"क़ुतुब मीनार": अवतरणों में अंतर
टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका |
रोहित साव27 (वार्ता | योगदान) छो 103.39.9.59 (Talk) के संपादनों को हटाकर Billinghurst के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया |
||
पंक्ति 71: | पंक्ति 71: | ||
* [https://web.archive.org/web/20111106074246/http://maps.google.com/maps?ll=28.524355,77.185248&q=28.524355,77.185248&spn=0.002211,0.00537&t=h उपग्रह से क़ुतुब, अपनी छाया द्वारा पहचानने योग्य] |
* [https://web.archive.org/web/20111106074246/http://maps.google.com/maps?ll=28.524355,77.185248&q=28.524355,77.185248&spn=0.002211,0.00537&t=h उपग्रह से क़ुतुब, अपनी छाया द्वारा पहचानने योग्य] |
||
== बाहरी कड़ियाँ == |
|||
* [https://www.examgkstudy.com/qutub-minar-ki-lambai/ क़ुतुब मीनार का इतिहास] |
|||
* {{wikivoyage|Qutb Minar}} |
* {{wikivoyage|Qutb Minar}} |
||
{{दिल्ली के दर्शनीय स्थल}} |
{{दिल्ली के दर्शनीय स्थल}} |
10:49, 20 जून 2021 का अवतरण
- क़ुतुब समूह के अन्य उल्लेखनीय स्थलों एवं निर्माणों हेतु देखें मुख्य लेख
28°31′28″N 77°11′07″E / 28.524355°N 77.185248°E
क़ुतुब मीनार | |
---|---|
प्रकार | सांस्कृतिक |
मानदंड | 7 |
मनोनीत | 1993 (17वां सत्र) |
संदर्भ सं. | 233 |
देश | भारत |
महाद्वीप | एशिया |
क़ुतुब मीनार भारत में दक्षिण दिल्ली शहर के महरौली भाग में स्थित, ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊँची मीनार है। ऊँचाई 72.5 मीटर (237.86 फीट) और व्यास १४.३ मीटर है, जो ऊपर जाकर शिखर पर 2.75 मीटर (9.02 फीट) हो जाता है। इसमें ३७९ सीढियाँ हैं।[1] मीनार के चारों ओर बने अहाते में भारतीय कला के कई उत्कृष्ट नमूने हैं, जिनमें से अनेक इसके निर्माण काल सन 1192 के हैं। यह परिसर युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में स्वीकृत किया गया है।
इतिहास
अफ़गानिस्तान में स्थित, जाम की मीनार से प्रेरित एवं उससे आगे निकलने की इच्छा से, दिल्ली के प्रथम मुस्लिम शासक क़ुतुबुद्दीन ऐबक, ने सन ११९३ में आरंभ करवाया, परंतु केवल इसका आधार ही बनवा पाया। उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इसमें तीन मंजिलों को बढ़ाया और सन १३६८ में फीरोजशाह तुगलक ने पाँचवीं और अंतिम मंजिल बनवाई । मीनार को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है, जिस पर कुरान की आयतों की एवं फूल बेलों की महीन नक्काशी की गई है।
क़ुतुब मीनार लाल और बफ सेंड स्टोन से बनी भारत की सबसे ऊंची मीनार है।
13वीं शताब्दी में निर्मित यह भव्य मीनार राजधानी, दिल्ली में खड़ी है। इसका व्यास आधार पर 14.32 मीटर और 72.5 मीटर की ऊंचाई पर शीर्ष के पास लगभग 2.75 मीटर है।
इस संकुल में अन्य महत्वपूर्ण स्मारक हैं जैसे कि 1310 में निर्मित एक द्वार, अलाइ दरवाजा, कुवत उल इस्लाम मस्जिद; अलतमिश, अलाउद्दीन खिलजी तथा इमाम जामिन के मकबरे; अलाइ मीनार सात मीटर ऊंचा लोहे का स्तंभ आदि।
