फ़ैज़ाबाद
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फैजाबाद | |
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फैज़ाबाद शहर (अयोध्या) | |
![]() फैजाबाद चौक | |
निर्देशांक: 26°47′N 82°08′E / 26.78°N 82.13°Eनिर्देशांक: 26°47′N 82°08′E / 26.78°N 82.13°E | |
देश | ![]() |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
जिला | अयोध्या |
शासन | |
• प्रणाली | नगरनिगम |
• सांसद | लल्लू सिंह (भाजपा) |
• महापौर | ऋषिकेश उपाध्याय (भाजपा) |
क्षेत्रफल | |
• कुल | 1602 किमी2 (619 वर्गमील) |
ऊँचाई | 97 मी (318 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,65,228 |
• घनत्व | 100 किमी2 (270 वर्गमील) |
भाषा | |
• राजकीय | हिन्दी |
• उपभाषा | अवधी |
समय मण्डल | IST (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 224001 |
टेलीफोन कोड | 05278 |
वाहन पंजीकरण | यूपी-42 |
विश्वविद्यालय | डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय |
वेबसाइट | ayodhya |
फैजाबाद भारत के राज्य उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर है, जो अयोध्या शहर के साथ मिला हुआ एक नगर निगम है। भगवान राम, राममनोहर लोहिया, कुंवर नारायण, राम प्रकाश द्विवेदी आदि की यह जन्मभूमि है। इस शहर को अवध के नवाब द्वारा बसाया गया था। यह 6 नवंबर 2018 तक फैजाबाद जिला और फैजाबाद मंडल का मुख्यालय था, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश कैबिनेट[1] ने अयोध्या के रूप में फैजाबाद जिले का नाम बदलने और जिले के प्रशासनिक मुख्यालय को अयोध्या शहर में स्थानांतरित करने की मंजूरी दी थी। फैजाबाद राज्य की राजधानी लखनऊ से लगभग 130 किलोमीटर पूर्व में घाघरा नदी (जिसे सरयू के नाम से जाना जाता है) के तट पर स्थित है। यह अवध के नवाबों की पहली राजधानी थी और इसमें नवाबों द्वारा निर्मित स्मारक हैं, जैसे बहू बेगम, गुलाब बारी का मकबरा।
इतिहास[संपादित करें]
फैजाबाद का इतिहास अत्यन्त गौरवपूर्ण एवं समृद्ध है। यह प्रभु श्रीराम की जन्म एवं कर्मस्थली है। प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या जनपद में है। इसका नाम पहले अयोध्या था लेकिन मुगल आक्रमणकारी ने इसका नाम बदलकर फैजाबाद कर दिया था लेकिन योगी कि सरकार ने इसका नाम दोबारा से बदलकर अयोध्या कर दिया है-भरत मिलाप के पश्चात भरत खड़ाऊँ लेकर फैजाबाद मुख्यालय से 15 किमी॰ दक्षिण सुलतानपुर रोड रोड पर स्थित भरतकुण्ड नामक स्थान पर चौदह वर्ष तक रहे। यहाँ पतित पावनी माँ सरयू नदी रूप में अवतरित होकर सदियोँ से मानव कल्याण करती है। फैजाबाद की स्थापना अवध के पहले नबाव सआदत अली खान ने 1730 में की थी। उन्होंने इसे अपनी राजधानी बनाई, लेकिन वह यहाँ बहुत कम समय व्यतीत कर पाए। तीसरे नवाब शुजाउद्दौला यहाँ रहते थे और उन्होंने नदी के तट पर 1764 में एक दुर्ग का निर्माण करवाया था; उनका और उनकी बेगम का मक़बरा इसी शहर में स्थित है। 1775 में अवध की राजधानी को लखनऊ ले जाया गया। 19वीं शताब्दी में फैजाबाद का पतन हो गया।
यातायात और परिवहन[संपादित करें]
फैजाबाद सड़क और रेल मार्ग द्वारा लखनऊ, प्रयागराज (भूतपूर्व प्रयाग), वाराणसी (भूतपूर्व काशी), सुल्तानपुर (भूतपूर्व कुशभवनपुर), जौनपुर और उत्तर भारत के अन्य शहरों से भलीभाँति जुड़ा हुआ है।
वायु मार्ग[संपादित करें]
फैजाबाद का निकटतम हवाई अड्डा फैजाबाद में है। एयरपोर्ट से फैजाबाद लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा अयोध्या स्थित पूर्व परिणाम में भी हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविधालय, अयोध्या के समीप स्थित है। इस हवाई अड्डे के नाम श्रीरामलला अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है लेकिन अभी यह हवाई अड्डा चालू नहीं हुआ है जबकि प्रस्तावित हो गया है अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने को।
रेल मार्ग[संपादित करें]
रेल मार्ग द्वारा दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज (प्रयाग), सुल्तानपुर और जौनपुर से अयोध्या आसानी से पहुँचा जा सकता है।
सड़क मार्ग[संपादित करें]
फैजाबाद सड़क मार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली, लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, जौनपुर, सुल्तानपुर और अन्य जगहों से अयोध्या आसानी से पहुँचा जा सकता है।
कृषि और खनिज[संपादित करें]
फैजाबाद , सरयू नदी के दक्षिणी तट के किनारे जलोढ़ मैदान के उपजाऊ हिस्से पर बसा हुआ है। यहाँ प्रमुख फ़सलें धान, गन्ना, गेहूँ और तिलहन हैं। अयोध्या के दक्षिण-पूर्व में स्थित टांडा शहर में निर्यात के लिए हथकरघा वस्त्र का निर्माण होता है। तथा अबेंडकर नगर जिले के राजेसुल्तानपुर से तम्बाकु सस्ती दरो पर प्राप्त हो जाता है, सोहावल के पास पनबिजली उत्पादन केंद्र है।
उद्योग और व्यापार[संपादित करें]
फैजाबाद शहर के उद्योगों में चीनी प्रसंस्करण और तिलहन की पेराई शामिल है तथा यह कृषि उत्पादों का व्यापारिक केंद्र भी है।
पर्यटन[संपादित करें]
ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से भी यह स्थान काफ़ी महत्त्वपूर्ण माना जाता है। कलकत्ता क़िला, नागेश्वर मंदिर, राम जन्मभूमि, सीता की रसोई, अयोध्या तीर्थ, गुरुद्वारा ब्रह्मकुण्ड और गुप्तार घाट , गुलाब बाड़ी ,तथा बहुबेगम का मकबरा , यहां के प्रमुख एवं प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से हैं। छावनी छेत्र से लगा हुआ गुप्तार घाट में अवस्थित श्री अनादि पंचमुखी महादेव मन्दिर नगरवासियों की आस्था का केन्द्र हैI
संदर्भ[संपादित करें]
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 11 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 मई 2020.