विकिपीडिया वार्ता:विकिपरियोजना आज का दिन

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लेख गुणवत्ता मापदंड (प्रस्तावित)[संपादित करें]

आज का दिन में दिखाए जाने हेतु हुक में शामिल कड़ियों वाले लेखों हेतु निम्नलिखित गुणवत्ता मापदंड निर्धारित हैं:

  • लेख में शब्दों की संख्या कम से कम २५० अवश्य हो।
  • कम से कम २ विश्वसनीय संदर्भ अवश्य हों और संदर्भों को उचित साँचों (Cite web, Cite book etc.) के प्रयोग द्वारा ठीक से लगाया गया हो। लेख में कोई महत्वपूर्ण तथ्य असंदर्भित न हो, जिस तथ्य को हुक में जोड़ा गया हो उसके लिये विश्वसनीय संदर्भ अवश्य हो और उसे लेख में जहाँ यह तथ्य वर्णित हो वहाँ इनलाइन उद्धरण के रूप में जोड़ा गया हो।
  • लेख की भाषा सरल लेकिन सटीक हो। विराम चिह्नों का सही प्रयोग हो। व्याकरण और वर्तनी की त्रुटियाँ न हों।
  • लेख में अपने विषय सम्बन्धी प्रमुख जानकारियाँ अवश्य हों। यदि लेख में विषय के विविध पहलुओं पर दी गयी जानकारी विस्तृत हो तो यह असंतुलित न हो (अर्थात विषय के किसी कम महत्वपूर्ण पहलू पर अधिक लिखा होना और कम महत्वपूर्ण या बराबर के महत्वपूर्ण पहलू संबंधी अनुभाग का छोटा होना, न हो)।
  • लेख विकिपीडिया प्रारूप में हो और साफ़ सुथरा तथा सुंदर हो। विकिपीडिया की सामान्य लेखन शैली का अनुसरण सुनिश्चित किया गया हो।
  • लेख अनाथ (जिसकी अन्य किसी पृष्ठ में कड़ी न हो) या बिना विकि-कड़ी वाला न हो।
  • लेख में बहुत अधिक लाल कड़ियाँ न हों। (बाद में प्रास्तावित अतः मोटे अक्षरों में) और
  • लेख में कोई बड़ी नीतिगत समस्या न हो, अर्थात:
    • लेख में असंदर्भित दावे न हों, तटस्थता की नीति का उल्लंघन न हो।
    • लेख में कापीराइट उल्लंघन न हो।
    • लेख का लहजा प्रचारक या प्रशंशक न हो।
    • लेख अपने विषय के किसी एक पहलू पर अनावश्यक वजन न देता हो, बल्कि संतुलित हो। और
    • लेख "वैश्विक दृष्टिकोण नहीं" का उल्लंघन न करता हो।

समर्थन[संपादित करें]

  1.  समर्थन - मेरे विचार से मुखपृष्ठ पर स्थान पाने हेतु किसी भी लेख की यह न्यूनतम अर्हता है। हमें कम समय में काफी लेखों का चयन/सुधार करना है, अतः अर्हता को न्यूनतम रखना उचित है। मुखपृष्ठ की गुणवत्ता बनी रहे यह भी अत्यंत आवश्यक है और इसके लिए उपरोक्त मापदण्ड तो न्यूनतम ही हैं। अतः इस नियमावली को मेरा समर्थन है। द्वितीय मापदंड में संदर्भ के साथ इनलाइन उद्धरण को भी थोड़ा और स्पष्टता से लिखा जा सकता है। --मनोज खुराना 13:39, 11 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]
इनलाइन उद्धरण को स्पष्ट किया गया। -- त्यम् मिश्र बातचीत 14:23, 11 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]

टिप्पणियाँ और सुझाव[संपादित करें]

@सत्यम् मिश्र: आज का दिन के अंतर्गत जो प्रस्तावित मापदंड हैं उनका निर्वाह किसके द्वारा किया जायेगा?--- चक्रपाणी  वार्ता  13:17, 11 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]

