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पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की सूची

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शाहबाज़ शरीफ़- पाकिस्तान के प्रधानमंत्री- 11 अप्रैल 2022 से

वर्तमान समय में शाहबाज़ शरीफ़ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की सूची
क्र॰ चित्र नाम कार्यभार आरम्भ कार्यभार अंत कार्यकाल चुनाव राजनैतिक दल
(गठबंधन)
टिप्पणी सरकार
नेशनल असेम्बली गठबंधन[a]
1 लियाक़त अली ख़ान

نوابزادہ لیاقت علی خان
(1895–1951)

14 अगस्त 1947 16 अक्टूबर 1951 X 4 साल, 63 दिन मुस्लिम लीग पाकिस्तान के संस्थापक गवर्नर-जनरल मोहम्मद अली जिन्नाह की सलाह के अनुसार उन्होंने वित मंत्रि लियाक़त अली ख़ान को प्रशासनिक पद सम्भालने के के आमंत्रित किया और सन् 1947 में उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया। उनकी सन् 1951 में हत्या कर दी गयी और उसके बाद कार्यभार ख़्वाजा नज़ीमुद्दीन को मिला।[1] 1ली
2 सर ख़्वाजा नज़ीमुद्दीन

خواجہ ناظم الدین
(1894–1964)

17 अक्टूबर 1951 17 अप्रैल 1953 1 साल, 182 दिन मुस्लिम लीग लियाक़त अली ख़ान की हत्या के बाद सन् 1951 में नज़ीमुद्दीन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने।[1] गर्वनर-जनरल मलिक ग़ुलाम मुहम्मद ने सन् 1953 सरकार को भंग कर दिया और उनका कार्यकाल इसके साथी ही पूरा हो गया।
3 मोहम्मद अली बोगरा

محمد علی بوگرہ
(1909–1963)

17 अप्रैल 1953 12 अगस्त 1955 2 साल, 117 दिन मुस्लिम लीग पाकिस्तानी राजनीति में एक राजनयिक और अपेक्षाकृत कम पहचान वाले व्यक्ति, बोगरा ने मंत्रालय की स्थापना की, लेकिन सन् 1954 में विधायी चुनावों के बाद गवर्नर-जनरल ने सन् 1955 में उनके प्रशासन को भंग कर दिया। 2री
4 चौधरी मुहमद अली

چوہدری محمد علی
(1905–1982)

12 अगस्त 1955 12 सितम्बर 1956 1 साल, 31 दिन मुस्लिम लीग मुहमद अली मुस्लिम लीग, अवामी लीग और रिपब्लिकन पार्टी के गठबंधन से बनी पहली सरकार के प्रधानमंत्री बने, बाद में अपनी ही पार्टी के अविश्वास प्रस्ताव के सफल होने से उन्हें पद छोड़ना पड़ा। मुलीअलीआरपी
5 हुसैन शहीद सुहरावर्दी

حسین شہید سہروردی
(1892–1963)

12 सितम्बर 1956 17 अक्टूबर 1957 1 साल, 35 दिन अवामी लीग विधि में अपने ज्ञान के लिए लोकप्रिय सुहरावर्दी ने अपनी पार्टी पर नियंत्रण खोने तथा अपने प्रशासन में गठबंधन सहयोगियों से समर्थन खोने के कारण इस्तीफा दे दिया था।
6 इब्राहिम इस्माइल चुंदरीगर

ابراہیم اسماعیل چندریگر
(1897–1960)

17 अक्टूबर 1957 11 दिसम्बर 1957 55 दिन मुस्लिम लीग तीसरे सबसे कम समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले चुंदरीगर ने अपना प्रशासन स्थापित किया, लेकिन रिपब्लिकन पार्टी और अवामी लीग के अविश्वास प्रस्ताव को बहुमत मिलने के कारण उन्हें अपने कार्यकाल के मात्र 55 दिन बाद ही हटा दिया गया। मुलीकृश्रपाएनआईपी
7 फ़िरोज़ खान नून

فیروز خان نون
(1893–1970)

