"पंचांग": अवतरणों में अंतर
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12:11, 27 जून 2009 का अवतरण
पंचांग (पंच + अंग = पांच अंग) हिन्दू काल-गणना की रीति से निर्मित पारम्परिक कैलेण्डर को कहते हैं।
12 मास का एक वर्ष और 7 दिन का एक सप्ताह रखने का प्रचलन विक्रम संवत से शुरू हुआ | महीने का हिसाब सूर्य व चंद्रमा की गति पैर रखा जाता है | यह 12 राशियाँ बारह सौर मास हैं | जिस दिन सूर्य जिस राशि मे प्रवेश करता है उसी दिन की संक्रांति होती है | पूर्णिमा के दिन चंद्रमा जिस नक्षत्र मे होता है उसी आधार पैर महीनो का नामकरण हुआ है | चंद्र वर्ष, सौर वर्ष से 11 दिन 3 घाटी 48 पल छोटा है | इसीलिए हर 3 वर्ष मे इसमे 1 महीना जोड़ दिया जाता है |
महीनों के नाम
महीनों के नाम | पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा इस नक्षत्र होता है |
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चैत्र | चित्रा , स्वाति |
बैशाख | विशाखा , अनुराधा |
ज्येष्ठ | ज्येष्ठा , मूल |
आषाढ़ | पूर्वाषाढ़ , उत्तराषाढ़ , सतभिषा |
श्रावण | श्रवण , धनिष्ठा |
भाद्रपद | पूर्वभाद्र , उत्तरभाद्र |
आश्विन | अश्विन , रेवती , भरणी |
कार्तिक | कृतिका , रोहणी |
मार्गशीर्ष | मृगशिरा , उत्तरा |
पौष | पुनवर्सु ,पुष्य |
माघ | मघा , अश्लेशा |
फाल्गुन | पूर्व फाल्गुन , उत्तर फाल्गुन , हस्त |
वाह्य सूत्र
- भारतीय कैलेंडर की विकास यात्रा - गुणाकर मुले ( अभिव्यक्ति इ-पत्रिका)
- वार्षिक और मासिक पंचाग
- वार्शीक पंचांग