यह काम आपस में ही करना होगा। मेरा सुझाव है कि प्रस्तावक के अतिरिक्त कम से कम २ विश्वसनीय सदस्यों (अर्थात् जो नए सदस्य न हों) द्वारा समीक्षा में उत्तीर्ण होने पर लेख को साँचे योग्य घोषित किया जा सकता है। --मनोज खुराना 13:39, 11 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]
चक्रपाणी जी, समीक्षा का परंपरागत जो तरीका है उसी के अनुसार यह समीक्षा भी होगी। अर्थात कोई प्रबंधक, पुनरीक्षक अथवा वरिष्ठ सदस्य प्राथमिक तौर पर समीक्षा कर सकता है (वह यह घोषित भी कर सकता है कि वह इसे समीक्षा के लिये क्लेम कर रहा है या बिना ऐसी घोषणा के भी, समीक्षा के दौरान वह खुद लेख में कोई बड़ा बदलाव नहीं करता)। उस दौरान समीक्षा में सुझाये गये (या अन्य) सुधार का कार्य कोई भी कर सकता है, समीक्षा में लगाए गये प्रश्नचिह्नों का बिंदुवार उत्तर सुधार भी करने वाले सदस्यों में से कोई भी दे सकता है। इसके बाद मुख्य समीक्षक, सुधारों को बाद संतुष्ट होने पर, या अगर वह बाकी समीक्षा का कार्य अन्य लोगो के हवाले करना चाहे, अन्य सदस्यों को अपनी राय देने के आमंत्रित कर सकता है और बाकी सदस्य सुधार सुझावित कर सकते हैं। बाकी सदस्यों द्वारा यदि कोई बड़ा प्रश्नचिह्न नहीं लगाया जाता या कोई बड़ी गलती नहीं इंगित की जाती तो प्राथमिक समीक्षक एक विवेकसम्मत समयांतराल के बाद लेख/साँचे को स्वीकृत घोषित कर सकता है (बिना किसी समर्थन के, क्योंकि किसी का आपत्ति न उठाना या माना जा सकता है कि कोई बड़ी गलती नहीं है)। आमतौर समर्थन और विरोध जैसा ऐसी समीक्षाओं में कुछ नहीं होता, हाँ यदि समीक्षक और सुधारकर्ता किसी खास बिंदु पर अलग राय रखते हों तो उस बिंदु विशेष की स्वीकृति के लिये आम सहमति जानने के लिये राय ली जा सकती है। एक विशेष दशा में, यदि पहली समीक्षा क्लेम करने वाला ही या घोषणा कर दे कि लेख बिल्कुल ठीक हैं और सुधार की कोई जरूरत नहीं और कोई अन्य सदस्य प्रश्नचिह्न नहीं लगाता या कोई गलती नहीं इंगित करता, तब अवश्य इसे कम से कम दो अन्य वरिष्ठ सदस्यों द्वारा समर्थित होना होगा (या एक निवारक परंपरा है)।
यह (प्रतिदिन के लिये) साँचा, किसी एक प्रस्तावक द्वारा प्रस्तावित नहीं होगा (भले ही वर्त्तमान में शुरुआत के समय कोई एक ही व्यक्ति पाँचों हुक बना रहा हो, पर बाद में भी हमेशा या नए हुक जोड़ने के लिये खुला होगा और कोई भी उस साँचे के वार्ता पृष्ठ पर नए हुक का प्रस्ताव कर सकेगा)। दूसरी चीज यह कि यहाँ सामूहिक सहकार्य अधिक महत्वपूर्ण है और "मेरा हुक" और "मेरा लेख" जैसा कुछ नहीं (कम से कम किसी अन्य विकिपीडिया पर इसमें शामिल लेख के लिये निर्माता को कोई खास क्रेडिट मिलता हो, "आपका बनाया या सुधरा लेख शामिल हुआ...." जैसा, ऐसा मैंने नहीं देखा)।--त्यम् मिश्र बातचीत 14:31, 11 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]

मेरे कुछ प्रश्न और सुझाव हैं:

  • लेख में शब्दों की संख्या के बारे में कहा गया है। क्या हमारे पास शब्द संख्या गिनने वाला कोई उपकरण उपलब्ध है?
  • "कम से कम २ सन्दर्भ" के स्थान पर "कम से कम २ विश्वसनीय सन्दर्भ" लिखना चाहिए। वैसे तो ये लिखने का कोई अर्थ नहीं है लेकिन फिर भी लिखना चाहिए
  • ले-आउट के स्थान पर "खाका" का प्रयोग करें अथवा इसे विकिपीडिया प्रारूप में होना लिखें।
  • इसके अतिरिक्त लेख अनाथ (जिसकी अन्य किसी पृष्ठ में कड़ी न हो) एवं बिना विकि-कड़ी वाला न हो। अन्यथा लेख बिना महत्त्व का प्रतीत होने लगता है।

