नर्मदा घाटी परियोजना
नर्मदा घाटी परियोजना [1] मध्य प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक हैं। यह परियोजना प्रदेश की जीवनदायिनी कहे जाने वाली नर्मदा नदी पर केंद्रित हैं। यह भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना में से एक हैं।
विस्तृत परियोजना[संपादित करें]
नर्मदा नदी मध्य प्रदेश के अमरकंटक से निकल कर अरब सागर में मिलती हैं। इस बीच यह ३ राज्यो से होकर बहती हैं इसकी कुल लंबाई 1312 किमी हैं, जिसमे से 1077 किमी मध्यप्रदेश में, शेष महाराष्ट्र और गुजरात की सीमा से होकर बहती हैं। जल के बटवारे को लेकर इन राज्यो में विवाद भी हो चूका हैं, जिसको लेकर भारत सरकार ने 1969 में नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण का गठन किया। जिसका फैसला 1970 में आया, इसके अनुसार कुल 27 मिलियन घन फीट जल में से 18.२५ मिलियन घन फीट जल मध्य प्रदेश को प्रदान किया गया, इस शर्त के साथ की प्रदेश को 2025 तक प्रदत्त जल का पूर्ण उपयोग करना होगा, अन्यथा अनुपयोग जल बाकी के राज्यो को दे दिया जायेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने 9 अगस्त 1985 नर्मदा घाटी परियोजना का गठन किया।
नर्मदा कछार पर NVDA द्वारा बनाई गई प्रमुख बांधों एवम नहरों की योजना एवम उनका क्रियान्वन की जानकारी नीचे प्रदर्शित की गई हैं[2]
क्र. | परियोजना का नाम | लाभ सिंचाई (हे) | लाभ बिजली (मे वा) | जल का सिंचाई उपयोग (लाख घन मी) |
पूर्ण परियोजनाये | ||||
1 | तवा | 2.469 | 13.50 | 2386.72 |
2 | बारना | 0.548 | — | 559.82 |
3 | कोलार | 0.451 | — | 435.90 |
4 | सुक्ता | 0.166 | — | 170.57 |
5 | मटयारी | 0.101 | — | 88.38 |
6 | मान परियोजना | 0.15 | 140.00 | |
7 | जोबट परियोजना | 0.098 | 112.00 | |
जारी परियोजनाये।ऊन्ङेल।जिला ईन्दोर म।परियोजना | ||||
8 | रानी अवंतिबाई लोधी सागर | 1.57 | 100.00 | 1008.00 |
बरगी डायवर्जन | 2.45 | 1853.10 | ||
9 | इंदिरा सागर परियोजना | 1.23 | 1000.00 | 1674.00 |
केनाल पावर हाउस | 15.00 | |||
10 | ओंकारेश्वर परियोजना | 1.47 | 520.00 | 1300.00 |
11 | Punasa lift | 0.323 | 105.00 | |
12 | अपर वेदा | 0.099 | 90.00 | |
प्रस्तावित परियोजनाएं | ||||
13 | अपर नर्मदा | 0.185 | 178.93 | |
14 | अपर बुडनेर | 0.098 | 82.72 | |
15 | हालोन | 0.117 | 134.00 | |
16 | अटारिया | 0.129 | 112.36 | |
17 | चिंकी | 0.708 | 1969.90 | |
18 | शेर | 0.647 | 567.96 | |
19 | मछरेवा | |||
20 | शक्कर | |||
21 | दूधी | 0.506 | 444.49 | |
22 | मोरनड | 0.522 | 465.48 | |
23 | मंजाल | |||
24 | लोअर गोई | 0.137 | 133.00 | |
25 | राघोपुर | 20 | ||
26 | रोसरा | 25 | ||
27 | बसनियर | 20 | ||
28 | सीतारेवा | 15 |
नदी पर बनाये गए प्रमुख बांध[संपादित करें]
इंदिरा सागर बाँध, सरदार सरोवर बाँध, बरगी परियोजना, ओंकारेश्वर परियोजना, तवा परियोजना
विवाद[संपादित करें]
सरदार सरोवर बाँध[संपादित करें]
गुजरात और मध्य प्रदेश की राज्य सरकारों ने सरदार सरोवर परियोजना (SSP) और नर्मदा सागर परियोजना (NSP) की 1979 नींव रखी। इन राज्यो के अनुसार इस परियोजना से 1.9 करोड़ हेक्टेयर में सिंचाई, 1,450 मेगावाट बिजली (गुजरात) और 0.14 लाख हेक्टेयर में सिंचाई, 1,000 मेगावाट बिजली (म.प.) क्रमशः उत्पन्न होगी। इतने सुस्पष्ट लाभ के बावजूद सरदार सरोवर परियोजना भारत और दुनिया भर में में सबसे अधिक विवादास्पद परियोजना है। सभी विवादों में सबसे मुख्य मुद्दा, विस्थापित किये गए परिवारों की संख्या है क्योंकि बांध बनने के समय के रिपोर्ट में 6,147 परिवारों को विस्थापित बताया गया था, जबकि 1990 के एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार लगभग 40,220 परिवारो को विस्थापित होना पड़ा था। [3] न केवल विस्थापित लोगों की बड़ी संख्या विवादास्पद रही बल्कि, पर्यावरण के विनाश के पहलुओं ने भी लोगो का ध्यान आकर्षित किया। इस परियोजना का वहाँ के आस-पास की परिस्थितिकी पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ा हैं लगभग 13385.45 हेक्टेयर वन जलमग्न हो चुके हैं। सरकार और पर्यावरणविद में जारी मतभेद और संघर्ष के बीच नर्मदा बचाओ आंदोलन का गठन किया गया जिसने आगे चल कर अपनी ज़मीन के लिए संघर्ष कर रहे परिवारों की मदद की।
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- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 फ़रवरी 2017.
- ↑ http://www.http Archived 2018-09-12 at the Wayback Machine://nca.gov.in/hindi_web/narmada_ghati.asp Archived 2017-02-22 at the Wayback Machine
- ↑ "संग्रहीत प्रति" (PDF). मूल (PDF) से 4 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 फ़रवरी 2017.