16 दिसम्बर 1957 7 अक्टूबर 1958 295 दिन रिपब्लिकन पार्टी सर फिरोज खान एक वकील थे, उनकी सरकार तब गिर गई जब उनकी पार्टी के ही राष्ट्रपति इस्कंदर मिर्ज़ा ने अपना कार्यकाल बढ़ाने के उद्देश्य से सन् 1958 में सैनिक शासन लागू कर दिया।[2][3]
कार्यालय रिक्त 8 अक्टूबर 1958 – 6 दिसम्बर 1971[b]
8 नूरुल अमीन

نور الامین
(1893–1974)

7 दिसम्बर 1971 20 दिसम्बर 1971 13 दिन 1970 पाकिस्तान मुस्लिम लीग सबसे कम कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री। सन् 1971 में आम चुनावों के बाद, अमीन को याह्या प्रशासन ने प्रधानमंत्री नियुक्त किया; वो सन् 1970 से 1972 तक पाकिस्तान के पहले और एकमात्र उपराष्ट्रपति भी रहे, जिन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान का नेतृत्व किया। 5वीं
कार्यालय रिक्त 21 दिसम्बर 1971 – 13 अगस्त 1973[c]
9 ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो

ذولفقار علی بھٹو
(1928–1979)

14 अगस्त 1973 5 जुलाई 1977 3 साल, 325 दिन 1977 पाकिस्तान पीपल्स पार्टी संविधान के पुनः लागू होने के बाद भुट्टो ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर प्रधानमंत्री पद पर आसीन हो गए, जिसके तहत संसदीय शासन प्रणाली की स्थापना की गई। जुलाई 1977 में उनके द्वारा नियुक्त सेना प्रमुख जनरल जिया ने सैनिक शासन लागू करके उन्हें पद से हटा दिया था।[4] 6ठी
कार्यालय रिक्त 6 जुलाई 1977 – 23 मार्च 1985[d]
10 मुहम्मद खान जुनेजो

محمد خان جنیجو
(1932–1993)

24 मार्च 1985 29 मई 1988 3 साल, 66 दिन 1985 निर्दलीय जुनेजो सन् 1985 के गैर-पार्टी आधारित चुनावों के बाद पाकिस्तान के 10वें प्रधानमंत्री बने, अतः पहले वो निर्दलीय प्रधानमंत्री चुने गये लेकिन बाद में उन्होंने पाकिस्तान मुस्लिम लीग के सदस्य के रूप में कार्य किया। संविधान में आठवें संसोधन के अनुसार राष्ट्रपति ने उन्हें पद से हटा दिया। 7वाँ
कार्यालय रिक्त 30 मई 1988 – 1 दिसम्बर 1988[e]
11 बेनज़ीर भुट्टो

بے نظیر بھٹو
(1953–2007)

2 दिसम्बर 1988 6 अगस्त 1990 1 साल, 247 दिन 1988 पाकिस्तान पीपल्स पार्टी सन् 1982 में भुट्टो पाकिस्तान में किसी प्रमुख राजनीतिक पार्टी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बनीं। छह साल बाद, वह मुस्लिम राज्य का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बनीं।[5] राष्ट्रपति ग़ुलाम इशाक़ ख़ान ने संविधान के अनुच्छेद 58-2बी का उपयोग करके उनकी सरकार को भंग कर दिया। 8वीं
कार्यालय रिक्त 6 अगस्त 1990 – 6 नवम्बर 1990[f]
12 नवाज़ शरीफ़

میاں محمد نواز شریف
(born 1949)

6 नवम्बर 1990 18 जुलाई 1993 2 साल, 254 दिन 1990 इस्लामी जम्हूरी इत्तेहाद 1 नवम्बर 1990 को शरीफ़ पाकिस्तान के 12वें प्रधानमंत्री चुने गये।[6] राष्ट्रपति ग़ुलाम इशाक़ ख़ान ने अप्रैल 1993 को सरकार को भंग कर दिया, जिसे बाद में पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय ने पुनः स्थापित कर दिया। शरीफ़ अप्रैल 1993 में एक गंभीर संवैधानिक संकट से बच गए जब राष्ट्रपति ख़ान ने उन्हें अनुच्छेद 58-2बी के तहत बर्खास्त करने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौति दी। शरीफ़ ने जुलाई 1993 में समझौते पर बातचीत करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रपति को भी पद से हटा दिया गया।[7] 9वीं पीएमएल-एनजेआईएनपीपीनेमएमजेएएच
कार्यालय रिक्त 18 जुलाई 1993 – 19 अक्टूबर 1993[g]
(11) बेनज़ीर भुट्टो

