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'''सेनेट''', [[पाकिस्तान की संसद|पाकिस्तान की द्वीसदनीय विधियिका]] का [[उच्चसदन]] है। इसके चुनाव त्रिवर्षीय अवधी पश्चात, आधे संख्या के सीटों के लिए आयोजित किए जाते है। यहाँ सदस्यों क कार्यकाल 6 वर्ष होता है। सीनेट के अध्यक्ष देश के राष्ट्रपति का अभिनय होते हैं। |
'''सेनेट''', [[पाकिस्तान की संसद|पाकिस्तान की द्वीसदनीय विधियिका]] का [[उच्चसदन]] है। इसके चुनाव त्रिवर्षीय अवधी पश्चात, आधे संख्या के सीटों के लिए आयोजित किए जाते है। यहाँ सदस्यों क कार्यकाल 6 वर्ष होता है। सीनेट के अध्यक्ष देश के राष्ट्रपति का अभिनय होते हैं। इसे 1973 में स्थापित किया गया था पाकिस्तान के संविधान में से नेट से संबंधित सारे प्रावधान अनुच्छेद 59 मैं दिए गए हैं। पाकिस्तान के संसद भवन में सेनेट का कक्ष पूर्वी भाग में है। वर्तमान सभापति, [[राजा जफर उल]] हैं, जो 11 जून 2013 से इस पद पर हैं। |
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वर्तमान सभापति, [[राजा जफर उल]] हैं, जो 11 जून 2013 से इस पद पर हैं। |
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== पृष्ठभूमि == |
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1973 तक पाकिस्तान की संसद एक सदनीय थी। 1971 में [[बांग्लादेश स्वतंत्रता युद्ध]] के पश्चात जब [[पाकिस्तान]] टूट गया तब पाकिस्तानी सियासी समुदाय में इसके टूटने के कारणों में एक कारण यह भी समझा गया की सरकारें छोटे राज्यों को ध्यान नहीं देता था। अतः [[पाकिस्तान का संविधान, 1973|1973 के संविधान]] द्वारा यह उच्चसदन यानी सीनेट को स्थापित किया गया ताकि सभी छोटे राज्यों को बड़े राज्यों के तरह प्रतिनिधित्व मिल जाए। क्योंकि राष्ट्रीय विधानसभा में तो हर प्रांत से सदस्यों बहुमत के आधार पे चुने गए हैं यानी जिस प्रांत की अधिक आबादी होती है वही ज्यादा सीटें चुने गए हैं लेकिन सीनेट में सभी प्रांतों सदस्यों बराबर संख्या में चुने गए हैं। |
1973 तक पाकिस्तान की संसद एक सदनीय थी। 1971 में [[बांग्लादेश स्वतंत्रता युद्ध]] के पश्चात जब [[पाकिस्तान]] टूट गया तब पाकिस्तानी सियासी समुदाय में इसके टूटने के कारणों में एक कारण यह भी समझा गया की सरकारें छोटे राज्यों को ध्यान नहीं देता था। अतः [[पाकिस्तान का संविधान, 1973|1973 के संविधान]] द्वारा यह उच्चसदन यानी सीनेट को स्थापित किया गया ताकि सभी छोटे राज्यों को बड़े राज्यों के तरह प्रतिनिधित्व मिल जाए। क्योंकि राष्ट्रीय विधानसभा में तो हर प्रांत से सदस्यों बहुमत के आधार पे चुने गए हैं यानी जिस प्रांत की अधिक आबादी होती है वही ज्यादा सीटें चुने गए हैं लेकिन सीनेट में सभी प्रांतों सदस्यों बराबर संख्या में चुने गए हैं। |
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# हर प्रांत से एक सीट अल्पसंख्यक के लिए आरक्षित होगी। |
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पाकिस्तान की राजनीति और सरकार पर एक श्रेणी का भाग |
संविधान |
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सेनेट, पाकिस्तान की द्वीसदनीय विधियिका का उच्चसदन है। इसके चुनाव त्रिवर्षीय अवधी पश्चात, आधे संख्या के सीटों के लिए आयोजित किए जाते है। यहाँ सदस्यों क कार्यकाल 6 वर्ष होता है। सीनेट के अध्यक्ष देश के राष्ट्रपति का अभिनय होते हैं। इसे 1973 में स्थापित किया गया था पाकिस्तान के संविधान में से नेट से संबंधित सारे प्रावधान अनुच्छेद 59 मैं दिए गए हैं। पाकिस्तान के संसद भवन में सेनेट का कक्ष पूर्वी भाग में है। वर्तमान सभापति, राजा जफर उल हैं, जो 11 जून 2013 से इस पद पर हैं।
पृष्ठभूमि
1973 तक पाकिस्तान की संसद एक सदनीय थी। 1971 में बांग्लादेश स्वतंत्रता युद्ध के पश्चात जब पाकिस्तान टूट गया तब पाकिस्तानी सियासी समुदाय में इसके टूटने के कारणों में एक कारण यह भी समझा गया की सरकारें छोटे राज्यों को ध्यान नहीं देता था। अतः 1973 के संविधान द्वारा यह उच्चसदन यानी सीनेट को स्थापित किया गया ताकि सभी छोटे राज्यों को बड़े राज्यों के तरह प्रतिनिधित्व मिल जाए। क्योंकि राष्ट्रीय विधानसभा में तो हर प्रांत से सदस्यों बहुमत के आधार पे चुने गए हैं यानी जिस प्रांत की अधिक आबादी होती है वही ज्यादा सीटें चुने गए हैं लेकिन सीनेट में सभी प्रांतों सदस्यों बराबर संख्या में चुने गए हैं।
