना देती है.यह घटना ''प्रभावी नकारात्मक प्रभाव'' कहलाती है और कई p53 उत्परिवार्तनों में देखी जाती है.

Knudson के द्वि घात मोडल को हाल ही में कई जांचकर्ताओं द्वारा चुनौती दी गई है.कुछ ट्यूमर शमन जीनों के एक एलील का निष्क्रियकरण ट्यूमर को उत्पन्न करने के लिए पर्याप्त है.यह घटना [[अगुणित अपर्याप्तता |अगुणित अपर्याप्तता ]] ([[:en:haploinsufficiency|haploinsufficiency]])कहलाती है और इसे कई प्रयोगात्मक दृष्टिकोणों के द्वारा प्रदर्शित किया गया है.[[अगुणित अपर्याप्तता |अगुणित अपर्याप्तता ]] ([[:en:haploinsufficiency|haploinsufficiency]]) से उत्पन्न हुए ट्यूमर की शुरुआत बाद में होती है जब इसकी तुलना एक द्वि घात प्रक्रिया से की जाती है.<ref name="Fodde-Haploinsufficiency"><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal | author = Fodde R, Smits R | title = Cancer biology. A matter of dosage. | journal = Science | volume = 298 | issue = 5594 | pages = 761–3 | year = 2002 | pmid = 12399571 | doi = 10.1126/science.1077707}}
--></ref>

===कैंसर कोशिका जीव विज्ञान===
[[Image:Cancer progression from NIH.png|thumb|250px|left|उतक को एक सतत स्पेक्ट्रम में सामान्य से लेकर कैंसर युक्त में संगठित किया जा सकता है.|right]]

अक्सर, बहुल आनुवंशिक परिवर्तन जिसका परिणाम कैंसर होता है, उसे संचित होने में कई साल लग ककते हैं. इस समय के दौरान, पूर्व दुर्दम कोशिकाओं का जैविक व्यवहार धीरे धीरे सामान्य कोशिका से बदल कर कैंसर कोशिका का हो जाता है.पूर्व घातक ऊतक में [[सूक्ष्मदर्शी यंत्र|सूक्ष्मदर्शी ]]में विभेदक गुण देखे जा सकते हैं.विशिष्ट लक्षणों में है विभाजित कोशिकाओं की बढ़ी हुई संख्या, [[कोशिका केन्द्रक|केन्द्रक ]] ([[:en:cell nucleus|nuclear]])के आकार और आकृति में भिन्नता, कोशिका के आकार और आकृति में भिन्नता, विशिष्टीकृत कोशिकाओं के गुणों में कमी, और सामान्य ऊतकों के संगठन की हानि.[[असामान्य उतक विकास|Dysplasia]] ([[:en:Dysplasia|Dysplasia]]) अतिरिक्त कोशिका प्रचुरोद भवन का एक असामान्य प्रकार है जो सामान्य उतक व्यवस्था तथा पूर्व दुर्दम कोशिकाओं में कोशिका संरंचना में हानि के द्वारा परिलक्षित होता है.ये प्रारंभी नियोप्लास्तिक परिवर्तन हाइपर प्लाजिया से विभेदित किए जा सकते हैं, एक बहरी उद्दीपन के कारण कोशिका विभाजन में एक उत्परिवर्ती वृद्धि,जैसे होर्मोनी असंतुलन या पुरानी जलन .

Dysplasia के सबसे गंभीर मामलों को [[कार्सिनोमा स्वस्थानी|स्वस्थानी कार्सिनोमा]] ([[:en:carcinoma in situ|carcinoma in situ]])कहा जाता है.लैटिन में, "in situ"शब्द का अर्थ है "जगह में", अतः कार्सिनोमा स्वस्थानी शब्द का उपयोग कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के लिए किया जाता है जो अपनी मूल स्थति में रहती हैं और अन्य उतकों में आक्रमण प्रर्दशित नहीं करती हैं.फिर भी,कार्सिनोमा स्वस्थानी एक अक्रमाक दुर्दामता में विकसित हो सकता है और यदि सम्भव हो तो इसे शल्य क्रिया के द्वारा निकाला जाता है.

====क्लोनी विकास ====
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{{main | Somatic evolution in cancer}}
-->
वह प्रक्रिया जिसके द्वारा सामान्य उतक दुर्दम बन जाता है, वह प्रक्रिया है शरीर के भीतर [[कैंसर में कायिक विकास|कायिक विकास ]] ([[:en:Somatic evolution in cancer | somatic evolution]])<ref>Nowell पीसी: ट्यूमर कोशिका आबादियों का क्लोनी विकास विज्ञान 1976, 194 (4260) :23-28.</ref>.जैविक [[विकास |विकास ]] ([[:en:evolution|evolution]])के मिलियन वर्ष ये सुनिश्चित करते हैं कि कोशिकीय उपापचयी परिवर्तन जो कैंसर के विकास में सहायक हैं वे कभी कभी ही उत्पन्न होते हैं. कोशिकीय उपापचय में अधिकांश परिवर्तन जो कोशिका में अनियमित विभाजन का कारण हैं, वे कोशिका मृत्यु का कारण हो सकते हैं. कैंसर कोशिकाये [[प्राकृतिक वरण|प्राकृतिक वरन]] ([[:en:natural selection|natural selection]]),की एक प्रक्रिया से गुजरती हैं, नए आनुवंशिक परिवर्तनों से युक्त कुछ कोशिकाएं अपने जीवन या प्रजनन को बढ़ावा देती हैं, इसके लिए गुणन करती हैं,और जल्दी ही बढ़ते हुए ट्यूमर पर प्रभावी हो जाती हैं, क्योंकि कम अनुकूल आनुवंशिक परिवर्तनों से युक्त कोशिकाएं प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जाती हैं.<ref>Merlo LM, Pepper JW, Reid BJ, Maley CC:कैंसर एक विकासवादी और पारिस्थितिक प्रक्रिया के रूप में.Nat Rev कैंसर 2006, 6(12):924-935.</ref>इस प्रक्रिया को [[कैंसर में कायिक विकास|क्लोनी विकास ]] ([[:en:Somatic evolution in cancer | clonal evolution]])कहते हैं.ट्यूमर अक्सर कीमोथेरपी उपचार की प्रतिक्रिया में विकसित होते रहते हैं और मौका मिलने पर ये कोशिकाएं किसी विशेष कैंसर रोधी दवा के लिए [[कैंसर _में_कायिक_विकास #थेरेपी_प्रतिरोध_में_कायिक_विकास.| प्रतिरोध का अधिग्रहण]] ([[:en:Somatic_evolution_in_cancer#Somatic_evolution_in_therapeutic_resistance | acquire resistance]]) कर सकती हैं.

====कैंसर कोशिकाओं के जैविक गुण====
2000 में Hanahan और [[ रॉबर्ट वीनबर्ग |Weinberg]] ([[:en:Robert Weinberg|Weinberg]]) के एक अनुच्छेद में दुर्दम ट्यूमर कोशिकाओं के जैविक गुणों को निम्नानुसार संक्षेप में बताया गया है:<ref name="pmid10647931"><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Hanahan D, Weinberg RA |title=The hallmarks of cancer |journal=Cell |volume=100 |issue=1 |pages=57–70 |year=2000 |pmid=10647931|doi=10.1016/S0092-8674(00)81683-9}}
--></ref>
*[[ वृद्धि कारक|वृद्धि के संकेतों]] ([[:en:growth factor|growth signals]])में स्वयं-प्रचुरता का अधिग्रहण, अनियंत्रित विकास को बढ़ावा देता है.
*वृद्धि विरोधी संकेतों की संवेदनशीलता में क्षति, भी अनियंत्रित विकास का कारण होती है.
*[[apoptosis|apoptosis]] ([[:en:apoptosis|apoptosis]]) के लिए क्षमता में कमी, आनुवंशिक त्रुटियों और बाह्य वृद्धि विरोधी संकेतों के बावजूद, वृद्धि को बढ़ावा देती है.
*[[वृद्ध होना |जरावस्था ]] ([[:en:senescence|senescence]])के लिए क्षमता में कमी, असीमित प्रतिकृति क्षमता को बढ़ावा देती है.(अमरत्व)
*निरंतर[[एन्जियोजिनेसिस|एन्जियोजिनेसिस]] ([[:en:angiogenesis|angiogenesis]])का अधिग्रहण, निष्क्रिय पोषक प्रसार की सीमाओं से परे ट्यूमर की वृद्धि को बढ़ावा देता है.
*पड़ोसी [[जैव उतक |ऊतकों]] ([[:en:biological tissue|tissues]]) पर आक्रमण करने की क्षमता का अधिग्रहण,आक्रामक कार्सिनोमा का परिभाषित गुण है.
*[[मेटास्टेसिस|मेटास्टेसिस]] ([[:en:metastasis|metastases]])के निर्माण की क्षमता का अधिग्रहण,घातक ट्यूमर का मुख्य लक्षण है (कार्सिनोमा या अन्य).

इन बहुल पदों का पूरा होना निम्न के बिना एक बहुत ही दुर्लभ घटना होगी:
*आनुवंशिक त्रुटियों की मरम्मत के लिए क्षमता में कमी, [[उत्परिवर्तन|उत्परिवर्तन]] ([[:en:mutation|mutation]]) दर (जीनोमिक अस्थिरता) को बढाती है, इस प्रकार से सभी अन्य परिवर्तनों को त्वरित करती है.

ये जैविक परिवर्तन [[कार्सिनोमा|कार्सिनोमा]] ([[:en:carcinoma|carcinoma]]) में मुख्य हैं; अन्य घातक ट्यूमर को उन सब की प्राप्ति के लिए सभी की जरुरत नहीं हो सकती है.उदाहरण के लिए, ऊतक आक्रमण और दूर के स्थानों पर विस्थापन [[ल्यूकोसाइट्स |ल्यूकोसाइट्स ]] ([[:en:leukocytes|leukocytes]])का सामान्य गुण है; ये पद [[रक्त केंसर| रक्त केंसर]] ([[:en:Leukemia|Leukemia]])के विकास के लिए आवश्यक नहीं हैं.विभिन्न पद जरुरी रूप से व्यक्तिगत उत्परिवार्तनों का प्रतिनिधित्व नहीं करते.उदाहरण के लिए, एक जीन का निष्क्रियकरण, [[p53|P53]] ([[:en:P53|P53]]) प्रोटीन के लिए कोडन, जीनोमिक अस्थिरता, apoptosis, और एन्जियोजिनेसिस में वृद्धि का कारण होंगे.

==रोकथाम ==
कैंसर की रोकथाम को,कैंसर की घटनाओं में कमी करने के लिए सक्रिय उपायों के रूप में परिभाषित किया जाता है.ऐसा [[कार्सिनोजन|कर्सिनोजन ]] ([[:en:carcinogen|carcinogen]])से बच कर, या उनके [[उपापचय |उपापचय ]] ([[:en:metabolism|metabolism]]) में परिवर्तन कर के किया जा सकता है,ऐसी जीवन शैली या आहार का उपयोग करना जो कैंसर-कारी कारकों और/या चिकित्सा हस्तक्षेप ([[रसायनों के द्वारा रोकथाम |रासायनिक रोकथाम ]] ([[:en:chemoprevention|chemoprevention]]) ,पूर्व दुर्दम घावों का उपचार)में संशोधन करे, भी उपयोगी होगा. "रोकथाम" की [[महामारी विज्ञान|महामारी विज्ञान]] ([[:en:epidemiology|epidemiological]])अवधारणा को सामान्यतया या तो उन लोगों के लिए [[प्राथमिक रोकथाम |प्राथमिक रोकथाम ]] ([[:en:primary prevention|primary prevention]]) के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिनमें किसी विशेष रोग का निदान नहीं किया गया है ,या [[द्वितीयक रोकथाम |द्वितीयक रोकथाम ]] ([[:en:secondary prevention|secondary prevention]]) के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो पहले से निदान किए गए रोग की जटिलताओं को कम करता है.

[[पर्यवेक्षणीय अध्ययन|पर्यवेक्षणीय महामारी विज्ञान अध्ययन]] ([[:en:Observational study|Observational epidemiological studies]])जो जोखिम कारकों और विशिष्ट कैंसरों के बीच सम्बन्ध दर्शाते हैं ज्यादातर संभावित उपायों के बारे में परिकल्पना उत्पन्न करने के लिए कार्य करते हैं यह कैंसर की घटना को या [[अस्वस्थता|रुग्णता]] ([[:en:morbidity|morbidity]]) को कम कर सकता है.[[याद्रिच्छिक नियंत्रित परीक्षण |याद्रिच्छिक नियंत्रित परीक्षण ]] ([[:en:Randomized controlled trial|Randomized controlled trial]])अब परिक्षण करते हैं कि महामारी विज्ञान परिक्षण के द्वारा उत्पन्न परिकल्पना और प्रयोगशाला अनुसंधान वास्तव में कैंसर और मृत्यु दर में कमी लाते हैं.कई मामलों में पर्यवेक्षणीय [[महामारी विज्ञान|महामारी विज्ञान ]] ([[:en:epidemiological|epidemiological]])अध्ययन याद्रिच्छिक नियंत्रित परीक्षण के द्वारा पुष्ट नहीं होते हैं.

दुनिया भर में बारह सबसे आम कैंसर के प्रकारों में लगभग एक तिहाई का कारण हैं, संभावित रूप से रूपांतरण योग्य नौ जोखिम कारक. कैंसर युक्त ऐसे पुरुषों की संख्या महिलाओं से दो गुनी है जिनमें रोग के लिए रूपांतरण योग्य जोखिम कारक पाया जाता है.नौ जोखिम कारक हैं [[तम्बाकू धूम्रपान|तम्बाकू धूम्रपान]] ([[:en:tobacco smoking|tobacco smoking]]), [[ मादक पेय|अत्यधिक शराब का उपयोग]] ([[:en:alcoholic beverage|alcohol]]),आहार में [[फल|फल ]]और [[सब्जियाँ|सब्जियों ]] ([[:en:vegetables|vegetables]])की कमी, सीमित [[शारीरिक व्यायाम|शारीरिक व्यायाम]] ([[:en:physical exercise|physical exercise]]), [[मानव पेपीलोमा वाइरस|मानव पेपिलोमा वायरस ]] ([[:en:human papillomavirus|human papillomavirus]])संक्रमण (असुरक्षित यौन संबंध), शहरी [[वायु प्रदूषण|वायु प्रदूषण]] ([[:en:air pollution|air pollution]]), ठोस ईंधन का घरेलू उपयोग, और संदूषित इंजेक्शन (हैपेटाइटिस बी और सी) .<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Danaei G, Vander Hoorn S, Lopez AD, Murray CJ, Ezzati M |title=Causes of cancer in the world: comparative risk assessment of nine behavioural and environmental risk factors |journal=Lancet |volume=366 |issue=9499 |pages=1784–93 |year=2005 |pmid=16298215 |doi=10.1016/S0140-6736(05)67725-2| url=http://www.thelancet.com/journals/lancet/article/PIIS0140673605677252/fulltext}}
--></ref>

===परिवर्तनीय ( "जीवन शैली" ") जोखिम कारक===
परिवर्तनीय कैंसर जोखिम कारक के उदाहरण हैं [[शराब|शराब ]]का सेवन (मुख, स्तन, ग्रसनी, और अन्य कैंसरों के जोखिम के बढ़ने से सम्बंधित), धूम्रपान (हालांकि फेफड़ों के कैंसर से युक्त 20% महिलाओं ने 10% पुरुषों की तुलना में धूम्रपान कभी नहीं किया है,<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite web | title= Lung Cancer in American Women: Facts | url=http://www.nationallungcancerpartnership.org/page.cfm?l=factsWomen | accessdate=2007-01-19 }}
--></ref>) , शारीरिक निष्क्रियता ( बृहदान्त्र, स्तन और संभवतः अन्य कैंसर के जोखिम के बढ़ने से सम्बंधित),[[मेदुरता|भार अधिक ]]होना (बृहदान्त्र, स्तन, अन्तर गर्भाशय कला , और संभवतः अन्य कैंसर से सम्बंधित ) महामारी विज्ञान साक्ष्य के आधार पर, अब यह सोचा जाता है कि शराब का बहुत अधिक सेवन विशेष प्रकार के कैंसरों के जोखिम को कम करने में योगदान देता है; हालाँकि तंबाकू की तुलना में, प्रभाव की मात्रा बहुत कम है और प्रमाण की शक्ति कमजोर है.कैंसर के खतरे को प्रभावित करने वाले अन्य ज्ञात जीवन शैली और पर्यावरणीय कारक हैं (लाभकारी या हानिकारी )कुछ यौन संचारित रोग, बहिर्जनित होर्मोनों का उपयोग, [[आयनीकरण विकिरण|आयनिक विकिरण ]] ([[:en:ionizing radiation|ionizing radiation]]) और [[पराबैंगनी|पराबैंगनी]] विकिरण के संपर्क में आना , कुछ व्यावसायिक और रासायनिक प्रभाव.

हर वर्ष कम से कम 200000 लोग विश्वभर में उनके कार्यस्थल से सम्बन्धित कैंसर के कारण मर जाते हैं.<ref name=WHO_occup><!--Translate this template and uncomment
{{cite press release |title=WHO calls for prevention of cancer through healthy workplaces |publisher=World Health Organization |date=2007-04-27 |url=http://www.who.int/mediacentre/news/notes/2007/np19/en/index.html |accessdate=2007-10-13}}
--> </ref>कई मिलियन श्रमिक एस्बेस्टोस फाइबर और तंबाकू के धुएँ, को अन्दर लेने के कारण [[फेफड़ों का कैंसर|फेफड़ों का कैंसर]] ([[:en:lung cancer|lung cancer]]) और [[मीसोथेलीओमा|मिजोथेलीओमा ]] ([[:en:mesothelioma|mesothelioma]]) के शिकार हो जाते हैं, या उनके कार्यस्थल पर [[बेंजीन|बेंजीन]] ([[:en:benzene|benzene]]) के संपर्क में आने पर [[रक्त केंसर|रक्त कैंसर]] ([[:en:leukemia|leukemia]]) के शिकार हो जाते हैं.<ref name=WHO_occup/>वर्तमान में, विकसित देशों में व्यावसायिक जोखिम वाले कारक अधिकांश कैंसर मृत्यु का कारण हैं.<ref name=WHO_occup/>ऐसा अनुमान लगाया गया है कि अमेरिका में हर साल कैंसर से लगभग 20000 मोतें कैंसर के कारण होती हैं और कैंसर के 40000 नए मामले सामने आते हैंजो व्यवसाय से सम्बंधित होते हैं.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite web|url=http://www.cdc.gov/niosh/topics/cancer/|title=National Institute for Occupational Safety and Health- Occupational Cancer |accessdate=2007-10-13|publisher=United States National Institute for Occupational Safety and Health}}
--></ref>

इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए देखें [[शराब और कैंसर|शराब और कैंसर]] ([[:en:alcohol and cancer|alcohol and cancer]]).

===आहार===

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{{main|Diet and cancer}}
-->

आहार और कैंसर पर आम सहमति है कि [[मेदुरता|मोटापा]] कैंसर के खतरे को बढ़ाता है.
भिन्न देशों में आहार की भिन्न प्रथाएं अक्सर कैंसर की घटनाओं में अन्तर को स्पष्ट करती हैं, (उदाहरण [[आमाशय का कैंसर|आमाशय का कैंसर]] ([[:en:gastric cancer|gastric cancer]]) [[जापान|जापान]] में आम है , जबकि [[बड़ी आंत -मलाशय कैंसर| बड़ी आँत का कैंसर ]] ([[:en:Colorectal cancer|colon cancer]])संयुक्त राज्य अमेरिका में आम है ).अध्ययन से पता चलता है कि आप्रवासी, अक्सर एक पीढी के अन्दर, अपने नए देश का जोखिम विकसित कर लेते हैं, यह आहार और कैंसर के बीच मुख्य सम्बन्ध स्थापित करता है.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Buell P, Dunn JE |title=Cancer mortality among Japanese Issei and Nisei of California |journal=Cancer |volume=18 |issue= |pages=656–64 |year=1965 |pmid=14278899|doi=10.1002/1097-0142(196505)18:5<656::AID-CNCR2820180515>3.0.CO;2-3}}
--></ref>एक जनसंख्या में मोटापे के कम होने से कैंसर का कम होना अज्ञात है.

विशेष पदार्थ (भोजन सहित )जिन्हें कैंसर जोखिम पर प्रभावी माना जाता है, उन पर रिपोर्ट्स जरी होती रहती हैं, इनमें से बहुत कम का कैंसर से सम्बन्ध स्थापित हुआ है. ये रिपोर्ट्स अक्सर संवर्धित सेल मीडिया या जानवरों में अध्ययन पर आधारित होती हैं.सार्वजनिक स्वास्थ्य सिफारिशों को इन अध्ययनों के आधार पर नहीं बनाया जा सकता है, जब तक वे मानव में परीक्षण (या कभी कभी एक अवलोकन interventional) में सही साबित न हो जायें.

प्राथमिक कैंसर के खतरे को कम करने के लिए प्रस्तावित पथ्य हस्तक्षेप सामान्यतया महामारी विज्ञान संघ के अध्ययन से सहारा प्राप्त करते हैं.इस तरह के अध्ययन के उदाहरण हैं, रिपोर्टें जो बताती हैं कि मांस की खपत का कम होना बड़ी आंत के कैंसर के जोखिम के कम होने से सम्बंधित है.<ref name="pmid9663397"><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Slattery ML, Boucher KM, Caan BJ, Potter JD, Ma KN |title=Eating patterns and risk of colon cancer |journal=Am. J. Epidemiol. |volume=148 |issue=1 |pages=4&ndash;16 |year=1998 |pmid=9663397 |doi=}}
--></ref>
और वे रिपोर्टें जो बताती हैं कि कॉफी का सेवन यकृत कैंसर के जोखिम को कम करता है.<ref name="pmid17484871"><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Larsson SC, Wolk A |title=Coffee consumption and risk of liver cancer: a meta-analysis |journal=Gastroenterology |volume=132 |issue=5 |pages=1740–5 |year=2007 |pmid=17484871 |doi=10.1053/j.gastro.2007.03.044}}
--></ref>अध्ययन बताते हैं कि ग्रिल किए हुए मांस का सेवन करने से [[आमाशय का कैंसर |आमाशय कैंसर ]] ([[:en:stomach cancer|stomach cancer]]), <ref name="pmid9096659"><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Ward MH, Sinha R, Heineman EF, ''et al'' |title=Risk of adenocarcinoma of the stomach and esophagus with meat cooking method and doneness preference |journal=Int. J. Cancer |volume=71 |issue=1 |pages=14&ndash;9 |year=1997 |pmid=9096659|doi=10.1002/(SICI)1097-0215(19970328)71:1<14::AID-IJC4>3.0.CO;2-6}}
--></ref>[[बड़ी आंत -मलाशय कैंसर|बड़ी आंत का कैंसर ]] ([[:en:Colorectal cancer|colon cancer]]),<ref name="pmid16140978"><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Sinha R, Peters U, Cross AJ, ''et al'' |title=Meat, meat cooking methods and preservation, and risk for colorectal adenoma |journal=Cancer Res. |volume=65 |issue=17 |pages=8034–41 |year=2005 |pmid=16140978 |doi=10.1158/0008-5472.CAN-04-3429 |doi_brokendate=2008-06-26}}
--></ref>[[स्तन कैंसर|स्तन कैंसर ]] ([[:en:breast cancer|breast cancer]]),<ref name="pmid17435448"><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Steck SE, Gaudet MM, Eng SM, ''et al'' |title=Cooked meat and risk of breast cancer--lifetime versus recent dietary intake |journal=Epidemiology (Cambridge, Mass.) |volume=18 |issue=3 |pages=373–82 |year=2007 |pmid=17435448 |doi=10.1097/01.ede.0000259968.11151.06}}
--></ref>और [[अग्नाशय का कैंसर|अग्नाशय का कैंसर]] ([[:en:pancreatic cancer|pancreatic cancer]]),<ref name="pmid16172241"><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Anderson KE, Kadlubar FF, Kulldorff M, ''et al'' |title=Dietary intake of heterocyclic amines and benzo(a)pyrene: associations with pancreatic cancer |journal=Cancer Epidemiol. Biomarkers Prev. |volume=14 |issue=9 |pages=2261–5 |year=2005 |pmid=16172241 |doi=10.1158/1055-9965.EPI-04-0514}}
--></ref>का जोखिम बढ़ जाता है, इसके लिए ऐसा माना जाता है कि यह उच्च तापमान पर पकाये गए भोजन में कर्सिनोजन जैसे [[बेन्जोपायरीन |बेन्जोपायरीन ]] ([[:en:benzopyrene|benzopyrene]])की उपस्थिति के कारण होत है.

एक 2005 [[द्वितीयक रोकथाम|द्वितीयक रोकथाम]] ([[:en:secondary prevention|secondary prevention]])अध्ययन दर्शाते हैं कि जीवन शैली में परिवर्तन और पोधों पर आधारित आहार के सेवन से उन पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर में कमी आई जो उस समय पर किसी परंपरागत उपचार का उपयोग नहीं कर रहे थे.<ref name="Ornish"><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal | author = Ornish D et al. | title = Intensive lifestyle changes may affect the progression of prostate cancer | journal = The Journal of Urology | volume = 174 | issue = 3 | pages = 1065–9; discussion 1069–70 | year = 2005 | pmid = 16094059 | doi = 10.1097/01.ju.0000169487.49018.73}}
--></ref>
इन परिणामों को 2006 के अध्ययन से अधिक महत्त्व मिला जिसमें 2400 से अधिक महिलाओं पर अध्ययन किया गया, इस दोरान इनमें से आधी महिलाओं को सामान्य आहार पर रखा गया, और शेष को ऐसा आहार दिया गया जिसमें वसा की कैलोरी 20% से कम हो.दिसम्बर, 2006 के अंतरिम रिपोर्ट में बताया गया कि कम वसा आहार पर रखी गई महिलाओं में स्तन कैंसर पुनरावृत्ति की मात्र कम थी.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Chlebowski RT, Blackburn GL, Thomson CA, ''et al'' |title=Dietary fat reduction and breast cancer outcome: interim efficacy results from the Women's Intervention Nutrition Study |journal=J. Natl. Cancer Inst. |volume=98 |issue=24 |pages=1767–76 |year=2006 |pmid=17179478 |doi=10.1093/jnci/djj494}}
--></ref>

हाल ही के अध्ययन ने कैंसर के कुछ रूपों और परिष्कृत शर्करा तथा अन्य सरल कार्बोहाइड्रेट के उच्च उपभोग के बीच संभावित सम्बन्ध का प्रदर्शन किया है.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Romieu I, Lazcano-Ponce E, Sanchez-Zamorano LM, Willett W, Hernandez-Avila M |title=Carbohydrates and the risk of breast cancer among Mexican women |journal=Cancer Epidemiol. Biomarkers Prev. |volume=13 |issue=8 |pages=1283–9 |year=2004 |month=August |pmid=15298947 |url=http://cebp.aacrjournals.org/cgi/content/full/13/8/1283}}
--></ref><ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal | author= Francesca Bravi, Cristina Bosetti, Lorenza Scotti, Renato Talamini, Maurizio Montella, Valerio Ramazzotti, Eva Negri, Silvia Franceschi, and Carlo La Vecchia | title=Food Groups and Renal Cell Carcinoma: A Case-Control Study from Italy | journal=International Journal of Cancer | year=2006 | month=October | volume=355:1991-2002 | url=http://www3.interscience.wiley.com/cgi-bin/abstract/113412400/ABSTRACT | doi=10.1002/ijc.22225). | doi_brokendate=2008-06-26}}
--></ref><ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal | author= Sun Ha Jee, PhD, MHS; Heechoul Ohrr, MD, PhD; Jae Woong Sull, PhD, MHS; Ji Eun Yun, MPH; Min Ji, MPH; Jonathan M. Samet, MD, MS | title= Fasting Serum Glucose Level and Cancer Risk in Korean Men and Women | journal= Journal of the American Medical Association | volume = 293 No. 2 | doi= 10.1001/jama.293.2.194 | year= 2005 | pages= 194 | pmid= 15644546}}
--></ref><ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal | author= Dominique S. Michaud, Simin Liu, Edward Giovannucci, Walter C. Willett, Graham A. Colditz, Charles S. Fuchs | title= Dietary Sugar, Glycemic Load, and Pancreatic Cancer Risk in a Prospective Study | journal= Journal of the National Cancer Institute | volume= 94, Num 17| url=http://jnci.oxfordjournals.org/cgi/content/abstract/94/17/1293 | pmid= 12208894 | doi= 10.1093/jnci/94.17.1293 | year= 2002 | pages= 1293}}
--></ref><ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal | author= Vasundara Venkateswaran, Ahmed Q. Haddad, Neil E. Fleshner, Rong Fan, Linda M. Sugar, Rob Nam, Laurence H. Klotz, Michael Pollak| title=Association of Diet-Induced Hyperinsulinemia With Accelerated Growth of Prostate Cancer (LNCaP) Xenografts | volume= 99, Num 23 |url=http://jnci.oxfordjournals.org/cgi/content/short/99/23/1793| pmid=18042933| doi=10.1093/jnci/djm231| year=2007| journal=JNCI Journal of the National Cancer Institute| pages=1793}}
--></ref>यद्यपि सम्बन्ध के अंश और आपात के अंश अभी भी चर्चा का विषय हैं,<ref>Friebe, रिचर्ड: ''[http://www.time.com/time/health/article/0,8599,1662484,00.html क्या एक उच्च वसा युक्त आहार कैंसर को मात दे सकता है?]'', टाइम पत्रिका, Sep.17, 2007</ref><ref>Hitti, Miranda: ''[http://www.webmd.com/cancer/news/20070227/high-blood-sugar-linked-cancer-risk उच्च रक्त शर्करा से जुड़े कैंसर के जोखिम]'', [http://www.webmd.com WebMD], फ़रवरी 22, 2008 </ref><ref>Moynihan, Timothy:''[http://www.mayoclinic.com/health/cancer-causes/CA00085 कैंसर के कारण:कैंसर के कारणों के बारे में लोकप्रिय मिथक ]'', MayoClinic.com, 22 Feb 2008 पुनः प्राप्त</ref> कुछ संगठनों ने कैंसर की रोकथाम के लिए परिष्कृत शर्करा और स्टार्च का सेवन कम करने की सिफारिश करना शुरू कर दिया है. <ref>''[http://www.aicr.org/site/PageServer?pagename=dc_recs_03_avoid_sugary_drinks मीठे पेय से बचें. अधिक ऊर्जा युक्त खाद्य पदार्थों का सीमित उपभोग ]'', अमेरिकन इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च , 20 Feb 2008 पुनः प्राप्त</ref><ref>''[http://www.apha.org/publications/tnh/archives/2005/02-05/WebExclusive/287.htm उच्च शर्करा के स्तर कैंसर और मृत्यु दर के जोखिम को बढ़ते हैं ]'', देश का स्वास्थ्य: अमेरिकन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन, के सरकारी समाचार पत्र, फरवरी 2005</ref><ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Kushi LH, Byers T, Doyle C, ''et al'' |title=American Cancer Society Guidelines on Nutrition and Physical Activity for cancer prevention: reducing the risk of cancer with healthy food choices and physical activity |journal=CA Cancer J Clin |volume=56 |issue=5 |pages=254–81; quiz 313–4 |year=2006 |pmid=17005596 |doi=10.3322/canjclin.56.5.254 |url=http://caonline.amcancersoc.org/cgi/content/full/56/5/254 |doi_brokendate=2008-06-26}}
--></ref><ref>Dummert, आयलैंड आरडी, CD: ''[http://www.thedietchannel.com/Cancer-and-Diet-Does-Sugar-Feed-Cancer.htm क्या शर्करा कैंसर को बढ़ावा देती है?]'', आहार चैनल, अक्टूबर 25, 2006</ref>