बाकी तथ्य मुझे उचित लग रहे हैं।☆★संजीव कुमार (✉✉) 19:56, 11 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]

@संजीव कुमार: जी !
  • ऐसा कोई उपकरण नहीं है। हालाँकि, लेख की अकार पर संदेह होने पर सामग्री को किसी वर्ड प्रोसेसर में पेस्ट करके और संदर्भ, चित्र, साँचे और ज्ञानसन्दूक इत्यादि हटा कर मूल पाठ के शब्दों को गिना जा सकता है। लेख के न्यूनतम आकार को सुनिश्चित करने के लिये आप यदि कोई अन्य उपाय सुझा सकते हों तो अवश्य सुझाएँ।
  • आपके सुझावों को सम्मिलित कर लिया गया है। अनाथ पृष्ठ और बिना विकिलिंक के पृष्ठ में न्यूनतम तीन कड़ियों का प्राविधान भी किय जा सकता है। यानि लेख में कम से कम तीन अन्य लेखों की कड़ियाँ हों और लेख स्वयं कम से कम तीन लेखों में कड़ी के रूप में जुड़ा हो। --त्यम् मिश्र बातचीत 21:09, 11 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]
पुरानी परम्परा के अनुसार हमारे यहाँ अक्षर गणना का उपकरण उपलब्ध है और मूल पाठ को १००० अक्षरों की न्यूनतम सीमा के साथ रखा जा सकता है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 21:20, 11 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@संजीव कुमार: जी, अक्षर गणना उपकरण के बारे में मुझे जानकारी थी लेकिन अक्षरों में व्यक्त करने पर आकार का अनुमान लगाना मुझे खुद नहीं समझ में आता और अन्य लोगों को भी यह ख़ासा मुश्किल लग सकता है कि उन्होंने जो लिखा वो कितने अक्षर का है।
मैंने विकिपीडिया के एक लेख से ठीक २५० शब्द कॉपी किये और इन्हें विकिपीडिया:प्रयोगस्थल पर रखा। शब्द गणना मैंने माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में की थी। फिर एक उपकरण की सहायता से (जिसके बारे में मुझे पहले यही पता था कि यह बाइट्स में गणना करता है) इनकी गणना की। परिणाम आप यहाँ देख सकते हैं। गणना के परिणाम शब्दों में भी हैं और इस पहले टेस्ट में तो यह उपकरण पास हुआ है यह भी शब्दों की संख्या २५० बता रहा है। आप चाहें तो मेरे common.js के आखिरी उपकरण को प्रयोग करके यह जाँच स्वयं कर लें। यदि यह उपकरण सफल हो तो इसे शब्द गणना हेतु काम में लिया जा सकता है। --त्यम् मिश्र बातचीत 05:11, 12 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]
सत्यम् जी ये अच्छा उपकरण है और इसे कभी भी काम में लिया जा सकता है। और मैने देखा कि २५० अक्षरो में आठ लकीर होती है। ये प्रारूप ध्यान में रखने से अंदाज़ा लगाने में सरलता रहेगी। ये उपकरण हेतु पुन: धन्यवाद।-योगेश कवीश्वर (वार्ता) 06:30, 12 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]
मैं अपना समर्थन देने से पूर्व कुछ तथ्य प्रस्तुत करना चाहता हूँ।
  • ३६५ साँचे बनेंगे, एक साँचे मे पाँच घटना के वर्ष के लेख और प्रत्येक हुक में एक या दो अन्य लेखो की कड़ी होगी। अत: प्रत्येक साँचे में १५ लेखो की कड़ी होगी। एक माह में एक माह का काम करे तो भी १५×३०=४५० लेखो का सुधार करना होगा। वर्ष में १५×३६५=५४७५ लेखो को सुधारना है। ३६५ साँचे बनाने है और उसमें १८२५ तथ्य जोड़ने है।
  • समाचार उम्मीदवार में चक्रपाणी जी के लेख की समीक्षा की बहस में खबर बासी हो गई थी। महेन सिंघ जी ने लिखा था की ग़लती हो गई अब कभी भी खबर सुझाने की हिम्मत नहीं करूँगा। अली जी के निधन की खबर में लेख में सुधार नहीं हो पाया और खबर बासी न हो जाए इसलिए खबर मुखपृष्ठ पर प्रकाशित करनी पड़ी थी।
  • ये परियोजना में भी अभी तो परियोजना पे चर्चा करना बाकी है उनके पहले लेखो पे चर्चा आरंभ हो गई है। फिर यही हालत साँचे में नामित लेखो की समीक्षा में होगी। काम करने वाला एक और पाँच फौजदार। ये हालात में परियोजना का पूर्ण होना संभव नहीं है।
  • ये आनन्द है इसे बोझ मत बनने दिजिये।
  • परियोजना में कोई भी कड़ा नियम नहीं होना चाहिए। हमें इसे जटिल नहीं बनाना हैं।
  • ये नियम नहीं किन्तु गाइडलाइन होनी चाहिए कि हमें लेखो का प्रारूप एसा रखने का हरसंभव प्रयास करना हैं। एक भी नियम नहीं रखा जाए। केवल मार्गदर्शिका तैयार की जाए।
  • लेखो और तथ्यो की पसंदगी में कोई मतदान/बहस में समय व्यतीत करने से अच्छा होगा कि प्रबंधक और वरिष्ठ सदस्य खुद समीक्षा करले और उचीत लगने पर साँचे में तथ्य में बदलाव करें। किसी वरिष्ठ सदस्य या प्रबंधक के देख लेने के बाद इसे स्वीकृत मान लिया जाएगा।
  • वर्ष के लेखो में सभी तथ्य के दावे ही होते हैं और एसे वर्ष के एक भी लेख में कोई भी सन्दर्भ नहीं है। तथ्य का सन्दर्भ लेख में हो सकता है और नहीं भी।

