हाइकु दर्पण

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हाइकु दर्पण पत्रिका वर्तमान में हिन्दी हाइकु कविता की सम्पूर्ण पत्रिका है।[1][2] रवीन्द्रनाथ टैगोर और उनके बाद अज्ञेय जी ने अपनी जापान यात्रा से वापस आते समय जापानी हाइकु कविताओं से प्रभावित होकर उनके अनुवाद किए जिनके माध्यम से भारतीय हिन्दी पाठक 'हाइकु` के नाम से परिचित हुए। इसके बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में जापानी भाषा के पहले प्रोफेसर डॉ॰ सत्यभूषण वर्मा(०४-१२-१९३२ ....... १३-१२-२००५) ने जापानी हाइकु कविताओं का सीधा हिन्दी में अनुवाद करके भारत में उनका प्रचार-प्रसार किया। इससे पूर्व हाइकु कविताओं के जो अनुवाद आ रहे थे वे अंग्रेजी के माध्यम से हिन्दी में आ रहे थे प्रो॰ वर्मा ने जापानी हाइकु से सीधा हिन्दी अनुवाद करके भारत मे उसका प्रचार-प्रसार किया। परिणामत: आज भारत में हिन्दी हाइकु कविता लोकप्रिय होती जा रही है। हाइकु कविताओं के लगभग चार सौ संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। हाइकु दर्पण पत्रिका का अंक-11 जनवरी 2013 में प्रकाशित हुआ है[3][4]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Angelee Deodhar: Hindi haiku". मूल से 21 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 अक्तूबर 2014.
  2. "मॉडर्न हाइकु". मूल से 9 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 अक्तूबर 2014.
  3. हाइकु दर्पण, प्रकाशक- हाइकु दर्पण, बी-12 ए / 58 ए, धवलगिरि, सेक्टर-34, नोएडा-201301
  4. "Simply Haiku: A Quarterly Journal of Japanese Short Form Poetry". मूल से 25 दिसंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 अक्तूबर 2014.