"टी एस एलियट": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
१८८८ के स्थान पर १८८ लिखा हुआ था!
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
No edit summary
पंक्ति 48: पंक्ति 48:
*[http://hindi.webdunia.com/international-hindi-news/कठोर-नहीं-थे-टीएस-इलियट-109110100089_1.htm कठोर नहीं थे टीएस इलियट ]
*[http://hindi.webdunia.com/international-hindi-news/कठोर-नहीं-थे-टीएस-इलियट-109110100089_1.htm कठोर नहीं थे टीएस इलियट ]
*[http://enlight.lib.ntu.edu.tw/FULLTEXT/JR-PHIL/ew33375.htm The Hidden Advantage of Tradition : On the Significance of T. S. Eliot's Indic Studies]
*[http://enlight.lib.ntu.edu.tw/FULLTEXT/JR-PHIL/ew33375.htm The Hidden Advantage of Tradition : On the Significance of T. S. Eliot's Indic Studies]

{{साहित्य में नोबेल पुरस्कार}}
{{authority control}}


[[श्रेणी:1888 में जन्मे लोग]]
[[श्रेणी:1888 में जन्मे लोग]]

19:00, 10 अक्टूबर 2019 का अवतरण

टी एस एलियट
T. S. Eliot
Eliot in 1934
जन्मThomas Stearns Eliot
26 सितम्बर 1888
St. Louis, Missouri, U.S.
मौत4 जनवरी 1965(1965-01-04) (उम्र 76)
Kensington, London, England
पेशाPoet, dramatist, literary critic, editor
नागरिकताAmerican by birth; British from 1927
शिक्षाAB in philosophy (Harvard, 1909)
PhD (cand) in philosophy (Harvard, 1915–16)[1]
काल1905–1965
आंदोलनModernism
उल्लेखनीय कामs"The Love Song of J. Alfred Prufrock" (1915), The Waste Land (1922), Four Quartets (1943), "Murder in the Cathedral" (1935)
खिताबNobel Prize in Literature (1948), Order of Merit (1948)
जीवनसाथीVivienne Haigh-Wood
(वि॰ 1915; sep. 1932)

Esmé Valerie Fletcher
(वि॰ 1957–65)

हस्ताक्षर

टी० एस० एलियट (Thomas Stearns Eliot ; १८८८-१९६५) १९४८ के नोबेल-पुरस्कार-विजेता(साहित्य) तथा आधुनिक युग की महानतम अंग्रेजी साहित्यिक विभूतियों में से थे।

२६ वर्ष की आयु में आप अपनी मातृभूमि अमरीका छोड़कर इंग्लैंड में बस गए और १९२७ में ब्रिटिश नागरिक बन गए। आपने नाटक, कविता और आलोचना तीनों क्षेत्रों में महान् ख्याति प्राप्त की है तथा आधुनिक युग के प्राय: सभी प्रसद्धि लेखकों को प्रभावित किया है। वे स्वयं डन, एज़रा पाउंड तथा फ्रांसीसी प्रतीकवादी कवि लॉफोर्ज़ द्वारा सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।८

कृतियां

यद्यपि आपका पहला काव्यसंग्रह 'प्रफ्रूॉक ऐंड अदर आब्जॅरवेशंस' १९१७ में प्रकाशित हुआ, तथापि आपको वास्तविक ख्याति 'द वेस्टलैंड' (१९२२) द्वारा प्राप्त हुई। मुक्त छंद में लिखे तथा विभिन्न साहित्यिक संदर्भो एवं उद्धरणों से पूर्ण इस काव्य में समाज की तत्कालीन परिस्थिति का अत्यंत नैराश्यपूर्ण चित्र खींचा गया है। इसमें कवि ने जान बूझकर अनाकर्षक एवं कुरूप उपमानों का प्रयोग किया है जिससे वह पाठकों की भावना को ठेस पहुँचाकर उन्हें समाज की वास्तविक दशा का ज्ञान करा सके। उसके मत में संसार एक 'मरूभूमि' है-आध्यात्मिक दृष्टि से अनुर्वर तथा भौतिक दृष्टि से अस्त व्यस्त। इसके बाद की रचनाओं में हमें एक दूसरा ही दृष्टिकोण मिलता है जो धार्मिकता की भावना से पूर्ण है और जिसका चरम विकास 'ऐश वेन्सडे' (१९३०) और 'फ़ोर क्वार्टेट्स' (१९४४) में हुआ।

आलोचना के क्षेत्र में आपका सबसे महत्वपूर्ण कार्य १७वीं शताब्दी के लेखकों, विशेषकर डन तथा ड्राइडेन की खोई हुई प्रतिष्ठा का पुन: संस्थापन तथा मिल्टन एवं शेली की भर्त्सना करना रहा है। दांते की भी आपने नई व्याख्या की हैं। वैसे तो आपने कई सौ आलोचनाएँ लिखी हैं, परंतु 'द सैक्रेड वुड'(१९२०), 'द यूस ऑव पोएट्री ऐंड द यूस ऑव क्रिटिसिज्म' (१९३३) तथा 'आन पोएट्री ऐंड पोएट्स' (१९५७) विशेष उल्लेखनीय हैं।

आपने निम्नलिखित पाँच नाटकों की रचना की है: 'मर्डर इन द कैथीड्रल' (१९३५), 'फैमिली रियूनियन' (१९३९), 'द काकटेल पार्टी' (१९५०), 'द कान्फ़िडेंशल क्लाक' (१९५५), 'द एल्डर स्टेट्समैन' (१९५८)। ये सभी पद्य में लिखे गए हैं एवं रंगमचं पर लोकप्रिय हुए हैं। 'मर्डर इन द कैथीड्रल' पर फ़िल्म भी बन चुकी है।

सन्दर्भ

  1. Jewel Spears Brooker, Mastery and Escape: T.S. Eliot and the Dialectic of Modernism, University of Massachusetts Press, 1996, p. 172.

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