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गंगाराज

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गंगाराज चम्पा के राजा थे। वो गंगाराज राजवंश के संस्थापक थे। अक्सर इसे सिंहपुर राजवंश अथवा गंगेस्वर के नाम से भी जाना जाता है।

गंगाराज को बुद्धिमान और बहादूर व्यक्ति माना जाता है जिसके बलपर उन्होंने चम्पा के सिंहासन को प्राप्त किया। उनका शासनकाल बहुत छोटा रहा और उन्होंने बाद में सिंहासन को त्याग दिया। इसके बाद वो उत्तर भारत में जाह्नवी (गंगा नदी) मेम तीर्थयात्रा पर चले गये। गंगाराज ने देखा कि गंगा क्षेत्र में बहुत आनन्द मिलता है। उनकी लम्बी यात्रा के कारण उनके राज्य अमें लूटपाट आरम्भ हो गयी और गृहयुद्ध छिड़ गया। उन्काअ उत्तराधिकारी उनका ही भतिजा मनोरथवर्मन (फैन वेंडी) बना।[1]

सन्दर्भ

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  1. Coedès, George (1975). Vella, Walter F. (ed.). The Indianized States of Southeast Asia. University of Hawaii Press. pp. 56–57. ISBN 978-0-824-80368-1.
पूर्वाधिकारी
भद्रवर्मन प्रथम 380–413
चम्पा के राजा
413–?
उत्तराधिकारी
मनोरथवर्मन ?–?