इसलिए बहोत काम बाकी हैं और बहस से ज्यादा काम में ध्यान देना चाहिए। नियमो को गोली मारीये और काम दिशानिर्देश के लिए गाइडलाइन तैयार की जाए।-योगेश कवीश्वर (वार्ता) 03:47, 12 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]

कवीश्वर जी ! आपका बोझ कुछ हल्का किया जा सकता है। फिलहाल तो प्रत्येक हुक में एक लेख के शीर्षक को ही कड़ी के रूप में रखा जाए। ३६५ × ५ = १८२५ लेख सुधारे जायें।
२) जैसा कि मनोज जी ने पहले अपने वक्तव्य में कहा था कि इसमें छह महीने लगेंगे (लगातार काफ़ी मेहनत करने पर)। अतः इसे कम से कम फरवरी से शुरू करने का टारगेट रखना उचित होगा। इसे अगस्त में प्रदर्शन हेतु प्रस्तुत किया जा सकता है यह अति उत्साह होगा और यह परियोजना असम्भव है यह मानना निराशावाद।
३) फिलहाल जुलाई महीने में हमें यह देखना है कि हमारी लेख सुधारने की गति क्या है।
४) ऊपर लिखे मापदंड नियम हैं या नहीं मैं नहीं जानता लेकिन इन्हें स्पष्ट रूप से लिखने से सुधारने वाले को अवश्य यह पता चलेगा कि उसे क्या सुधार करने हैं। अन्यथा तो किसी को भी लग सकता है कि उसने लेख सुधार दिया और बड़ा अच्छा लेख बना दिया है। अतः आप इन्हें गाइडलाईन समझ कर भी स्वीकार कर सकते हैं कि इनका मूल उद्देश्य सुधारों की शिक्षा देना है, यह बताना है कि क्या सुधार करने हैं। यदि सुधारने वाला इन्हें ध्यान से पढ़कर खुद इनका होना सुनिश्चित कर ले तो समीक्षा में समय नष्ट नहीं होगा।
५) चर्चा लेखों पर इसलिए हो रही है कि विकिपीडिया की मुख्य चीज लेख ही हैं। हम यह अनुभाग मुखपृष्ठ पर लगायेंगे तो पढ़ने वाला इसके माध्यम से लेख तक ही पहुंचेगा। यह केवल मुखपृष्ठ की शोभा बढ़ाने के आभूषण नहीं है न ही कोई पहेली बुझाने जैसी चीज।
६) साँचों पर चर्चा का कोई मतलब नहीं है, सुधार लेखों में करना है। और वर्तमान चर्चा परियोजना का स्वरूप निर्धारित करने हेतु ही हो रही है। --त्यम् मिश्र बातचीत 05:32, 12 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]
एक हुक में एक लेख का सुझाव अच्छा है। उसके साथ वर्ष के और दिन के लेख भी प्रत्येक हुक में होंगे। एक साँचे में १० लेख हो ही जाएँगे। वर्ष और दिन के लेखो में किसी में भी सन्दर्भ नहीं हैं। ये भी लेख ही हैं और इसमें सभी तथ्यो के साथ सन्दर्भ होना चाहिए।
  • अगस्त में शरु करना अति उत्साह हो सकता हैं लेकिन परियोजना का संभव न होना ये बात को लालबत्ती मान सकते हैं।
  • प्रगति कि गति प्रारंभ में अच्छी होगी और बाद में मन्द हो जाती हैं।
  • हमें १ जनवरी २०१७ से आरंभ करना है तो प्रथम जनवरी के साँचे और नामित लेख को सुधारने में ध्यान देना होगा प्रथम साँचे (जनवरी के) बना लेते है उसके बाद प्रत्येक दिन के नामित लेखो को सुधारना होगा।--योगेश कवीश्वर (वार्ता) 06:24, 12 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]