इस WCRF / AICR विशेषज्ञ रिपोर्ट,''खाद्य, पोषण, शारीरिक गतिविधि और कैंसर की रोकथाम: एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य ''सलाह देता है कि(1)वजन बढ़ाने वाले खाद्य और पेय का सेवन कम किया जाए नामतः उच्च ऊर्जा युक्त भोजन और शर्करा युक्त पेय, (2)मुख्यतः पादप उत्पत्ति के पदार्थों का सेवन किया जाए, (3)लाल मांस का सेवन सीमित किया जाए और प्रसंस्कृत मांस का सेवन नहीं किया जाए,(4) मादक पेय पदार्थों का सेवन सीमित किया जाए, और (5) नमक के सेवन को कम किया जाए तथा फफूंदी लगे हुए अनाज (अनाज) या दालों (लेग्यूम्स )का सेवन नहीं किया जाए.<ref>भोजन, पोषण, शारीरिक गतिविधि, और कैंसर की रोकथाम: एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य.[http://www.dietandcancerreport.org/downloads/chapters/chapter_12.pdf अध्याय 12] विश्व कैंसर रिसर्च कोष (2007).ISBN 978-0-9722522-2-5.</ref>

===विटामिन===
विटामिन की कमी से होने वाले मानव रोगों से सम्बंधित प्रारंभिक प्रेक्षणों के आधार पर बताया गया है कि कैंसर को विटामिन संपूरक आहार से रोका जा सकता है,जैसे [[ प्राणाशी अरक्तता|प्राणाशी अरक्तता]] ([[:en:pernicious anemia|pernicious anemia]])जो [[विटामिन B12|विटामिन B12]] ([[:en:vitamin B12|vitamin B12]]) की कमी से होता है और [[स्कर्वी |स्कर्वी ]] ([[:en:scurvy|scurvy]])जो [[विटामिन सी|विटामिन सी]] ([[:en:Vitamin C|Vitamin C]]) की कमी से होता है.यह कैंसर के मामलों में बड़े पैमाने पर साबित नहीं हुआ है, और विटामिन अनुपूरण बड़े पैमाने पर कैंसर को रोकने में कारगर साबित नहीं हुआ है.कैंसर से लड़ने वाले भोजन के अवयवों को अब पहले से अधिक समझ लिया गया है और ऐसे विविध भोजन ज्ञात हैं, इसलिए रोगियों को ज़्यादा से ज़्यादा स्वास्थ्य लाभ के लिए सब्जियों और ताजे अप्रसंस्कृत फलों का उपभोग करने की सलाह दीजाती है.<ref>The Omnivore's Dilemma, Andrew Pollan</ref>

[[महामारी विज्ञान|महामारी विज्ञान के अध्ययन]] ([[:en:epidemiology|Epidemiological studies]])ने दर्शाया है कि [[ विटामिन डी|विटामिन डी]] ([[:en:vitamin D|vitamin D]]) की कमी कैंसर के खतरे के बढ़ने से संबंधित है.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Giovannucci E, Liu Y, Rimm EB, ''et al'' |title=Prospective study of predictors of vitamin D status and cancer incidence and mortality in men |journal=J. Natl. Cancer Inst. |volume=98 |issue=7 |pages=451–9 |year=2006 |month=April |pmid=16595781 |doi=10.1093/jnci/djj101}}
--></ref><ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite web|url=http://www.cancer.org/docroot/NWS/content/NWS_1_1x_Vitamin_D_Has_Role_in_Colon_Cancer_Prevention.asp|title=Vitamin D Has Role in Colon Cancer Prevention|accessdate=2007-07-27}}
--></ref>हालांकि, इन अध्ययनों के परिणामों को सावधानी से उपचारित किया जाना चाहिए, क्योंकि वे दो कारकों के बीच सम्बन्ध नहीं दर्शा सकते हैं,अर्थात एक, दूसरे का कारण है (''यानि '' [[सम्बन्ध कारण का संकेत नहीं देता है.|सम्बन्ध कारण की और संकेत नहीं करता है ]] ([[:en:correlation does not imply causation|correlation does not imply causation]])).<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Schwartz GG, Blot WJ |title=Vitamin D status and cancer incidence and mortality: something new under the sun |journal=J. Natl. Cancer Inst. |volume=98 |issue=7 |pages=428–30 |year=2006 |month=April |pmid=16595770 |doi=10.1093/jnci/djj127 |url=http://jnci.oxfordjournals.org/cgi/content/full/98/7/428}}
--></ref>विटामीन डी कैंसर से रक्षा करता है यह तथ्य इस तथ्य के विपरीत है कि सूर्य के संपर्क में लंबे समय तक रहना दुर्दमता के जोखिम को बढ़ता है.चूँकि सूर्य का प्रकाश मानव में विटामीन डी के प्राकृतिक उत्पादन के लिए उत्तरदायी है, कुछ कैंसर शोधकर्ता तर्क देते हैं कि सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अतिरिक्त विटामिन डी के संश्लेषण के कारण कैंसर के रोकथाम के प्रभाव की तुलना में इससे होने वाली दुर्दमता के प्रभाव कहीं अधिक हानिकारक हैं.2002 में डॉ. विलियम बीबहुत से लोगों का दावा है कि अमेरिका में सालाना अपर्याप्त UVB के कारण हुए कैंसर से 23800 समयपूर्व मोतें होती हैं,(जाहिर तौर पर विटामिन डी की कमी के कारण ).<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite web|url=http://www3.interscience.wiley.com/cgi-bin/abstract/91016211/ABSTRACT?CRETRY=1&SRETRY=0|title=www3.interscience.wiley.com/cgi-bin/abstract/91016211/ABSTRACT?CRETRY=1&SRETRY=0<!--INSERT TITLE-->|accessdate=2007-07-27}}
--></ref>मेलेनोमा या स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा से 8800 मौतें होती हैं इसलिए कुल मिला कर सूर्य का प्रभाव लाभकारी है.एक और अनुसंधान समूह<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite web|url=http://cat.inist.fr/?aModele=afficheN&cpsidt=17357586|title=cat.inist.fr/?aModele=afficheN&cpsidt=17357586<!--INSERT TITLE-->|accessdate=2007-07-27}}
--></ref><ref>
Grant WB, Garland CF, Holick MF.संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए अतिरिक्त सौर यूवी विकिरण तथा अपर्याप्त सौर पराबैंगनी विकिरण और विटामिन डी के कारण अनुमानित आर्थिक बोझ की तुलना. Photochem Photobiol. 2005 नवम्बर-दिसम्बर; 81 (6) :1276-86.</ref> का अनुमान है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में 50000-63000 व्यक्ति; और यू के में 19,000 - 25,000 व्यक्ति प्रतिवर्ष अपर्याप्त विटामिन डी की वजह से समय से पहले मर जाते हैं.

[[बीटा कैरोटीन|बीटा कैरोटीन]] ([[:en:beta-carotene|beta-carotene]])का मामला [[ चिकित्सीय परीक्षण|randomized नैदानिक परीक्षणों]] ([[:en:clinical trial|randomized clinical trials]]) के महत्त्व का एक उदाहरण देता है.आहार और सीरम के स्तरों पर अध्ययन करने वाले [[महामारी विज्ञान|महामारी विज्ञानीयों ]] ([[:en:Epidemiology|Epidemiologists]]) के अनुसार [[विटामिन A| विटामिन A]] ([[:en:vitamin A|vitamin A]]) के अग्रदूत [[ बीटा कैरोटीन|बीटा कैरोटीन]] ([[:en:beta-carotene|beta-carotene]])के उच्च स्तर एक सुरक्षात्मक प्रभाव से, सम्बंधित हैं और कैंसर के जोखिम को कम करते हैं.यह प्रभाव विशेष रूप से [[फेफड़ों का कैंसर|फेफड़ों के कैंसर]] ([[:en:lung cancer|lung cancer]])में अधिक प्रबल है.इस [[ परिकल्पना|परिकल्पना]] ([[:en:hypothesis|hypothesis]]) के आधार पर 1980 और 1990 के दशकों के दौरान (कैरट अध्ययन) [[फ़िनलैंड|फ़िनलैंड]] और [[संयुक्त राज्य अमेरिका|संयुक्त राज्य अमेरिका]]में कई [[नैदानिक प्रयास|नैदानिक परीक्षण]] ([[:en:clinical trials|clinical trials]])एक श्रृंख्ला में किए गए.इसमें 80000 धूम्रपान करने वालों या धूम्रपान के साथ [[ placebo|placebo]] ([[:en:placebo|placebo]]) या बीटा-केरोटीन का दैनिक पूरक आहार लेने वालों पर अध्ययन किया गया.उम्मीद के विपरीत, फेफड़ों के कैंसर की घटना और मृत्यु दर को कम करने में [[ बीटा कैरोटीन|बीटा कैरोटीन]] ([[:en:beta-carotene|beta-carotene]]) के पूरक आहार का कोई लाभ इन परीक्षणों में नहीं पाया गया.वास्तव में, बीटा कैरोटीन, के द्वारा फेफड़ों के कैंसर का खतरा मुख्य रूप से नहीं लेकिन बहुत कम ''बढ़ा'', इसने प्रारंभिक अध्ययन को यहीं पर समाप्त कर दिया.<ref name="CancerTopics-Bcarotene">राष्ट्रीय कैंसर संस्थान [http://www.cancer.gov/cancertopics/factsheet/Prevention/betacarotene बीटा कैरोटीन रासायनिक परीक्षणों के बारे में सवाल जवाब] अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान. </ref>

[[ जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन |जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन ]] ([[:en:Journal of the American Medical Association|Journal of the American Medical Association]]) की 2007 में दी गई रिपोर्ट के परिणाम सूचित करते हैं कि फोलिक अम्ल के पूरक आहार बड़ी आँत के कैंसर को रोकने में प्रभावी नहीं हैं, और फोलेट का उपभोग करने वालों में बड़ी आँत के पोलिप के बनने की संभावना अधिक होती है.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Cole BF, Baron JA, Sandler RS, ''et al'' |title=Folic acid for the prevention of colorectal adenomas: a randomized clinical trial |journal=JAMA |volume=297 |issue=21 |pages=2351–9 |year=2007 |pmid=17551129 |doi=10.1001/jama.297.21.2351}}
--></ref>

===रासायनिक रोकथाम ===
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{{POV-section|date=June 2008}}
-->
यह एक आकर्षक अवधारणा है कि कैंसर को रोकने के लिए दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है, और कई उच्च श्रेणी के नैदानिक परिक्षण सलाह देते हैं कि ऐसे रासायनिक रोकथाम को विशेष परिस्थितियों में काम में लेना चाहिए.

[[टेमोक्सीफेन |टेमोक्सीफेन ]] ([[:en:tamoxifen|tamoxifen]])का दैनिक उपयोग जो एक [[चयनात्मक एस्ट्रोजन रिसेप्टर मोड्युलेटर |चयनात्मक एस्ट्रोजन रिसेप्टर मोड्युलेटर ]] ([[:en:selective estrogen receptor modulator|selective estrogen receptor modulator]]) है, लगभग 50%उच्च जोखिम युक्त महिलाओं में [[स्तन कैंसर|स्तन कैंसर]] ([[:en:breast cancer|breast cancer]]) के खतरे को कम करता है.हाल ही के अध्ययन की एक रिपोर्ट के अनुसार [[चयनात्मक एस्ट्रोजन रिसेप्टर मोड्युलेटर |चयनात्मक एस्ट्रोजन रिसेप्टर मोड्युलेटर ]] ([[:en:selective estrogen receptor modulator|selective estrogen receptor modulator]])[[रेलोक्सिफ़ेन |रेलोक्सिफ़ेन]] ([[:en:raloxifene|raloxifene]])भी [[टेमोक्सीफेन |टेमोक्सीफेन ]] ([[:en:tamoxifen|tamoxifen]])की तरह ही लाभकारी है, और उच्च जोखिम युक्त महिलाओं में स्तन कैंसर के खतरे को कम करता है इसके पार्श्व प्रभावों का प्रोफाइल अधिक अनुकूल है.<ref name=STAR-P2><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Vogel V, Costantino J, Wickerham D, Cronin W, Cecchini R, Atkins J, Bevers T, Fehrenbacher L, Pajon E, Wade J, Robidoux A, Margolese R, James J, Lippman S, Runowicz C, Ganz P, Reis S, McCaskill-Stevens W, Ford L, Jordan V, Wolmark N |title=Effects of tamoxifen vs raloxifene on the risk of developing invasive breast cancer and other disease outcomes: the NSABP Study of Tamoxifen and Raloxifene (STAR) P-2 trial |journal=JAMA |volume=295 |issue=23 |pages=2727–41 |year=2006 |pmid=16754727 |doi=10.1001/jama.295.23.joc60074}}
--></ref>

[[

रेलोक्सिफ़ेन |रेलोक्सिफ़ेन ]] ([[:en:Raloxifene|Raloxifene]])[[टेमोक्सीफेन |टेमोक्सीफेन ]] ([[:en:tamoxifen|tamoxifen]])की तरह एक एस ई आर एम है; उच्च जोखिम युक्त महिलाओं में स्तन कैंसर के खतरे को कम करने में यह टेमोक्सीफेन के समान ही प्रभावी है.(एस टी ऐ आर परीक्षण में)इस परीक्षण में लगभग 20,000 महिलाओं पर अध्ययन किया गया, [[रेलोक्सिफ़ेन

|रेलोक्सिफ़ेन ]] ([[:en:raloxifene|raloxifene]]) के पार्श्व प्रभाव [[टेमोक्सीफेन |टेमोक्सीफेन ]] ([[:en:tamoxifen|tamoxifen]]) से कम हैं, यद्यपि यह अधिक [[वाहिनीपरक कार्सिनोमा|DCIS]] ([[:en:Ductal carcinoma|DCIS]]) बनाने के लिए<ref name=STAR-P2/> प्रक्रिया को बढ़ावा देता है.

[[फिनएस्टेराइड |फिनएस्टेराइड ]] ([[:en:Finasteride|Finasteride]])एक [[5-अल्फा-रिड़कटेज संदमक |5-अल्फा-रिड़कटेज संदमक ]] ([[:en:5-alpha-reductase inhibitor|5-alpha-reductase inhibitor]])है, प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम करता है, यद्यपि यह छोटी श्रेणी के ट्यूमर को अधिकांशतया रोक देता है.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Thompson I, Goodman P, Tangen C, Lucia M, Miller G, Ford L, Lieber M, Cespedes R, Atkins J, Lippman S, Carlin S, Ryan A, Szczepanek C, Crowley J, Coltman C |title=The influence of finasteride on the development of prostate cancer |journal=N Engl J Med |volume=349 |issue=3 |pages=215&ndash;24 |year=2003 |pmid=12824459 |doi=10.1056/NEJMoa030660}}
--></ref>
बृहदान्त्र पोलिप्स के जोखिम पर [[कॉक्स-2 चयनात्मक संदमक |कॉक्स-2 संदमक ]] ([[:en:COX-2 selective inhibitor|COX-2 inhibitors]]) जैसे [[rofecoxib|rofecoxib]] ([[:en:rofecoxib|rofecoxib]]) और [[celecoxib|celecoxib]] ([[:en:celecoxib|celecoxib]])के प्रभाव का अध्ययन [[पारिवारिक एडिनोमेटस पोली पोसिस|पारिवारिक एडिनोमेटस पोलीपोसिस रोगियों ]] ([[:en:familial adenomatous polyposis|familial adenomatous polyposis]])में किया गया है.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Hallak A, Alon-Baron L, Shamir R, Moshkowitz M, Bulvik B, Brazowski E, Halpern Z, Arber N |title=Rofecoxib reduces polyp recurrence in familial polyposis |journal=Dig Dis Sci |volume=48 |issue=10 |pages=1998–2002 |year=2003 |pmid=14627347 |doi=10.1023/A:1026130623186}}
--></ref>
और आम जनसंख्या में.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Baron J, Sandler R, Bresalier R, Quan H, Riddell R, Lanas A, Bolognese J, Oxenius B, Horgan K, Loftus S, Morton D |title=A randomized trial of rofecoxib for the chemoprevention of colorectal adenomas |journal=Gastroenterology |volume=131 |issue=6 |pages=1674–82 |year=2006 |pmid=17087947 |doi=10.1053/j.gastro.2006.08.079}}
--></ref><ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Bertagnolli M, Eagle C, Zauber A, Redston M, Solomon S, Kim K, Tang J, Rosenstein R, Wittes J, Corle D, Hess T, Woloj G, Boisserie F, Anderson W, Viner J, Bagheri D, Burn J, Chung D, Dewar T, Foley T, Hoffman N, Macrae F, Pruitt R, Saltzman J, Salzberg B, Sylwestrowicz T, Gordon G, Hawk E |title=Celecoxib for the prevention of sporadic colorectal adenomas |journal=N Engl J Med |volume=355 |issue=9 |pages=873–84 |year=2006 |pmid=16943400 |doi=10.1056/NEJMoa061355}}
--></ref>
दोनों समूहों में, [[ बृहदान्त्र पोलिप|बृहदान्त्र पोलिप]] ([[:en:colon polyp|colon polyp]])[[उदाहरण (महामारी विज्ञान)|घटना]] ([[:en:incidence (epidemiology)|incidence]])में बहुत कमी आई, लेकिन इसका असर हृदय संवहनी विषाक्तता की वृद्धि के रूप में दिखाई दिया.

===आनुवंशिक परीक्षण===
विशेष कैंसर संबंधी आनुवंशिक उत्परिवार्तनों के लिए उच्च जोखिम युक्त व्यक्तियों का [[आनुवंशिक प्रदूषण|आनुवंशिक परीक्षण]] ([[:en:Genetic testing|Genetic testing]]) पहले से ही उपलब्ध है.आनुवंशिक उत्परिवार्तनों के वाहक जो कैंसर के जोखिम की घटनाओं को बढाते हैं, उन पर अधिक निगरानी रखी जा सकती है, उनके लिए रासायनिक रोकथाम या जोखिम को कम करने के लिए शल्य चिकित्सा का उपयोग किया जाता है.कैंसर के वंशगत जोखिम की प्रारंभिक पहचान, और कैंसर की रोकथाम के उपाय जैसे शल्य चिकित्सा या निगरानी, उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के जीवन के लिए बहुत अधिक लाभकारी हो सकते हैं.

{| class="wikitable"
|-
!जीन
!कैंसर के प्रकार
!उपलब्धता
|-
|[[ बीआरसीए 1|बीआरसीए 1]] ([[:en:BRCA1|BRCA1]]), [[BRCA2|BRCA2]] ([[:en:BRCA2|BRCA2]])
|स्तन, डिम्बग्रंथि, अग्नाशयी
|नैदानिक नमूनों के लिए व्यावसायिक रूप से उपलब्ध
|-
|[[ MLH1|MLH1]] ([[:en:MLH1|MLH1]]), [[ MSH2|MSH2]] ([[:en:MSH2|MSH2]]), [[ MSH6|MSH6]] ([[:en:MSH6|MSH6]]), [[PMS1|PMS1]] ([[:en:PMS1|PMS1]]), [[ PMS2|PMS2]] ([[:en:PMS2|PMS2]])
|बृहदान्त्र, गर्भाशय, छोटी आंत, आमाशय , मूत्रपथ
|नैदानिक नमूनों के लिए व्यावसायिक रूप से उपलब्ध
|}

===टीकाकरण===
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{{ww}}
--> अनुसंधान के प्रयास अब [[वैक्सीन या टीका |वेक्सीन ]] ([[:en:vaccine|vaccine]]) के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो ओंकोजनिक संक्रामक कारकों के द्वारा होने वाले संक्रमण की रोकथाम करेगा, साथ ही कैंसर विशिष्ट [[एपीटोप |एपिटोप]] ([[:en:epitope|epitope]]) ) के विरुद्ध प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया माउन्ट करेगा.साथ ही जिन लोगों में आनुवंशिक परिवर्तनों या बहुरूपता के कारण कैंसर का ख़तरा अधिक है, उनके लिए [[जीन थेरेपी|जीन थेरेपी]] ([[:en:gene therapy|gene therapy]]) की संभावना को प्रबल बनाएगा.

जैसा की ऊपर बताया गया है कि एक निवारक [[मानव पेपीलोमा वाइरस वेक्सीन |मानव पेपिलोमा वायरस वेक्सीन]] ([[:en:human papillomavirus vaccine|human papillomavirus vaccine]]) उपस्थित है जो [[मानव पेपीलोमा वाइरस|मानव पेपिलोमा वायरस ]] ([[:en:human papillomavirus|human papillomavirus]]) की विशिष्ट यौन संचरित नस्लों को लक्ष्य बनाता है, जो [[ग्रीवा कैंसर|ग्रीवा कैंसर]] ([[:en:cervical cancer|cervical cancer]]) और [[ जननांग मस्से |जननांग मस्सा]] ([[:en:genital warts|genital warts]])के विकास से सम्बंधित हैं.बाजार में अक्टूबर 2007 को मात्र दो एचपीवी वेक्सीन थे [[Gardasil|Gardasil]] ([[:en:Gardasil|Gardasil]]) और [[ Cervarix|Cervarix]] ([[:en:Cervarix|Cervarix]]).

===स्क्रीनिंग===
कैंसर [[स्क्रीनिंग (दवा)|स्क्रीनिंग]] ([[:en:Screening (medicine)|screening]]) एक प्रयास है जो लक्षण हीन आबादी में शंकाहीन कैंसर की जांच के लिए किया जाता है.बड़ी संख्या में स्वस्थ लोगों के लिए उपयुक्त स्क्रीनिंग टेस्ट अपेक्षाकृत सस्ते, सुरक्षित होने चाहिए, इनकी प्रक्रिया आक्रामक नहीं हो, [[प्रकार I और प्रकार II की त्रुटियां |सकारात्मक झूठे]] ([[:en:Type I and type II errors|false positive]]) परिणाम की डर बहुत कम हो.अगर कैंसर के लक्षण पता लगते हैं, तो निदान को सुनिश्चित करने के लिए अधिक निश्चित परीक्षण किए जाते हैं.

कैंसर के लिए स्क्रीनिंग विशेष मामलों में प्रारंभी निदान में सहायक है. शीघ्र निदान जीवन को बढ़ा सकता है, लेकिन आभासी रूप से मृत्यु तक के समय को [[सीसा समय पूर्वाग्रह|सीसा समय पूर्वाग्रह]] ([[:en:lead time bias|lead time bias]]) या [[ लंबाई समय पूर्वाग्रह|लंबाई समय पूर्वाग्रह]] ([[:en:length time bias|length time bias]]) के माध्यम से लंबा खींच सकता है.

कई विभिन्न स्क्रीनिंग परीक्षणों का विकास भिन्न दुर्दमताओं के लिए किया गया है.स्तन कैंसर स्क्रीनिंग को [[स्तन स्वयं परीक्षा|स्तन स्वयं परीक्षा]] ([[:en:breast self-examination|breast self-examination]]), के द्वारा किया जा सकता है, यद्यपि यह दृष्टिकोण, 300000 से अधिक चीनी महिलाओं में 2005 में किए गए एक अध्ययन से बदनाम हो गया.[[मेमोग्राम|मैमोग्राम]] ([[:en:mammogram|mammogram]]) के द्वारा स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग जनसंख्या में स्तन कैंसर के निदान की औसत अवस्था को कम करती है.एक देश में निदान की अवस्था, मेमोग्रफिक स्क्रीनिंग कार्यक्रम की शुरूआत के दस वर्षों में कम हो गई है.बड़ी-आँत मलाशय के कैंसर को [[ fecal मनोगत रक्त परीक्षण|fecal occult रक्त परीक्षण]] ([[:en:fecal occult blood test|fecal occult blood test]]) और [[colonoscopy|colonoscopy]] ([[:en:colonoscopy|colonoscopy]]) के द्वारा जांचा जा सकता है,जो बड़ी आँत के कैंसर और मृत्यु दर दोनों को कम करता है, यह पूर्व दुर्दम पोलिप को हटाने या उसकी जांच के द्वारा सम्भव है.इसी प्रकार, ग्रीवा कोशिका विज्ञान परीक्षण ( [[ पैप स्मीयर|पैप स्मीयर]] ([[:en:Pap smear|Pap smear]]) उपयोग करते हुए) पूर्व कैंसर घाव की पहचान में मदद करता है.समय के साथ ऐसा परीक्षण [[ग्रीवा कैंसर|ग्रीवा कैंसर]] ([[:en:cervical cancer|cervical cancer]]) घटना और मृत्यु दर में कमी लाया है.[[वृषनों का स्वयं परीक्षा|शुक्र ग्रंथि स्वयं परीक्षा]] ([[:en:Testicular self-examination|Testicular self-examination]]) पुरुषों में 15 वर्ष की आयु में शुरुआत में [[शुक्र ग्रंथि कैंसर|शुक्र ग्रंथि कैंसर]] ([[:en:testicular cancer|testicular cancer]])की जांच की सलाह दी जाती है.प्रोस्टेट कैंसर की स्क्रीनिंग [[ डिजिटल गुदा परीक्षा|डिजिटल गुदा परीक्षा]] ([[:en:digital rectal exam|digital rectal exam]]) के साथ [[ प्रोस्टेट विशिष्ट प्रतिजन|प्रोस्टेट विशिष्ट प्रतिजन]] ([[:en:prostate specific antigen|prostate specific antigen]]) के रूप में (PSA) रक्त परीक्षण, का उपयोग करके की जा सकती है, हालांकि कुछ अधिकारिक संस्थाएं (जैसे [[ अमेरिका निवारक सेवाएँ टास्क फोर्स|अमेरिका निवारक सेवा टास्क फोर्स]] ([[:en:US Preventive Services Task Force|US Preventive Services Task Force]]))सभी पुरुषों में ऐसी स्क्रीनिंग के ख़िलाफ़ हैं.

कैंसर के लिए स्क्रीनिंग कई मामलों में विवाद का विषय है,जब तक यह पता न हो कि परीक्षण वास्तव में जीवन को बचायेगा. विवाद और अधिक बढ़ जाता है जब यह स्पष्ट न हो कि स्क्रीनिंग के लाभ नैदानिक परीक्षणों और कैंसर के उपचारों से अधिक प्रभावी हैं.उदाहरण के लिए: [[प्रोस्टेट कैंसर|प्रोस्टेट कैंसर]] ([[:en:prostate cancer|prostate cancer]]) की स्क्रीनिंग के समय [[प्रोस्टेट विशिष्ट प्रतिजन|PSA]] ([[:en:Prostate specific antigen|PSA]]) परीक्षण छोटे कैंसरों को पता लगा सकता है, जो कभी भी जीवन के लिए घातक नहीं बनते, लेकिन एक बार पता चल जाने पर उपचार शुरू करना ही होता है.यह स्थिति अति निदान कहलाती है, जो पुरूष को अनावश्यक उपचार जैसे शल्य चिकित्सा और विकिरण की जटिलताओं का सामना करने के लिए मजबूर कर देती है.प्रोस्टेट कैंसर का निदान करने के लिए प्रयुक्त प्रक्रियाएं ([[प्रोस्टेट बायोप्सी|प्रोस्टेट बायोप्सी]] ([[:en:prostate biopsy|prostate biopsy]])) पार्श्व प्रभावों का कारण हो सकती हैं जिनमें रक्त प्रवाह और संक्रमण शामिल है.प्रोस्टेट कैंसर का इलाज [[मूत्र असंयम|असंयम]] ([[:en:Urinary incontinence|incontinence]]) (मूत्र के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए असमर्थता) और [[लैंगिक निष्क्रियता|लैंगिक निष्क्रियता ]] ([[:en:erectile dysfunction|erectile dysfunction]])(erections जो संभोग के लिए अपर्याप्त है ) का कारण हो सकता है.इसी प्रकार, [[स्तन कैंसर|स्तन कैंसर]] ([[:en:breast cancer|breast cancer]]), के लिए हाल ही की यह आलोचना है कि कुछ देशों में स्तन स्क्रीनिंग कार्यक्रम समस्याओं को हल करने के बजाय बढ़ा देता है.ऐसा इसलिए है कि सामान्य जनसँख्या में महिलाओं में स्क्रीनिंग कई आभासी धनात्मक परिणाम दे सकता है जिन्हें अग्रिम जांच की जरुरत हो, इसके लिए कहा जा सकता है कि केवल एक स्तन कैंसर के मामले को शुरुआती अवस्था में रोकने के लिए बड़ी संख्या में महिलाओं को उपचार (या स्क्रीनिंग)की प्रक्रिया में संलग्न कर दिया जाता है.

