बोल राधा बोल
बोल राधा बोल | |
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बोल राधा बोल का पोस्टर | |
निर्देशक | डेविड धवन |
लेखक | अनीस बज्मी (संवाद) |
निर्माता | नितिन मनमोहन |
अभिनेता |
ऋषि कपूर, जूही चावला, मोहनीश बहल |
संगीतकार | आनंद-मिलिंद |
प्रदर्शन तिथियाँ |
21 अगस्त, 1992 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
बोल राधा बोल 1992 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन डेविड धवन द्वारा किया गया है और मुख्य भूमिकाओं में ऋषि कपूर और जूही चावला है। फिल्म जारी होने के बाद एक बड़ी हिट बनी थी और साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक थी। जूही चावला को फिल्म में उनके प्रदर्शन के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार में नामांकन मिला।
संक्षेप
[संपादित करें]किशन मल्होत्रा (ऋषि कपूर) बड़ा व्यापारी है। उसके घर में उसकी माँ सुमित्रा (सुषमा सेठ) और चाचा शांति प्रसाद (आलोक नाथ) है। उसका चचेरा भाई भानू (मोहनीश बहल) कम्पनी में धोखाधड़ी करता है। वह उसे घर से निकाल देते हैं। एक नई फेक्टरी खोलने के लिये किशन एक गाँव में जाता है। वहाँ उसे सुंदर युवती राधा (जूही चावला) मिलती है। किशन और राधा धीरे-धीरे एक दूसरे के साथ प्यार में पड़ते हैं। किशन काम के बाद गांव (और राधा) छोड़ देता है और उससे वादा करता है कि वह वापस आ जाएगा। घर पर उसे पता चलता है कि उसकी माँ मर चुकी है और वहाँ तो पहले से किशन है जो उसका हमशक्ल है। उसको पाखंडी समझ कर घर से निकाल दिया जाता है।
किशन अपने ऑफिस में घुस जाता है और जानकारी इकट्ठा करता है। लेकिन उसे पकड़ लिया जाता है और जेल में डाल दिया जाता है। राधा भी शहर में आती है और नकली किशन को अय्याशी करते हुए देख गलत समझती है। उसी वक्त किशन गूँगा (शक्ति कपूर) की मदद से जेल से फरार होता है और राधा के साथ गोवा पहुँच जाता है। वहाँ उसे पता चलता है कि नकली किशन असल में टोनी ब्रैगैंजा (ऋषि कपूर) है जो एक क्लब में काम करता है। वहाँ वो उसके बारे में सारी जानकारी इकट्ठा कर लेता है। वह वापिस जाते हैं और राधा रीटा बनकर टोनी के यहाँ अंदर तक पहुँचती है। वह बदमाशों के बीच दरार पैदा करती है। गुस्से में टोनी अपने सहयोगियों को अपने तुरुप के इक्के की धमकी देता है।
अब नाराज साथी उसे खेल के पीछे असली आदमी के पास ले जाते हैं, जो किशन के चाचा है। अब, टोनी अपना तुरुप का इक्का दिखाता है - कि किशन की मां अभी भी जीवित है और उसके आदमियों ने उसे कैद में रखा है। टोनी उस स्थान पर जाता है जहां उसने किशन की मां को छुपाया है और उसे विश्वास दिलाता है कि वह किशन है। किशन भी वहां पहुँचता है। किशन की मां पता लगाती है कि उसका बेटा कौन है। बस तभी, सभी खलनायक टोनी के अड्डे में आ पहुँचते हैं। वहाँ हाथा-पाई में सभी पकड़े जाते हैं और सब ठीक हो जाता है।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- ऋषि कपूर — किशन मल्होत्रा / टोनी
- जूही चावला — राधा / रीटा
- सुषमा सेठ — सुमित्रा मल्होत्रा
- आलोक नाथ — शांति प्रसाद
- मोहनीश बहल — भानू
- किरन कुमार — इंस्पेक्टर ढोलकिया
- कादर ख़ान — जुगनूँ
- टीकू तलसानिया — सरपंच
- शक्ति कपूर — गूँगा / इंस्पेक्टर भिड़े
- हरीश पटेल — ऑफिस का नौकर
- अंजान श्रीवास्तव — सेवक राम
- जगदीश राज — पुलिस कमिश्नर
- राजेन्द्रनाथ — अंधा आदमी (कैमियो)
- युनुस परवेज़ —
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत आनंद-मिलिंद द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "आ जाना तेरे बिन" | सुरेश वाडकर, साधना सरगम | 6:11 |
2. | "बोल राधा बोल" | सुरेश वाडकर, साधना सरगम | 9:18 |
3. | "बोल राधा बोल" (दुखी) | सुरेश वाडकर, साधना सरगम | 1:51 |
4. | "दीवाना दिल बेकरार था" | अभिजीत, कविता कृष्णमूर्ति | 7:30 |
5. | "हवा सर्द है" | कविता कृष्णमूर्ति, अभिजीत | 5:41 |
6. | "मैं हूँ गाँव की गोरी" | पूर्णिमा, कुमार सानु | 4:07 |
7. | "बोल राधा बोल" (मुखड़ा) | सुरेश वाडकर, साधना सरगम | 0:53 |
8. | "तु तु तू तू तारा" | पूर्णिमा, कुमार सानु | 5:09 |
नामांकन और पुरस्कार
[संपादित करें]प्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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जूही चावला | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | नामित |