"जड़ी-बूटी": अवतरणों में अंतर
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'''जड़ी-बूटी''' ऐसी वनस्पतियों को कहते हैं जो स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के लिये उपयोगी हों या सुगंध आदि प्रदान करती हों। जड़ी-बूटी का विशेष महत्व उनके औषधीय गुण के कारण है| इसका इस्तेमाल औषधीय रूप में वर्षों से किया जाता रहा है| लेकिन वर्तमान में इस परंपरा में थोड़ा बदलाव आया है। विकास के नाम पर इस परंपरा को प्रभावित करने की भरपूर कोशिश की गई है। [[चरक संहिता]], [[सुश्रुत संहिता]] जैसे ग्रंथों में जड़ी-बूटियों के बारे में विस्तृत रुप से बताया गया है| जड़ी-बूटी भारत की परम्परागत चिकित्सा पद्धति रही है। <ref>http://www.bhaskar.com/news/c-58-1844344-NOR.html</ref> |
'''जड़ी-बूटी''' ऐसी वनस्पतियों को कहते हैं जो स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के लिये उपयोगी हों या सुगंध आदि प्रदान करती हों। जड़ी-बूटी का विशेष महत्व उनके औषधीय गुण के कारण है| इसका इस्तेमाल औषधीय रूप में वर्षों से किया जाता रहा है| लेकिन वर्तमान में इस परंपरा में थोड़ा बदलाव आया है। विकास के नाम पर इस परंपरा को प्रभावित करने की भरपूर कोशिश की गई है। [[चरक संहिता]], [[सुश्रुत संहिता]] जैसे ग्रंथों में जड़ी-बूटियों के बारे में विस्तृत रुप से बताया गया है| जड़ी-बूटी भारत की परम्परागत चिकित्सा पद्धति रही है। <ref>http://www.bhaskar.com/news/c-58-1844344-NOR.html</ref> |
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प्राचीन काल से ही मनुष्य वनस्पतियों का प्रयोग औषधि के रूप में विभिन्न रोगों से शमन के लिए करता रहा है। इस आधार पर चिकित्सा को सर्वसुलभ, प्रति क्रियाहीन तथा सस्ता बनाया जा सकता है|कुछ लोगों ने खो चुकी जड़ी-बूटी के महत्व को फिर से लोगों तक पहुँचाने का कार्य किया है इन्हीं में से एक हैं दीनानाथ तिवारी, उन्होंने अपनी पुस्तक '''जड़ी बूटियों का संसार''' में सरल ढंग से लोगों तक जड़ी-बूटी के महत्व को उजागर करने का प्रयास किया है| |
प्राचीन काल से ही मनुष्य वनस्पतियों का प्रयोग औषधि के रूप में विभिन्न रोगों से शमन के लिए करता रहा है। इस आधार पर चिकित्सा को सर्वसुलभ, प्रति क्रियाहीन तथा सस्ता बनाया जा सकता है|कुछ लोगों ने खो चुकी जड़ी-बूटी के महत्व को फिर से लोगों तक पहुँचाने का कार्य किया है इन्हीं में से एक हैं दीनानाथ तिवारी, उन्होंने अपनी पुस्तक '''जड़ी बूटियों का संसार''' में सरल ढंग से लोगों तक जड़ी-बूटी के महत्व को उजागर करने का प्रयास किया है|http://pustak.org/home.php?bookid=2617 |
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भारत में जड़ी-बूटी से बनाई गई आयुर्वेदिक औषधि आज बहुत ज्यादा प्रचलित है| |
भारत में जड़ी-बूटी से बनाई गई आयुर्वेदिक औषधि आज बहुत ज्यादा प्रचलित है| |
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09:10, 23 जनवरी 2015 का अवतरण
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जड़ी-बूटी ऐसी वनस्पतियों को कहते हैं जो स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के लिये उपयोगी हों या सुगंध आदि प्रदान करती हों। जड़ी-बूटी का विशेष महत्व उनके औषधीय गुण के कारण है| इसका इस्तेमाल औषधीय रूप में वर्षों से किया जाता रहा है| लेकिन वर्तमान में इस परंपरा में थोड़ा बदलाव आया है। विकास के नाम पर इस परंपरा को प्रभावित करने की भरपूर कोशिश की गई है। चरक संहिता, सुश्रुत संहिता जैसे ग्रंथों में जड़ी-बूटियों के बारे में विस्तृत रुप से बताया गया है| जड़ी-बूटी भारत की परम्परागत चिकित्सा पद्धति रही है। [1]
प्राचीन काल से ही मनुष्य वनस्पतियों का प्रयोग औषधि के रूप में विभिन्न रोगों से शमन के लिए करता रहा है। इस आधार पर चिकित्सा को सर्वसुलभ, प्रति क्रियाहीन तथा सस्ता बनाया जा सकता है|कुछ लोगों ने खो चुकी जड़ी-बूटी के महत्व को फिर से लोगों तक पहुँचाने का कार्य किया है इन्हीं में से एक हैं दीनानाथ तिवारी, उन्होंने अपनी पुस्तक जड़ी बूटियों का संसार में सरल ढंग से लोगों तक जड़ी-बूटी के महत्व को उजागर करने का प्रयास किया है|http://pustak.org/home.php?bookid=2617
भारत में जड़ी-बूटी से बनाई गई आयुर्वेदिक औषधि आज बहुत ज्यादा प्रचलित है|
इन्हें भी देखें
संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- जंगल की जड़ी-बूटियाँ (गूगल पुस्तक ; लेखक - रमेश बेदी)
- जड़ी-बूटियों का संसार - जड़ी-बूटियों से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी से भरा जालस्थल
- जड़ी-बूटियों का वैज्ञानिक परीक्षण (बीबीसी)
- विलुप्ति की कगार पर जड़ी-बूटियाँ (वेबदुनिया)
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