एक सार्वजनिक स्वास्थ्य परिप्रेक्ष्य के अनुसार [[पैप स्मीयर|पैप स्मीयर]] ([[:en:Pap smear|Pap smear]]) के माध्यम से ग्रीवा कैंसर स्क्रीनिंग, अन्य सभी प्रकार के कैंसर की तुलना में कीमत की दृष्टि से अधिक लाभकारी है, यह बड़े पैमाने पर एक विषाणु के कारण होता है, इसमें स्पष्ट जोखिम कारक(यौन संपर्क)हैं, इस कैंसर के प्राकृतिक प्रसार का तरीका यह है कि यह सामान्यतया धीरे धीरे कई वर्षों में फैलता है, इसलिए स्क्रीनिंग कार्यक्रम को इसे जल्दी पकड़ में ले लेने के लिए अधिक समय मिल जाता है.इसके अलावा, परीक्षण अपने आप में सस्ता और बहुत ही आसान है.

इसी कारण से, नैदानिक प्रक्रिया और उपचार के लाभ तथा जोखिम पर, कैंसर स्क्रीनिंग के लिए विचार करते समय, ध्यान देना महत्वपूर्ण है.

बिना स्पष्ट लक्षणों के लोगों में कैंसर के लिए [[मेडिकल इमेजिंग|मेडिकल इमेजिंग]] ([[:en:medical imaging|medical imaging]]) का उपयोग, सामान रूप से समस्याओं के साथ marred है.हाल ही खोजा गया ''[[ incidentaloma|incidentaloma]] ([[:en:incidentaloma|incidentaloma]])'' मुख्य जोखिम है-एक सौम्य घाव जिसे दुर्दम समझा जा सकता है और हो सकता है कि इसके लिए सम्भावित खतरनाक जांच की जाए.हाल ही के अध्ययन के [[सीटी स्कैन|सीटी स्कैन]] ([[:en:CT scan|CT scan]])-धूम्रपान करने वालों में, [[फेफड़ों का कैंसर|फेफड़ों के कैंसर]] ([[:en:lung cancer|lung cancer]])के लिए आधारित स्क्रीनिंग के गोलमोल परिणाम निकले, जुलाई, 2007 के अनुसार व्यवस्थित स्क्रीनिंग की सलाह नही दी जाती है.सादे-फिल्म के [[ सीने का X-रे |छाती X-किरणें]] ([[:en:chest X-rays|chest X-rays]]) के [[याद्रीच्छिक नैदानिक प्रयास|Randomized नैदानिक परीक्षण ]] ([[:en:Randomized clinical trials|Randomized clinical trials]])जो धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों के कैंसर के लिए स्क्रीन करते हैं, ने इस दृष्टिकोण के लिए कोई लाभ नहीं दर्शाया है.

[[कैनाइन कैंसर की जाँच |कैनाइन कैंसर की जाँच ]] ([[:en:Canine cancer detection|Canine cancer detection]])वादा करती है लेकिन यह अनुसंधान का प्रारंभिक चरण है.

==महामारी विज्ञान==
[[Image:Cancer rate.gif|thumb|right|उम्र के साथ कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है]]

कैंसर [[महामारी विज्ञान|महामारी विज्ञान]] ([[:en:epidemiology|epidemiology]]), कैंसर की सम्भव प्रवृतियों और कारणों का निष्कर्ष निकालने के लिए एक तरीका है.कैंसर का पहला ऐसा कारण ब्रिटिश सर्जन [[Percivall Pott|Percivall Pott]] ([[:en:Percivall Pott|Percivall Pott]])के द्वारा पहचाना गया, जिसने 1775 में खोज की है कि [[ चिमनी की सफाई |चिमनी की सफाई ]] ([[:en:chimney sweep|chimney sweep]])में संलग्न लोगों में [[ अंडकोश | अंडकोश ]] ([[:en:scrotum|scrotum]])का कैंसर आम है.अन्य व्यक्तिगत चिकित्सकों के कार्य ने कई दृष्टिकोण विकसित किए,लेकिन जब चिकित्सकों ने एक साथ काम करना शुरू किए तब वे ठोस निष्कर्ष पर पहुँच सके.

[[Janet Lane-Claypon|Janet Lane-Claypon]] ([[:en:Janet Lane-Claypon|Janet Lane-Claypon]]) की खोज को प्रकाशित किया गया, जिन्होंने 500 स्तन कैंसर के मामलों और सामान पृष्ठ भूमि के 500 नियंत्रित रोगियों का तुलनात्मक अध्ययन किया, और साथ ही स्वास्थ्य के ब्रिटिश मंत्रालय की जीवन शैली को भी प्रकाशित किया गया.कैंसर महामारी विज्ञान पर उनके जबरदस्त कार्य को [[Richard Doll|Richard Doll]] ([[:en:Richard Doll|Richard Doll]]) and [[Austin Bradford Hill|Austin Bradford Hill]] ([[:en:Austin Bradford Hill|Austin Bradford Hill]]) के द्वारा आगे बढाया गया,जिन्होंने "[[फेफड़ों का कैंसर|फेफड़ों के कैंसर]] ([[:en:Lung Cancer|Lung Cancer]]) और [[धूम्रपान|धूम्रपान]] ([[:en:Smoking|Smoking]]) से सम्बंधित मृत्यु के अन्य कारणों को प्रकाशित किया.अमरत्व पर ब्रिटिश डॉक्टरों की दूसरी रिपोर्ट" 1956 में दी गई (अन्यथा [[ ब्रिटिश डॉक्टरों का अध्ययन|ब्रिटिश डॉक्टरों का अध्ययन]] ([[:en:British doctors study|British doctors study]]) कहलाता है.) Richard Doll ने [[ ऑक्सफोर्ड|ऑक्सफ़ोर्ड]] ([[:en:Oxford|Oxford]])कैन्सर महामारी विज्ञान ईकाई को शुरू करने के लिए [[लंदन|लन्दन]] चिकित्सा अनुसंधान केन्द्र को 1968 में छोड़ दिया.[[कंप्यूटर|कंप्यूटर]] के उपयोग के साथ यह पहली ईकाई थी जिसने बड़ी मात्रा में कैंसर पर आंकडों का संकलन किया.आधुनिक महामारी विज्ञान विधियां [[ सार्वजनिक स्वास्थ्य|सार्वजनिक स्वास्थ्य]] ([[:en:public health|public health]]) नीति और रोगों की वर्तमान अवधारणाओं से निकट सम्बंधित हैं.पिछले 50 वर्षों से, प्रांतीय, राज्य, और यहाँ तक कि देश की सीमाओं,में चिकित्सा अभ्यास, अस्पताल, अदि पर आंकडे एकत्रित करने के लिए बहुत अधिक प्रयास किए गए हैं, साथ ही इस बात पर भी ध्यान दिया गया है कि पर्यावरण और सांस्कृतिक कारक कैंसर की घटना को कैसे प्रभावित करते हैं.

कैंसर महामारी विज्ञान से कई समस्याएँ सम्बंधित हो सकती हैं,जैसे [[सीसा समय पूर्वाग्रह|सीसा समय पूर्वाग्रह]] ([[:en:lead time bias|lead time bias]]) और [[लंबाई पूर्वाग्रह|लंबाई समय पूर्वाग्रह]] ([[:en:length bias|length time bias]]).सीसा समय पूर्वाग्रह अवधारणा के अनुसार शीघ्र निदान कैंसर के आंकडों को कृत्रिम रूप से सीमित करता है, यह वास्तव में रोग के प्राकृतिक इतिहास में सुधार नहीं लाता है.लंबाई समय पूर्वाग्रह अवधारणा के अनुसार धीमी वृद्धि वाले ट्यूमर स्क्रीनिंग परिक्षण के द्वारा संभवतः पहचाने जाते हैं, कैंसर के ऐसे ज्यादा मामलों में सुधार, स्क्रीनिंग कार्यक्रम के बाद, रोगी के लिए बेहतर परिणाम नहीं देता है. इसी तरह का एक विषय है [[अति निदान |अति निदान ]] ([[:en:overdiagnosis|overdiagnosis]]) , स्क्रीन्फिंग परिक्षण के द्वारा ऐसे रोग के निदान की पुष्टि जो वास्तव में रोगी की लम्बी आयु पर कोई प्रभाव नहीं डालने वाला है.यह समस्या विशेष रूप से [[प्रोस्टेट कैंसर|प्रोस्टेट कैंसर]] ([[:en:prostate cancer|prostate cancer]]) और [[ PSA स्क्रीनिंग|PSA स्क्रीनिंग]] ([[:en:PSA screening|PSA screening]])पर लागू होती है.<ref name="pmid15283896"><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Brawley OW |title=Prostate cancer screening: clinical applications and challenges |journal=Urol. Oncol. |volume=22 |issue=4 |pages=353–7 |year=2004 |pmid=15283896 |doi=10.1016/j.urolonc.2004.04.014}}
--></ref>

कुछ कैंसर शोधकर्ताओं का तर्क है कि नकारात्मक कैंसर नैदानिक परीक्षणों में उपचार के लाभ को खोजने के लिए पर्याप्त [[ सांख्यिकीय शक्ति|सांख्यिकीय शक्ति]] ([[:en:statistical power|statistical power]]) की कमी होती है ऐसा शायद इसलिए होता है कि मूल योजना के विपरीत कम रोगी अध्ययन में शामिल किए जाते हैं.<ref name="pmid17687153"><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Bedard PL, Krzyzanowska MK, Pintilie M, Tannock IF |title=Statistical power of negative randomized controlled trials presented at American Society for Clinical Oncology annual meetings |journal=J. Clin. Oncol. |volume=25 |issue=23 |pages=3482–7 |year=2007 |pmid=17687153 |doi=10.1200/JCO.2007.11.3670}}
--></ref>

राज्य और क्षेत्रीय [[ कैंसर पंजीकरण |कैंसर पंजीकरण ]] ([[:en:cancer registry|cancer registries]]) ऐसे संगठन हैं जो रोगी चिकित्सा रिकोर्ड से कैंसर के बारे में चिकित्सकीय आंकडों को संगृहीत करते हैं.ये संस्थान राज्य और राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य समूहों को जानकारी उपलब्ध कराते हैं, जो कैंसर के निदान और उपचार में प्रवृतियों का पता लगाने में मदद करता है.सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण [[कैंसर पंजीकरण |कैंसर पंजीकरण ]] ([[:en:cancer registry|cancer registries]])संस्थानों में से एक है [[एस ई ई आर |एस ई ई आर ]] ([[:en:SEER|SEER]])जो [[अमेरिकी संघीय सरकार|अमेरिका की संघीय सरकार]] ([[:en:US Federal government|US Federal government]])के द्वारा प्रशासित है.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite web |url=http://seer.cancer.gov/ |title=SEER Surveillance Epidemiology and End Results |accessdate=2007-11-02 |work=}}
--></ref>स्वास्थ्य जानकारी गोपनीयता [[United States Department of Veterans Affairs|United States Department of Veterans Affairs]] ([[:en:United States Department of Veterans Affairs|United States Department of Veterans Affairs]])<ref name="lancetva">फरलो, बी, [http://www.thelancet.com/journals/lanonc/article/PIIS1470204507702589/fulltext अमेरिकी कैंसर की सटीकता पर निगरानी खतरे के तहत ]''शल्य कैंसर विज्ञान '' 2007; 8:762-763.पुनः प्राप्त [[2007-11-01|2007-11-01]] ([[:en:2007-11-01|2007-11-01]]).</ref><ref name= "mpva">[http://www.medpagetoday.com/InfectiousDisease/PublicHealth/tb/6563 VA कैंसर डेटा नाकाबंदी निगरानी को संकट में डाल सकती है ] ([[31 अगस्त|31 अगस्त]] ([[:en:31 August|31 August]])[[२००७|2007]]). ''Medpage Today''.पुनः प्राप्त [[2007-11-01|2007-11-01]] ([[:en:2007-11-01|2007-11-01]]).</ref><ref name="nytva">[http://www.nytimes.com/2007/10/10/health/10cancer.html कैंसर के आंकडों के बारे में राज्य और वी ऐ में अन्तर ] ([[10 अक्टूबर|10 अक्टूबर]] ([[:en:10 October|10 October]]) [[२००७|2007]]). ''न्यूयॉर्क टाइम्स''.पुनः प्राप्त [[2007-11-01|2007-11-01]] ([[:en:2007-11-01|2007-11-01]]).</ref> और अन्य संस्थानों में [[कैंसर पंजीकरण |कैंसर पंजीकरण]] ([[:en:cancer registry|cancer registry]])आंकडों के उपयोग में बढ़ा उत्पन्न करती है.<ref name="iomhip">[http://www.iom.edu/Object.File/Master/43/927/HIPAA%20IOM%20meeting%20607r.Howe.pdf जनसँख्या आधारित कैंसर पंजीकरण अनुसंधान-पर एह आई पी ऐ ऐ का नकारात्मक प्रभाव:एक संक्षिप्त सर्वेक्षण के अद्यतन ] ([[14 जून|14 जून]][[२००७|2007]]). ''IOM प्रस्तुति''.पुनः प्राप्त [[2007-11-01|2007-11-01]] ([[:en:2007-11-01|2007-11-01]]).</ref>

कुछ पश्चिमी देशों जैसे , संयुक्त राज्य अमरीका <ref name="CACancerJClin2005-Jemal" />में और यू के <ref name="BBC2000-news">
[http://news.bbc.co.uk/1/hi/health/1015657.stm कैंसर: नंबर एक हत्यारा] ([[9 नवंबर|9 नवंबर]][[2000|2000]]). ''बीबीसी समाचार ऑनलाइन''.पुनः प्राप्त [[2005-01-29|2005-01-29]] ([[:en:2005-01-29|2005-01-29]]).</ref>में मृत्यु के कारणों के रूप में कैंसर [[ह्दय संवहनी रोग|हृदय रोग]] ([[:en:cardiovascular disease|cardiovascular disease]]) पर हावी हो रहा है.कई [[तृतीय विश्व|तीसरी दुनिया]] ([[:en:Third World|Third World]]) के देशों में कैंसर की घटना (जहाँ तक मापा जा सकता है )कम दिखाई देती है, क्यों कि संक्रमण रोगों और चोटों के कारन मृत्यु दर अधिक है.कई तीसरी दुनिया के देशों में [[मलेरिया|मलेरिया]] और [[तपेदिक|तपेदिक]] जैसे रोगों पर नियंत्रण बढ़ गया है और कैंसर की घटनाओं में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है; यह [[महामारी विज्ञान|महामारी विज्ञान]] ([[:en:epidemiology|epidemiological]]) शब्दावली में महामारी संक्रमण कहा जाता है.

कैंसर कई देशों में फैलने वाली महामारी के रूप में एक जोखिम कारक है.[[यकृत कोशिका कार्सिनोमा|यकृत कोशिकी कार्सिनोमा]] ([[:en:Hepatocellular carcinoma|Hepatocellular carcinoma]]) ([[कलेजा|जिगर]] कैंसर) पश्चिम में दुर्लभ है, लेकिन [[चीन|चीन]] और पड़ोसी देशों में मुख्य कैंसर है, ऐसा संभवतः इस आबादी में [[हैपेटाइटिस बी|हैपेटाइटिस बी]] ([[:en:hepatitis B|hepatitis B]]) और [[ aflatoxin|aflatoxin]] ([[:en:aflatoxin|aflatoxin]]) की [[एंडेमिक (महामारी विज्ञान) |स्थानिक]] ([[:en:endemic (epidemiology)|endemic]]) उपस्थिति के कारण है.इसी प्रकार, [[तम्बाकू धूम्रपान|तम्बाकू धूम्रपान]] ([[:en:tobacco smoking|tobacco smoking]])के साथ यह कई तीसरी दुनिया के देशों में आम हो रहा है, [[फुफ्फुस |फेफड़े]] ([[:en:lung|lung]]) के कैंसर की घटना में वृद्धि हुई है.

==इतिहास==
[[Image:Breast cancer gross appearance.jpg|thumb|150px|right|कैंसर की विशिष्ट और नेत्रों से ही दिखाई देने वाली उपस्थिति. स्तन का यह आक्रामक [[वाहिनीपरक कार्सिनोमा|वाहिनीपरक कार्सिनोमा ]] ([[:en:ductal carcinoma|ductal carcinoma]])(केंद्र में एक पीला क्षेत्र) दर्शाता है कि एक अंडाकार ट्यूमर सफ़ेद दागदार उतक की स्पाइकों से घिरा हुआ है जो चरों और के पीले वसा उतक में हैं.यह सिल्हूट कुछ केकड़े की तरह दिखता है.]]

आज, यूनानी शब्द [[कार्सिनोमा|कार्सिनोमा]] ([[:en:carcinoma|carcinoma]])एक चिकित्सा शब्द है जिसका उपयोग [[उपकला|उपकला]] ([[:en:epithelium|epithelial]]) कोशिकाओं से उत्पन्न होने वाले दुर्दम ट्यूमर के लिए किया जाता है.यह है [[ऑलस कुरनेलियुस सेल्सस |सेल्सस ]] ([[:en:Aulus Cornelius Celsus|Celsus]])जिसका अनुवाद ''लेटिन'' में [[लातिनी भाषा|कार्सिनोज]]'' कैंसर ''है जिसका अर्थ है केकडा.
[[ Galen|Galen]] ([[:en:Galen|Galen]]) ''सब'' ट्यूमर, का वर्णन करने के लिए "''oncos''" का उपयोग करते हैं, आधुनिक शब्द [[ऑन्कोलॉजी|ऑन्कोलॉजी]] ([[:en:oncology|oncology]])की जड़.<ref name="Galen"><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Karpozilos A, Pavlidis N |title=The treatment of cancer in Greek antiquity |journal=Eur. J. Cancer |volume=40 |issue=14 |pages=2033–40 |year=2004 |pmid=15341975 |doi=10.1016/j.ejca.2004.04.036}}
--></ref>

[[हिप्पोक्रेटस|हिप्पोक्रेट्स]] कई प्रकार के कैंसर का वर्णन करते हैं. उन्होंने सौम्य ट्यूमर को ''oncos''कहा जिसका अर्थ [[ यूनानी भाषा|यूनानी]] ([[:en:Greek language|Greek]])में सूजन है तथा दुर्दम ट्यूमर को ''carcinos'', कहा जिसका अर्थ यूनानी में [[ केकड़ा|केकड़ा]] ([[:en:crab|crab]]) या [[ क्रेफ़िश|क्रेफ़िश]] ([[:en:crayfish|crayfish]]). होता है.यह नाम एक ठोस घातक ट्यूमर की कटी हुई सतह के कारण उत्पन्न हुआ है, जिसे चारों और ''शिराएँ फिली हुई हैं यह केकड़े के पैरों की तरह दिखती हैं, जिससे इसे नाम मिला है ''<ref>अर्जिना के पॉल, 7 वीं शताब्दी ईस्वी, शिम्किन में उद्धृत, op.cit., p.35., [http://www.ralphmoss.com/html/galen.shtml]</ref>(चित्र देखें )बाद में प्रत्यय ''-ओमा ''जोड़ा गया , यूनानी में इसका अर्थ है सूजन, और इसका नाम हो गया ''कार्सिनोमा''.शरीर को खोलना यूनानी परम्परा के खिलाफ था, हिप्पोक्रेट्स ने त्वचा, नक्, और स्तन पर बाहर से दिखाई देने वाले ट्यूमरों का वर्णन किया और उनके चित्र बनाये.उपचार चार शारीरिक द्रव्यों (काले और पीले पित्त, रक्त, और कफ). के [[Humorism|ह्यूमर सिद्धांत ]] ([[:en:Humorism|humor theory]])पर आधारित था.रोगी के भाव के अनुसार, इलाज के के लिए आहार, रक्त और/या जुलाब काम में लिया जाता था. सदियों के दोरान यह ज्ञात हो गया कि कैंसर शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है, लेकिन उपचार पर आधारित ह्यूमर सिद्धांत [[कोशिका|कोशिकाओं]] की खोज के साथ 19 वीं सदी तक लोकप्रिय बना रहा.

कैंसर के लिए [[शल्य चिकित्सा|शल्य चिकित्सा]] ([[:en:Surgery|surgical]]) और इसका सबसे पुराना वर्णन इजिप्ट में 1600 ई.पू. मिलता है.[[ Papyrus|Papyrus]] ([[:en:Papyrus|Papyrus]]) स्तन के अल्सर के आठ मामलों का वर्णन करता है, इनका इलाज cauterization, के द्वारा किया जाता था, इसके लिए प्रयुक्त उपचार था "the fire drill."

इस बीमारी के बारे में लेखन कहता है,"इसका कोई इलाज नहीं है."<ref name=CancerOrgHistory>अमेरिकन कैंसर सोसायटी, [http://www.cancer.org/docroot/CRI/content/CRI_2_6x_the_history_of_cancer_72.asp], ''कैंसर का इतिहास''</ref>

कैंसर के लिए अन्य प्रारंभिक [[शल्य चिकित्सा|शल्य चिकित्सा]] ([[:en:Surgery|surgical]]) का वर्णन 1020 में [[ एविसेना |Avicenna]] ([[:en:Avicenna|Avicenna]]) (Ibn Sina)के द्वारा ''[[चिकित्सा का कैनन |The Canon of Medicine]] ([[:en:The Canon of Medicine|The Canon of Medicine]])''में किया गया. उन्होंने कहा कि उतक को ठीक से [[ छांटना|हटा ]] ([[:en:excision|excision]])देना चाहिए,[[ऊतक (जीव विज्ञान)|छंटाई ]] ([[:en:Tissue (biology)|tissue]])ठीक प्रकार से होनी चाहिए, इसमें शामिल है [[विच्छेदन|विच्छेदन]] ([[:en:amputation|amputation]]) का उपयोग या [[गाँठ|ट्यूमर]] ([[:en:tumor|tumor]]) की दिशा में चलने वाली [[शिरा|शिरा]] ([[:en:vein|vein]]) को हटाना.उन्होंने जरुरत होने पर प्रभावित क्षेत्र के लिए [[ दाग़ना|cauterization]] ([[:en:cauterization|cauterization]]) के उपयोग की भी सलाह दी.<ref name=Patricia>पेट्रीसिया स्किनर (2001), [http://findarticles.com/p/articles/mi_g2603/is_0007/ai_2603000716 यूनानी-टिब्बी], ''विश्वकोश वैकल्पिक चिकित्सा ''</ref>

16 वीं और 17 वीं शताब्दियों में, मृत्यु के कारण को खोजने के लिए [[ ऑटोप्सी|शरीर को काटना ]] ([[:en:autopsy|dissect bodies]])डॉक्टरों के लिए अधिक स्वीकार्य बन गया.जर्मन प्रोफेसर [[ विल्हेम फेब्री |विल्हेम Fabry]] ([[:en:Wilhelm Fabry|Wilhelm Fabry]]) का मानना था कि स्तन कैंसर स्तन वाहिनी में एक दूध के थक्के के कारण होता है.डच प्राध्यापक [[Francois de la Boe Sylvius|फ़्राँस्वा डे ला Boe Sylvius]] ([[:en:Francois de la Boe Sylvius|Francois de la Boe Sylvius]]),जो [[रने देकार्त|डेसकार्टेस]] के एक अनुयायी थे, का मानना था कि प्रत्येक रोग किसी रासायनिक क्रिया का परिणाम है, और अम्लीय [[लसिका |लसीका]] ([[:en:lymph|lymph]]) तरल पदार्थ कैंसर का कारण है.उसके समकालीन [[निकोलस टल्प |Nicolaes Tulp]] ([[:en:Nicolaes Tulp|Nicolaes Tulp]]) का मानना था कि कैंसर एक जहर है जो धीरे धीरे फैलता है तथा [[औपसर्गिक रोग|संक्रामक]]है.<ref name="Marilyn Yalom">
Marilyn Yalom "स्तन का इतिहास" 1997.न्यूयॉर्क: अल्फ्रेड ऐ.Knopf.ISBN 0-679-43459-3</ref>

18 वीं सदी में सूक्ष्मदर्शी के व्यापक उपयोग से यह ज्ञात हुआ कि 'कैंसर का ज़हर' अपने प्राथमिक ट्यूमर से अन्य स्थानों तक लिम्फ नोड्स के माध्यम से फैलता है (" "[[मेटास्टेसिस|मेटास्टेसिस]] ([[:en:metastasis|metastasis]])"").रोग का यह दृष्टिकोण 1871 और 1874 के बीचके बीच अंग्रेज़ी सर्जन [[ कैम्पबेल डी मॉर्गन|कैम्पबेल मॉर्गन डे]] ([[:en:Campbell De Morgan|Campbell De Morgan]]) के द्वारा दिया गया.<ref><!--Translate this template and uncomment
{{cite journal |author=Grange JM, Stanford JL, Stanford CA |title=Campbell De Morgan's 'Observations on cancer', and their relevance today |journal=Journal of the Royal Society of Medicine |volume=95 |issue=6 |pages=296&ndash;9 |year=2002 |url=http://www.jrsm.org/cgi/content/full/95/6/296|pmid=12042378|doi=10.1258/jrsm.95.6.296}}
--></ref> स्वच्छता की समस्याओं के कारण [[शल्य चिकित्सा|शल्य चिकित्सा]] ([[:en:surgery|surgery]]) के द्वारा कैंसर के उपचार के दुष्परिणाम हुए.मशहूर स्कॉटलैंड के सर्जन [[ अलेक्जेंडर मोनरो |अलेक्जेंडर Monro]] ([[:en:Alexander Monro|Alexander Monro]]) ने दो साल में शल्य चिकित्सा के बाद जीवित साठ मरीजों में से केवल दो में स्तन ट्यूमर को देखा.19 वीं सदी में, [[एसेप्सिस |asepsis]] ([[:en:asepsis|asepsis]]) ने शल्य चिकित्सा में स्वच्छता की दृष्टि से सुधार किया और जैसे जैसे जीवित रहने के आँकड़ों में वृद्धि हुई, शल्य चिकित्सा कैंसर का प्रारंभिक उपचार बन गया.[[विलियम कोली |विलियम Coley]] ([[:en:William Coley|William Coley]])अपवाद थे जिन्होंने 1800s के अंत में पाया कि asepsis से ''पहले'' शल्य चिकित्सा के बाद उपचार की दर अधिक थी, (और उन्होंने मिश्रित परिणामों के साथ ट्यूमर में जीवाणु को इंजेक्ट कर दिया.), कैंसर का उपचार शल्य चिकित्सक की ट्यूमर को हटाने की कला पर निर्भर हो गया.इसी अवधि के दौरान, यह पता लगा किशरीर कई [[ऊतक (जीव विज्ञान)|ऊतकों]] ([[:en:tissue (biology)|tissues]]) से बना है जो मिलियन कोशिकाओं से बने हैं, इससे शरीर में रासायनिक असंतुलन के बारे में ह्यूमर सिद्धांतों ने जन्म लिया. [[कोशिका विकृतिविज्ञान|कोशिका विकृतिविज्ञान]] ([[:en:cellular pathology|cellular pathology]]) का जन्म हुआ.

जब 19 वीं सदी के अंत में, [[मेरी क्युरी|मेरी क्युरी]] और [[पिएर क्युरी|पिएर क्युरी]] ने [[विकिरण |विकिरण]] ([[:en:radiation|radiation]]) की खोज की, उन्होंने पहला प्रभावी शल्य चिकित्सा हीन उपचार खोजा.विकिरण कैंसर उपचार के महत्वपूर्ण लक्षण के रूप में प्रकट हुआ.शल्य चिकित्सक अब सिर्फ़ ऑपरेशन नहीं करते हैं, लेकिन विकिरण विज्ञानी के साथ मिलकर कार्य करते हैं और रोगी की मदद करते हैं.इससे संचार में जटिलताएं आयीं,साथ ही घर के बजाय रोगी के उपचार की जरुरत अस्पताल में महसूस हुई, साथ ही अस्पताल की फाइलों में रोगी से सम्बंधित आंकडों को संकलित किया गया. जिससे पहली बार सांख्यिकीय रोगी अध्ययन की शुरुआत हुई.

