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हरिपुर ज़िला

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ज़िला हरिपुर
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मानचित्र जिसमें ज़िला हरिपुर ur ur हाइलाइटेड है
सूचना
राजधानी : हरिपुर
क्षेत्रफल : १,७२५ किमी²
जनसंख्या(२००५):
 • घनत्व :
८,०३,०००
 ४६६/किमी²
उपविभागों के नाम: तहसील
उपविभागों की संख्या:
मुख्य भाषा(एँ): हिन्दको, पश्तो


हरिपुर (उर्दू: ur, पश्तो: ur, अंग्रेज़ी: Haripur) पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रांत का एक ज़िला है। इसके पश्चिम में स्वाबी ज़िला, पश्चिमोत्तर में बुनेर ज़िला, उत्तर में मानसेहरा ज़िला, पूर्वोत्तर में ऐब्टाबाद ज़िला और दक्षिण में पंजाब प्रांत पड़ता है। हरिपुर ज़िला ऐतिहासिक हज़ारा क्षेत्र का हिस्सा है, जो ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा में होने के बावजूद एक पंजाबी प्रभावित क्षेत्र माना जाता है।

नाम की जड़े

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'हरिपुर' का नाम सिख साम्राज्य के सम्राट रणजीत सिंह के मशहूर सिपहसालार हरी सिंह नलवा पर पड़ा है। इस पूरे क्षेत्र पर उन्होंने अफ़ग़ान नियंत्रण ख़त्म करके सिख साम्राज्य के अधीन कर लिया था। १८२२ में उन्होंने ही हरिपुर शहर की स्थापना की थी।

हरिपुर ज़िला प्राचीन गंधार संस्कृति के ठीक केंद्र में स्थित है। जब सिकंदर महान ने भारत पर हमला बोला तो तक्षशील-समेत इस पूरे इलाक़े को 'पूर्वी गंधार' बुलाया जाता था और इसकी सरहदें पूर्व में कश्मीर तक पहुँचती थीं। बहुत से इतिहासकारों का मानना है कि वेदों के कई मन्त्रों कि रचना इसी क्षेत्र में सिन्धु नदी के किनारे की गई थी। मौर्य साम्राज्य के ज़माने में जब बिन्दुसार सम्राट थे तो उनके आगे जाकर जग-प्रसिद्द होने वाला पुत्र अशोक महान इस क्षेत्र का राज्यपाल था। तिब्बती बौद्ध-कथाओं के अनुसार अशोक की आगे जाकर मृत्यु भी इसी इलाक़े में हुई।

आगे चलकर इस पूरे क्षेत्र पर पश्तून नियंत्रण हो गया। जब सिख साम्राज्य का सूर्योदय हुआ तो सिक्खों ने पूरे हज़ारा क्षेत्र पर क़ब्ज़ा कर लिया। १८१९ में सिखों ने बरकज़​ई अफ़ग़ानों को हराकर उनसे कश्मीर और उत्तरी हज़ारा छीन लिया।[1] १८२१ में महाराजा रणजीत सिंह के सिपहसालार हरि सिंह नलवा ने अपना कश्मीर के राज्यपाल का कार्यकाल ख़त्म किया तो उन्हें महाराजा द्वारा पख़ली और धमतौर​ के क्षेत्र जागीर में बख़्शे गए। १८२२ में उन्होंने कोट नजीबुल्लाह के मुकद्दम मुशर्रफ़ की राय मानते हुए हरिपुर शहर की बुनियाद रखी। इस इलाक़े में पश्तूनों और सिखों के बीच पहले काफ़ी घमासान लड़ाईयाँ हो चुकी थी इसलिए उन्होंने पूरी बस्ती के इर्द-गिर्द एक चार ग़ज़ मोटी और १६ ग़ज़ ऊँची दीवार बनवाई। इस क़िले का नाम हरिकिशनगढ़ रखा गया। धीरे-धीरे इलाक़ा शांत हो गया और १८३५ में जब जर्मन यात्री बैरन होयगेल (Baron Heugel) यहाँ से गुज़रा तो उसने पाया की यह रक्षा-दीवार काफ़ी ढह चुकी थी क्योंकि अब इसकी ज़रुरत नहीं महसूस की जा रही थी।[2]

हरिपुर फलता-फूलता गया और एक विस्तृत शहर और ज़िला बन गया। मार्च १८४९ में जब अंग्रेज़ों ने सिख साम्राज्य पर क़ब्ज़ा करके उसे ब्रिटिश राज का हिस्सा बना दिया तो यह इलाक़ा भी उसका भाग हो गया। जेम्ज़ ऐबट (James Abbott) हज़ारा क्षेत्र का पहला डिप्टी कमिश्नर बना और हरिपुर हज़ारा का मुख्यालय। उसके १८४९-१८५३ के कार्यकाल में हरिपुर का यही प्रशासनिक स्थान रहा लेकिन उसके जाने के बाद ऐब्टाबाद का शहर निर्मित हुआ और वह मुख्यालय बन गया। ऐबट द्वारा हरिपुर शहर और उसके हरिकिशनगढ़ क़िले की तस्वीर प्रसिद्द है।[3]

हरिपुर के ७०% लोग हिन्दको भाषा बोलते हैं जो पंजाबी की एक उपभाषा है। इसके अलावा यहाँ उर्दू, पश्तो, गोजरी (गुज्जर भाषा), पहाड़ी (डोगरी) और पोटोहारी भी बोली जाती हैं। यह ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रांत के अधिक विकसित इलाक़ों में गिना जाता है - यहाँ का साक्षरता दर प्रांतीय स्तर से ऊँचा और परिवारों में बच्चों की औसत संख्या प्रांतीय स्तर से नीची है। इसमें कई कॉलेज हैं, जिसमें दो पोस्ट-ग्रैजुएट कॉलेज और चार लड़कियों के डिग्री कॉलेज शामिल हैं। हरिपुर राष्ट्रीय राजधानी इस्लामाबाद के नज़दीक है और यहाँ से फल-सब्ज़ियाँ इस्लामाबाद और पेशावर दोनों भेजी जाती हैं। इधर उद्योग भी काफ़ी पनपा है और ज़िले में चीन के सहयोग से बना कैक्टस फ़र्टिलाईज़र​ कारख़ाना पूरे देश के लिए रासायनिक खाद बनता है।

हरिपुर में तीन तहसीलें हैं - हरिपुर तहसील, ग़ाज़ी तहसील और ख़ानपुर तहसील।

हरिपुर ज़िले के कुछ नज़ारे

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इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. Nalwa, V. (2009), Hari Singh Nalwa - Champion of the Khalsaji, New Delhi: Manohar, pp. 77-104, ISBN 81-7304-785-5.
  2. Nalwa, V. (2009), Hari Singh Nalwa - Champion of the Khalsaji, New Delhi: Manohar, pp. 224-5, ISBN 81-7304-785-5.
  3. "'The Rock Aornos from Huzara' - British Library Online Gallery". Archived from the original on 21 अक्तूबर 2012. Retrieved 16 जून 2012. {{cite web}}: Check date values in: |archive-date= (help); More than one of |archivedate= and |archive-date= specified (help); More than one of |archiveurl= and |archive-url= specified (help)