कोशिका भित्ति

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कोशिका विज्ञान
वनस्पति कोशिका चित्र
प्रारूपी वनस्पति कोशिका के घटक:
a. जीवद्रव्यतन्तु
b. कोशिका झिल्ली
c. कोशिका भित्ति
1. हरितलवक
d. थायलाकोइड झिल्ली
e. स्टार्च कण
2. रसधानी
f. रसधानी
g. तानलवक
h. सूत्रकणिका
i. पेरॉक्सीकाय
j. कोशिकाद्रव्य
k. लघु झिल्लीदार पुटिका
l. खुर्दरी अन्तर्द्रव्यीय जालिका
3. केन्द्रक
m. केन्द्रक रंध्र
n. केन्द्रक झिल्ली
o. केन्द्रिका
p. राइबोसोम
q. चिकनी अन्तर्द्रव्यीय जालिका
r. गॉल्गी पुटिका
s. गॉल्जीकाय
t. कोशिका कंकाल

जीवाणु एवं वनस्पति कोशिकाओं में कोशिका झिल्ली के बाहर निर्जीव, पारगम्य तथा दृढ़ आवरण को कोशिका भिति कहते हैं। कोशिका भित्ति कोशिका को केवल यान्त्रिक क्षतियों और संक्रमण से ही रक्षा नहीं करता है; बल्कि यह कोशिकाओं के मध्य पारस्परिक सम्पर्क बनाए रखने तथा अवांछनीय वृहदण्वों हेतु अवरोध प्रदान करता है। शैवाल की कोशिका भित्ति सेलुलोस, गैलक्टन, मैननखनिज जैसे कैल्सियम कार्बोनेट की बनी होती है, जबकि दूसरे पौधों में यह सेलुलोस, अर्धसेलुलोस, पेक्टिनप्रोटीन की बनी होती है। नव पादप कोशिका की कोशिका भित्ति में स्थित प्राथमिक भित्ति में वृद्धि की क्षमता होती है, जो कोशिका की परिपक्वता के साथ घटती जाती है व इसके साथ कोशिका के भीतर द्वितीय भित्ति का निर्माण होने लगता है।

मध्यपटलिका मुख्यतयः कैल्सियम पेक्टेट की बनी सतह होती है जो निकटवर्ती विभिन्न कोशिकाओं को आपस में चिपकाएँ व धरे रहती है। कोशिका भित्ति एवं मध्यपटलिका में जीवद्रव्यतन्तु तिर्यक् रूप में स्थित रहते हैं। जो निकटवर्ती कोशिका द्रव्य को जोड़ते हैं।

वनस्पति कोशिका में यह कोशिका झिल्ली के बाहर किन्तु जीवाणु में अवपंक पर्त के नीचे रहती है। कुछ निम्न श्रेणी के एक कोशिकीय पौधे, वनस्पति की जनन कोशिका एवं प्राणी कोशिका में कोशिका भित्ति नहीं होती। [1]

वनस्पति कोशिका भित्ति[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. त्रिपाठी, नरेन्द्र नाथ (मार्च २००४). सरल जीवन विज्ञान, भाग-२. कोलकाता: शेखर प्रकाशन. पृ॰ ८६-८७. |access-date= दिए जाने पर |url= भी दिया जाना चाहिए (मदद)