[[द्वितीय विश्वयुद्ध|द्वितीय विश्व युद्घ ]]तक एक चिकित्सक को व्यक्तिगत रूप से कैंसर रोगी के उपचार और अध्ययन करने की अनुमति नहीं थी,अब चिकित्सा अनुसंधान केन्द्रों ने खोजा कि रोग की घटना में काफी अन्तर राष्ट्रीय अन्तर दिखाई देते हैं. इस अंतर्दृष्टि के कारण राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य निकायों ने अस्पतालों और क्लीनिकों में स्वास्थ्य सम्बन्धी आंकडों को संकलित किया, यह एक ऐसी प्रक्रिया थी जिसे आज कई देश करते हैं.जापानी चिकित्सा समुदाय ने पाया कि [[हिरोशिमा|हिरोशिमा]] और [[नागासाकी|नागासाकी]] में बम पीड़ितों का अस्थि मज्जा पूरी तरह से नष्ट हो गया था.उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि रोगग्रस्त [[अस्थि मज्जा|अस्थि मज्जा]] ([[:en:bone marrow|bone marrow]]) को भी विकिरण के द्वारा नष्ट किया जा सकता है, और इससे [[रक्त केंसर|ल्यूकेमिया]] ([[:en:leukemia|leukemia]]) के लिए अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण की खोज हुई.द्वितीय विश्व युद्घ के बाद से [[ कैंसर का उपचार|कैंसर उपचार]] ([[:en:cancer treatment|cancer treatment]]) की प्रवृतियों में सुधार हो रहे हैं, इसमें उपस्थित उपचार विधियों में सूक्ष्म स्तर पर सुधार हुआ है, उनका मानकीकरण किया गया है, और [[महामारी विज्ञान|महामारी विज्ञान]] ([[:en:epidemiology|epidemiology]]) और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के माध्यम से इलाज के तरीके की खोज में उन्हें वैश्वीकृत किया गया है.

==अनुसंधान==
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कैंसर अनुसंधान एक गहन वैज्ञानिक प्रयास है जो रोग प्रक्रियाओं को समझने के लिए और संभव उपचार की खोज के लिए किया जाता है.कैंसर अनुसंधान के कारण [[आण्विक जीव विज्ञान|आण्विक जीव विज्ञान]] ([[:en:molecular biology|molecular biology]]) और [[कोशिका जीव विज्ञान|कोशिका जीव विज्ञान]] ([[:en:cellular biology|cellular biology]]) के ज्ञान के बढ़ने से कैंसर के कई नए प्रभावी उपचारों की खोज हुई है.जब से 1971 में राष्ट्रपति निक्सन "कैंसर पर युद्ध" की घोषणा की.

==यह भी देखिये==
*[[ कैंसर के प्रकारों की सूची| कैंसर के प्रकारों की सूची]] ([[:en:List of cancer types|List of cancer types]])
*[[कैंसर विज्ञान से सम्बंधित शब्दों की सूची.|कैंसर विज्ञान से सम्बंधित शब्दों की सूची]] ([[:en:List of oncology-related terms|List of oncology-related terms]])
*[[ अमेरिकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च |अमेरिकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च ]] ([[:en:American Association for Cancer Research|American Association for Cancer Research]])
*[[अमेरिकन कैंसर सोसायटी|अमेरिकन कैंसर सोसायटी]] ([[:en:American Cancer Society|American Cancer Society]])
*[[ अमेरिकन सोसायटी ऑफ क्लिनिकल ओन्कोलोजी | अमेरिकन सोसायटी ऑफ क्लिनिकल ओन्कोलोजी ]] ([[:en:American Society of Clinical Oncology|American Society of Clinical Oncology]])
*[[कैंसर के अनुसंधान और उपचार के लिए यूरोपीय संगठन|कैंसर के अनुसंधान और उपचार के लिए यूरोपीय संगठन]] ([[:en:European Organisation for Research and Treatment of Cancer|European Organisation for Research and Treatment of Cancer]])
*[[ राष्ट्रीय कैंसर संस्थान|राष्ट्रीय कैंसर संस्थान]] ([[:en:National Cancer Institute|National Cancer Institute]]) (NCI)
*[[राष्ट्रीय व्यापक कैंसर नेटवर्क|राष्ट्रीय व्यापक कैंसर नेटवर्क]] ([[:en:National Comprehensive Cancer Network|National Comprehensive Cancer Network]])
*[[कैंसर विज्ञान|कैंसर विज्ञान]] ([[:en:Oncology|Oncology]])

==संदर्भ==
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-->

===सामान्य संदर्भ===
*''कैंसर विज्ञान का आधारभूत ज्ञान .''Tannock IF, Hill RP ''et al'' (eds) 4th ed.2005 McGraw-Hill.ISBN 0-07138-774-9.
*''कैंसर जीवविज्ञान के सिद्धांत.''Kleinsmith, LJ (2006).पियर्सन बेंजामिन क्युम्मिंग्स.ISBN 0-80534-003-3.
*<!--Translate this template and uncomment
{{cite journal | author = Parkin D, Bray F, Ferlay J, Pisani P | title = Global cancer statistics, 2002. | journal = CA Cancer J Clin | volume = 55 | issue = 2 | pages = 74&ndash;108 | year = | doi = 10.3322/canjclin.55.2.74 | doi_brokendate = 2008-06-26 }}
-->''[http://caonline.amcancersoc.org/cgi/content/full/55/2/74 पूर्ण पाठ]''
*''भोजन, पोषण, शारीरिक गतिविधि, और कैंसर की रोकथाम: एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य''.विश्व कैंसर रिसर्च कोष (2007).ISBN 978-0-9722522-2-5. ''[http://www.wcrf-uk.org/research_science/expert_report.lasso पूर्ण पाठ]''
*[http://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/bv.fcgi?call=bv.View.ShowTOC&rid=cmed.TOC&depth=2 कैंसर चिकित्सा, 6 संस्करण] पाठ्यपुस्तक
*<!--Translate this template and uncomment
{{cite journal | author=Robert A. Weinberg | title=How Cancer Arises; An explosion of research is uncovering the long-hidden molecular underpinnings of cancer—and suggesting new therapies | url=http://www.bme.utexas.edu/research/orly/teaching/BME303/Weinberg.pdf | publication=Scientific American | date=September 1996 | pages=62–70 | quote=Introductary explanation of cancer biology in layman's language | format=PDF }}
-->

==बाहरी सम्बन्ध==
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{{dmoz|Health/Conditions_and_Diseases/Cancer/}}
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{{Yahoo directory|Health/Diseases_and_Conditions/Cancers/|Cancer}}
-->

===पेशेवर और अनुसंधान===
;वैश्विक
*[http://www.who.int/cancer/en/ विश्व स्वास्थ्य संगठन के कैंसर साइट] कैंसर के उपचार और रोकथाम के लिए दुनिया भर की रणनीतियों की समीक्षा.
*[http://www.who.int/mediacentre/factsheets/fs297/en/ कैंसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के तथ्य पत्रक]
*[http://www.who.int/nutrition/topics/dietnutrition_and_chronicdiseases/en/ आहार, पोषण और पुराने रोगों के निवारण] (कैंसर सहित) एक संयुक्त [[विश्व स्वास्थ्य संगठन|डब्ल्यूएचओ]]/[[ एफएओ|एफएओ]] ([[:en:FAO|FAO]]) विशेषज्ञ परामर्श (2003)द्वारा
*[http://www.wcrf.org/World कैंसर शोध कोष अंतरराष्ट्रीय (WCRF अंतरराष्ट्रीय)] कैंसर दान के लिए एक वैश्विक नेटवर्क. इसकी [http://www.wcrf-uk.org/research_science/expert_report.lasso यूके वेबसाइट] कैंसर की रोकथाम और इसकी उत्पत्ति पर विस्तृत विश्लेषण रखती है.
*[http://cancer.iaea.org/ PACT:कैंसर थेरेपी के लिए कार्ययोजना]एक [[अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अधिकरण|IAEA]]कार्यक्रम कैंसर देखभाल क्षमता स्थापित करता है और विकास शील दुनिया में कैंसर पर व्यापक नियंत्रण का प्रयास करता है.

;उत्तरी अमेरिका
*[http://www.cancer.org अमेरिकन कैंसर सोसाइटी मुखपृष्ठ]
*[http://www.cancer.org/docroot/ETO/ETO_1.asp/ नैदानिक परीक्षणों पर अमेरिकन कैंसर सोसायटी संसाधन]
*[http://www.cancer.org/docroot/ETO/eto_1_1a.asp?sitearea=ETO/ अमेरिकन कैंसर सोसायटी उपचार निर्णय उपकरण] ;रोगियों को मदद करने के लिए - विश्वसनीय उपकरणों
*[http://www.asco.org अमेरिकन सोसायटी क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी मुखपृष्ठ]
*[http://www.asco.org/guidelines ASCO नैदानिक अभ्यास दिशानिर्देश ]
*[http://www.cancer.net Cancer.net] - कैंसर विज्ञानी -कैंसर सूचना को मंजूरी दी
*[http://www.ascocancerfoundation.org/ ASCO कैंसर फाउंडेशन मुखपृष्ठ]
*[http://www.cap.org/apps/docs/reference/myBiopsy/index2.html MyBiopsy.org]कैंसर युक्त रोगियों के लिए जानकारी, अमेरिकी रोगविग्यानियों के कॉलेज के द्वारा उपलब्ध.
*[http://www.cancer.org/docroot/STT/content/STT_1x_Cancer_Facts__Figures_2005.asp कैंसर तथ्य एवं आँकड़े 2005] - 2005 संयुक्त राज्य अमेरिका कैंसर सांख्यिकी
*[http://www.leukemia-lymphoma.org/all_page?item_id=225865 ल्यूकेमिया और लिंफोमा सोसायटी]
*[http://www.cancer.gov राष्ट्रीय कैंसर संस्थान]अमेरिकी सरकार एजेंसी कैंसर के कारण, निदान, रोकथाम और उपचार के लिए, अनुसंधान, समर्थन प्रशिक्षण, स्वास्थ्य संबंधी जानकारी का प्रसार, और अन्य कार्यक्रमों का सञ्चालन करती है, साथ ही कैंसर रोगियों की देखभाल तथा उनके परिवार की मदद करती है.
*[http://www.cancer.ca/ccs/internet/standard/0,3182,3172_14279_371283_langId-en,00.html कनाडा के कैंसर के आँकड़े 2006] - यह प्रकाशन, कनाडा में लिंग, उम्र और प्रांत विश्लेषित / प्रदेश के आधार पर कैंसर घटना और मृत्यु डर पर रिपोर्ट देता है.
*[http://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/bv.fcgi?call=bv.View.ShowTOC&rid=cmed.TOC&depth=2 कैंसर चिकित्सा, 6 संस्करण] पाठ्यपुस्तक

;दक्षिण अमेरिका
*[http://www.abcancer.org.br/ Associação Brasileira do Câncer]

;यूरोप
*[http://www.eortc.be EORTC] कैंसर के अनुसंधान और उपचार के लिए यूरोपीय संगठन .एक यूरोपीय गैर मुनाफे वाला संगठन है जो नैदानिक परीक्षणों को कार्यान्वित करता है.
*[http://www.cancerbackup.org.uk/ Cancerbackup] ब्रिटेन कैंसर जानकारी चेरिटी.
*[http://www.icr.ac.uk कैंसर अनुसंधान संस्थान] विश्व के अग्रणी स्वतंत्र कैंसर अनुसंधान संगठनों में से एक, यूनाइटेड किंगडम में आधारित.

===समर्थन और वकालत===
*[http://www.americancancersociety.org अमेरिकन कैंसर सोसायटी] रोगी अधिवक्ता समूह
*[http://www.aacr.org/home/survivors--advocates.aspx कैंसर रिसर्च उत्तरजीवी और रोगी वकालत के लिए अमेरिकन एसोसिएशन ]
*[http://cancer.iaea.org/ PACT:कैंसर थेरेपी के लिए कार्ययोजना]एक [[अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अधिकरण|IAEA]]कार्यक्रम कैंसर देखभाल क्षमता स्थापित करता है और विकास शील दुनिया में कैंसर पर व्यापक नियंत्रण का प्रयास करता है.
*[[मिड्लाइन प्लस |मिड्लाइन प्लस ]] ([[:en:MedlinePlus|MedlinePlus]])से [http://www.nlm.nih.gov/medlineplus/cancer.html कैंसर]-निम्न से सम्बन्ध स्थापित करता है समाचार, सामान्य साइटों, निदान, उपचार और वैकल्पिक चिकित्सा, नैदानिक परीक्षणों, अनुसंधान, संबंधित मुद्दों, संगठनों, अन्य मिड्लाइन प्लस[http://www.nlm.nih.gov/medlineplus/cancers.html कैंसर विषय] और [http://www.nlm.nih.gov/medlineplus/cancerlivingwithcancer.html कैंसर से ग्रस्त].
*[http://info.cancerresearchuk.org कैंसर रिसर्च यूके - कैंसर संसाधन] -गहराई में, उन लोगों के लिए अद्यतन जानकारी जो कैंसर और स्वास्थ्य में सामान्य और पेशेवर रुचि लेते हैं.
*[http://www.cancer.org.au कैंसर परिषद ऑस्ट्रेलिया ] - ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय गैर सरकारी कैंसर नियंत्रण संगठन, जो अनुसंधान, सूचना, रोकथाम, रोगी को उपचार और समर्थन में भाग लेते हैं.
*[http://www.acor.org/ ACOR - एसोसिएशन कैंसर ऑनलाइन संसाधनों ] यह ऑनलाइन समुदायों का एक अद्वितीय समूह है जो एक सहायक माहौल में सही समय पर सही जानकारी देने के लिए डिजाइन किया गया है.ACOR मेल्स की सूची उपलब्ध करता है,जो कैंसर और सम्बंधित असामान्यताओं से प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति के लिए सहयोग और जानकारी उपलब्ध करता है.
*[http://www.insidecancer.org Inside Cancer]कोल्ड स्प्रिंग हार्बर लेबोरेटरी से कैंसर जीव विज्ञान के लिए मल्टीमीडिया मार्गदर्शिका
*[http://www.cancer.ie आयरिश कैंसर सोसायटी]

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12:46, 27 फ़रवरी 2009 का अवतरण


स्तनोछेदन (Mastectomy)एक ऐसा नमूना जिसमें स्तन का बहुत अधिक कैंसर हो (इस स्थिति में, एक दुर्दम वाहिनीपरक कार्सिनोमा (ductal carcinoma))
कोलेक टोमी (Colectomy)एक ऐसा नमूना जिसमें एक दुर्दम मूत्र-मलाशय कार्सिनोमा (colorectal carcinoma)हो (गड्ढे की तरह, लाल, अनियमित आकृति की गाँठ)
न्यूमो नेक्टोमी (Pneumonectomy)फेफड़ों के कैंसर (lung cancer) से युक्त एक नमूना, यहाँ एक स्क्वैमस कोशिका कार्सिनोमा (squamous cell carcinoma) (श्वास नली के पास एक श्वेत गाँठ ).
नेफ्रेक टोमी (Nephrectomy)वृक्क कोशिका कार्सिनोमा (renal cell carcinoma)से युक्त एक नमूना (नीचले बाएँ हिस्से में स्पंज जैसी पीली गाँठ ).

कैंसर (चिकित्सकीय भाषा: दुर्दम (malignant)नियो प्लास्म ) (neoplasm))रोगों का एक वर्ग है जिसमें कोशिकाओं का एक समूह अनियंत्रित वृद्धि प्रर्दशित करता है (सामान्य सीमा से अधिक विभाजन (division)), रोग आक्रमण (आस-पास के उतकों का विनाश ) और कभी कभी मेटास्टेसिस (metastasis)(लसिका या रक्त के मध्यम से शरीर के अन्य भागों में फ़ैल जाता है ).कैंसर के ये तीन दुर्दम (malignant)लक्षण इसे सौम्य ट्यूमर (benign tumor)से विभेदित करते हैं, जो स्वयं सीमित हैं, आक्रामक नहीं हैं या मेटास्टेसिस प्रर्दशित नहीं करते हैं. अधिकांश कैंसर एक ट्यूमर (tumor) बनाते हैं, लेकिन कुछ जैसे रक्त कैंसर (leukemia)गाँठ नहीं बनाते हैं.चिकित्सा की वह शाखा जो कैंसर के अध्ययन, निदान, उपचार, और रोकथाम से सम्बंधित है, ऑन्कोलॉजी (oncology) या कैंसर विज्ञान कहलाती है.

कैंसर सभी उम्र के लोगों यहाँ तक कि भ्रूण को भी प्रभावित कर सकता है लेकिन अधिकांश प्रजातियों के लिए जोखिम उम्र के साथ बढ़ जाता है.[1]सभी मौतों (all deaths)में 13% का कारण है केन्सर .[2]अमेरिकन कैंसर सोसायटी (American Cancer Society) के अनुसार 7.6  मिलियन लोग २००७ में कैंसर से मारे गए.[3] कैंसर सभी जानवरों को प्रभावित कर सकता हैं .

लगभग सभी कैंसर रूपांतरित कोशिकाओं (transformed)के आनुवंशिक पदार्थों (genetic material)में असामान्यताओं के कारन होते हैं.ये असमान्यताएं संभवतया कार्सिनोजन (carcinogens)के प्रभाव से हो सकती हैं जैसे तंबाकू का धुआँ (tobacco smoke), विकिरण, रसायन, या संक्रामक एजेंट (infectious agents).कैंसर को उत्पन्न करने वाली अन्य आनुवंशिक असामान्यताएं डीएनए प्रतिकृति (DNA replication) में त्रुटियों के द्वारा हो सकती हैं या आनुवंशिक (inherited)रूप से प्राप्त हो सकती हैं.और इस प्रकार से सभी कोशिकाओं में जन्म से उपस्थित होती हैं.कैंसर की आनुवंशिकता (heritability)सामान्यतया कार्सिनोजन और होस्ट केजीनोम (genome)के बीच जटिल पारस्परिक संपर्क से प्रभावित होती है. कैंसर रोगजनन, की आनुवंशिकी के नए पहलू जैसे डीएनए मेथिलिकरण (DNA methylation)और सूक्ष्म आर एन ऐ (microRNAs)का महत्त्व तेजी से बढ़ रहा है.

कैंसर में पाई जाने वाली आनुवंशिक असामान्यताएं आमतौर पर जीन के दो सामान्य वर्गों को प्रभावित करती हैं.कैंसर को बढ़ावा देने वाले ओंकोजीन (oncogene)s आमतौर पर कैंसर की कोशिकाओं में सक्रिय होते हैं, ये इन कोशिकाओं को नए गुण देते हैं जैसे सामान्य से अधिक विभाजन और वृद्धि, क्रमादेशित कोशिका मृत्यु (programmed cell death) से सुरक्षा, सामान्य उतक सीमाओं का अभाव,और विविध ऊतक वातावरण में स्थापित होने कि क्षमता. गाँठ का शमन करने वाला जीन (Tumor suppressor gene)अब कैंसर की कोशिकाओं में निष्क्रिय हो जाता है, जिससे इन कोशिकाओं की सामान्य क्रियाओं में कमी आ जाती है जैसे सही डीएनए अनूलिपि, कोशिका चक्र (cell cycle)पर नियंत्रण, ऊतकों के भीतर अभिविन्यास और आसंजन, और प्रतिरक्षा तंत्र (immune system) की सुरक्षात्मक कोशिकाओं के साथ पारस्परिक क्रिया.



निदान के लिए आम-तौर पर एक उतक का हिस्टोलोजिक (histologic) परिक्षण किया जाता है, इसके लिए एक उतक का बायोप्सी (biopsy) नमूना रोगविज्ञानी (pathologist)के द्वारा लिया जाता है.यद्यपि दुर्दमता के प्रारंभिक संकेत रेडियो ग्राफिक (radiographic)इमेजिंग असमान्यता के लक्षण हो सकते हैं.अधिकांश कैंसरों का इलाज किया जा सकता है, कुछ को ठीक भी किया जा सकता है, यह कैंसर के प्रकार, स्थिति और avastha (stage) पर निर्भर करता है.एक बार निदान हो जाने पर, कैंसर का उपचार शल्य चिकित्सा (surgery), कीमोथेरपी (chemotherapy) और रेडियोथेरेपी (radiotherapy) के संयोजन के द्वारा किया जा सकता है.अनुसंधान के विकास के साथ, कैंसर की विभिन्न किस्मों के लिए उपचार और अधिक विशिष्ट हो रहे हैं.लक्षित थेरेपी (targeted therapy) के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है दवाएं जो विशिष्ट गाँठ में जांच योग्य आणविक असामान्यताओं पर विशेष रूप se कार्य करती हैं, और सामान्य कोशिकाओं में क्षति को कम करती हैं.कैंसर के रोगियों का पूर्व निदान कैंसर के प्रकार से बहुत अधिक प्रभावित होता है, साथ ही रोग की अवस्था (stage)और सीमा का भी इस पर प्रभाव पड़ता है.इसके अलावा,हिस्टोलोजिक (histologic)श्रेणीकरण (grading) और विशिष्ट आणविक मार्कर की उपस्थिति भी रोग के निदान में तथा उपचार के निर्धारण में सहायक हो सकती है.

वर्गीकरण

सामान्यतया कैंसर का वर्गीकरण उस उतक के आधार पर किया जाता है जिससे कैंसर की कोशिकाएं उत्पन्न होती हैं, प्राथमिक गाँठ, और सामान्य कोशिका प्रकार से वे बहुत अधिक समान होते हैं.ये क्रमशः स्थान और उतक विज्ञान हैं.

नामकरण

निम्नलिखित निकट संबंधित शब्दों का उपयोग असामान्य वृद्धि को नामित करने के लिए किया जा सकता है:

  • ट्यूमर (Tumor): मूल रूप से,इसका अर्थ है कोई भी असामान्य, सूजन गांठ या समूह.वर्तमान अंग्रेज़ी में,यद्यपि, शब्द ट्यूमर निओप्लास्म विशेष रूप से ठोस नियोप्लास्म का पर्याय बन गया है.ध्यान दें कि कुछ नियोप्लास्म, जैसे रक्त कैंसर (leukemia), ट्यूमर का निर्माण नहीं करते हैं.
  • नियोप्लास्म (Neoplasm):एक वैज्ञानिक शब्द जो आनुवंशिक रूप से परिवर्तित कोशिकाओं के असामान्य प्रचुरोदभवन का वर्णन करता है. नियो प्लास्म दुर्दम या सौम्य हो सकता है.
    • दुर्दम नियोप्लास्म या दुर्दम गाँठ : कैंसर का पर्याय है.
    • सौम्य नियोप्लास्म या सौम्य गाँठ (benign tumor): एक गाँठ (ठोस नियोप्लास्म) जिसकी अपने आप के द्वारा वृद्धि रुक जाती है, यह अन्य उतकों को संक्रमित नहीं करती है, मेटास्टेसिस नहीं करती है.
  • संक्रामक गाँठ का एक ओर पर्याय है कैंसर इस नाम का उपयोग आस-पास के उतकों के संक्रमण के लिए किया जाता है.
  • पूर्व-दुर्दम , पूर्व कैंसर या असंक्रामक ट्यूमर:एक नियाप्लास्म जो संक्रामक नहीं है लेकिन उपचार नहीं किए जाने पर कैंसर का रूप ले सकती हैं (संक्रामक हो)सकती हैं.कैंसर के लिए क्षमता बढ़ने के क्रम में ये घाव हैं,सामान्य अवस्था से विचलन (atypia), असामान्य उतक विकास (dysplasia),ओर कार्सिनोमा स्वस्थानी (carcinoma in situ).

एक कैंसर का वर्णन करने के लिए निम्न शब्दों का उपयोग किया जा सकता है.

  • स्क्रीनिंग: स्वस्थ व्यक्तियों में किया जाने वाला एक परीक्षण जो गाँठ के उत्पन्न होने से पहले ही उनकी जांच के लिए किया जाता है. एक मेमोग्राम (mammogram) एक स्क्रीनिंग परीक्षण है .
  • निदान: एक गांठ की कैंसर प्रकृति की पुष्टि.इसे सामान्यतया एक बायोप्सी (biopsy) या शल्य चिकित्सा (surgery)के द्वारा गाँठ को हटा देने की जरुरत होती है, ऐसा एक रोगविज्ञानी (pathologist) के परीक्षण के बाद किया जाता है.
  • शल्य छटाई : एक ट्यूमर को एक शल्य चिकित्सक के द्वारा हटाया जन (surgeon).
    • शल्य हाशिए:एक शल्य चिकित्सक के द्वारा हटाये गए उतक के किनारों का एक रोगविज्ञानी (pathologist) के द्वारा मूल्यांकन जिससे यह निर्धारित किया जाता है कि गाँठ को पूरी तरह से हटा दिया गया है ( "नकारात्मक हाशिए")या गाँठ बच गई है ( "सकारात्मक हाशिए").
  • श्रेणी : एक संख्या (सामान्यतया 3 के पैमाने पर)जो एक रोगविज्ञानी (pathologist) के द्वारा गाँठ के आस पास के सौम्य उतक की समानता के अंश का वर्णन करने के लिए दी जाती है.
  • अवस्था : एक संख्या (सामान्यतया 4 के पैमाने पर)जो एक कैंसर विज्ञानी (oncologist) गाँठ के द्वारा शरीर पर आक्रमण के अंश का वर्णन करने के लिए देता है.
  • पुनरावृत्ति:नई गाँठ जो शल्य चिकित्सा के बाद पहले वाली गाँठ के स्थान पर ही उत्पन्न होती है.
  • मेटास्टेसिस: नए ट्यूमर जो कि मूल ट्यूमर से दूर दिखाई देते हैं.
  • रूपांतरण: अवधारणा जिसके अनुसार समय के साथ एक कम ग्रेड का ट्यूमर, एक उच्च ग्रेड ट्यूमर में रूपांतरित हो जाता है. उदाहरण : रिक्टर रूपांतरण (Richter's transformation).
  • कीमोथैरेपी:दवाओं से इलाज.
  • विकिरण चिकित्सा: विकिरण से उपचार.
  • सहयोगी चिकित्सा: उपचार, या तो कीमोथेरपी या विकिरण चिकित्सा, जो शल्य चिकित्सा के बाद शेष कैंसर की कोशिकाओं को मारने के लिए दी जाती है.
  • पूर्वानुमान: थेरेपी के बाद उपचार की संभावना इसे सामान्यतया निदान के पाँच साल बाद जीवित रहने की सम्भावना के रूप में व्यक्त किया जाता है.वैकल्पिक रूप से, इसे वर्षों की संख्या के रूप में व्यक्त किया जा सकता है जब 50% रोगी अभी भी जीवित हों.दोनों ही संख्याएँ सैंकडों समान रोगियों के आंकडों से उत्पन्न हुई व्युत्पन्न हुई हैं जो Kaplan-Meier वक्र (Kaplan-Meier curve) बनाती हैं .

कैंसर को कोशिका के प्रकार के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है जो गाँठ से समानता रखती है, इसीलिए, उतक को गाँठ से उत्पन्न माना जा सकता है. सामान्य श्रेणी के उदाहरणों में शामिल हैं:

घातक ट्यूमर (कैंसर) के लिए सामान्यतया -कार्सिनोमा, -सार्कोमा या -ब्लास्टोमा जैसे शब्दों का उपयोग प्रत्यय के रूप में किया जाता है, जो उत्पत्ति के अंगों के लिए लेटिन या ग्रीक शब्द हैं.उदाहरण के लिए, यकृत का कैंसर यकृत कार्सिनोमा (hepatocarcinoma)कहलाता है;वसा कोशिकाओं का कैंसर लिपोसार्कोमा कहलाता है.आम कैंसरों के लिए, अंग्रेज़ी अंग नाम का प्रयोग किया जाता है.उदाहरण के लिए स्तन कैंसर (breast cancer) का सबसे सामान्य प्रकार स्तन का वाहिनी परक कार्सिनोमा या स्तन ग्रंथि वाहिनी कार्सिनोमा कहलाता है.यहाँ पर वाहिनी शब्द का उपयोग, सूक्ष्मदर्शी में दिखाई देने वाली स्तन वाहिनियों के कैंसर के लिए किया गया है.

सौम्य ट्यूमर (Benign tumor)(जो कैंसर नहीं हैं) उनके नाम में -ओमा प्रत्यय का प्रयोग किया जाता है, जिसमें मूल शब्द अंग का नाम होता है.उदाहरण के लिए, गर्भाशय की चिकनी पेशी का एक सौम्य ट्यूमर leiomyomaकहलाता है (इस गाँठ का सामान्य नाम है फाईब्रोइड अर्थात रेशेदार).दुर्भाग्य से, कुछ तरह के कैंसरों के लिए भी -ओमा प्रत्यय का प्रयोग किया जाता है, जैसे मेलेनोमा (melanoma) और सेमिनोमा (seminoma)

प्रौढ़ कैंसर

अमेरिका और अन्य विकसित देशों में, कैंसर वर्तमान में कुल मौतों के 25% के लिए जिम्मेदार है.[4] वार्षिक आधार पर, जनसंख्या के 0.5% में कैंसर पाया गया है.नीचे दिए गए आंकडे संयुक्त राज्य अमेरिका में वयस्कों के लिए हैं, और अन्य देशों में काफी अलग हो सकते हैं.

