माही परियोजना
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यह भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना हैं।
माही परियोजना या माही बजाज सागर परियोजना' भारत की अंतर-राज्यीय परियोजना है।
*इस परियोजना की नींव तत्कालीन वित्तमंत्री मोरारजी देसाई द्वारा रखी गई थी
* इसका नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज के नाम पर रखा गया था।
यह परियोजना माही नदी से जुड़ी हुई है।
माही नदी मध्यप्रदेश के धार जिले में सरदारपुरा गाँव से निकलती है। माही नदी मध्य प्रदेश, राजस्थान व गुजरात से होकर बहती है।
इस परियोजना का निर्माण सन 1972 में हुआ था। यह राजस्थान के बाँसवाड़ा ज़िले में राजस्थान और गुजरात की सीमा पर स्थित है। यहाँ पर 25 मेगावाट की दो विद्युत इकाइयाँ लगाई गयी हैं।
[1]गुजरात राज्य में गुजरात और राजस्थान की सीमा पर, माही की सहायक नदी अनारा पर बजाज सागर या कडाना बाँध बनाया गया है। यहाँ पर 45 मेगावाट की दो विद्युत इकाइयाँ लगाई गयी हैं। इन परियोजनाओं से राजस्थान के बाँसवाड़ा, डूंगरपुर और मध्य प्रदेश के ज़िलों की सिंचाई होती है|
स्थान
[संपादित करें]- बांसवाड़ा बोरखेड़ा
उद्देश्य
[संपादित करें]राजस्थान के आदिवासी जिले बांसवाड़ा डूंगरपुर में विद्युत एवं जल तथा सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाना
लाभान्वित होने वाले राज्य
[संपादित करें]सन् 1966 में हुए समझौते के अनुसार राजस्थान और गुजरात का क्रमशः 45 व 55 प्रतिशत हिस्सा है।
इस परियोजना की समस्त विधुत राजस्थान को मिलती है | जो 140 मेगावाट है |
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