बुक्क राय द्वितीय
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विजयनगर साम्राज्य | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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बुक्क राय द्वीतीय (1405–1406 CE) विजयनगर साम्राज्य का संगम वंशीय सम्राट था।[1] हरिहार द्वितीय की मौत के बाद कुछ दिनों के लिये उसका पुत्र विरूपाक्ष राय सिंहासन पर बैठा किन्तु उसकी हत्या उसके आपने ही पूर्त द्वारा कर दी गयी। बुक्क राय द्वितीय विरूपाक्ष का भाई था और उसके बाद उसे सिंहासन प्राप्त हुआ किन्तु उसे भी दो वर्षों के शासन के बाद पदच्युत कर देव राय प्रथम ने गद्दी हथिया ली।[2][3][4]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Medieval Period:Vijaynagara". ए पी ऑनलाइन. मूल से 19 दिसंबर 2005 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जून 2015.
- ↑ Slatyer, Will (2014). Life/Death Rhythms of Ancient Empires - Climatic Cycles Influence Rule of Dynasties. PartridgeIndia. मूल से 27 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जून 2015.
- ↑ चटर्जी, अमिताव. History: UGC-NET/SET/JRF. मूल से 27 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जून 2015.
- ↑ Sewell, Robert (1900). A Forgotten Empire (Vijayanagar): A Contribution to the History of India. Asian Educational Services. मूल से 27 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जून 2015.