नर मादा
सबसे सामान्य (उत्पत्ति के द्वारा ) सबसे सामान्य ( मृत्यु के द्वारा )[4] सबसे सामान्य (उत्पत्ति के द्वारा ) सबसे सामान्य ( मृत्यु के द्वारा )[4]
प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) ( 33 % ) फेफड़ों का कैंसर ( 31 % ) स्तन कैंसर (breast cancer) ( 32 % ) फेफड़ों का कैंसर ( 27 % )
फेफड़ों का कैंसर (lung cancer)(13%) प्रोस्टेट कैंसर ( 10 % ) फेफड़ों का कैंसर (12%) स्तन कैंसर ( 15 % )
बड़ी आंत -मलाशय कैंसर (colorectal cancer) (10%) बड़ी आंत -मलाशय कैंसर(10%) बड़ी आंत -मलाशय कैंसर(11%) बड़ी आंत -मलाशय कैंसर(10%)
मूत्राशय का कैंसर (bladder cancer) (7%) अग्नाशय का कैंसर (pancreatic cancer)(5%) अन्तर्गर्भाशयकला का कैंसर (endometrial cancer) ( 6 % ) डिम्बग्रंथि कैंसर (ovarian cancer) ( 6 % )
त्वक मेलेनोमा (melanoma) ( 5 % ) रक्त केंसर (leukemia)( 4 % ) गैर Hodgkin लिंफोमा (non-Hodgkin lymphoma) ( 4 % ) अग्नाशय का कैंसर ( 6 % )

बाल कैंसर

कैंसर बच्चों और किशोरों में भी हो सकता है लेकिन यह बहुत कम पाया जाता है. (अमेरिका में प्रतिवर्ष प्रत्येक मिलियन पर 150 मामले)अमेरिका NCI (NCI) के एस ई ई आर कार्यक्रम के आंकडे प्रदर्शित करते हैं कि बच्चों का कैंसर 1975 और 1990 के बीच, 19% बढ़ा इसमें मुख्य रूप से गंभीर रक्त कैंसर (acute leukemia)शामिल था.1990 के बाद से घटना की दरें कम हो गई है.[5]

वहाँ एक उचित संदेह है कि परमाणु सुविधाओं (nuclear facilities) के आस पास रहने वाले बच्चे कैंसर के जोखिम का अधिक सामना करते हैं.[6]

शिशु कैंसर

कैंसर की सबसे अधिक सम्भावना बच्चों में जीवन के पहले वर्ष में, शिशु (infant)अवस्था में होती है. संयुक्त राज्य अमेरिका में, 1975-1995 में ऐसे शिशु प्रति मिलियन पर 233 थे.[5]घटना की उपस्थिति के कई अनुमान.संयुक्त राज्य अमेरिका में: एस ई ई आर के अनुसार [5]

  • शिशु कैंसर का 28% न्यूरो ब्लास्टोमा (Neuroblastoma) के रूप में था यह इन छोटे बच्चों में सबसे सामान्य दुर्दमता थी (65 शिशु प्रति मिलियन)
  • रक्त कैंसर (leukemias)कैंसर का अगला सबसे सामान्य प्रकार है (41 शिशु प्रति मिलियन). जिसमें सभी मामलों का 17% शामिल है.
  • केंद्रीय तंत्रिका तंत्र दुर्दमताये (Central nervous system malignancies) , शिशु कैंसर का 13% बनाती हैं, इसकी औसत दर 30 शिशु प्रति मिलियन है.
  • दुर्दम जनन कोशिका और दुर्दम कोमल उतक गाँठ कि औसत वार्षिक दर 15 शिशु प्रति मिलियन थी. प्रत्येक में 6 % शिशु कैंसर के बारे में है .
एक अन्य अध्ययन के अनुसार :[4]
 (retinoblastoma), ऑस्टियो सार्कोमा  (osteosarcoma) और Ewing का सार्कोमा (Ewing's sarcoma).

टेराटोमा (Teratoma) (एक जनन कोशिका गाँठ (germ cell tumor))इस आयु में सबसे आम गाँठ है, लेकिन अधिकांश टेरा टोमा सौम्य होते हैं, शल्य क्रिया से हटा दिए जाते हैं, जरुरी रूप से कैंसर नहीं होते हैं.जन्म के पूर्व का अल्ट्रासाउंड परीक्षाओं का व्यापक उपयोग किया जाने लगा है.जन्म के समय sacrococcygeal teratoma (sacrococcygeal teratoma) की दर प्रति मिलियन 25 से 29 पाई गई है.

नर और मादा शिशुओं में कैंसर की दर लगभग समान पाई गई है, बड़े बच्चों की तुलना में काफी अन्तर पाया गया है.

गोरे शिशुओं में कैंसर की दर काले शिशुओं से अधिक पाई जाती है .रक्त कैंसर इस अन्तर का एक पर्याप्त अनुपात बनाते हैं: गोरे शिशुओं के लिए वार्षिक औसत दर (48,7 प्रति मिलियन)है जो से 66% अधिक थी काले शिशु (29.4 प्रति मिलियन ).[5]

शिशुओं के लिए न्यूरो ब्लास्टोमा Wilms' ट्यूमर (Wilms' tumor) और रेटिनो ब्लास्टोमा (retinoblastoma)के लिए सापेक्ष उत्तर जीविता बहुत अधिक है, रक्त कैंसर के लिए बहुत अधिक (80%) है लेकिन अधिकांश अन्य प्रकार के कैंसरों के लिए नहीं.

संकेत और लक्षण

मोटे तौर पर, कैंसर के लक्षणों को तीन समूहों में विभाजित किया जा सकता है:

यद्यपि विकसित हो चुके कैंसर में दर्द (pain)हो सकता है, यह प्रारंभिक लक्षण नहीं है.

उपरोक्त सूची में प्रत्येक लक्षण कई स्थितियों के कारण होता है (जिसकी एक सूची विभेदक निदान (differential diagnosis) के रूप में दी गई है.).कैंसर प्रत्येक मद के लिए एक आम या असामान्य कारण हो सकता है.

निदान

अधिकांश कैंसर संकेत या लक्षण के कारण प्रारंभिक रूप से पहचाने जाते हैं या स्क्रीनिंग के दोरान प्रकट होते हैं.इनमें से कोई भी निश्चित निदान नहीं है, इसे रोगविज्ञानी (pathologist) की सलाह की जरुरत होती है, यह एक प्रकार का फिजिशियन (मेडिकल डॉक्टर) है जो कैंसर और अन्य रोगों के निदान में माहिर है.

तहकीकात

छाती का एक्सरे, बाएं फेफड़े में, फेफड़ों के कैंसर दिखाता हुआ .

जिन लोगों में कैंसर का संदेह होता है उनकी चिकित्सा परीक्षण (medical test)के द्वारा जांच की जाती है.इसमें सामान्य हैं रक्त परीक्षण (blood test), एक्सरेs, सीटी स्कैन (CT scan) और एंडो स्कोपी (endoscopy).

बायोप्सी

एक कैंसर को कई कारणों से माना जा सकता है, लेकिन अधिकांश दुर्दमताओं का निश्चित निदान कैंसर कोशिका के हिस्टोलोजिकल (histological)परीक्षण के द्वारा किया जाता है जिसे एक रोगविज्ञानी (pathologist) करता है.उतक को बायोप्सी (biopsy) या शल्य चिकित्सा (surgery) के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है.कई बायोप्सी (जैसे त्वचा, स्तन या यकृत की) एक चिकित्सक के कार्यालय में ही की जा सकती हैं.अन्य अंगों की बायोप्सी एक निश्चेतक (anesthesia)की उपस्थिति में की जाती है, इसके लिए ऑपरेशन के कमरे (surgery)में शल्य क्रिया (operating room)की आवश्यकता होती है.

रोग विज्ञानी (diagnosis)के द्वारा दिया गया उतक निदान प्रचुरोदभवन करने वाली कोशिका के प्रकार को प्रदर्शित करता है, इसकी उतकीय श्रेणी (histological grade) और गाँठ के अन्य लक्षणों को भी बताता है.साथ ही यह जानकारी रोगी के पूर्व निदान (prognosis)का मूल्यांकन करने में तथा सर्वोत्तम इलाज का चयन करने में उपयोगी है.कोशिका आनुवंशिकी (Cytogenetics)और प्रतिरक्षा उतक रसायन विज्ञान (immunohistochemistry)परीक्षण के अन्य प्रकार हैं जो एक रोग विज्ञानी एक उतक के नमूने पर कर सकता है.ये परीक्षण कैंसर के भावी व्यवहार (पूर्व निदान) तथा सर्वोत्तम उपचार के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं.

उपचार

कैंसर का उपचार शल्य चिकित्सा (surgery), कीमोथेरपी (chemotherapy), विकिरण चिकित्सा (radiation therapy), प्रतिरक्षा थेरेपी (immunotherapy), मोनोक्लोनल एंटीबॉडी चिकित्सा (monoclonal antibody therapy) या अन्य विधियों के द्वारा किया जा सकता है.थेरेपी का चयन गाँठ की स्थिति और श्रेणी तथा रोग की अवस्था (stage)पर निर्भर करता है, साथ ही रोगी की सामान्य अवस्था पर भी निर्भर करता है (प्रदर्शन की स्थिति (performance status)). कई प्रयोगात्मक कैंसर उपचार (experimental cancer treatment) भी विकसित हो रहे हैं.

शरीर को नुकसान पहुचाये बिना कैंसर को पूरी तरह से ख़त्म करना उपचार का उद्देश्य होता है.कभी कभी इसे शल्य चिकित्सा के द्वारा किया जा सकता है, लेकिन कैंसर की आस-पास के उतकों पर आक्रमण करने की प्रवृति या सूक्ष्म मेटास्टेसिस द्वारा दूर के स्थानों पर फ़ैल जाने की प्रवृति अक्सर इसकी प्रभावित को सिमित कर देती है.कीमोथेरपी की प्रभावशीलता अक्सर शरीर में अन्य उतकों के विषिकरण के द्वारा सीमित हो जाती है.विकिरण भी सामान्य ऊतकों को नुकसान पहुँचा सकते हैं.

क्योंकि "कैंसर" रोगों के एक वर्ग का उल्लेख है, ऐसा सम्भव नहीं है कि कैंसर का एक मात्र उपचार (cure for cancer)ही रहेगा, फ़िर भी सभी संक्रामक रोगों के लिए एक मात्र उपचार होगा.

शल्य चिकित्सा

सैद्धांतिक रूप से गैर हिमेटोलोजिकल (hematological)कैंसर का इलाज किया जा सकता है यदि इसे पूरी तरह से शल्य चिकित्सा (surgery) के द्वारा हटा दिया जाए, लेकिन यह सदा सम्भव नहीं है.जब कैंसर शल्य चिकित्सा से पहले ही मेटास्टेसिस (metastasized)के द्वारा शरीर के अन्य अंगों तक पहुँच जाता है, तब पूरी तरह से शल्य क्रिया द्वारा इसे हटा देना आम तोर पर असंभव होता है.कैंसर के Halsted (Halsted)नमूने में गाँठ स्थानिक रूप से बढती है, फ़िर लसिका नोड्स तक फ़ैल जाती है, और फ़िर शरीर के अन्य सभी भागों में.इसी कारण से छोटे कैंसरों के लिए स्थानिक उपचार जैसे शल्य चिकित्सा की लोकप्रियता बढ़ गई है.यहाँ तक कि छोटे स्थानीयकृत ट्यूमर में भी मेटास्टेसिस की बहुत अधिक क्षमता होती है.

कैंसर के लिए शल्यचिकित्सा की प्रक्रियाओं के उदाहरणों में शामिल हैं-स्तन कैंसर के लिए स्तनोछेदन (mastectomy)और प्रोस्टेट कैंसर के लिए प्रोस्टेट- टेकटोमी (prostatectomy).शल्य चिकित्सा का लक्ष्य होता है या तो केवल गाँठ को हटाना या पूरे अंग को निकाल देना.एक कैंसर कोशिका नग्न आंखों के लिए अदृश्य है, लेकिन एक नई गाँठ में फ़िर से वृद्धि कर सकती है, यह प्रक्रिया पुनरावृत्ति कहलाती है.इस कारण के लिए, रोगविज्ञानी (pathologist) शल्य क्रिया से निकाले गए नमूने की जांच करते हैं, यदि स्वस्थ उतक की सीमा उपस्थित है, तो इस बात की संभावना कम हो जाती है कि सूक्ष्म कैंसर की कोशिकाये रोगी के शरीर में रह गई हैं.

प्राथमिक ट्यूमर को दूर करने के अलावा, शल्य क्रिया अवस्था निर्धारण (staging)के लिए आवश्यक होती है उदाहरण इससे इस बात का पता लग जाता है कि मेटास्टेसिस द्वारा (metastasized) इसके क्षेत्रीय लसिका नोड (lymph node)में फैलने की क्षमता कितनी है.अवस्था निर्धारण पूर्व निदान (prognosis) का मुख्य निर्धारक है और सहयोगी चिकित्सा (adjuvant therapy) kii

अक्सर, लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए शल्य चिकित्सा जरुरी होती है जैसे मेरु रज्जू संपीड़न (spinal cord compression) या आंत्र बाधा (bowel obstruction)इसे शमन उपचार (palliative treatment) के सन्दर्भ में काम में लिया जाता है.

विकिरण चिकित्सा

विकिरण चिकित्सा (Radiation therapy) (रेडियोथेरेपी, एक्सरे चिकित्सा,या irradiation भी कहलाती है)में कैंसर की कोशिकाओं और संकुचित गाँठ को नष्ट करने के लिए आयनीकृत विकिरण का उपयोग किया जाता है.विकिरण चिकित्सा बाह्य किरण रेडियोथेरेपी (external beam radiotherapy) के द्वारा बाहर से ही प्रशासित की जाती है या ब्रेकीथेरेपी (brachytherapy)के द्वारा अन्दर से प्रशासित की जा सकती है.विकिरण चिकित्सा का प्रभाव चिकित्सा किए जाने वाले क्षेत्र तक ही सीमित होता है.विकिरण चिकित्सा, इलाज किए जाने वाले क्षेत्र ("लक्ष्य ऊतक") की कोशिकाओं को नष्ट कर देती है, इस क्रिया में इन कोशिकाओं के आनुवंशिक पदार्थ को नष्ट कर दिया जाता है ताकि कोशिकाओं में आगे विभाजन और वृद्धि न हो पाए. यद्यपि विकिरण कैंसर की कोशिकाओं और सामान्य कोशिकाओं दोनों को नष्ट कर देता है, अधिकांश सामान्य कोशिकाएं विकिरण के प्रभाव से उबर आती हैं और ठीक प्रकार से कार्य करने लगती हैं.विकिरण चिकित्सा, का लक्ष्य है अधिक से अधिक कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना, जबकि आस-पास के स्वस्थ उतकों को कम से कम नुकसान पहुचना.इसलिए, यह कई भागों में दी जाती है जिससे बीच की अवधि में स्वस्थ उतकों को ठीक होने का मौका मिल जाता है.

विकिरण चिकित्सा, का उपयोग लगभग हर प्रकार के ठोस ट्यूमर के इलाज में किया जा सकता है, जिसमें मस्तिष्क, स्तन, गर्भाशय ग्रीवा, गला, फेफड़े, अग्न्याशय, प्रोस्टेट, त्वचा, पेट, गर्भाशय, या कोमल ऊतकों के सार्कोमा शामिल हैं.रक्त केंसर और लिम्फोमा के उपचार में भी विकिरण चिकित्सा का उपयोग किया जा सकता है.प्रत्येक साइट के लिए विकिरण खुराक कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे हर प्रकार के कैंसर की रेडियो संवेदन शीलता, और आस-पास के उतक या अंग विकिरण से नष्ट हो सकते हैं या नहीं.इस प्रकार, हर प्रकार के उपचार में, विकिरण चिकित्सा इसके दुष्प्रभावों के बिना नहीं है.

कीमोथैरेपी

कीमोथेरपी (Chemotherapy) का अर्थ है दवाओं (drugs) से कैंसर का उपचार. ( "anticancer ड्रग्स") ये दवाएं कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट कर सकती हैं.वर्तमान उपयोग में, "कीमोथेरपी" शब्द का उपयोग आमतौर पर साइटोटोक्सिक ड्रग्स के लिए किया जाता है, जो लक्षित थेरेपी के विपरीत विभाजित होती हुई कोशिकाओं को तेजी से प्रभावित करती हैं (नीचे देखें).कीमोथेरेपी दवाएं भिन्न संभव तरीकों से कोशिका विभाजन में बाधा डालती हैं, उदाहरण डीएनए (DNA) की प्रतिकृति से या नव निर्मित गुणसूत्रों (chromosome) के पृथक करण से कीमोथेरेपी के अधिकांश रूप तेजी से विभाजित होती हुई सभी कोशिकाओं को लक्ष्य बनाते हैं, ये केवल कैंसर की कोशिकाओं के लिए विशिष्ट नहीं हैं, यद्यपि कुछ विशिष्टता इस वजह से आ जाती है कि अधिकांश कैंसर की कोशिकाएं डीएनए क्षति (DNA damage) की मरम्मत में सक्षम नहीं होती हैं जबकि सामान्य कोशिकाओं में आम तौर पर पर ये क्षमता होती है.अतः, कीमोथेरेपी में स्वस्थ उतकों को नुकसान पहुचाने की क्षमता होती है, विशेष रूप से वे उतक जिनमें उच्च प्रतिस्थापन दर होती है (उदाहरण आंत का आंतरिक स्तर)ये कोशिकाएं आमतौर पर कीमो थेरेपी के बाद अपनी मरम्मत कर लेती हैं.

क्योंकि कुछ दवाएं अकेले की तुलना में एक साथ बेहतर कार्य करती हैं, एक ही समय पर दो या अधिक दवाएं दी जाती हैं.इसे "संयोजन कीमोथेरपी" कहा जाता है; अधिकांश कीमोथेरेपी रेजिमेन एक संयोजन में ही दिए जाते हैं.

कुछ प्रकार के रक्त कैंसर (leukaemia) और लिंफोमा (lymphoma) के लिए उच्च खुराक कीमोथेरपी की या कुल शरीर किरणन (total body irradiation) की जरुरत होती है.यह उपचार अस्थि मज्जा को अलग कर देता है, और इसलिए शरीर रक्त के पुनर् निर्माण में सक्षम होता है.इस कारण से, अस्थि मज्जा, या परिधीय रक्त स्तम्भ कोशिका हार्वेस्टिंग को थेरेपी के अलगाव प्रभाव से पहले ही किया जाता है, ताकि दिए गए उपचार के बाद "बचाव" सम्भव हो.इसे ऑटोलॉगस स्टेम कोशिका प्रत्यारोपण (stem cell transplantation)के रूप में जाना जाता है. वैकल्पिक रूप से, हिमेटोपोयटिक स्टेम कोशिकाएं (hematopoietic stem cells) एक मिलान किए गए असंबंधित दाता से स्थानांतरित की जा सकती हैं.

लक्षित उपचार

लक्षित थेरेपी जो 1990 के दशक के अंत में सबसे पहले उपलब्ध हुई, इसका कई प्रकार के कैंसर के उपचार में मुख्य प्रभाव था, और वर्तमान में यह एक बहुत ही अधिक सक्रिय अनुसंधान क्षेत्र है. इसमें ऐसे एजेंटों का उपयोग शामिल है जो कैंसर कोशिकाओं के प्रोटीन को अनियमित कर देते हैं. छोटे अणु लक्षित उपचार दवायें आमतौर पर उत्परिवर्तित अति अभिव्यक्त कोशिकाओं पर एन्जाइमेटिक (enzymatic) डोमेन की संदमक हैं, अथवा कैंसर कोशिकाओं के भीतर जटिल प्रोटीन की संदमक हैं.प्रमुख उदाहरण हैं टायरोसिन काईनेज संदमक imatinib (imatinib) और gefitinib (gefitinib).

मोनोक्लोनल एंटीबॉडी चिकित्सा (Monoclonal antibody therapy) एक अन्य रणनीति है जिसमें उपचार का एजेंट एक प्रतिरक्षी (antibody)है जो कैंसर कोशिकाओं की सतह पर एक प्रोटीन के साथ बंध बना लेता है.उदहारण हैं anti-HER2/neu (HER2/neu)प्रतिरक्षी trastuzumab (trastuzumab) (Herceptin) जिसका उपयोग स्तन कैंसर में होता है और anti-CD20 प्रतिरक्षीrituximab (rituximab),जिसका उपयोग कई प्रकार की B-कोशिका (B-cell) दुर्दमताओं में होता है.

लक्षित थेरेपी (Targeted therapy) में "गृह युक्ति " के रूप में छोटे पेप्टाइड (peptide) शामिल हो सकते हैं जो कोशिका की सतह पर ग्राही से बंध बना सकते हैं या गाँठ के चारों ओर प्रभावितबाह्य कोशिकी मैट्रिक्स (extracellular matrix)के साथ बंध बना सकते हैं.रेडियो न्युक्लिड्स जो इस पेप्टाइड्स से जुड़े होते हैं (उदा.RGDs)antatah कैंसर कोशिकाओं को मार देते हैं यदि न्युक्लिड्स कोशिका के आस-पास अपघटित होता है.विशेष रूप से इन बाध्यकारी motifs के ओलिगो या मल्तिमर, बहुत अधिक महत्त्व के होते हैं, अतः ये ट्यूमर विशिष्टता का कारण बन सकते हैं.

प्रकाश गतिक चिकित्सा (Photodynamic therapy)कैंसर के लिए तिहरा उपचार है जिसमें प्रकाश संवेदक, उतक ऑक्सीजन, ओर प्रकाश शामिल हैं (अक्सर लेजर का उपयोग)पीडीटी का उपयोग आधारी कोशिका कार्सिनोमा (basal cell carcinoma)या फेफड़ों के कैंसर (lung cancer) के उपचार के लिए किया जाता है; पीडीटी का उपयोग बड़े ट्यूमर को शल्य चिकित्सा के द्वारा हटा दिए जाने के बाद उसके अवशेषों को हटाने के लिए किया जाता है.[7]

प्रतिरक्षा थेरेपी

कैंसर प्रतिरक्षा थेरेपी में थेरेपी रणनीतियों के ऐसे समूह का उपयोग किया जाता है जो गाँठ से लड़ने के लिए रोगी के अपने प्रतिरक्षा तंत्र (immune system)को प्रेरित करता है. ट्यूमर के लिए प्रतिरक्षा उत्पन्न करने के तरीकों में शामिल हैं सतही मूत्राशय कैंसर के लिएबीसीजी (BCG) प्रतिरक्षा थेरेपी, और वृक्क कोशिका कार्सिनोमा (renal cell carcinoma) और मेलेनोमा (melanoma) रोगियों में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित करने के लिए इंटरफेरॉन (interferon) और अन्य साइटोकाइन (cytokine)का उपयोग.विशिष्ट प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (immune response)उत्पन्न करने के लिए वेक्सीन (Vaccine)पर कई प्रकार के ट्यूमरों के लिए गहन अनुसंधान चल रहा है, खास तोर पर घातक मेलेनोमा (malignant melanoma) और वृक्क सेल कार्सिनोमा (renal cell carcinoma).Sipuleucel-T (Sipuleucel-T)प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) के लिए आधुनिक वेक्सीन है जिसमें रोगी की dendritic कोशिकाओं (dendritic cell)को प्रोस्टेटिक अम्ल फोस्फेटेज (prostatic acid phosphatase)पेप्टाइड्स से लोड कर दिया जाता है जो प्रोस्टेट-व्युत्पन्न कोशिकाओं के लिए विशेष प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रेरित करता है.

Allogeneicहिमेटोपोयटिक स्टेम कोशिका प्रत्यारोपण (hematopoietic stem cell transplantation)(आनुवंशिक रूप से असमान दाता से "अस्थि-मज्जा स्थानान्तरण ")को प्रतिरक्षा थेरेपी का एक रूप माना जा सकता है, क्योंकि दाता की प्रतिरक्षा कोशिकाएं ग्राफ्ट -वर्सेस-ट्यूमर प्रभाव (graft-versus-tumor effect) के तहत ट्यूमर पर आक्रमण करती हैं.इसीलिए, allogeneic HSCT, कई प्रकार के कैंसर के लिए ऑटोलॉगस ट्रांसप्लांटेशन की तुलना में उपचार की उच्च दर का कारण बनती है,यद्यपि पार्श्व दुष्प्रभाव भी अधिक गंभीर होते हैं.

हार्मोन थेरेपी

कुछ कैंसर की वृद्धि को विशेष होर्मोनों को उपलब्ध करा कर या अवरुद्ध करके संदमित किया जा सकता है.होरमोन संवेदी ट्यूमरों के कुछ सामान्य उदाहरण हैं-विशेष प्रकार के स्तन और प्रोस्टेट कैंसर.एस्ट्रोजन (estrogen) या टेस्टोस्तेरोन (testosterone) को हटा देना या अवरुद्ध कर देना अक्सर एक महत्वपूर्ण अतिरिक्त उपचार है.विशेष प्रकार के कैंसरों में होरमोन का प्रशासन शिथिल हो जाता है,जैसे प्रोजेसटोजन (progestogen)थेरेपी की दृष्टि से लाभकारी हो सकता है.

एन्जियोजिनेसिस संदमक

एंजियोजिनेसिस संदमक रक्त वाहिनियों कि व्यापक वृद्धि को रोकता है (एंजियोजिनेसिस (angiogenesis))जो ट्यूमर को जीवित रहने के लिए जरुरी है.कुछ, जैसे bevacizumab (bevacizumab),को अनुमोदित कर दिया गया है और नैदानिक रूप से इनका इस्तेमाल किया जा रहा है.एंटी-एंजियोजिनेसिस दवाओं के साथ एक मुख्य समस्या यह है कि सामान्य कोशिकाओं और कैंसर में कई कारक रक्त वाहिनी की वृद्धि को उत्तेजित करते हैं.एंटी-एंजियोजिनेसिस दवाये केवल एक ही कारक को लक्ष्य बनती हैं, इसलिए अन्य कारक रक्त वाहिनी की वृद्धि को उत्तेजित करना जारी रखते हैं.अन्य समस्याओं में शामिल हैं प्रशासन का मार्ग (route of administration), स्थिरता का रख-रखाव, और ट्यूमर वाहिका संरचना पर क्रिया और लक्ष्यीकरण.[8]

लक्षण नियंत्रण

यद्यपि कैंसर के लक्षणों पर नियंत्रण को कैंसर का उपचार नहीं माना जा सकता है, यह कैंसर रोगियों की जीवन की गुणवत्ता (quality of life) का एक महत्वपूर्ण निर्धारक है, और इस फैसले में मुख्य भूमिका निभाता है कि रोगी अन्य उपचार के लिए सक्षम है या नहीं.हालांकि डॉक्टरों के पास, कैंसर के रोगियों में मतली, दर्द उल्टी, दस्त, नकसीर और अन्य आम समस्याओं को कम करने के लिए चिकित्सकीय कौशल होता है, इन रोगियों में लक्षण नियंत्रण की प्रतिक्रिया में प्रशामक देखभाल (palliative care) की multidisciplinary विशेषता का विकास हुआ है.

दर्द की दवाये (Pain medication), जैसे कि मोर्फीन (morphine) और ओक्सिकोडोन (oxycodone), और मिचली और उल्टी को रोकने के लिए antiemetic (antiemetic)दवाएं, कैंसर के रोगियों में आम-तोर पर काम में ली जाती हैं. परिष्कृत antiemetics (antiemetics) जैसे ondansetron (ondansetron) और analogues, साथ ही aprepitant (aprepitant) ने कैंसर रोगियों में उग्र उपचार को अधिक सम्भव बना दिया है.

कैन्सर के कारण पुराना दर्द (Chronic pain) हमेशा सतत उतक क्षति के कारण होता है जो रोग या उपचार प्रक्रिया से सम्बंधित है (यानी शल्य चिकित्सा, रेडिएशन, कीमोथेरपी) यद्यपि इसमें वातावरणी कारकों का और दर्द को उत्पन्न करने वाली प्रभावी गड़बडियों का मुख्य योगदान होता है, फ़िर भी कैंसर के दर्द में इस रोग का ख़ुद कोई योगदान सामान्यतया नहीं होता है. इसके अलावा, गंभीर दर्द से युक्त कैंसर के अधिकांश रोगी अपने जीवन के अंत पर होते हैं, और उनमें शमन (palliative) उपचार आवश्यक हैं.सामाजिक कलंक जैसे मुद्दे जैसे opioids (opioids) का उपयोग, काम और कार्यात्मक स्थिति, और स्वास्थ्य देखभाल, समग्र मामले के प्रबंधन में अधिक महत्वपूर्ण नहीं हैं.अतः, कैंसर दर्द प्रबंधन के लिए विशिष्ट रणनीति है opioids और अन्य दवाओं, शल्य चिकित्सा का प्रयोग कर के, रोगी को अधिक से अधिक आराम पहुँचने की कोशिश करना. डॉक्टर कैंसर के अन्तिम स्थिति के रोगियों में दर्द के लिए मादक पदार्थों का उपयोग नहीं करना चाहते हैं क्यों कि इससे उन्हें इसकी लत हो सकती है या उनकी श्वास क्रिया में बाधा आ सकती है.प्रशामक देखभाल (palliative care) hospice (hospice) आंदोलन की एक नई शाखा है जो कैंसर के रोगियों में दर्द के उपचार में अधिक व्यापक सहयोग प्रदान करती है.

थकान (Fatigue) कैंसर रोगियों के लिए एक बहुत ही आम समस्या है, और हाल ही में कैंसर चिकित्सा विज्ञानियों के लिए इसका उपचार बहुत महत्वपूर्ण बन गया है, यद्यपि यह कई रोगियों में जीवन की गुणवत्ता को लेकर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

उपचार प्रयास

नैदानिक परीक्षण (Clinical trial)जो अनुसंधान अध्ययन भी कहलाते हैं,कैंसर के रोगियों में नए उपचारों का परिक्षण भी करते हैं.इस शोध का लक्ष्य है कैंसर के इलाज के लिए बेहतर तरीके खोजन और कैंसर रोगियों की मदद करना. नैदानिक परीक्षण कई प्रकार के उपचारों का परिक्षण करते हैं जैसे दवाएं, सर्जरी या विकिरण चिकित्सा, उपचार के नए संयोजन, या नई विधियां जैसे जीन थेरेपी (gene therapy).

एक नैदानिक परीक्षण एक एक लम्बी और सतर्क कैंसर अनुसंधान की प्रक्रिया के अंतिम चरणों में से एक है.नए उपचार के लिए खोज प्रयोगशाला में शुरू होती है, जहाँ वैज्ञानिक पहले नए विचारों का परीक्षण और विकास करते हैं.अगर एक दृष्टिकोण उपयोगी प्रतीत होता है तो, अगला कदम होता है इसका जानवर पर परीक्षण, जो यह बताता है कि कैंसर रोगी पर क्या प्रभाव होगा, और इसके कोई हानिकारक प्रभाव हैं या नहीं. बेशक, कई उपचार जो प्रयोगशाला में या पशुओं में अच्छी तरह से कम करते हैं, वे लोगों में काम नहीं करते. कैंसर रोगियों में उपचार सुरक्षित और प्रभावी हैं या नहीं इसका पता लगाने के लिए अध्ययन किए जाते हैं.