हुक निर्माण[संपादित करें]

@Mala chaubey, Manojkhurana, संजीव कुमार, चक्रपाणी, राजु सुथार, Sfic, और YmKavishwar: मैंने कुछ बदलाव करते हुए हुक वाले साँचों को विकिपीडिया नामस्थान में स्थानांतरित किया है क्योंकि अन्य विकिपीडियाओं पर भी ये इसी प्रकार हैं। इनके शीर्षक का प्रारूप विकिपीडिया:निर्वाचित वर्षगाँठ/1 जनवरी जैसा है। इन्हें बनाने हेतु ख़ाली प्रारूप और दिशानिर्देश विकिपीडिया:निर्वाचित वर्षगाँठ/दिशानिर्देश‎ पर हैं। यदि इनमें कोई सुधार बता सकें तो अवश्य सुझावित करें।

साथ ही एक सुझाव मेरा यह है कि मनोज जी द्वारा बनायी सारिणी में कौन से दिनों के हुक बन चुके हैं यह तो नीली कड़ी देख कर ही पता चल जायेगा। अतः {{no2}} का प्रयोग तब किया जाय जब लेख भी सुधारे जा सकें तो अच्छा हो। इससे चार श्रेणियाँ बन जाएँगी। सारिणी में तारीख़ का लाल कड़ी के रूप में दिखना मतलब इसके लिये हुक नहीं बने हैं। सारिणी में नीली कड़ी के रूप में तारीख़ का दिखाना मतलब हुक बन चुके हैं और लेख सुधार बाकी है। गुलाबी बैकग्राउंड में तारीख़ का मतलब लेखों में सुधार हो चुका है और समीक्षा बाकी है। हरे बैकग्राउंड में तारीख दिखने का मतलब कि समीक्षा और सुधारों के बाद इस दिन के हुक प्रदर्शन के लिये तैयार हैं। (कमी बस इसमें यह है कि एक बार जिस तारीख को चुनें उसके लिये पाँचों हुक जरूर बना दें।) --त्यम् मिश्र बातचीत 05:47, 12 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]

इन्हें प्रदर्शित करना कब से ठीक रहेगा यह तो सुधार की गति देखकर ही बताया जा सकता है। आगामी वर्ष की ग्रोथ रेट की भविष्यवाणी वर्त्तमान साल की बचत दर और निवेश दर को देख कर की जाती है। आपका यह कथन बिल्कुल सत्य है कि गति शुरूआत में तेज और बाद में मंद हो जायेगी। यह कितनी मंद होती है यह भी इस दौरान पता चल जायेगा।
फिलहाल मैं तो जुलाई में कार्य करने के लिये फ़रवरी महीना क्लेम कर रहा हूँ। (कारण यह कि इसमें दो दिन कम होते है ;) अतः मैं जुलाई भर फ़रवरी के हुक बनाने और लेख सुधारने का कार्य करूँगा। --त्यम् मिश्र बातचीत 07:13, 12 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@सत्यम् मिश्र: जी ये रंग वाले सुझाव भी काफी बेहतर हैं। मेरा समर्थन।--- चक्रपाणी  वार्ता  09:00, 12 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]
चक्रपाणी जी मैंने इसे और स्पष्ट कर दिया है। अब देखें। लाल कड़ी मतलब हुक वाला साँचा नहीं है, नीली कड़ी मतलब साँचा है पर पूरा नहीं, पीला बैकग्राउंड मतलब पाँच हुक पूरे, गुलाबी बैकग्राउंड मतलब लेख भी सुधारे जा चुके हैं और उन्हें समीक्षा कि आवश्यकता है, हरा बैकग्राउंड मतलब इस दिन का साँचा प्रदर्शन के लिये तैयार। --त्यम् मिश्र बातचीत 09:04, 12 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]
@संजीव कुमार, सत्यम् मिश्र, और Manojkhurana: क्या एक हुक में एक ही पेज की कड़ी रखी जाये जैसा की स:YmKavishwar ने विकिपीडिया: विकिपरियोजना आज का दिन#निर्देश में जोड़ा है।
@सत्यम् मिश्र: जी यह काम तो आपने वास्तव में बहुत अच्छा किया है अब इसमें सरलता आ गई है । धन्यवाद ।--राजू सुथार 'स्वतंत्र'वार्ता 13:49, 13 जून 2016 (UTC)[उत्तर दें]

