बरगद
बरगद | |
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बरगद का चित्र | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | पादप |
विभाग: | Magnoliophyta |
वर्ग: | Magnoliopsida |
गण: | Urticales |
कुल: | Moraceae |
वंश: | Ficus |
उपवंश: | (Urostigma) |
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ध्वज | तिरंगा |
राष्ट्रीय चिह्न | अशोक की लाट |
राष्ट्रभाषा | कोई नहीं |
राष्ट्र-गान | जन गण मन |
राष्ट्र-गीत | वन्दे मातरम् |
मुद्रा | ₹ (भारतीय रुपया) |
पशु | बाघ |
जलीय जीव | गंगा डालफिन |
पक्षी | मोर |
पुष्प | कमल |
वृक्ष | बरगद |
फल | आम |
खेल | मैदानी हॉकी |
पञ्चांग |
शक संवत |
संदर्भ | "भारत के राष्ट्रीय प्रतीक" भारतीय दूतावास, लन्दन Retreived ०३-०९-२००७ |
बरगद बहुवर्षीय विशाल वृक्ष है। इसे 'वट' और 'बड़' भी कहते हैं। यह एक स्थलीय द्विबीजपत्री एंव सपुष्पक वृक्ष है। इसका तना सीधा एंव कठोर होता है। इसकी शाखाओं से जड़े निकलकर हवा में लटकती हैं तथा बढ़ते हुए धरती के भीतर घुस जाती हैं एंव स्तंभ बन जाती हैं। इन जड़ों को बरोह या प्राप जड़ कहते हैं। इसका फल छोटा गोलाकार एंव लाल रंग का होता है। इसके अन्दर बीज पाया जाता है। इसका बीज बहुत छोटा होता है किन्तु इसका पेड़ बहुत विशाल होता है। इसकी पत्ती चौड़ी, एंव लगभग अण्डाकार होती है। इसकी पत्ती, शाखाओं एंव कलिकाओं को तोड़ने से दूध जैसा रस निकलता है जिसे लेटेक्स अम्ल कहा जाता है।
धार्मिक महत्व[संपादित करें]
हिंदू धर्म में वट वृक्ष की बहुत महत्ता है। ब्रह्मा, विष्णु, महेश की त्रिमूर्ति की तरह ही वट,पीपल व नीम को माना जाता है, अतएव बरगद को शिव समान माना जाता है। अनेक व्रत व त्यौहारों में वटवृक्ष की पूजा की जाती है। यह आस्था के ऊपर निर्भर करता है।
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- बरगद (भारतखोज)
- वट वृक्ष या बरगद के औषधीय प्रयोग (