हो सकता है कि जो रोगी इसमें भाग ले रहा है उसे इस उपचार से व्यक्तिगत रूप से मदद मिले.वे कैंसर विशेषज्ञ से आधुनिक सुरक्षा प्राप्त करते हैं,और वे या तो जांच किया जा रहा सर्वोत्तम इलाज प्राप्त करते हैं या सबसे अच्छा उपलब्ध मानक उपचार प्राप्त करते हैं.साथ ही नए नए उपचारों में अज्ञात जोखिम हो सकते हैं, लेकिन यदि नए उपचार मानक उपचारों से अधिक प्रभावी साबित होते हैं, तो अध्ययन किया जाने वाला रोगी इसके लाभ को प्राप्त करने वाला पहला व्यक्ति बन जाता है.इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि परिक्षण किया जाने वाला नया उपचार या एक मानक उपचार अच्छे परिणाम देगा.कैंसर युक्त बच्चों में, एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि जिन बच्चों पर ऐसे परिक्षण किया गए उनमें मानक उपचारों की तुलना में बेहतर या बुरे परिणाम नहीं देखे गए; इससे यह सुनिश्चित होता है कि किसी भी प्रयोगात्मक उपचार की सफलता या असफलता का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है.[9]

पूरक और वैकल्पिक

पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा (Complementary and alternative medicine) उपचार मेडिकल और स्वास्थ्य सुरक्षा तंत्र, प्रथाओं,और उत्पादों के विविध समूह हैं, जो पारंपरिक चिकित्सा का भाग नहीं हैं.[10]"पूरक चिकित्सा" शब्द का उपयोग उन विधियों और पदार्थों के लिए किया जाता है जिनका उपयोग पारम्परिक चिकित्सा के साथ किया जाए, जबकि "वैकल्पिक दवा " शब्द का उपयोग उन योगिकों के लिए किया जाता है जिनका उपयोग पारंपरिक दवा के स्थान पर किया जाता है.[11]सी ऐ एम का उपयोग कैंसर युक्त लोगों में सामान्य है;2000 में किये गए अध्ययन में यह पाया गया कि 69% कैंसर रोगियों ने अपने कैंसर उपचार के एक भाग के रूप में कम से कम एक कैंसर थेरेपी का उपयोग किया.[12]कैंसर के लिए अधिकांश पूरक और वैकल्पिक दवाओं का कठोरता से अध्ययन या परिक्षण नहीं किया गया है.कुछ वैकल्पिक उपचार जो खोजे गए हैं और निष्प्रभावी हैं, उनका लगातार विपणन हो रहा है और उन्हें प्रोत्साहन मिल रहा है.[13]

रोग का निदान

कैंसर एक घातक रोग के रूप में जाना जाता है.हालाँकि यह बात निश्चित रूप से विशेष प्रकारों पर लागू होती है, कैंसर के ऐतिहासिक तथ्यों के पीछे छुपी हुई सच्चाई चिकित्सा क्षेत्र में आधुनिकीकरण के कारण बदल गई है.कैंसर के कुछ प्रकारों में ऐसे लक्षण पाए गए हैं, जो कुछ अदुर्दम रोगों जैसे हृदय का असफल होना (heart failure)और हृदय आघात से बेहतर हैं.

इस बढ़ते हुए घातक रोग का कैंसर रोगी के जीवन की गुणवत्ता पर काफी प्रभाव पड़ता है, और कई कैंसर उपचार (जैसे कीमोथेरपी (chemotherapy)) के गंभीर पार्श्व दुष्प्रभाव होते हैं.कैंसर की उन्नत चरणों में, कई रोगियों को व्यापक देखभाल की जरुरत होती है, यह उसके परिवार के सदस्यों और दोस्तों को प्रभावित करता है.प्रशामक देखभाल (Palliative care) समाधान में स्थायी "राहत" नर्सिंग शामिल हो सकती है.

भावनात्मक प्रभाव

कई स्थानीय संगठन कैंसर रोगियों के लिए कई प्रकार की व्यावहारिक सहायतायें और सेवाएं उपलब्ध कराते हैं.ये सेवाएं हैं सहायता समूह (support groups), परामर्श (counseling), सलाह, वित्तीय सहायता, उपचार के स्थान से और वहाँ तक परिवहन, फिल्में और कैंसर के बारे में जानकारी.अस-पास के संगठनों, स्थानीय स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, या क्षेत्र के अस्पतालों में संसाधनों या सेवाएं उपलब्ध हो सकती हैं.

परामर्श कैंसर रोगियों को भावनात्मक सहारा प्रदान करता है, उन्हें अपनी बीमारी समझने में मदद करता है.भिन्न प्रकार के परामर्श में, समूह, परिवार, साथियों के परामर्श, वियोग, रोगी-से-रोगी का परामर्श और कामुकता शामिल हैं.

रोगियों को कैंसर से निपटने में मदद करने के लिए कई कई सरकारी और धर्मार्थ संगठन स्थापित किए गए हैं.ये संगठन अक्सर कैंसर की रोकथाम, कैंसर उपचार , और कैंसर अनुसंधान में संलग्न होते हैं.

कारण

कैंसर भिन्न रोगों का एक वर्ग है जो अपने कारणों और जैव-विज्ञान में एक दूसरे से बहुत अलग होते हैं.सभी ज्ञात कैंसर में एक बात जो देखी जाती है वह है कैंसर कोशिका और इसकी संतान की आनुवंशिक सामग्री में असामान्यताएं उत्पन्न होना.कैंसर के रोगजनन में अनुसंधान को तीन व्यापक क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है.अनुसंधान का पहला क्षेत्र उन कारकों और घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करता है जो कोशिकाओं में आनुवंशिक परिवर्तन का कारण होते हैं, ये उन कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं में रूपांतरित कर देते हैं. दूसरा, इसके द्वारा प्रभावित आनुवंशिक क्षति और जीन की प्रवृति का अनावरण महत्वपूर्ण है.तीसरा, इन आनुवंशिक परिवर्तनों के परिणामस्वरूप कोशिका के जीव-विज्ञान पर पड़ने वाले प्रभाव, इसमें कैंसर कोशिका के लाक्षणिक गुणों को उत्पन्न करना और उन आनुवंशिक घटनाओं को बढ़ावा देना जो कैंसर की प्रगति के लिए अग्रणी हैं.

रासायनिक कर्सिनोजन

कैंसर रोग जनन को डीएनए उत्परिवर्तन (DNA mutations) के द्वारा पता लगाया जा सकता है जो कोशिका की वृद्धि और मेटास्टेसिस को प्रभावित करते हैं.पदार्थ जो डीएनए उत्परिवर्तन (DNA mutations) का कारण हैं उत्परिवर्तजन कहलाते हैं, और वे उत्परिवर्तजन जो कैंसर का कारण हैं, कार्सिनोजन कहलाते हैं.कई विशेष पदार्थ विशिष्ट प्रकार के कैंसर से जुड़े हुए हैं.तम्बाकू धूम्रपान (Tobacco smoking) फेफड़ों के कैंसर (lung cancer) और मूत्राशय कैंसर (bladder cancer)से सम्बंधित है.लंबे समय तक एस्बेसटोस (asbestos) फाइबर के संपर्क में रहना मीसोथेलीओमा (mesothelioma)से सम्बंधित है.



अनेक उत्परिवर्तजन (mutagen) कार्सिनोजन (carcinogen)भी हैं लेकिन कुछ कार्सिनोजन उत्परिवर्तजन नहीं हैं.एल्कोहल एक रासायनिक कार्सिनोजन का उदहारण है जो एक उत्परिवर्तजन नहीं है.ऐसा माना जाता है की इस तरह के रसायन अपने उत्तेजक प्रभाव के द्वारा कोशिका समसूत्री विभाजन (mitosis) को उत्तेजित करके कैंसर को बढ़ावा देते हैं.समसूत्री विभाजन की तीव्र दर डीएनए प्रतिकृति (DNA replication) के दोरान क्षतिग्रस्त डीएनए की मरम्मत के लिए एंजाइमों की मरम्मत हेतु कम समय देती है. यह एक आनुवंशिक गलती की संभावना को बढ़ता है.समसूत्री विभाजन के दोरान हुई एक गलती के कारन पुत्री कोशिकाएं ग़लत संख्या में क्रोमोसोम (chromosomes) प्राप्त कर सकती हैं.(ऊपर aneuploidy (aneuploidy)देखें ).

फेफड़ों के कैंसर के मामले धूम्रपान के साथ अत्यधिक संबंधित है. स्रोत: NIH.

दशकों के अनुसंधान से तम्बाकू (tobacco) प्रयोग और कई स्थानों के कैंसर के बीच प्रबल सम्बन्ध का पता चला है, जो संभवतया इसे सबसे महत्वपूर्ण मानव कार्सिनोजन बनाता है.सैकड़ों अध्ययन इस सम्बन्ध की पुष्टि करते हैं.इस तथ्य को इस बात से समर्थन मिलता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में फेफड़ों का कैंसर (lung cancer) के कारण मृत्यु दर धूम्रपान (smoking) प्रतिरूप पर निर्भर करती है, धूम्रपान की दर में वृद्धि फेफड़ों का कैंसर के कारण मृत्यु दर को बढाती है और हाल ही में धूम्रपान की दर में कमी से फेफड़ों का कैंसर के कारण मृत्यु दर कम हुई है.

आयनीकरण विकिरण

आयनीकरण विकिरण (ionizing radiation)के स्रोत जैसे रेडन गैस, कैंसर पैदा कर सकता है.सूरज के पराबैंगनी विकिरण के लंबे समय तक संपर्क में रहने से मेलेनोमा (melanoma) और अन्य त्वचा दुर्दाम्तायें हो सकती हैं.

मोबाइल फोन से निकलने वाले विकिरण को कुछ समय के लिए इसका कारण माना गया लेकिन इस सिद्धांत को मुख्य धारा का समर्थन प्राप्त नहीं हुआ है.फिर भी कुछ विशेषज्ञ लंबे समय तक इसके संपर्क में न रहने की चेतावनी देते हैं.[14]

संक्रामक रोग

कुछ कैंसर रोगज़नक़ (pathogen) के संक्रमण (infection) के कारण हो सकते हैं.[15]कई कैंसर एक विषाणु संक्रमण से उत्पन्न होते हैं;यह विशेष रूप से जानवरों जैसे पक्षी में सच है लेकिन मानव (human) में भी यह सच है, क्योंकि दुनिया भर में 15% मानव कैंसर के लिए विषाणु जिम्मेदार हैं.मानव के कैंसर से जुड़े हुए मुख्य वायरस हैं मानव पेपिलोमा वायरस (human papillomavirus), हैपेटाइटिस बी (hepatitis B) और हेपेटाइटिस सी (hepatitis C) वायरस, [[Epstein-Barr वायरस |Epstein-बर्र वायरस]] (Epstein-Barr virus), और मानव टी -लिम्फोट्रोपिक वायरस (human T-lymphotropic virus).प्रयोगात्मक और महामारी विज्ञान डाटा में वायरसों का महत्वपूर्ण योगदान है और वे मानव में कैंसर के विकास के लिए दूसरे सबसे महत्वपूर्ण जोखिम कारक हैं, पहले नंबर पर तंबाकू का उपयोग इसका कारण है.[16]विषाणु से प्रेरित गाँठ को दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है. तीव्रता से-बदलने या धीरे धीरे-बदलनेवाले. तीव्रता से बदलने वाले वायरस में, विषाणु में एक अति सक्रिय ओंको जीन होता है जो वायरल-ओंकोजीन कहलाता है, और जैसे ही v-ओंक की अभिव्यक्ति होती है संक्रमित कोशिका रूपांतरित हो जाती है.इसके विपरीत, धीरे धीरे-बदलने वायरस में, वायरस जीनोम मेजबान जीनोम में एक प्रोटो ओंको जीन के पास प्रवेश कर जाता है.अब वायरल प्रवर्तक (promoter) या अन्य प्रतिलेखन विनियमन तत्व उस प्रोटो ओंको जीन की अति-अभिव्यक्ति का कारण बनते हैं.यह अनियंत्रित कोशिका विभाजन को प्रेरित करता है.क्योंकि प्रविष्टि का स्थान प्रोटो ओंको जीन के लिए विशिष्ट नहीं होता है और किसी भी प्रोटो ओंको जीन के पास प्रविष्टि की सम्भावना कम होती है, जल्दी बदलने वाले विषाणु की तुलना में धीरे धीरे-बदलने वाला विषाणु संक्रमण के लंबे समय के बाद ट्यूमर पैदा करता है.

हैपेटाइटिस बी (hepatitis B) और हेपेटाइटिस सी (hepatitis C) सहित हेपेटाइटिस वायरस,एक पुराने वायरल संक्रमण को प्रेरित कर सकता है जो प्रति वर्ष हैपेटाइटिस बी (hepatitis B) के 0.47% रोगियों में यकृत कैंसर (liver cancer) का कारण है (विशेष रूप से एशिया में, उत्तरी अमेरिका में ऐसा कम देखा गया है) और ऐसा प्रति वर्ष हेपेटाइटिस सी (hepatitis C) के 1.4% रोगियों में देखा जाता है.लीवर सिरोसिस, चाहे क्रोनिक वायरल हैपेटाइटिस संक्रमण के कारण हो या शराब के कारण, यह यकृत कैंसर (liver cancer) के विकास से सम्बंधित होता है, और सिरोसिस और वायरल हैपेटाइटिस का संयोजन यकृत कैंसर (liver cancer) विकास के उच्च जोखिम का कारण है.दुनिया भर में, यकृत कैंसर (liver cancer) सबसे आम के, और सबसे अधिक घातक कैंसरों में से एक है, इसका कारण है वायरल हैपेटाइटिस (viral hepatitis) पारेषण और रोग का भारी बोझ.

कैंसर अनुसंधान में आधुनिकीकरण ने कैंसर को रोकने के लिए एक वेक्सीन को डिजाइन किया है.2006 में, अमेरिका एफडीए (FDA) ने मानव पेपिलोमा वायरस (human papilloma virus)वेक्सीन को स्वीकृति दी, जो Gardasil (Gardasil) कहलाती है.वेक्सीन चार एचपीवी प्रकारों से सुरक्षा करती है, जो 70%ग्रीवा कैंसर और 90%जननांग मस्सों के कारण हैं.मार्च 2007 में अमेरिका सीडीसी (CDC)प्रतिरक्षण प्रथाओं पर सलाहकार समिति (Advisory Committee on Immunization Practices)ने आधिकारिक तौर पर कहा कि 11-12 वर्ष की आयु की मादाओं को वेक्सीन दिया जा सकता है और यह भी बताया कि 9 साल की छोटी बच्ची और 26 साल की महिला भी इसके लिए पात्र है.

वायरस के अलावा, शोधकर्ताओं ने बैक्टीरिया और कुछ तरह के कैंसर (bacteria and certain cancers) के बीच सम्बन्ध पाया है.सबसे प्रमुख उदाहरण है हेलिको बेक्टर पायलोराई (Helicobacter pylori)युक्त आमाशय की दीवार के पुराने संक्रमण और आमाशय के कैंसर (gastric cancer) [17][18]के बीच सम्बन्ध.


हालांकि    हेलिको बेक्टर से संक्रमित बहुत ही कम संख्या कैंसर में विकसित हो जाती है, यह रोगजनक बहु आम है और शायद यह,ऐसे अधिकांश कैंसर के लिए जिम्मेदार है .[19]

हार्मोनल असंतुलन

कुछ होरमोन गैर-उत्परिवर्तजनिक कर्सिनोजन्स की तरह से ही कार्य करते हैं, वे अतिरिक्त कोशिका वृद्धि को उत्तेजित कर सकते हैं.एक अच्छा उदाहरण है-अन्तर्गर्भाशयकला के कैंसर (endometrial cancer)को विकसित करने में हाइपर एस्ट्रोजेनिक (hyperestrogenic)अवस्थाएं.

प्रतिरक्षा तंत्र क्रिया प्रणाली में खराबी

एचआईवीकई प्रकार की दुर्दमताओं से सम्बंधित है जिसमें शामिल है कापोसी सार्कोमा (Kaposi's sarcoma), non-Hodgkin's लिंफोमा (non-Hodgkin's lymphoma), और एचपीवी (HPV)-सम्बंधित दुर्दाम्तायें जैसे गुदा कैंसर (anal cancer) और ग्रीवा कैंसर (cervical cancer).एड्स-कई बीमारियों को परिभाषित करते हुए इन निदानों में शामिल है.एचआईवी रोगियों में दुर्दमताओं की प्रवृति बढ़ना इंगित करता है कि प्रतिरक्षा में कमी के कारण कैंसर की संभावना में वृद्धि होती है. [20]कुछ अन्य प्रतिरक्षा न्यूनता अवस्थाएं (उदाहरण सामान्य वेरीएबल प्रतिरक्षा कमी (common variable immunodeficiency) और IgA कमी (IgA deficiency)) भी दुर्दमता के जोखिम के बढ़ने से सम्बन्धित है.[21]

आनुवंशिकता

कैंसर के ज्यादातर रूप "स्पोरेडिक "हैं, और आनुवंशिकता में उनका कोई आधार नहीं है.तथापि, ऐसे कई ज्ञात कैंसर सिंड्रोम (syndrome) हैं जो वंशानुगत घटक के साथ सम्बंधित हैं, अक्सर एक दोषपूर्ण ट्यूमर शमन एलील (allele).प्रसिद्ध उदाहरण हैं:

अन्य कारण

कई गैर मानव कैंसर स्वयं ट्यूमर कोशिकाओं के कारण पाए गए हैं.यह घटना कुत्तों में स्टिकर सार्कोमा (Sticker's sarcoma)के रूप में देखी गई है, जो संक्रामक यौन ट्यूमर के रूप में जाना जाता है [22], साथ ही तस्मानियन डेविल (Tasmanian devils) में डेविल चेहरे के ट्यूमर की बीमारी (Devil facial tumour disease)मनुष्य में ऐसा नजदीकी तथ्य है वे लोग जिनमें अंग प्रत्यारोपण के अंदर छुपे ट्यूमर ने कैंसर का रूप ले लिया हो.

रोग शरीर कार्यिकी

कैंसर उत्परिवार्तनों की एक श्रृंखला के कारण होता है. प्रत्येक उत्परिवर्तन कोशिका के व्यवहार को किसी तरह से बदल देता है.

कैंसर मूलरूप में ऊतक विकास के विनियमन की एक बीमारी है.एक सामान्य कोशिका के कैंसर कोशिका में रूपांतरण (transform) के क्रम में, जीन (genes) कोशिका वृद्धि को नियमित करता है, और विभेदन में परिवर्तन आ जाता है.आनुवंशिक परिवर्तन कई स्तरों पर हो सकते हैं, एक पूरे गुणसूत्र में उत्परिवर्तन एकल डीएनए न्युक्लिओटाइड (single DNA nucleotide)को प्रभावित करता है.जीन की दो व्यापक श्रेणियां हैं, जो इन परिवर्तनों से प्रभावित होती हैं.ओंको जीन (Oncogene)सामान्य जीन हो सकते हैं, जो अनुपयुक्त रूप से उच्च स्तर पर प्रकट होते हैं, या परिवर्तित जीन जिनमें नोवल गुण होते हैं.किसी भी मामले में, इन जीनों की अभिव्यक्ति कैंसर की कोशिकाओं के घातक लक्षण प्रारूप के बढ़ावा देता है.ट्यूमर का शमन करने वाला जीन (Tumor suppressor gene)वह जीन है जो कैंसर की कोशिकाओं के विभाजन, अस्तित्व, या अन्य गुणों को संदमित करता है.ट्यूमर का शमन करने वाला जीन अक्सर कैंसर के कारक आनुवंशिक परिवर्तन से अक्षम हो जाता है.आमतौर पर, कई जीनों में परिवर्तन सामान्य कोशिका को कैंसर कोशिका में रूपांतरित कर सकते हैं.

विभिन्न जीनोमिक परिवर्तन के लिए एक विविध वर्गीकरण योजना है, जो कैंसर कोशिकाओं के उत्पादन में योगदान कर सकती है. इनमें से अधिकांश परिवर्तन हैं उत्परिवर्तन (mutation) या जीनोमिक डीएनए के न्युक्लियोटाइड (nucleotide) के अनुक्रम में परिवर्तन .एन्यूप्लोइडी (Aneuploidy)गुणसूत्रों की एक असामान्य संख्या की मौजूदगी एक जीनोमिक परिवर्तन है जो उत्परिवर्तन नहीं है, इसमें समसूत्री विभाजन (mitosis)में ग़लती के कारण एक पूर्ण गुणसूत्र (chromosomes)की क्षति हो सकती है या इनकी संख्या एक बढ़ सकती है.

बड़े पैमाने के उत्परिवर्तनो में एक गुणसूत्र के भाग की क्षति या इसका बढ़ जाना शामिल है.जीनोमिक प्रवर्धन (Genomic amplification) तब होता है जब एक कोशिका एक छोटे गुणसूत्री लोकस की कई प्रतिलिपियाँ (प्रायः 20 या अधिक) प्राप्त कर लेती है, सामान्यतया इसमें एक या अधिक ओंकोजीन होते हैं और आसन्न आनुवंशिक सामग्री होती है. स्थानीकरण (Translocation)जब दो अलग अलग गुणसूत्री क्षेत्र असामान्य रूप से एक विशिष्ट स्थान पर संगलित हो जाते हैं, तब ऐसा होता है.इसका एक जाना माना उदाहरण है फिलाडेल्फिया गुणसूत्र (Philadelphia chromosome)या गुणसूत्र 9 और 22 का स्थानीकरण, जो पुराने मज्जा जनित रक्त केंसर (chronic myelogenous leukemia)में होता है, इसके परिणामस्वरूप बी सी आर (BCR)-abl (abl) संग्लन प्रोटीन (fusion protein), एक ओंकोजेनिक टायरोसिन काइनेज (tyrosine kinase)का उत्पादन होता है.

छोटे पैमाने के उत्परिवार्तनों में शामिल हैं बिंदु उत्परिवर्तन, कमी या बढोतरी, जो एक जीन के प्रवर्तक (promoter) में हो सकती है, यह इसकी अभिव्यक्ति (expression) को प्रभावित करती है. या जीन के अनुक्रम कोडन (coding sequence) में हो सकती है और इसके प्रोटीन (protein) उत्पाद के स्थायित्व या क्रिया को रूपांतरित कर सकती है.एक जीन का विघटन एक डीएनए वायरस (DNA virus) या रिट्रो विषाणु (retrovirus)से जीनोमिक सामग्री के एकीकरण (integration of genomic material) के परिणामस्वरुप हो सकता है,और इसके परिणामस्वरूप प्रभावित कोशिका और उसके वंश में वायरल ओंकोजीन की अभिव्यक्ति हो सकती है.

अधि-अनुवांशिकी

अधि-अनुवांशिकी (Epigenetic) रसायनों और डीएनए संरचना में गैर-उत्वरिवर्तक परिवर्तनों के माध्यम से जीन अभिव्यक्ति के नियमन का अध्ययन है.कैंसर रोगजनन में अधि-अनुवांशिकी (epigenetics)का सिद्धांत है कि डीएनए संरचना में गैर-उत्वरिवर्तक परिवर्तन, जीन अभिव्यक्ति में परिवर्तन कर देते हैं.सामान्य रूप से, ओंकोजीन (oncogenes)शांत रहते हैं, उदाहरण के लिए ऐसा डीएनए मेथिलिकरण (DNA methylation)के कारण होता है.इस मेथिलिकरण में क्षति ओंकोजीन (oncogenes) की अभिव्यक्ति को प्रेरित करती है, जो कैंसर रोगजनन का कारण है.अधि-अनुवांशिक परिवर्तन की ज्ञात प्रणाली में शामिल है डीएनए मेथिलिकरण (DNA methylation)या हिसटोन (histone)प्रोटीन का एसिटिलीकरण जो विशेष स्थितियों पर गुणसूत्री डी एन ए से जुदा है.

चिकित्सा के वर्ग जो एच डी ऐ सी संदमक (HDAC inhibitors)और डीएनए मिथाइल ट्रांसफरेज संदमक (DNA methyltransferase inhibitors)के रूप में जाने जाते हैं, कैंसर कोशिका में अधि-अनुवांशिक संकेतन को पुनः नियमित कर सकते हैं.

ओंको जींस

ओंकोजीन (Oncogene)कोशिका वृद्धि को कई प्रकार से बढ़ावा देता है.कई हार्मोन (hormone),कोशिकाओं के बीच एक "रासायनिक दूत", को उत्पन्न करते हैं जो समसूत्री विभाजन (mitosis)को प्रेरित करता है, यह कोशिका या उतक के संकेत पारगमन (signal transduction)पर निर्भर करता है.


दूसरे शब्दों में, जब एक प्राप्तकर्ता कोशिका पर एक हार्मोन  उत्तेजित होता है, संकेत कोशिका की सतह से कोशिका के केन्द्रक  (cell nucleus)को संवहित होता है,  यह केन्द्रीय स्तर पर जीन प्रतिलेखन विनियमन में कुछ परिवर्तनों को प्रभावित करता है.कुछ ओंकोजीन ख़ुद संकेत पारगमन तंत्र का भाग होते हैं, या कोशिकाओं और ऊतकों में संकेत ग्राही  (receptors)का एक भाग होते हैं, इस प्रकार से ऐसे होर्मोनों की संवेदन शीलता को नियंत्रित करते हैं.ओंकोजीन अक्सर समसूत्रजन  (mitogen)उत्पन्न करते हैं,या प्रोटीन संश्लेषण (protein synthesis) में डीएनए के प्रतिलेखन (transcription) में संलग्न होते हैं, जो प्रोटीन (protein) और एंजाइम (enzyme)बनाता है, ये प्रोटीन और एंजाइम उत्पादों के उत्पादन के लिए उत्तरदायी हैं, जैव-रासायनिक कोशिकाएं इनका उपयोग करती हैं और इनके साथ अन्तर क्रिया करती हैं.

प्रोटो ओंकोजीन में उत्परिवर्तन, जो सामान्यतया ओंकोजीन (oncogenes)के भाग हैं, अपनी अभिव्यक्ति (expression) और क्रिया को संशोधित कर सकते हैं, ये उत्पाद प्रोटीन की सक्रियता और मात्रा को बढाते हैं.जब ऐसा होता है, प्रोटो ओंकोजीन ओंकोजीन (oncogene) बन जाता है, और यह संक्रमण कोशिका में कोशिका चक्र (cell cycle) नियमन के सामान्य संतुलन को बिगाड़ देता है, तथा अनियंत्रित वृद्धि को संभव बनाता है.जीनोम (genome) से प्रोटो ओंकोजीन को हटा कर कैंसर कि संभावना को कम नहीं किया जा सकता है, चाहे ये सम्भव भी हो जाए तो ये जीव के विकास, मरम्मत औरसमस्थापन (homeostasis)के लिए जटिल होते हैं.ऐसा केवल तब होता है जब वे उत्परिवर्तित हो जाते हैं और वृद्धि के संकेत अत्यधिक हो जाते हैं.

कैंसर अनुसंधान में एक ऐसा ओंकोजीन (oncogenes)है रास ओंकोजीन (ras oncogene).प्रोटो ओंकोजीन (proto-oncogene)के रास परिवार में उत्परिवर्तन (एच -रास, एन -रास और के-रास) बहुत आम हैं, सभी मानव ट्यूमर में 20% से 30% तक पाए गए हैं.[23]रास मूल रूप से हार्वे सार्कोमा वायरस जीनोम में पहचाना गया, और शोधकर्ता हैरान रह गए कि ये जीन न केवल मानव के जीनोम, में उपस्थित था, बल्कि एक उत्तेजनाकारी नियंत्रण अवयव से जुड़े होने पर , कोशिका रेखा में कैंसर उत्पन्न कर सकता था.[24]

गाँठ का शमन करने वाला जीन

गाँठ का शमन करने वाला जीन (Tumor suppressor gene)प्रचुरोद भवन विरोधी संकेतों के लिए कोड करता है और उस प्रोटीन का जो समसूत्री विभाजन और कोशिका वृद्धि का शमन कर देते हैं. सामान्यतः, ट्यूमर शामक प्रतिलेखन कारक (transcription factor) हैं जो कोशिकीय तनाव (stress) या डीएनए क्षति से सक्रिय होते हैं.अक्सर डीएनए क्षति के कारण मुक्त-उत्प्लावी आनुवंशिक पदार्थ की उपस्थिति और साथ ही अन्य लक्षण देखे जा सकते हैं, यह एंजाइमों और मार्ग को ट्रिगर करेगा, जो ट्यूमर शमन जीन (tumor suppressor genes) के सक्रियण के लिए उत्तरदायी है.ऐसे जीनों का कार्य है डीएनए की मरम्मत के लिए कोशिका चक्र के आगे बढ़ने पर नियंत्रण, जो उत्परिवर्तन को पुत्री कोशिका तक स्थानांतरित होने से रोकता है.p53 (p53) प्रोटीन, ट्यूमर शमन जीनों में से एक है, जिस पर अध्ययन किया गया है, यह कई कोशिकीय तनावों के द्वारा सक्रीय एक प्रतिलेखन कारक है जिसमें हाइपोक्सिया (hypoxia)और पराबैंगनी विकिरण क्षति शामिल है.

सभी कैंसरों में से लगभग आधे प्रकारों को छोड़ कर शेष में p53 रूपांतरण देखा जाता है, इसकी ट्यूमर शमन क्रिया को बुरी तरह से समझा गया है. p53 स्पष्ट दो काम करता है: एक प्रतिलेखन कारक के रूप में एक नाभिकीय भूमिका, और दूसरा कोशिका चक्र, कोशिका विभाजन , और apoptosis विनियमन में कोशिका द्रव्यी भूमिका.

