राष्ट्रधर्म
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'राष्ट्रधर्म' पत्रिका हिन्दी जगत की एक श्रेष्ठ, विश्वसनीय एवं राष्ट्रवादी पत्रिका है। भारत को स्वाधीनता १५ अगस्त १९४७ को मिली थी और ठीक १५ दिन बाद अर्थात ३१ अगस्त १९४७ को इस पत्रिका का प्रथम संस्करण छपकर बाज़ार में आ गया था; एक तरह से कहा जाए तो स्वाधीन भारत में हिन्दी भाषा में छपी प्रथम राष्ट्रीय पत्रिका थी।
एकात्म मानव दर्शन के प्रणेता और शीर्ष विचारक पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जी पत्रिका के प्रथम ‘निदेशक’ एवं देश के पूर्व प्रधानमन्त्री, प्रखर वक्ता अटल बिहारी वाजपेयी प्रथम सम्पादक रहे। वर्तमान समय में राष्ट्रधर्म पत्रिका के निदेशक श्रीमान मनोजकान्त एवं सम्पादक प्रो.ओमप्रकाश पान्डेय हैं। यह पत्रिका ५९, संस्कृति भवन, राजेंद्र नगर, लखनऊ से प्रकाशित होती है ।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "मेरी दुनिया मेरे सपने, शीर्षक: ऑनलाइन/ऑफलाइन हिन्दी मैग्ज़ीन का वृहद संग्रह।". Archived from the original on 1 अगस्त 2013. Retrieved 29 जुलाई 2013.
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