بے نظیر بھٹو
(1953–2007)

19 अक्टूबर 1993 5 नवम्बर 1996 3 साल, 17 दिन 1993 पाकिस्तान पीपल्स पार्टी भुट्टो को सन् 1993 में दूसरे कार्यकाल के लिए चुना गया। वो सन् 1995 में एक तख्तापलट के प्रयास में बच गयीं। भुट्टो की सरकार को नवम्बर 1996 में राष्ट्रपति फारूक लेगारी ने बर्खास्त कर दिया।[8][9] 10वीं
कार्यालय रिक्त 5 नवम्बर 1996 – 17 फ़रवरी 1997[h]
(12) नवाज़ शरीफ़

میاں محمد نواز شریف
(born 1949)

17 फ़रवरी 1997 12 अक्टूबर 1999 2 साल, 237 दिन 1997 पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन फ़रवरी 1997 में शरीफ़ को पूरे पाकिस्तान से मिले विशेष जनादेश के साथ उन्हें दूसरे कार्यकाल (लगातार नहीं) के लिए पुनः प्रधानमंत्री चुना गया।[10] उनकी सरकार का जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ द्वारा अक्टूबर 1999 तख्तापलट करके देश में सैनिक शासन लागू कर दिया।[11] 11वीं
कार्यालय रिक्त 13 अक्टूबर 1999 – 22 नवम्बर 2002[i]
13 बलख शेर मज़ारी

میر ظفر اللہ خان جمالی
(1944–2020)

23 नवम्बर 2002 26 जून 2004 1 साल, 216 दिन 2002 पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क़ाफ़ नवम्बर 2002 जमाली पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने गये। उन्होंने परवेज़ मुशर्रफ़ की विदेश और आर्थिक नीति को लागू रखा लेकिन फिर भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाये और जून 2004 में पद से त्यागपत्र दे दिया। 12वीं पीएमएल-क़्यूपीपीपीपीएमक़्यूएमएमएमए[12]
14 चौधरी शुजात हुसेन

چوہدری شجاعت حسین
(born 1946)

30 जून 2004 23 अगस्त 2004 54 दिन पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क़ाफ़ दूसरे सबसे कम समय तक प्रधानमंत्री रहे। उन्हें संसद द्वारा चुना गया था और शौकत अज़ीज़ द्वारा उनकी जगह लेने से पहले उन्होंने 54 दिनों तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था।[13]
15 शौकत अज़ीज़

شوکت عزیز
(born 1949)

28 अगस्त 2004 15 नवम्बर 2007 3 साल, 79 दिन पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क़ाफ़ अगस्त 2004 में अज़ीज़ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया। वो नवम्बर 2007 में संसद भंग होने तक पद पर रहे। इस तरह वो पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने जो संसदीय कार्यकाल पूरा होने तक पद पर रहे।[14]
(का) कार्यालय रिक्त: मियाँ मुहम्मद सूम्रो ने अंतरिम काल के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।
16 यूसुफ़ रज़ा गिलानी

سید یوسف رضا گیلانی
(born 1952)

25 मार्च 2008 19 जून 2012 4 साल, 86 दिन 2008 पाकिस्तान पीपल्स पार्टी गिलानी मार्च 2008 में प्रधानमंत्री चुने गये। उन्हें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा न्यायालय की अवमानना ​​के कारण अप्रैल 2012 में संसद की सदस्यता के अयोग्य घोषित कर दिया गया।[15] 13वीं पीपीपीपीएमएल-एनजेयूआई(एफ़)एमक़्यूएमएएनपीपीएमएल-एफ[j]
17 राजा परवेज़ अशरफ़

راجا پرویز اشرف
(born 1950)

22 जून 2012 24 मार्च 2013 275 दिन पाकिस्तान पीपल्स पार्टी अशरफ़ ने जून 2012 में यूसुफ़ रज़ा गिलानी के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोग्य घोषित होने के बाद पद ग्रहण किया। पीपीपीपीएमएल-क़्यूजेयूआई(एफ)एमक़्यूएमएएनपीपीएमएल-एफ
(का) कार्यालय रिक्त: मीर हजार खान खोसो ने अंतरिम काल के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।
(12) नवाज़ शरीफ़

میاں محمد نواز شریف
(born 1949)