वारबर्ग परिकल्पना (Warburg hypothesis)के अनुसार कैंसर की वृद्धि के लिए उर्जा हेतु ग्लाइकोलाइसिस का अधिमान्य प्रयोग होता है.p53 श्वसन से ग्लाइकोलाइटिक पथ को स्थानांतरण का नियमन करता है.[25]



हालांकि, एक उत्परिवर्तन, ख़ुद ट्यूमर शमन जीन को क्षति पहुँचा सकता है, या उस संकेत मार्ग को क्षति पहुँचा सकता है जो "इसे बंद करते" हुए सक्रिय कर देता है.इस का अचल परिणाम है कि डीएनए की मरम्मत बाधित या संदमित हो जाती है:मरम्मत रहित डीएनए क्षति निश्चित रूप कैंसर का कारण बनती है.

ट्यूमर शमन जीनों के उत्परिवर्तन जर्म लाइन (germline)कोशिकाओं में होते हैं वे संतति (offspring)में स्थानांतरित हो जाते हैं, और बाद की पीढ़ियों में कैंसर की संभावना को बढ़ा देते हैं.इन परिवारों में ऐसी घटनाओं में वृद्धि हुई है और बहुल ट्यूमर की विलंबता की कमी आई है.ट्यूमर के प्रकार हर प्रकार के ट्यूमर शमन जीनों के उत्परिवर्तन के लिए प्रारूपिक हैं, कुछ उत्परिवर्तन विशेष कैंसर उत्पन्न करते हैं, अन्य उत्परिवर्तन अन्य प्रकार के कैंसर उत्पन्न करते हैं.उत्परिवर्ती ट्यूमर शामक की वंशागति का प्रकार यह है कि एक प्रभावी सदस्य एक दोषपूर्ण प्रतिलिपि को एक जनक से और सामान्य प्रतिलिपि को दूसरे जनक से प्राप्त करता है.उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति जो एक उत्परिवर्ती p53 (p53)एलील को वंशागत रूप से प्राप्त करता है (और इसलिए उत्परिवर्तित p53 के लिए विषम युग्मज (heterozygous)है )वह मेलानोमा (melanomas)और अग्नाशयी कैंसर (pancreatic cancer)विकसित कर सकता है जो Li-Fraumeni सिंड्रोम (Li-Fraumeni syndrome) कहलाते हैं.अन्य वंशागत ट्यूमर शमन जीन सिंड्रोम में शामिल है रेटिनो ब्लास्टोमा (retinoblastoma) से सम्बंधित आरबी (Rb) उत्परिवर्तन और अडिनोपोलीपोसिस बड़ी आंत के कैंसर से जुड़े (adenopolyposis colon cancer)APC (APC) जीन उत्परिवर्तन.अडिनोपोलीपोसिस बड़ी आंत के कैंसर बचपन की अवस्था में बड़ी आंत में हजारों पोलिप से सम्बंधित हैं, अपेक्षाकृत कम उम्र में बड़ी आंत का कैंसर (colon cancer)उत्पन्न करते हैं.अंत में, बीआरसीए 1 (BRCA1) और बीआरसीए2 (BRCA2)में वंशागत उत्परिवर्तन स्तन कैंसर (breast cancer) की प्रारंभिक शुरुआत के लिए उत्तरदायी हैं.

1971 में यह प्रस्ताव दिया गया कि कैंसर का विकास कम से कम दो उत्परिवर्तन घटनाओं पर निर्भर करता है.यह Knudson (Knudson) द्वि-घात परिकल्पना (two-hit hypothesis)के रूप में विख्यात है, एक ट्यूमर शमन जीन (tumor suppressor gene)में वंशागत जर्म लाइन उत्परिवर्तन केवल तभी कैंसर उत्पन्न करेगा जब जीव के जीवन में बाद में कोई अन्य उत्परिवर्तन घटित होता है, यह ट्यूमर शमन जीन (tumor suppressor gene)के अन्य एलील (allele)को निष्क्रिय कर देता है.[26]

आमतौर पर, ओंकोजीन प्रभावी (dominant)होते हैं, क्योंकि उनमें क्रिया-का-लाभ उत्परिवर्तन (gain-of-function mutation)शामिल होता है, जबकि उत्परिवर्तित ट्यूमर शामक अप्रभावी (recessive)होता है, क्योंकि उनमें क्रिया-की-हानि (loss-of-function mutation)उत्परिवर्तन शामिल होता है. हर कोशिका में समान जीन की दो प्रतिलिपियाँ होती हैं, प्रत्येक अभिभावक से एक प्रतिलिपि मिलती है, और अधिकांश मामलों के अंतर्गत एक विशेष प्रोटो-ओंकोजीन की केवल एक कोपी में क्रिया-का-लाभ उत्परिवर्तन उसे एक वास्तविक ओंकोजीन बनाने के लिए पर्याप्त होता है.दूसरी ओर,क्रिया-की-हानि उत्परिवर्तन का, ट्यूमर शमन जीन की दोनों प्रतिलिपियों में होना आवश्यक है ताकि जीन को पूरी तरह से क्रियाहीन बनाया जा सके. हालांकि, ऐसे मामले हैं जिनमें ट्यूमर शमन जीन (tumor suppressor gene) की एक उत्परिवर्तित प्रतिलिपि अन्य जंगली-प्रकार (wild-type)प्रतिलिपि को क्रियाहीन बना देती है.यह घटना प्रभावी नकारात्मक प्रभाव कहलाती है और कई p53 उत्परिवार्तनों में देखी जाती है.

Knudson के द्वि घात मोडल को हाल ही में कई जांचकर्ताओं द्वारा चुनौती दी गई है.कुछ ट्यूमर शमन जीनों के एक एलील का निष्क्रियकरण ट्यूमर को उत्पन्न करने के लिए पर्याप्त है.यह घटना अगुणित अपर्याप्तता (haploinsufficiency)कहलाती है और इसे कई प्रयोगात्मक दृष्टिकोणों के द्वारा प्रदर्शित किया गया है.अगुणित अपर्याप्तता (haploinsufficiency) से उत्पन्न हुए ट्यूमर की शुरुआत बाद में होती है जब इसकी तुलना एक द्वि घात प्रक्रिया से की जाती है.[27]

कैंसर कोशिका जीव विज्ञान

उतक को एक सतत स्पेक्ट्रम में सामान्य से लेकर कैंसर युक्त में संगठित किया जा सकता है.

अक्सर, बहुल आनुवंशिक परिवर्तन जिसका परिणाम कैंसर होता है, उसे संचित होने में कई साल लग ककते हैं. इस समय के दौरान, पूर्व दुर्दम कोशिकाओं का जैविक व्यवहार धीरे धीरे सामान्य कोशिका से बदल कर कैंसर कोशिका का हो जाता है.पूर्व घातक ऊतक में सूक्ष्मदर्शी में विभेदक गुण देखे जा सकते हैं.विशिष्ट लक्षणों में है विभाजित कोशिकाओं की बढ़ी हुई संख्या, केन्द्रक (nuclear)के आकार और आकृति में भिन्नता, कोशिका के आकार और आकृति में भिन्नता, विशिष्टीकृत कोशिकाओं के गुणों में कमी, और सामान्य ऊतकों के संगठन की हानि.Dysplasia (Dysplasia) अतिरिक्त कोशिका प्रचुरोद भवन का एक असामान्य प्रकार है जो सामान्य उतक व्यवस्था तथा पूर्व दुर्दम कोशिकाओं में कोशिका संरंचना में हानि के द्वारा परिलक्षित होता है.ये प्रारंभी नियोप्लास्तिक परिवर्तन हाइपर प्लाजिया से विभेदित किए जा सकते हैं, एक बहरी उद्दीपन के कारण कोशिका विभाजन में एक उत्परिवर्ती वृद्धि,जैसे होर्मोनी असंतुलन या पुरानी जलन .

Dysplasia के सबसे गंभीर मामलों को स्वस्थानी कार्सिनोमा (carcinoma in situ)कहा जाता है.लैटिन में, "in situ"शब्द का अर्थ है "जगह में", अतः कार्सिनोमा स्वस्थानी शब्द का उपयोग कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के लिए किया जाता है जो अपनी मूल स्थति में रहती हैं और अन्य उतकों में आक्रमण प्रर्दशित नहीं करती हैं.फिर भी,कार्सिनोमा स्वस्थानी एक अक्रमाक दुर्दामता में विकसित हो सकता है और यदि सम्भव हो तो इसे शल्य क्रिया के द्वारा निकाला जाता है.

क्लोनी विकास

वह प्रक्रिया जिसके द्वारा सामान्य उतक दुर्दम बन जाता है, वह प्रक्रिया है शरीर के भीतर कायिक विकास ( somatic evolution)[28].जैविक विकास (evolution)के मिलियन वर्ष ये सुनिश्चित करते हैं कि कोशिकीय उपापचयी परिवर्तन जो कैंसर के विकास में सहायक हैं वे कभी कभी ही उत्पन्न होते हैं. कोशिकीय उपापचय में अधिकांश परिवर्तन जो कोशिका में अनियमित विभाजन का कारण हैं, वे कोशिका मृत्यु का कारण हो सकते हैं. कैंसर कोशिकाये प्राकृतिक वरन (natural selection),की एक प्रक्रिया से गुजरती हैं, नए आनुवंशिक परिवर्तनों से युक्त कुछ कोशिकाएं अपने जीवन या प्रजनन को बढ़ावा देती हैं, इसके लिए गुणन करती हैं,और जल्दी ही बढ़ते हुए ट्यूमर पर प्रभावी हो जाती हैं, क्योंकि कम अनुकूल आनुवंशिक परिवर्तनों से युक्त कोशिकाएं प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जाती हैं.[29]इस प्रक्रिया को क्लोनी विकास ( clonal evolution)कहते हैं.ट्यूमर अक्सर कीमोथेरपी उपचार की प्रतिक्रिया में विकसित होते रहते हैं और मौका मिलने पर ये कोशिकाएं किसी विशेष कैंसर रोधी दवा के लिए प्रतिरोध का अधिग्रहण ( acquire resistance) कर सकती हैं.

कैंसर कोशिकाओं के जैविक गुण

2000 में Hanahan और Weinberg (Weinberg) के एक अनुच्छेद में दुर्दम ट्यूमर कोशिकाओं के जैविक गुणों को निम्नानुसार संक्षेप में बताया गया है:[30]

  • वृद्धि के संकेतों (growth signals)में स्वयं-प्रचुरता का अधिग्रहण, अनियंत्रित विकास को बढ़ावा देता है.
  • वृद्धि विरोधी संकेतों की संवेदनशीलता में क्षति, भी अनियंत्रित विकास का कारण होती है.
  • apoptosis (apoptosis) के लिए क्षमता में कमी, आनुवंशिक त्रुटियों और बाह्य वृद्धि विरोधी संकेतों के बावजूद, वृद्धि को बढ़ावा देती है.
  • जरावस्था (senescence)के लिए क्षमता में कमी, असीमित प्रतिकृति क्षमता को बढ़ावा देती है.(अमरत्व)
  • निरंतरएन्जियोजिनेसिस (angiogenesis)का अधिग्रहण, निष्क्रिय पोषक प्रसार की सीमाओं से परे ट्यूमर की वृद्धि को बढ़ावा देता है.
  • पड़ोसी ऊतकों (tissues) पर आक्रमण करने की क्षमता का अधिग्रहण,आक्रामक कार्सिनोमा का परिभाषित गुण है.
  • मेटास्टेसिस (metastases)के निर्माण की क्षमता का अधिग्रहण,घातक ट्यूमर का मुख्य लक्षण है (कार्सिनोमा या अन्य).

इन बहुल पदों का पूरा होना निम्न के बिना एक बहुत ही दुर्लभ घटना होगी:

  • आनुवंशिक त्रुटियों की मरम्मत के लिए क्षमता में कमी, उत्परिवर्तन (mutation) दर (जीनोमिक अस्थिरता) को बढाती है, इस प्रकार से सभी अन्य परिवर्तनों को त्वरित करती है.

ये जैविक परिवर्तन कार्सिनोमा (carcinoma) में मुख्य हैं; अन्य घातक ट्यूमर को उन सब की प्राप्ति के लिए सभी की जरुरत नहीं हो सकती है.उदाहरण के लिए, ऊतक आक्रमण और दूर के स्थानों पर विस्थापन ल्यूकोसाइट्स (leukocytes)का सामान्य गुण है; ये पद रक्त केंसर (Leukemia)के विकास के लिए आवश्यक नहीं हैं.विभिन्न पद जरुरी रूप से व्यक्तिगत उत्परिवार्तनों का प्रतिनिधित्व नहीं करते.उदाहरण के लिए, एक जीन का निष्क्रियकरण, P53 (P53) प्रोटीन के लिए कोडन, जीनोमिक अस्थिरता, apoptosis, और एन्जियोजिनेसिस में वृद्धि का कारण होंगे.

रोकथाम

कैंसर की रोकथाम को,कैंसर की घटनाओं में कमी करने के लिए सक्रिय उपायों के रूप में परिभाषित किया जाता है.ऐसा कर्सिनोजन (carcinogen)से बच कर, या उनके उपापचय (metabolism) में परिवर्तन कर के किया जा सकता है,ऐसी जीवन शैली या आहार का उपयोग करना जो कैंसर-कारी कारकों और/या चिकित्सा हस्तक्षेप (रासायनिक रोकथाम (chemoprevention) ,पूर्व दुर्दम घावों का उपचार)में संशोधन करे, भी उपयोगी होगा. "रोकथाम" की महामारी विज्ञान (epidemiological)अवधारणा को सामान्यतया या तो उन लोगों के लिए प्राथमिक रोकथाम (primary prevention) के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिनमें किसी विशेष रोग का निदान नहीं किया गया है ,या द्वितीयक रोकथाम (secondary prevention) के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो पहले से निदान किए गए रोग की जटिलताओं को कम करता है.

पर्यवेक्षणीय महामारी विज्ञान अध्ययन (Observational epidemiological studies)जो जोखिम कारकों और विशिष्ट कैंसरों के बीच सम्बन्ध दर्शाते हैं ज्यादातर संभावित उपायों के बारे में परिकल्पना उत्पन्न करने के लिए कार्य करते हैं यह कैंसर की घटना को या रुग्णता (morbidity) को कम कर सकता है.याद्रिच्छिक नियंत्रित परीक्षण (Randomized controlled trial)अब परिक्षण करते हैं कि महामारी विज्ञान परिक्षण के द्वारा उत्पन्न परिकल्पना और प्रयोगशाला अनुसंधान वास्तव में कैंसर और मृत्यु दर में कमी लाते हैं.कई मामलों में पर्यवेक्षणीय महामारी विज्ञान (epidemiological)अध्ययन याद्रिच्छिक नियंत्रित परीक्षण के द्वारा पुष्ट नहीं होते हैं.

दुनिया भर में बारह सबसे आम कैंसर के प्रकारों में लगभग एक तिहाई का कारण हैं, संभावित रूप से रूपांतरण योग्य नौ जोखिम कारक. कैंसर युक्त ऐसे पुरुषों की संख्या महिलाओं से दो गुनी है जिनमें रोग के लिए रूपांतरण योग्य जोखिम कारक पाया जाता है.नौ जोखिम कारक हैं तम्बाकू धूम्रपान (tobacco smoking), अत्यधिक शराब का उपयोग (alcohol),आहार में फल और सब्जियों (vegetables)की कमी, सीमित शारीरिक व्यायाम (physical exercise), मानव पेपिलोमा वायरस (human papillomavirus)संक्रमण (असुरक्षित यौन संबंध), शहरी वायु प्रदूषण (air pollution), ठोस ईंधन का घरेलू उपयोग, और संदूषित इंजेक्शन (हैपेटाइटिस बी और सी) .[31]

परिवर्तनीय ( "जीवन शैली" ") जोखिम कारक

परिवर्तनीय कैंसर जोखिम कारक के उदाहरण हैं शराब का सेवन (मुख, स्तन, ग्रसनी, और अन्य कैंसरों के जोखिम के बढ़ने से सम्बंधित), धूम्रपान (हालांकि फेफड़ों के कैंसर से युक्त 20% महिलाओं ने 10% पुरुषों की तुलना में धूम्रपान कभी नहीं किया है,[32]) , शारीरिक निष्क्रियता ( बृहदान्त्र, स्तन और संभवतः अन्य कैंसर के जोखिम के बढ़ने से सम्बंधित),भार अधिक होना (बृहदान्त्र, स्तन, अन्तर गर्भाशय कला , और संभवतः अन्य कैंसर से सम्बंधित ) महामारी विज्ञान साक्ष्य के आधार पर, अब यह सोचा जाता है कि शराब का बहुत अधिक सेवन विशेष प्रकार के कैंसरों के जोखिम को कम करने में योगदान देता है; हालाँकि तंबाकू की तुलना में, प्रभाव की मात्रा बहुत कम है और प्रमाण की शक्ति कमजोर है.कैंसर के खतरे को प्रभावित करने वाले अन्य ज्ञात जीवन शैली और पर्यावरणीय कारक हैं (लाभकारी या हानिकारी )कुछ यौन संचारित रोग, बहिर्जनित होर्मोनों का उपयोग, आयनिक विकिरण (ionizing radiation) और पराबैंगनी विकिरण के संपर्क में आना , कुछ व्यावसायिक और रासायनिक प्रभाव.

हर वर्ष कम से कम 200000 लोग विश्वभर में उनके कार्यस्थल से सम्बन्धित कैंसर के कारण मर जाते हैं.[33]कई मिलियन श्रमिक एस्बेस्टोस फाइबर और तंबाकू के धुएँ, को अन्दर लेने के कारण फेफड़ों का कैंसर (lung cancer) और मिजोथेलीओमा (mesothelioma) के शिकार हो जाते हैं, या उनके कार्यस्थल पर बेंजीन (benzene) के संपर्क में आने पर रक्त कैंसर (leukemia) के शिकार हो जाते हैं.[33]वर्तमान में, विकसित देशों में व्यावसायिक जोखिम वाले कारक अधिकांश कैंसर मृत्यु का कारण हैं.[33]ऐसा अनुमान लगाया गया है कि अमेरिका में हर साल कैंसर से लगभग 20000 मोतें कैंसर के कारण होती हैं और कैंसर के 40000 नए मामले सामने आते हैंजो व्यवसाय से सम्बंधित होते हैं.[34]

इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए देखें शराब और कैंसर (alcohol and cancer).

आहार

आहार और कैंसर पर आम सहमति है कि मोटापा कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. भिन्न देशों में आहार की भिन्न प्रथाएं अक्सर कैंसर की घटनाओं में अन्तर को स्पष्ट करती हैं, (उदाहरण आमाशय का कैंसर (gastric cancer) जापान में आम है , जबकि बड़ी आँत का कैंसर (colon cancer)संयुक्त राज्य अमेरिका में आम है ).अध्ययन से पता चलता है कि आप्रवासी, अक्सर एक पीढी के अन्दर, अपने नए देश का जोखिम विकसित कर लेते हैं, यह आहार और कैंसर के बीच मुख्य सम्बन्ध स्थापित करता है.[35]एक जनसंख्या में मोटापे के कम होने से कैंसर का कम होना अज्ञात है.

विशेष पदार्थ (भोजन सहित )जिन्हें कैंसर जोखिम पर प्रभावी माना जाता है, उन पर रिपोर्ट्स जरी होती रहती हैं, इनमें से बहुत कम का कैंसर से सम्बन्ध स्थापित हुआ है. ये रिपोर्ट्स अक्सर संवर्धित सेल मीडिया या जानवरों में अध्ययन पर आधारित होती हैं.सार्वजनिक स्वास्थ्य सिफारिशों को इन अध्ययनों के आधार पर नहीं बनाया जा सकता है, जब तक वे मानव में परीक्षण (या कभी कभी एक अवलोकन interventional) में सही साबित न हो जायें.

प्राथमिक कैंसर के खतरे को कम करने के लिए प्रस्तावित पथ्य हस्तक्षेप सामान्यतया महामारी विज्ञान संघ के अध्ययन से सहारा प्राप्त करते हैं.इस तरह के अध्ययन के उदाहरण हैं, रिपोर्टें जो बताती हैं कि मांस की खपत का कम होना बड़ी आंत के कैंसर के जोखिम के कम होने से सम्बंधित है.[36] और वे रिपोर्टें जो बताती हैं कि कॉफी का सेवन यकृत कैंसर के जोखिम को कम करता है.[37]अध्ययन बताते हैं कि ग्रिल किए हुए मांस का सेवन करने से आमाशय कैंसर (stomach cancer), [38]बड़ी आंत का कैंसर (colon cancer),[39]स्तन कैंसर (breast cancer),[40]और अग्नाशय का कैंसर (pancreatic cancer),[41]का जोखिम बढ़ जाता है, इसके लिए ऐसा माना जाता है कि यह उच्च तापमान पर पकाये गए भोजन में कर्सिनोजन जैसे बेन्जोपायरीन (benzopyrene)की उपस्थिति के कारण होत है.

एक 2005 द्वितीयक रोकथाम (secondary prevention)अध्ययन दर्शाते हैं कि जीवन शैली में परिवर्तन और पोधों पर आधारित आहार के सेवन से उन पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर में कमी आई जो उस समय पर किसी परंपरागत उपचार का उपयोग नहीं कर रहे थे.[42] इन परिणामों को 2006 के अध्ययन से अधिक महत्त्व मिला जिसमें 2400 से अधिक महिलाओं पर अध्ययन किया गया, इस दोरान इनमें से आधी महिलाओं को सामान्य आहार पर रखा गया, और शेष को ऐसा आहार दिया गया जिसमें वसा की कैलोरी 20% से कम हो.दिसम्बर, 2006 के अंतरिम रिपोर्ट में बताया गया कि कम वसा आहार पर रखी गई महिलाओं में स्तन कैंसर पुनरावृत्ति की मात्र कम थी.[43]

हाल ही के अध्ययन ने कैंसर के कुछ रूपों और परिष्कृत शर्करा तथा अन्य सरल कार्बोहाइड्रेट के उच्च उपभोग के बीच संभावित सम्बन्ध का प्रदर्शन किया है.[44][45][46][47][48]यद्यपि सम्बन्ध के अंश और आपात के अंश अभी भी चर्चा का विषय हैं,[49][50][51] कुछ संगठनों ने कैंसर की रोकथाम के लिए परिष्कृत शर्करा और स्टार्च का सेवन कम करने की सिफारिश करना शुरू कर दिया है. [52][53][54][55]

इस WCRF / AICR विशेषज्ञ रिपोर्ट,खाद्य, पोषण, शारीरिक गतिविधि और कैंसर की रोकथाम: एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य सलाह देता है कि(1)वजन बढ़ाने वाले खाद्य और पेय का सेवन कम किया जाए नामतः उच्च ऊर्जा युक्त भोजन और शर्करा युक्त पेय, (2)मुख्यतः पादप उत्पत्ति के पदार्थों का सेवन किया जाए, (3)लाल मांस का सेवन सीमित किया जाए और प्रसंस्कृत मांस का सेवन नहीं किया जाए,(4) मादक पेय पदार्थों का सेवन सीमित किया जाए, और (5) नमक के सेवन को कम किया जाए तथा फफूंदी लगे हुए अनाज (अनाज) या दालों (लेग्यूम्स )का सेवन नहीं किया जाए.[56]

विटामिन

विटामिन की कमी से होने वाले मानव रोगों से सम्बंधित प्रारंभिक प्रेक्षणों के आधार पर बताया गया है कि कैंसर को विटामिन संपूरक आहार से रोका जा सकता है,जैसे प्राणाशी अरक्तता (pernicious anemia)जो विटामिन B12 (vitamin B12) की कमी से होता है और स्कर्वी (scurvy)जो विटामिन सी (Vitamin C) की कमी से होता है.यह कैंसर के मामलों में बड़े पैमाने पर साबित नहीं हुआ है, और विटामिन अनुपूरण बड़े पैमाने पर कैंसर को रोकने में कारगर साबित नहीं हुआ है.कैंसर से लड़ने वाले भोजन के अवयवों को अब पहले से अधिक समझ लिया गया है और ऐसे विविध भोजन ज्ञात हैं, इसलिए रोगियों को ज़्यादा से ज़्यादा स्वास्थ्य लाभ के लिए सब्जियों और ताजे अप्रसंस्कृत फलों का उपभोग करने की सलाह दीजाती है.[57]

महामारी विज्ञान के अध्ययन (Epidemiological studies)ने दर्शाया है कि विटामिन डी (vitamin D) की कमी कैंसर के खतरे के बढ़ने से संबंधित है.[58][59]हालांकि, इन अध्ययनों के परिणामों को सावधानी से उपचारित किया जाना चाहिए, क्योंकि वे दो कारकों के बीच सम्बन्ध नहीं दर्शा सकते हैं,अर्थात एक, दूसरे का कारण है (यानि सम्बन्ध कारण की और संकेत नहीं करता है (correlation does not imply causation)).[60]विटामीन डी कैंसर से रक्षा करता है यह तथ्य इस तथ्य के विपरीत है कि सूर्य के संपर्क में लंबे समय तक रहना दुर्दमता के जोखिम को बढ़ता है.चूँकि सूर्य का प्रकाश मानव में विटामीन डी के प्राकृतिक उत्पादन के लिए उत्तरदायी है, कुछ कैंसर शोधकर्ता तर्क देते हैं कि सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अतिरिक्त विटामिन डी के संश्लेषण के कारण कैंसर के रोकथाम के प्रभाव की तुलना में इससे होने वाली दुर्दमता के प्रभाव कहीं अधिक हानिकारक हैं.2002 में डॉ. विलियम बीबहुत से लोगों का दावा है कि अमेरिका में सालाना अपर्याप्त UVB के कारण हुए कैंसर से 23800 समयपूर्व मोतें होती हैं,(जाहिर तौर पर विटामिन डी की कमी के कारण ).[61]मेलेनोमा या स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा से 8800 मौतें होती हैं इसलिए कुल मिला कर सूर्य का प्रभाव लाभकारी है.एक और अनुसंधान समूह[62][63] का अनुमान है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में 50000-63000 व्यक्ति; और यू के में 19,000 - 25,000 व्यक्ति प्रतिवर्ष अपर्याप्त विटामिन डी की वजह से समय से पहले मर जाते हैं.

बीटा कैरोटीन (beta-carotene)का मामला randomized नैदानिक परीक्षणों (randomized clinical trials) के महत्त्व का एक उदाहरण देता है.आहार और सीरम के स्तरों पर अध्ययन करने वाले महामारी विज्ञानीयों (Epidemiologists) के अनुसार विटामिन A (vitamin A) के अग्रदूत बीटा कैरोटीन (beta-carotene)के उच्च स्तर एक सुरक्षात्मक प्रभाव से, सम्बंधित हैं और कैंसर के जोखिम को कम करते हैं.यह प्रभाव विशेष रूप से फेफड़ों के कैंसर (lung cancer)में अधिक प्रबल है.इस परिकल्पना (hypothesis) के आधार पर 1980 और 1990 के दशकों के दौरान (कैरट अध्ययन) फ़िनलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिकामें कई नैदानिक परीक्षण (clinical trials)एक श्रृंख्ला में किए गए.इसमें 80000 धूम्रपान करने वालों या धूम्रपान के साथ placebo (placebo) या बीटा-केरोटीन का दैनिक पूरक आहार लेने वालों पर अध्ययन किया गया.उम्मीद के विपरीत, फेफड़ों के कैंसर की घटना और मृत्यु दर को कम करने में बीटा कैरोटीन (beta-carotene) के पूरक आहार का कोई लाभ इन परीक्षणों में नहीं पाया गया.वास्तव में, बीटा कैरोटीन, के द्वारा फेफड़ों के कैंसर का खतरा मुख्य रूप से नहीं लेकिन बहुत कम बढ़ा, इसने प्रारंभिक अध्ययन को यहीं पर समाप्त कर दिया.[64]

जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (Journal of the American Medical Association) की 2007 में दी गई रिपोर्ट के परिणाम सूचित करते हैं कि फोलिक अम्ल के पूरक आहार बड़ी आँत के कैंसर को रोकने में प्रभावी नहीं हैं, और फोलेट का उपभोग करने वालों में बड़ी आँत के पोलिप के बनने की संभावना अधिक होती है.[65]

रासायनिक रोकथाम

यह एक आकर्षक अवधारणा है कि कैंसर को रोकने के लिए दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है, और कई उच्च श्रेणी के नैदानिक परिक्षण सलाह देते हैं कि ऐसे रासायनिक रोकथाम को विशेष परिस्थितियों में काम में लेना चाहिए.

टेमोक्सीफेन (tamoxifen)का दैनिक उपयोग जो एक चयनात्मक एस्ट्रोजन रिसेप्टर मोड्युलेटर (selective estrogen receptor modulator) है, लगभग 50%उच्च जोखिम युक्त महिलाओं में स्तन कैंसर (breast cancer) के खतरे को कम करता है.हाल ही के अध्ययन की एक रिपोर्ट के अनुसार चयनात्मक एस्ट्रोजन रिसेप्टर मोड्युलेटर (selective estrogen receptor modulator)रेलोक्सिफ़ेन (raloxifene)भी टेमोक्सीफेन (tamoxifen)की तरह ही लाभकारी है, और उच्च जोखिम युक्त महिलाओं में स्तन कैंसर के खतरे को कम करता है इसके पार्श्व प्रभावों का प्रोफाइल अधिक अनुकूल है.[66]

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रेलोक्सिफ़ेन |रेलोक्सिफ़ेन ]] (Raloxifene)टेमोक्सीफेन (tamoxifen)की तरह एक एस ई आर एम है; उच्च जोखिम युक्त महिलाओं में स्तन कैंसर के खतरे को कम करने में यह टेमोक्सीफेन के समान ही प्रभावी है.(एस टी ऐ आर परीक्षण में)इस परीक्षण में लगभग 20,000 महिलाओं पर अध्ययन किया गया, [[रेलोक्सिफ़ेन


|रेलोक्सिफ़ेन ]] (raloxifene)  के पार्श्व  प्रभाव  टेमोक्सीफेन  (tamoxifen) से कम हैं, यद्यपि यह अधिक  DCIS (DCIS) बनाने के लिए[66] प्रक्रिया को बढ़ावा देता है.