गुलाम राजवंश के क़ुतुबुद्दीन ऐबक ने ए. डी. 1199 में मीनार की नींव रखी थी और यह नमाज़ अदा करने की पुकार लगाने के लिए बनाई गई थी तथा इसकी पहली मंजिल बनाई गई थी, जिसके बाद उसके उत्तरवर्ती तथा दामाद शम्स उद्दीन इतुतमिश (ए डी 1211-36) ने तीन और मंजिलें इस पर जोड़ी। इसकी सभी मंजिलों के चारों ओर आगे बढ़े हुए छज्जे हैं जो मीनार को घेरते हैं तथा इन्हें पत्थर के ब्रेकेट से सहारा दिया गया है, जिन पर मधुमक्खी के छत्ते के समान सजावट है और यह सजावट पहली मंजिल पर अधिक स्पष्ट है।
कुवत उल इस्लाम मस्जिद मीनार के उत्तर - पूर्व ने स्थित है, जिसका निर्माण क़ुतुबुद्दीन ऐबक ने ए डी 1198 के दौरान कराया था। यह दिल्ली के सुल्तानों द्वारा निर्मित सबसे पुरानी ढह चुकी मस्जिद है। इसमें नक्काशी वाले खम्भों पर उठे आकार से घिरा हुआ एक आयातकार आंगन है और ये 27 हिन्दु तथा जैन मंदिरों के वास्तुकलात्मक सदस्य हैं, जिन्हें क़ुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा नष्ट कर दिया गया था, जिसका विवरण मुख्य पूर्वी प्रवेश पर खोदे गए शिला लेख में मिलता है। आगे चलकर एक बड़ा अर्ध गोलाकार पर्दा खड़ा किया गया था और मस्जिद को बड़ा बनाया गया था। यह कार्य शम्स उद्दीन इतुतमिश ( ए डी 1210-35) द्वारा और अला उद्दीन खिलजी द्वारा किया गया था।
इतुतमिश (1211-36 ए डी) का मकबरा ए डी 1235 में बनाया गया था। यह लाल सेंड स्टोन का बना हुआ सादा चौकोर कक्ष है, जिसमें ढेर सारे शिला लेख, ज्यामिति आकृतियां और अरबी पै इसमें से कुछ नमूने इस प्रकार हैं: पहिए, झब्बे आदि |
अलाइ दरवाजा, कुवात उल्ल इस्माल मस्जिद के दक्षिण द्वार का निर्माण अला उद्ददीन खिलजी द्वारा ए एच 710 ( ए डी 1311) में कराया गया था, जैसा कि इस पर तराशे गए शिला लेख में दर्ज किया गया है। यह निर्माण और सजावट के इस्लामी सिद्धांतों के लागू करने वाली पहली इमारत है।
अलाइ मीनार, जो क़ुतुब मीनार के उत्तर में खड़ी हैं, का निर्माण अला उद्दीन खिलजी द्वारा इसे क़ुतुब मीनार से दुगने आकार का बनाने के इरादे से शुरू किया गया था। वह केवल पहली मंजिल पूरी करा सका, जो अब 25 मीटर की ऊंचाई की है। क़ुतुब के इस संकुल के अन्य अवशेषों में मदरसे, कब्रगाहें, मकबरें, मस्जिद और वास्तुकलात्मक सदस्य हैं।
यूनेस्को को भारत की इस सबसे ऊंची पत्थर की मीनार को विश्व विरासत घोषित किया है।[2]
चित्रदीर्घा
-
समीपस्थ भवन समूह्
-
क़ुतुब मीनार मस्जिद के संग
-
मुख्य द्वार में से दृश्य
-
डूबते सूर्य में अशोक स्तंभ
-
अला-ई-मीनार
-
क़ुतुब मीनार पर की गयी महीन नक़्क़ाशी
सन्दर्भ
- ↑ "कुतुब मीनार परिसर". प्रेसनोट.इन. मूल (पीएचपी) से 2 अप्रैल 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २३ मार्च २००९.
|access-date=
में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ "संस्कृति और विरासत - स्मारक - कुतुब मीनार - भारत के बारे में जानें: भारत का राष्ट्रीय पोर्टल". knowindia.gov.in. अभिगमन तिथि 2021-06-08.
बाह्यसूत्र
विकिमीडिया कॉमन्स पर क़ुतुब मीनार से सम्बन्धित मीडिया है। |
- क़ुतुब मीनार कहां स्थित है
- क़ुतुब मीनार, सबसे बड़ा भारत में पत्थर टावर
- रात्रि में क़ुतुब
- उपग्रह से क़ुतुब, अपनी छाया द्वारा पहचानने योग्य
विकियात्रा पर Qutb Minar के लिए यात्रा गाइड