"एम॰ एस॰ सुब्बुलक्ष्मी": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो Bot: Migrating 14 interwiki links, now provided by Wikidata on d:q465067 (translate me)
HotCat द्वारा + 6 श्रेणियाँ
पंक्ति 50: पंक्ति 50:
[[श्रेणी:कर्नाटक के लोग]]
[[श्रेणी:कर्नाटक के लोग]]
[[श्रेणी:हिन्दू भारत के]]
[[श्रेणी:हिन्दू भारत के]]
[[श्रेणी:1916 में जन्मे लोग]]
[[श्रेणी:२००४ मृत्यु]]
[[श्रेणी:भारतीय अभिनेत्री]]
[[श्रेणी:भारत रत्न सम्मान प्राप्तकर्ता]]
[[श्रेणी:पद्म भूषण सम्मान प्राप्तकर्ता]]
[[श्रेणी:भारतीय महिलाएँ]]


{{Link FA|ml}}
{{Link FA|ml}}

22:10, 1 सितंबर 2013 का अवतरण

एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी
जन्म 16 सितम्बर 1916
मदुरई, मद्रास प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत
मौत दिसम्बर 11, 2004(2004-12-11) (उम्र 88)
चेन्नई, तमिल नाडु, भारत
जीवनसाथी कल्कि सदाशिवम (1940-मृत्यु)
पुरस्कार भारत रत्न

श्रीमती मदुरै षण्मुखवडिवु सुब्बुलक्ष्मी (16 सितंबर, 1916-2004) कर्णाटक संगीत की मशहूर संगीतकार थीं। आप शास्तीय संगीत की दुनिया में एम. एस. अक्षरों से जानी जाती हैं।

जीवन

श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी का जन्म 16 सितंबर 1916 को तमिलनाडु के मदुरै शहर में हुआ। आप ने छोटी आयु से संगीत का सिक्षण आरंभ किया, और दस साल की उम्र में ही अपना पहला डिस्क रेकौर्ड किया। इसके बाद आपने शेम्मंगुडी श्रीनिवास अय्यर से कर्णाटक संगीत में, तथा पंडित नारायणराव व्यास से हिंदुस्तानी संगीत में उच्च शिक्षा प्राप्त की। आपने सत्रह साल की आयु में चेन्नै की विख्यात 'म्यूज़िक अकैडेमी' में संगीत कार्यक्रम पेश किया। इसके बाद आपने मलयालम से लेकर पंजाबी तक भारत की अनेक भाषाओं में गीत रेकौर्ड किये।

अभिनय

श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी ने कई फ़िल्मों में भी अभिनय किया। इनमें सबसे यादगार है 1945 के मीरा फ़िल्म में आपकी मुख्य भूमिका। यह फ़िल्म तमिल तथा हिन्दी में बनाई गई थी, और इसमें आपने कई प्रसिद्ध मीरा भजन गाए।

प्रशंसा

अनेक मशहूर संगीतकारों ने श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी की कला की तारीफ़ की है। लता मंगेशकर ने आपको 'तपस्विनी' कहा, उस्ताद बडे ग़ुलाम अली ख़ां ने आपको 'सुस्वरलक्ष्मी' पुकारा, तथा किशोरी आमोनकर ने आपको 'आठ्वां सुर' कहा, जो संगीत के सात सुरों से ऊंचा है। भारत के कई माननीय नेता, जैसे महात्मा गांधी और पंडित नेहरु भी आपके संगीत के प्रशंसक थे। एक अवसर पर महात्मा गांधी ने कहा कि अगर श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी 'हरि, तुम हरो जन की भीर' इस मीरा भजन को गाने के बजाय बोल भी दें, तब भी उनको वह भजन किसी और के गाने से अधिक सुरीला लगेगा। एम.एस.सुब्बालक्ष्मी को कला क्षेत्र में पद्म भूषण से १९५४ में सम्मानित किया गया।

संयुक्त राष्ट्र संघ में

आप पहली भारतीय हैं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ (en:United Nations) की सभा में संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया, तथा आप पहली स्त्री हैं जिनको कर्णाटक संगीत का सर्वोत्तम पुरस्कार, संगीत कलानिधि प्राप्त हुआ। 1998में आपको भारत का सर्वोत्तम नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न प्रदान किया गया।

जीवन लीला समापन

श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी का देहांत 2004 में चेन्नै में हुआ।

पुरस्कार/सम्मान

भारत रत्न से सम्मानित होने वाली पहली संगीतज्ञ

हस्ताक्षर

बाहरी कडियां

अंग्रेज़ी में श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी के बारे में जालस्थल। यहां श्रीमती सुब्बुलक्ष्मी के अनेक चित्र उपलब्ध हैं: [1]

साँचा:Link FA