हाल ही में तमिल विकिपीडिया पर देखा कि मुखपृष्ठ पर आज का दिन स्तंभ में मात्र तीन ही हुक प्रदर्शित होते हैं। मेरा प्रस्ताव है कि इस परियोजना में भी हर साँचे में पाँच हुक्स की बाध्यता के स्थान पर तीन हुक्स से शुरुआत की जाए। कृपया सदस्यगण अपना मत दें। --Anamdas (वार्ता) 14:09, 6 जून 2017 (UTC)[उत्तर दें]

 समर्थन--प्रस्तावक के नाते--Anamdas (वार्ता) 09:51, 8 जून 2017 (UTC)[उत्तर दें]
 समर्थन मुझे लगता हैं कि ३ हुक काफी हैं। हर दिन के ३ हुक के लिये भी हमे काफी लेख लिखने होगे या ठिक करने होगे।
पर ३ हुक के साथ क्या उस दिन के जन्म और मृत्यु लिखे जा सकते? २ जन्म और २ मृत्यु शायद काफी हैं। Dharmadhyaksha (वार्ता) 04:21, 7 जून 2017 (UTC)[उत्तर दें]
@Dharmadhyaksha:- फिलहाल जन्म मृत्यु अलग से लिखे जाएँ, या हुक में ही शामिल किए जाएं, इस बात का निर्णय कठिन है। एक बार साँचे बन जाएँ तो उपलब्धता देखकर निर्णय किया जा सकता है। इतना अवश्य इस प्रस्ताव में जोड़ा जा सकता है कि सभी ३ हुक जन्म अथवा निधन के न हों। आापकी टिप्पणी के आगे मैंने समर्थन साँचा लगा दिया है। आगे से आप स्वयं भी इन साँचों का प्रयोग कर सकते हैं। --Anamdas (वार्ता) 09:51, 8 जून 2017 (UTC)[उत्तर दें]
यहाँ नियम नहीं सामग्री कम की जा रही है। कुछ दिन क महत्व विशेष होता है तब तीन कम पड़ सकते हैं। तीन हो तो लेख का सुधार का काम आधा हो जायेगा और परियोजना को लागू करने में अधिक कष्ट नहीं होगा। अत: समर्थन।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 04:32, 13 जून 2017 (UTC)[उत्तर दें]

सहमति - तीन हुक के लिए। साथ में एक प्रश्न भी है। यदि तीनों के तीनों हुक जन्म तिथि या निधन सम्बन्धी हुए तो क्या उन्हें रखा जाएगा ? भविष्य में हमें इस परियोजना को केवल घटनाओं पर केन्द्रित करना है, जन्म और निधन पे नहीं। अतः तीन में से कम से कम एक हुक जन्म/निधन के अलावा कुछ और होना चाहिए। --SM7--बातचीत-- 17:51, 15 जून 2017 (UTC)[उत्तर दें]

@SM7: इसलिए तो साफ तौर से तीन्हो हुक जन्म/निधन के ना हो तो बेहतर। जन्म/निधन के सिर्फ नाम लिखने चाहिए जैसा फिलहाल en wiki पे है। Dharmadhyaksha (वार्ता) 04:18, 1 दिसम्बर 2017 (UTC) चलो ठीक है कि शुरुवात में जन्म-मृत्यु भी चलेंगे, सिर्फ़ किसी मामूली व्यक्ति के ना हो तो ठिक है। Dharmadhyaksha (वार्ता) 06:57, 6 दिसम्बर 2017 (UTC)[उत्तर दें]