मुख्य उद्देश्य और संरचना
इस सदन के गठन का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान की सभी संघीय इकाइयों(प्रांतों व प्रदेशों) को एक मंच पर प्रतिनिधित्व देना है(इस संदर्भ में इसे पाकिस्तान में राज्यसभा के द्वंधी के रूप में दखा जा सकता है)। निचले सदन यानी नेशनल असेंबली में मौजूद हर प्रांत से बराबर संख्या में प्रत्येक के प्रतिनिधित्व का अवसर इस सदन में दिया जाता है। वर्तमान समय में सेनेट में कुल 104 सीटें हैं जिनमें से 18 महिलाओं के लिये अरक्षित हैं। इसमें चार प्रांतों में से प्रत्येक के लिये जनसंख्या से निर्आधार 14 सदस्य हैं, और फाटा के लिये 8 सदस्य हैं
प्रांत / क्षेत्र | आम सीट | टेक्नोक्रेट/उलेमा | महिलाओं | गैर मुस्लिम | कल सीटें |
---|---|---|---|---|---|
बलूचिस्तान | 14 | 4 | 4 | 1 | 23 |
खैबर पख्तूनख्वा | 14 | 4 | 4 | 1 | 23 |
सिंध | 14 | 4 | 4 | 1 | 23 |
पंजाब | 14 | 4 | 4 | 1 | 23 |
जनजातीय क्षेत्र | 8 | - | - | - | 8 |
इस्लामाबाद | 2 | 1 | 1 | - | 4 |
कुल सीटें | 104 |
- नोट: संविधान पाकिस्तान के 18 वें संशोधन में ग़ैर मुसलमानों के लिए चार सीटें बढ़ा दिए गए हैं।
नियुक्ति
इस सदन के 104 सदस्यों का चयन कुछ इस तरह से होता है:
- 14 सदस्यों प्रत्येक विधानसभा से चयन हूँ जाएगा।
- 8 सदस्यों का चयन फाटा से होगा।
- 2 आम सीटें और एक महिला सीट और एक टेक्नो टोकरा जैसे कि "आलम"।
- 4 महिलाओं का चयन प्रत्येक विधानसभा से होगा।
- 4 उलेमा का चयन प्रत्येक विधानसभा से होगा।
- हर प्रांत से एक सीट अल्पसंख्यक के लिए आरक्षित होगी।
मौजूदा सदन की संरचना
2015 से 2021
2015 में होने वाले चुनाव का परिणाम यह आया:
+ वर्तमान सीनेट बैठक [1] | |||
राजनीतिक दल | सीट | गराफनग | ख़ुद व हाल |
---|---|---|---|
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी | 27 | 27 / 104 |
बहुमत में |
पाकिस्तान मुस्लिम लीग | 26 | 26 / 104 |
अल्पसंख्यक |
मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट | 8 | 8 / 104 |
बहुमत में, पीपीपी के साथ |
अवामी नेशनल पार्टी | 7 | 7 / 104 |
बहुमत में, पीपीपी के साथ |
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ | 7 | 7 / 104 |
अल्पसंख्यक |
जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) | 5 | 5 / 104 |
बहुमत में, पीपज़पार्टी के साथ |
पाकिस्तान मुस्लिम लीग | 4 | 4 / 104 |
बहुमत में, पीपीपी के साथ |
नेशनल पार्टी | 3 | 3 / 104 |
बहुमत में पीपुल्स पार्टी के साथ |
पख्तूनख्वा मिली अवामी पार्टी | 3 | 3 / 104 |
अल्पसंख्यक मुस्लिम लीग (एन) के साथ |
बलूचिस्तान नेशनल पार्टी | 4 | 4 / 104 |
अल्पसंख्यक एन लीग के साथ |
पाकिस्तान मुस्लिम लीग | 1 | 1 / 104 |
बहुमत में पीपीपी के साथ |
जमाते इस्लामी | 1 | 1 / 104 |
अल्पसंख्यक पीटीआई के साथ |
मुक्त | 6 | 6 / 104 |
निकटता में पीपीपी के साथ |
खाली | 2 | 2 / 104 |
खाली सीट |
कल सीनेट निशस्त | 104 |
2008 से 2015
पार्टी | संख्या |
---|---|
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी | 41 |
पाकिस्तान मुस्लिम लीग एन | 14 |
अवामी नेशनल पार्टी | 12 |
पाकिस्तान मुस्लिम लीग क्यू | 5 |
जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम | 7 |
संयुक्त राष्ट्रीय आंदोलन | 7 |
मुक्त | 12 |
बलूचिस्तान नेशनल पार्टी | 4 |
नेशनल पार्टी (पाकिस्तान) | 3 |
पाकिस्तान मुस्लिम लीग एफ | 1 |
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (शियरपाउ) | |
कुल | 104 |
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ javed, ahmad (June 12, 2013). "senators". dawn (senate). dawn. AP. अभिगमन तिथि 7 February 2015.