5 जून 2013 28 जुलाई 2017 4 साल, 53 दिन 2013 पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन 5 जून 2013 को शरीफ़ 182/342 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत के साथ तीसरी बार (लगातार नहीं) प्रधानमंत्री बने। वो 28 जुलाई 2017 को पनामा पेपर मामले में नामक आने के कारण पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोग्य करार दिया गया।[16] 14वीं पीएमएल-एनएनपीपीपीएमएल-एफ
18 शाहिद ख़ाक़ान अब्बासी

شاہد خاقان عباسی
(born 1958)

1 अगस्त 2017 31 मई 2018 303 दिन पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन संसद ने नवाज़ शरीफ़ के अयोग्य घोषित होने के बाद शाहिद ख़ाक़ान अब्बासी को प्रधानमंत्री बनाया गया। उनका कार्यकाल 31 मई 2018 को नेशनल असेम्बली के भंग होने के साथ ही पूरा हो गया और 25 जुलाई को आम चुनावों की घोषणा तक कार्यवाहक सरकार को कार्यभार सौंप दिया।[17]
(का) कार्यालय रिक्त: नासिर-उल-मुल्क ने अंतरिम काल के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।
19 इमरान ख़ान

عمران خان
(born 1952)

18 अगस्त 2018 10 अप्रैल 2022 3 साल, 235 दिन 2018 पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ 25 जुलाई 2018 को आम चुनाव हुए और इसमें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ ने 342 में से 156 सीटें जीतकर गठबंधन सरकार बनायी। उनके गठबंधन सहयोगी एमक्यूएम, बाप और अन्यों के साथ मिलाकर कुल 177 सदस्यों का समर्थन प्राप्त था। 18 अगस्त को वो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने गये। 10 अप्रैल 2022 को अविश्वास प्रस्ताव ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया। 15वीं पीटीआईपीएमएल-क़्यूजीडीएएमक्यूएम-पीबापAMLजेड्ब्ल्यूपी
20 शहबाज़ शरीफ़

میاں محمد شہباز شریف
(born 1951)

11 अप्रैल 2022 14 अगस्त 2023 1 साल, 125 दिन पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन इमरान ख़ान के खिलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव के सफल होने के बाद शहबाज़ शरीफ़ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री चुना गया। उनके नामांकन को सभी विपक्षी पार्टियों का समर्थन प्राप्त हुआ जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री को हटाने के लिए मत दिया था। पीएमएल-एनपीपीपीएमएमएएमक्यूएम-पीबीएनपी-एमबापपीएमएल-क़्यूएएनपीजेड्ब्ल्यूपी
(का) कार्यालय रिक्त: अनवारुल हक काकड़ ने अंतरिम काल के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।
(20) शहबाज़ शरीफ़

میاں محمد شہباز شریف
(born 1951)

4 मार्च 2024 पदस्थ 1 साल, 55 दिन 2024 पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन अत्यधिक विवादास्पद आम चुनाव 8 फ़रवरी 2024 हुए। चुनाव में धांधली का आरोप लगे और एमक्यूएम-पी, बाप, पीएमएलक्यू, आईपीपी, एनपी और पीएमएलज़ेड के सहयोग के साथ पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के समर्थन से शहबाज़ शरीफ़ पुनः प्रधानमंत्री चुने गये। 16वीं पीएमएल-एनआईपीपीएमक्यूएम-पीएनपीपीएमएल-क़्यूबापपीएमएल-ज़ेडपीपीपी