फिनएस्टेराइड (Finasteride)एक 5-अल्फा-रिड़कटेज संदमक (5-alpha-reductase inhibitor)है, प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम करता है, यद्यपि यह छोटी श्रेणी के ट्यूमर को अधिकांशतया रोक देता है.[67] बृहदान्त्र पोलिप्स के जोखिम पर कॉक्स-2 संदमक (COX-2 inhibitors) जैसे rofecoxib (rofecoxib) और celecoxib (celecoxib)के प्रभाव का अध्ययन पारिवारिक एडिनोमेटस पोलीपोसिस रोगियों (familial adenomatous polyposis)में किया गया है.[68] और आम जनसंख्या में.[69][70] दोनों समूहों में, बृहदान्त्र पोलिप (colon polyp)घटना (incidence)में बहुत कमी आई, लेकिन इसका असर हृदय संवहनी विषाक्तता की वृद्धि के रूप में दिखाई दिया.

आनुवंशिक परीक्षण

विशेष कैंसर संबंधी आनुवंशिक उत्परिवार्तनों के लिए उच्च जोखिम युक्त व्यक्तियों का आनुवंशिक परीक्षण (Genetic testing) पहले से ही उपलब्ध है.आनुवंशिक उत्परिवार्तनों के वाहक जो कैंसर के जोखिम की घटनाओं को बढाते हैं,  उन पर अधिक निगरानी रखी जा सकती है, उनके लिए रासायनिक रोकथाम या जोखिम को कम करने के लिए शल्य चिकित्सा का उपयोग किया जाता है.कैंसर के वंशगत जोखिम की प्रारंभिक पहचान, और कैंसर की रोकथाम के उपाय जैसे शल्य चिकित्सा या निगरानी,  उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के जीवन के लिए बहुत अधिक लाभकारी हो सकते हैं.
जीन कैंसर के प्रकार उपलब्धता
बीआरसीए 1 (BRCA1), BRCA2 (BRCA2) स्तन, डिम्बग्रंथि, अग्नाशयी नैदानिक नमूनों के लिए व्यावसायिक रूप से उपलब्ध
MLH1 (MLH1), MSH2 (MSH2), MSH6 (MSH6), PMS1 (PMS1), PMS2 (PMS2) बृहदान्त्र, गर्भाशय, छोटी आंत, आमाशय , मूत्रपथ नैदानिक नमूनों के लिए व्यावसायिक रूप से उपलब्ध

टीकाकरण

अनुसंधान के प्रयास अब वेक्सीन  (vaccine) के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो ओंकोजनिक संक्रामक कारकों के द्वारा होने वाले संक्रमण की रोकथाम करेगा, साथ ही कैंसर विशिष्ट एपिटोप (epitope) ) के विरुद्ध प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया माउन्ट करेगा.साथ ही जिन लोगों में आनुवंशिक परिवर्तनों या बहुरूपता के कारण कैंसर का ख़तरा अधिक है, उनके लिए जीन थेरेपी (gene therapy)  की संभावना को प्रबल बनाएगा.

जैसा की ऊपर बताया गया है कि एक निवारक मानव पेपिलोमा वायरस वेक्सीन (human papillomavirus vaccine) उपस्थित है जो मानव पेपिलोमा वायरस (human papillomavirus) की विशिष्ट यौन संचरित नस्लों को लक्ष्य बनाता है, जो ग्रीवा कैंसर (cervical cancer) और जननांग मस्सा (genital warts)के विकास से सम्बंधित हैं.बाजार में अक्टूबर 2007 को मात्र दो एचपीवी वेक्सीन थे Gardasil (Gardasil) और Cervarix (Cervarix).

स्क्रीनिंग

कैंसर स्क्रीनिंग (screening) एक प्रयास है जो लक्षण हीन आबादी में शंकाहीन कैंसर की जांच के लिए किया जाता है.बड़ी संख्या में स्वस्थ लोगों के लिए उपयुक्त स्क्रीनिंग टेस्ट अपेक्षाकृत सस्ते, सुरक्षित होने चाहिए, इनकी प्रक्रिया आक्रामक नहीं हो, सकारात्मक झूठे (false positive) परिणाम की डर बहुत कम हो.अगर कैंसर के लक्षण पता लगते हैं, तो निदान को सुनिश्चित करने के लिए अधिक निश्चित परीक्षण किए जाते हैं.

कैंसर के लिए स्क्रीनिंग विशेष मामलों में प्रारंभी निदान में सहायक है. शीघ्र निदान जीवन को बढ़ा सकता है, लेकिन आभासी रूप से मृत्यु तक के समय को सीसा समय पूर्वाग्रह (lead time bias) या लंबाई समय पूर्वाग्रह (length time bias) के माध्यम से लंबा खींच सकता है.

कई विभिन्न स्क्रीनिंग परीक्षणों का विकास भिन्न दुर्दमताओं के लिए किया गया है.स्तन कैंसर स्क्रीनिंग को स्तन स्वयं परीक्षा (breast self-examination), के द्वारा किया जा सकता है, यद्यपि यह दृष्टिकोण, 300000 से अधिक चीनी महिलाओं में 2005 में किए गए एक अध्ययन से बदनाम हो गया.मैमोग्राम (mammogram) के द्वारा स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग जनसंख्या में स्तन कैंसर के निदान की औसत अवस्था को कम करती है.एक देश में निदान की अवस्था, मेमोग्रफिक स्क्रीनिंग कार्यक्रम की शुरूआत के दस वर्षों में कम हो गई है.बड़ी-आँत मलाशय के कैंसर को fecal occult रक्त परीक्षण (fecal occult blood test) और colonoscopy (colonoscopy) के द्वारा जांचा जा सकता है,जो बड़ी आँत के कैंसर और मृत्यु दर दोनों को कम करता है, यह पूर्व दुर्दम पोलिप को हटाने या उसकी जांच के द्वारा सम्भव है.इसी प्रकार, ग्रीवा कोशिका विज्ञान परीक्षण ( पैप स्मीयर (Pap smear) उपयोग करते हुए) पूर्व कैंसर घाव की पहचान में मदद करता है.समय के साथ ऐसा परीक्षण ग्रीवा कैंसर (cervical cancer) घटना और मृत्यु दर में कमी लाया है.शुक्र ग्रंथि स्वयं परीक्षा (Testicular self-examination) पुरुषों में 15 वर्ष की आयु में शुरुआत में शुक्र ग्रंथि कैंसर (testicular cancer)की जांच की सलाह दी जाती है.प्रोस्टेट कैंसर की स्क्रीनिंग डिजिटल गुदा परीक्षा (digital rectal exam) के साथ प्रोस्टेट विशिष्ट प्रतिजन (prostate specific antigen) के रूप में (PSA) रक्त परीक्षण, का उपयोग करके की जा सकती है, हालांकि कुछ अधिकारिक संस्थाएं (जैसे अमेरिका निवारक सेवा टास्क फोर्स (US Preventive Services Task Force))सभी पुरुषों में ऐसी स्क्रीनिंग के ख़िलाफ़ हैं.

कैंसर के लिए स्क्रीनिंग कई मामलों में विवाद का विषय है,जब तक यह पता न हो कि परीक्षण वास्तव में जीवन को बचायेगा. विवाद और अधिक बढ़ जाता है जब यह स्पष्ट न हो कि स्क्रीनिंग के लाभ नैदानिक परीक्षणों और कैंसर के उपचारों से अधिक प्रभावी हैं.उदाहरण के लिए: प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) की स्क्रीनिंग के समय PSA (PSA) परीक्षण छोटे कैंसरों को पता लगा सकता है, जो कभी भी जीवन के लिए घातक नहीं बनते, लेकिन एक बार पता चल जाने पर उपचार शुरू करना ही होता है.यह स्थिति अति निदान कहलाती है, जो पुरूष को अनावश्यक उपचार जैसे शल्य चिकित्सा और विकिरण की जटिलताओं का सामना करने के लिए मजबूर कर देती है.प्रोस्टेट कैंसर का निदान करने के लिए प्रयुक्त प्रक्रियाएं (प्रोस्टेट बायोप्सी (prostate biopsy)) पार्श्व प्रभावों का कारण हो सकती हैं जिनमें रक्त प्रवाह और संक्रमण शामिल है.प्रोस्टेट कैंसर का इलाज असंयम (incontinence) (मूत्र के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए असमर्थता) और लैंगिक निष्क्रियता (erectile dysfunction)(erections जो संभोग के लिए अपर्याप्त है ) का कारण हो सकता है.इसी प्रकार, स्तन कैंसर (breast cancer), के लिए हाल ही की यह आलोचना है कि कुछ देशों में स्तन स्क्रीनिंग कार्यक्रम समस्याओं को हल करने के बजाय बढ़ा देता है.ऐसा इसलिए है कि सामान्य जनसँख्या में महिलाओं में स्क्रीनिंग कई आभासी धनात्मक परिणाम दे सकता है जिन्हें अग्रिम जांच की जरुरत हो, इसके लिए कहा जा सकता है कि केवल एक स्तन कैंसर के मामले को शुरुआती अवस्था में रोकने के लिए बड़ी संख्या में महिलाओं को उपचार (या स्क्रीनिंग)की प्रक्रिया में संलग्न कर दिया जाता है.

एक सार्वजनिक स्वास्थ्य परिप्रेक्ष्य के अनुसार पैप स्मीयर (Pap smear) के माध्यम से ग्रीवा कैंसर स्क्रीनिंग, अन्य सभी प्रकार के कैंसर की तुलना में कीमत की दृष्टि से अधिक लाभकारी है, यह बड़े पैमाने पर एक विषाणु के कारण होता है, इसमें स्पष्ट जोखिम कारक(यौन संपर्क)हैं, इस कैंसर के प्राकृतिक प्रसार का तरीका यह है कि यह सामान्यतया धीरे धीरे कई वर्षों में फैलता है, इसलिए स्क्रीनिंग कार्यक्रम को इसे जल्दी पकड़ में ले लेने के लिए अधिक समय मिल जाता है.इसके अलावा, परीक्षण अपने आप में सस्ता और बहुत ही आसान है.

इसी कारण से, नैदानिक प्रक्रिया और उपचार के लाभ तथा जोखिम पर, कैंसर स्क्रीनिंग के लिए विचार करते समय, ध्यान देना महत्वपूर्ण है.

बिना स्पष्ट लक्षणों के लोगों में कैंसर के लिए मेडिकल इमेजिंग (medical imaging) का उपयोग, सामान रूप से समस्याओं के साथ marred है.हाल ही खोजा गया incidentaloma (incidentaloma) मुख्य जोखिम है-एक सौम्य घाव जिसे दुर्दम समझा जा सकता है और हो सकता है कि इसके लिए सम्भावित खतरनाक जांच की जाए.हाल ही के अध्ययन के सीटी स्कैन (CT scan)-धूम्रपान करने वालों में, फेफड़ों के कैंसर (lung cancer)के लिए आधारित स्क्रीनिंग के गोलमोल परिणाम निकले, जुलाई, 2007 के अनुसार व्यवस्थित स्क्रीनिंग की सलाह नही दी जाती है.सादे-फिल्म के छाती X-किरणें (chest X-rays) के Randomized नैदानिक परीक्षण (Randomized clinical trials)जो धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों के कैंसर के लिए स्क्रीन करते हैं, ने इस दृष्टिकोण के लिए कोई लाभ नहीं दर्शाया है.

कैनाइन कैंसर की जाँच (Canine cancer detection)वादा करती है लेकिन यह अनुसंधान का प्रारंभिक चरण है.

महामारी विज्ञान

चित्र:Cancer rate.gif
उम्र के साथ कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है

कैंसर महामारी विज्ञान (epidemiology), कैंसर की सम्भव प्रवृतियों और कारणों का निष्कर्ष निकालने के लिए एक तरीका है.कैंसर का पहला ऐसा कारण ब्रिटिश सर्जन Percivall Pott (Percivall Pott)के द्वारा पहचाना गया, जिसने 1775 में खोज की है कि चिमनी की सफाई (chimney sweep)में संलग्न लोगों में अंडकोश (scrotum)का कैंसर आम है.अन्य व्यक्तिगत चिकित्सकों के कार्य ने कई दृष्टिकोण विकसित किए,लेकिन जब चिकित्सकों ने एक साथ काम करना शुरू किए तब वे ठोस निष्कर्ष पर पहुँच सके.

Janet Lane-Claypon (Janet Lane-Claypon) की खोज को प्रकाशित किया गया, जिन्होंने 500 स्तन कैंसर के मामलों और सामान पृष्ठ भूमि के 500 नियंत्रित रोगियों का तुलनात्मक अध्ययन किया, और साथ ही स्वास्थ्य के ब्रिटिश मंत्रालय की जीवन शैली को भी प्रकाशित किया गया.कैंसर महामारी विज्ञान पर उनके जबरदस्त कार्य को Richard Doll (Richard Doll) and Austin Bradford Hill (Austin Bradford Hill) के द्वारा आगे बढाया गया,जिन्होंने "फेफड़ों के कैंसर (Lung Cancer) और धूम्रपान (Smoking) से सम्बंधित मृत्यु के अन्य कारणों को प्रकाशित किया.अमरत्व पर ब्रिटिश डॉक्टरों की दूसरी रिपोर्ट" 1956 में दी गई (अन्यथा ब्रिटिश डॉक्टरों का अध्ययन (British doctors study) कहलाता है.) Richard Doll  ने ऑक्सफ़ोर्ड (Oxford)कैन्सर महामारी विज्ञान ईकाई को शुरू करने के लिए लन्दन चिकित्सा अनुसंधान केन्द्र को 1968 में  छोड़ दिया.कंप्यूटर के उपयोग के साथ यह पहली ईकाई थी जिसने बड़ी मात्रा में कैंसर पर आंकडों का संकलन किया.आधुनिक महामारी विज्ञान विधियां सार्वजनिक स्वास्थ्य (public health) नीति और रोगों की वर्तमान अवधारणाओं  से निकट सम्बंधित हैं.पिछले 50 वर्षों से,  प्रांतीय, राज्य, और यहाँ तक कि देश की सीमाओं,में चिकित्सा अभ्यास, अस्पताल, अदि पर आंकडे एकत्रित करने के लिए बहुत अधिक प्रयास किए गए हैं, साथ ही इस बात पर भी ध्यान दिया गया है कि पर्यावरण और सांस्कृतिक कारक कैंसर की घटना को कैसे प्रभावित करते हैं. 

कैंसर महामारी विज्ञान से कई समस्याएँ सम्बंधित हो सकती हैं,जैसे सीसा समय पूर्वाग्रह (lead time bias) और लंबाई समय पूर्वाग्रह (length time bias).सीसा समय पूर्वाग्रह अवधारणा के अनुसार शीघ्र निदान कैंसर के आंकडों को कृत्रिम रूप से सीमित करता है, यह वास्तव में रोग के प्राकृतिक इतिहास में सुधार नहीं लाता है.लंबाई समय पूर्वाग्रह अवधारणा के अनुसार धीमी वृद्धि वाले ट्यूमर स्क्रीनिंग परिक्षण के द्वारा संभवतः पहचाने जाते हैं, कैंसर के ऐसे ज्यादा मामलों में सुधार, स्क्रीनिंग कार्यक्रम के बाद, रोगी के लिए बेहतर परिणाम नहीं देता है. इसी तरह का एक विषय है अति निदान (overdiagnosis) , स्क्रीन्फिंग परिक्षण के द्वारा ऐसे रोग के निदान की पुष्टि जो वास्तव में रोगी की लम्बी आयु पर कोई प्रभाव नहीं डालने वाला है.यह समस्या विशेष रूप से प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) और PSA स्क्रीनिंग (PSA screening)पर लागू होती है.[71]

कुछ कैंसर शोधकर्ताओं का तर्क है कि नकारात्मक कैंसर नैदानिक परीक्षणों में उपचार के लाभ को खोजने के लिए पर्याप्त सांख्यिकीय शक्ति (statistical power) की कमी होती है ऐसा शायद इसलिए होता है कि मूल योजना के विपरीत कम रोगी अध्ययन में शामिल किए जाते हैं.[72]

राज्य और क्षेत्रीय कैंसर पंजीकरण (cancer registries) ऐसे संगठन हैं जो रोगी चिकित्सा रिकोर्ड से कैंसर के बारे में चिकित्सकीय आंकडों को संगृहीत करते हैं.ये संस्थान राज्य और राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य समूहों को जानकारी उपलब्ध कराते हैं, जो कैंसर के निदान और उपचार में प्रवृतियों का पता लगाने में मदद करता है.सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण कैंसर पंजीकरण (cancer registries)संस्थानों में से एक है एस ई ई आर (SEER)जो अमेरिका की संघीय सरकार (US Federal government)के द्वारा प्रशासित है.[73]स्वास्थ्य जानकारी गोपनीयता United States Department of Veterans Affairs (United States Department of Veterans Affairs)[74][75][76] और अन्य संस्थानों में कैंसर पंजीकरण (cancer registry)आंकडों के उपयोग में बढ़ा उत्पन्न करती है.[77]

कुछ पश्चिमी देशों जैसे , संयुक्त राज्य अमरीका [4]में और यू के [78]में मृत्यु के कारणों के रूप में कैंसर हृदय रोग (cardiovascular disease) पर हावी हो रहा है.कई तीसरी दुनिया (Third World) के देशों में कैंसर की घटना (जहाँ तक मापा जा सकता है )कम दिखाई देती है, क्यों कि संक्रमण रोगों और चोटों के कारन मृत्यु दर अधिक है.कई तीसरी दुनिया के देशों में मलेरिया और तपेदिक जैसे रोगों पर नियंत्रण बढ़ गया है और कैंसर की घटनाओं में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है; यह महामारी विज्ञान (epidemiological) शब्दावली में महामारी संक्रमण कहा जाता है.

कैंसर कई देशों में फैलने वाली महामारी के रूप में एक जोखिम कारक है.यकृत कोशिकी कार्सिनोमा (Hepatocellular carcinoma) (जिगर कैंसर) पश्चिम में दुर्लभ है, लेकिन चीन और पड़ोसी देशों में मुख्य कैंसर है, ऐसा संभवतः इस आबादी में हैपेटाइटिस बी (hepatitis B) और aflatoxin (aflatoxin) की स्थानिक (endemic) उपस्थिति के कारण है.इसी प्रकार, तम्बाकू धूम्रपान (tobacco smoking)के साथ यह कई तीसरी दुनिया के देशों में आम हो रहा है, फेफड़े (lung) के कैंसर की घटना में वृद्धि हुई है.

इतिहास

कैंसर की विशिष्ट और नेत्रों से ही दिखाई देने वाली उपस्थिति. स्तन का यह आक्रामक वाहिनीपरक कार्सिनोमा (ductal carcinoma)(केंद्र में एक पीला क्षेत्र) दर्शाता है कि एक अंडाकार ट्यूमर सफ़ेद दागदार उतक की स्पाइकों से घिरा हुआ है जो चरों और के पीले वसा उतक में हैं.यह सिल्हूट कुछ केकड़े की तरह दिखता है.

आज, यूनानी शब्द कार्सिनोमा (carcinoma)एक चिकित्सा शब्द है जिसका उपयोग उपकला (epithelial) कोशिकाओं से उत्पन्न होने वाले दुर्दम ट्यूमर के लिए किया जाता है.यह है सेल्सस (Celsus)जिसका अनुवाद लेटिन में कार्सिनोज कैंसर है जिसका अर्थ है केकडा. Galen (Galen) सब ट्यूमर, का वर्णन करने के लिए "oncos" का उपयोग करते हैं, आधुनिक शब्द ऑन्कोलॉजी (oncology)की जड़.[79]

हिप्पोक्रेट्स कई प्रकार के कैंसर का वर्णन करते हैं. उन्होंने सौम्य ट्यूमर को oncosकहा जिसका अर्थ यूनानी (Greek)में सूजन है तथा दुर्दम ट्यूमर को carcinos, कहा जिसका अर्थ यूनानी में केकड़ा (crab) या क्रेफ़िश (crayfish). होता है.यह नाम एक ठोस घातक ट्यूमर की कटी हुई सतह के कारण उत्पन्न हुआ है, जिसे चारों और शिराएँ फिली हुई हैं यह केकड़े के पैरों की तरह दिखती हैं, जिससे इसे नाम मिला है [80](चित्र देखें )बाद में प्रत्यय -ओमा जोड़ा गया , यूनानी में इसका अर्थ है सूजन, और इसका नाम हो गया कार्सिनोमा.शरीर को खोलना यूनानी परम्परा के खिलाफ था, हिप्पोक्रेट्स ने त्वचा, नक्, और स्तन पर बाहर से दिखाई देने वाले ट्यूमरों का वर्णन किया और उनके चित्र बनाये.उपचार चार शारीरिक द्रव्यों (काले और पीले पित्त, रक्त, और कफ). के ह्यूमर सिद्धांत (humor theory)पर आधारित था.रोगी के भाव के अनुसार, इलाज के के लिए आहार, रक्त और/या जुलाब काम में लिया जाता था. सदियों के दोरान यह ज्ञात हो गया कि कैंसर शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है, लेकिन उपचार पर आधारित ह्यूमर सिद्धांत कोशिकाओं की खोज के साथ 19 वीं सदी तक लोकप्रिय बना रहा.

कैंसर के लिए शल्य चिकित्सा (surgical) और इसका सबसे पुराना वर्णन इजिप्ट में 1600 ई.पू. मिलता है.Papyrus (Papyrus) स्तन के अल्सर के आठ मामलों का वर्णन करता है, इनका इलाज cauterization, के द्वारा किया जाता था, इसके लिए प्रयुक्त उपचार था "the fire drill."

इस बीमारी के बारे में लेखन कहता है,"इसका कोई इलाज नहीं है."[81] 

कैंसर के लिए अन्य प्रारंभिक शल्य चिकित्सा (surgical) का वर्णन 1020 में Avicenna (Avicenna) (Ibn Sina)के द्वारा The Canon of Medicine (The Canon of Medicine)में किया गया. उन्होंने कहा कि उतक को ठीक से हटा (excision)देना चाहिए,छंटाई (tissue)ठीक प्रकार से होनी चाहिए, इसमें शामिल है विच्छेदन (amputation) का उपयोग या ट्यूमर (tumor) की दिशा में चलने वाली शिरा (vein) को हटाना.उन्होंने जरुरत होने पर प्रभावित क्षेत्र के लिए cauterization (cauterization) के उपयोग की भी सलाह दी.[82]

16 वीं और 17 वीं शताब्दियों में, मृत्यु के कारण को खोजने के लिए शरीर को काटना (dissect bodies)डॉक्टरों के लिए अधिक स्वीकार्य बन गया.जर्मन प्रोफेसर विल्हेम Fabry (Wilhelm Fabry) का मानना था कि स्तन कैंसर स्तन वाहिनी में एक दूध के थक्के के कारण होता है.डच प्राध्यापक फ़्राँस्वा डे ला Boe Sylvius (Francois de la Boe Sylvius),जो डेसकार्टेस के एक अनुयायी थे, का मानना था कि प्रत्येक रोग किसी रासायनिक क्रिया का परिणाम है, और अम्लीय लसीका (lymph) तरल पदार्थ कैंसर का कारण है.उसके समकालीन Nicolaes Tulp (Nicolaes Tulp) का मानना था कि कैंसर एक जहर है जो धीरे धीरे फैलता है तथा संक्रामकहै.[83]

18 वीं सदी में सूक्ष्मदर्शी के व्यापक उपयोग से यह ज्ञात हुआ कि 'कैंसर का ज़हर' अपने प्राथमिक ट्यूमर से अन्य स्थानों तक लिम्फ नोड्स के माध्यम से फैलता है (" "मेटास्टेसिस (metastasis)"").रोग का यह दृष्टिकोण 1871 और 1874 के बीचके बीच अंग्रेज़ी सर्जन कैम्पबेल मॉर्गन डे (Campbell De Morgan) के द्वारा दिया गया.[84] स्वच्छता की समस्याओं के कारण शल्य चिकित्सा (surgery) के द्वारा कैंसर के उपचार के दुष्परिणाम हुए.मशहूर स्कॉटलैंड के सर्जन अलेक्जेंडर Monro (Alexander Monro) ने दो साल में शल्य चिकित्सा के बाद जीवित साठ मरीजों में से केवल दो में स्तन ट्यूमर को देखा.19 वीं सदी में, asepsis (asepsis) ने शल्य चिकित्सा में स्वच्छता की दृष्टि से सुधार किया और जैसे जैसे जीवित रहने के आँकड़ों में वृद्धि हुई, शल्य चिकित्सा कैंसर का प्रारंभिक उपचार बन गया.विलियम Coley (William Coley)अपवाद थे जिन्होंने 1800s के अंत में पाया कि asepsis से पहले शल्य चिकित्सा के बाद उपचार की दर अधिक थी, (और उन्होंने मिश्रित परिणामों के साथ ट्यूमर में जीवाणु को इंजेक्ट कर दिया.), कैंसर का उपचार शल्य चिकित्सक की ट्यूमर को हटाने की कला पर निर्भर हो गया.इसी अवधि के दौरान, यह पता लगा किशरीर कई ऊतकों (tissues) से बना है जो मिलियन कोशिकाओं से बने हैं, इससे शरीर में रासायनिक असंतुलन के बारे में ह्यूमर सिद्धांतों ने जन्म लिया. कोशिका विकृतिविज्ञान (cellular pathology) का जन्म हुआ.

जब 19 वीं सदी के अंत में, मेरी क्युरी और पिएर क्युरी ने विकिरण (radiation) की खोज की, उन्होंने पहला प्रभावी शल्य चिकित्सा हीन उपचार खोजा.विकिरण कैंसर उपचार के महत्वपूर्ण लक्षण के रूप में प्रकट हुआ.शल्य चिकित्सक अब सिर्फ़ ऑपरेशन नहीं करते हैं, लेकिन विकिरण विज्ञानी के साथ मिलकर कार्य करते हैं और रोगी की मदद करते हैं.इससे संचार में जटिलताएं आयीं,साथ ही घर के बजाय रोगी के उपचार की जरुरत अस्पताल में महसूस हुई, साथ ही अस्पताल की फाइलों में रोगी से सम्बंधित आंकडों को संकलित किया गया. जिससे पहली बार सांख्यिकीय रोगी अध्ययन की शुरुआत हुई.

द्वितीय विश्व युद्घ तक एक चिकित्सक को व्यक्तिगत रूप से कैंसर रोगी के उपचार और अध्ययन करने की अनुमति नहीं थी,अब चिकित्सा अनुसंधान केन्द्रों ने खोजा कि रोग की घटना में काफी अन्तर राष्ट्रीय अन्तर दिखाई देते हैं. इस अंतर्दृष्टि के कारण राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य निकायों ने अस्पतालों और क्लीनिकों में स्वास्थ्य सम्बन्धी आंकडों को संकलित किया, यह एक ऐसी प्रक्रिया थी जिसे आज कई देश करते हैं.जापानी चिकित्सा समुदाय ने पाया कि हिरोशिमा और नागासाकी में बम पीड़ितों का अस्थि मज्जा पूरी तरह से नष्ट हो गया था.उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि रोगग्रस्त अस्थि मज्जा (bone marrow) को भी विकिरण के द्वारा नष्ट किया जा सकता है, और इससे ल्यूकेमिया (leukemia) के लिए अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण की खोज हुई.द्वितीय विश्व युद्घ के बाद से कैंसर उपचार (cancer treatment) की प्रवृतियों में सुधार हो रहे हैं, इसमें उपस्थित उपचार विधियों में सूक्ष्म स्तर पर सुधार हुआ है, उनका मानकीकरण किया गया है, और महामारी विज्ञान (epidemiology) और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के माध्यम से इलाज के तरीके की खोज में उन्हें वैश्वीकृत किया गया है.

अनुसंधान

कैंसर अनुसंधान एक गहन वैज्ञानिक प्रयास है जो रोग प्रक्रियाओं को समझने के लिए और संभव उपचार की खोज के लिए किया जाता है.कैंसर अनुसंधान के कारण आण्विक जीव विज्ञान (molecular biology) और कोशिका जीव विज्ञान (cellular biology) के ज्ञान के बढ़ने से कैंसर के कई नए प्रभावी उपचारों की खोज हुई है.जब से 1971 में राष्ट्रपति निक्सन "कैंसर पर युद्ध" की घोषणा की.

यह भी देखिये

संदर्भ

सामान्य संदर्भ

बाहरी सम्बन्ध

पेशेवर और अनुसंधान

वैश्विक
उत्तरी अमेरिका
दक्षिण अमेरिका
यूरोप
  • EORTC कैंसर के अनुसंधान और उपचार के लिए यूरोपीय संगठन .एक यूरोपीय गैर मुनाफे वाला संगठन है जो नैदानिक परीक्षणों को कार्यान्वित करता है.
  • Cancerbackup ब्रिटेन कैंसर जानकारी चेरिटी.
  • कैंसर अनुसंधान संस्थान विश्व के अग्रणी स्वतंत्र कैंसर अनुसंधान संगठनों में से एक, यूनाइटेड किंगडम में आधारित.

समर्थन और वकालत

hi:कर्कट रोग

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