टिप्पणी

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  1. इसमें सरकार के घटक दलों के साथ विश्वासमत एवं अन्य साथी भी शामिल हैं।
  2. अक्टूबर 1958 के शुरूआत में राष्ट्रपति इस्कंदर मिर्ज़ा ने सैनिक शासन लागू कर दिया जिससे प्रधानमंत्री का पद खाली हो गया। तीन सप्ताह बाद जनरल अयूब ख़ान तख्तापलट करते हुये सैनिक शासक के रूप में राष्ट्रपति पद से मिर्ज़ा को हटाकर कमान अपने हाथ में ले ली। वो 1968–69 के पाकिस्तानी विद्रोह तक राष्ट्रपति पद पर रहे। फ़िल्ड मार्शल अयूब ख़ान ने सन् 1969 में जनरल याह्या ख़ान को सत्ता सम्भाली जिन्होंने पुनः सैनिक शासन लागू कर दिया और सैनिक राष्ट्रपति बन गये। उन्होंने अपने शासनकाल के अन्तिम समय में नूरुल अमीन को प्रधानमंत्री नियुक्त करके पद को पुनः स्थापित किया।
  3. सन् 1971 बांग्लादेश के अलग राष्ट्र बनने के बाद सैन्य राष्ट्रपति याह्या खान ने पद से त्यागपत्र दे दिया और ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो को सत्ता हस्तांतरित कर दी। एक नागरिक होने के बावजूद, उन्होंने मुख्य सैनिक प्रशासक के रूप में शासन किया और स्वयं को प्रधानमंत्री के बजाय आपातकालीन राष्ट्रपति घोषित किया, सन् 1973 में संसदीय प्रणाली को फिर से स्थापित करने से पहले राष्ट्रपति प्रणाली को जारी रखा।
  4. सन् 1977 में पाकिस्तानी सैन्य तख्तापलट के बाद एक बार फिर सैन्य शासन लागू किया गया, जिसमें जनरल ज़िया-उल-हक़ ने स्वयं को सैन्य शासक और राष्ट्रपति घोषित कर दिया। अतः जिया के राष्ट्रपति काल में 8 वर्ष तक प्रधानमंत्री का पद समाप्त कर दिया गया, जब तक कि उन्होंने सन् 1985 में जुनेजो को नियुक्त नहीं कर दिया।
  5. जिया-उल-हक द्वारा जुनेजो को बर्खास्त किए जाने के बाद, जिया ने किसी अन्य प्रधानमंत्री की नियुक्ति नहीं की। अगस्त 1988 में जिया की मृत्यु हो गई, जिसके बाद ग़ुलाम इशाक़ ख़ान राष्ट्रपति बने। बेनज़ीर के चुनाव तक यह पद खाली रहा।
  6. गुलाम मुस्तफ़ा जतोई को सन् 1990 के चुनाव करवाने से पहले कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया और वो आवश्यक अंतरिम तीन माह के लिए पद पर रहे।
  7. मोईनुद्दीन अहमद क़ुरैशी को सन् 1993 के चुनाव करवाने से पहले कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया और वो आवश्यक अंतरिम लगभग तीन माह के लिए पद पर रहे।
  8. मलिक मेराज ख़ालिद को सन् 1997 के चुनाव करवाने से पहले कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया और वो आवश्यक अंतरिम काल लगभग तीन माह के लिए पद पर रहे।
  9. सैन्य जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ ने सन् 1999 के पाकिस्तानी तख्तापलट में शरीफ़ की सरकार को बर्खास्थ कर दिया और सन् 2001 में स्वयं को पाकिस्तान का राष्ट्रपति घोषित करने से पहले खुद को मुख्य कार्यकारी घोषित कर दिया। सन् 2002 के आम चुनावों के बावजूद मुशर्रफ सत्ता में बने रहे। इस दौरान मीर ज़फ़रुल्लाह ख़ान जमाली, शुजात हुसैन और शौकत अज़ीज़ के कार्यकाल पर मुशर्रफ़ का काफी प्रभाव रहा और वो सन् 2008 तक राष्ट्रपति बने रहे।
  10. पीएमएल-एन पहले गठबंधन का हिस्सा थी, लेकिन लगभग तुरंत ही इससे अलग हो गई।

सन्दर्भ

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  1. "Death anniversary of Khawaja Nazimuddin". रेडियो पाकिस्तान. 22 अक्टूबर 2012. Archived from the original on 29 अक्टूबर 2012. Retrieved 4 जुलाई 2012.
  2. Nagendra Kr. Singh (2003). Encyclopaedia of Bangladesh. Anmol Publications Pvt. Ltd. pp. 9–10. ISBN 978-81-261-1390-3.
  3. "Ouster of President Iskander Mirza". Story of Pakistan. 1 जून 2003. Archived from the original on 9 जनवरी 2022. Retrieved 1 अगस्त 2017.
  4. Ali, Hasan (19 अगस्त 2008). "4 military dictators among 14 heads of state under Officers' Club of Revolutionary Armed Forces". Daily Times. Archived from the original on 16 अप्रैल 2013. Retrieved 16 जनवरी 2013.
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