करुणानिधि
एम॰ करुणानिधि மு. கருணாநிதி | |
---|---|
![]() | |
करुणानिधि मुख्यमंत्री कार्यालय में | |
चुनाव-क्षेत्र | चेपौक |
जन्म | 3 जून 1924 तिरुक्कुवलई, मद्रास प्रैज़िडन्सी, ब्रिटिश भारत |
मृत्यु | 7 अगस्त 2018[1] चेन्नई, तमिल नाडु, भारत | (उम्र 94 वर्ष)
राजनीतिक दल | द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम |
जीवन संगी | पद्मावती (मृत) दयालु रजति |
बच्चे | एम. के. मुत्थु एम. के. अलगिरि एम. के. स्टालिन एम. के. तमिलारासु एम. के. सेल्वी एम. के. कनिमोझी |
निवास | चेन्नई, तमिल नाडु, भारत |
धर्म | नास्तिकता[2] |
मुत्तुवेल करुणानिधि (तमिल: மு. கருணாநிதி) (3 जून 1924 - 7 अगस्त 2018)[3] भारतीय राजनेता और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री थे।[4] वे तमिलनाडु राज्य के एक द्रविड़ राजनीतिक दल द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डी॰एम॰के॰)[5] के प्रमुख थे। वे 1969[6] में डी॰एम॰के॰ के संस्थापक सी॰एन॰ अन्नादुरई की मौत के बाद से इसके नेता बने थे और पाँच बार (1969–71, 1971–76, 1989–91, 1996–2001 और 2006–2011) मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने अपने 60 साल के राजनीतिक करियर में अपनी भागीदारी वाले हर चुनाव में अपनी सीट जीतने का रिकॉर्ड बनाया।[7] 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने तमिलनाडु और पुदुचेरी में डी॰एम॰के॰ के नेतृत्व वाली डी॰पी॰ए॰ (यू॰पी॰ए॰ और वामपंथी दल) का नेतृत्व किया और लोकसभा की सभी 40 सीटों को जीत लिया। इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने डी॰एम॰के॰ द्वारा जीती गयी सीटों की संख्या को 16 से बढ़ाकर 18 कर दिया और तमिलनाडु और पुदुचेरी में यू॰पी॰ए॰ का नेतृत्व कर बहुत छोटे गठबंधन के बावजूद 28 सीटों पर विजय प्राप्त की। वे तमिल सिनेमा जगत के एक नाटककार और पटकथा लेखक भी थे। उनके समर्थक उन्हें कलाईनार (तमिल: கலைஞர், "कला का विद्वान") कहकर बुलाते हैं।[8] करूणानिधि का निधन 7 अगस्त 2018 को कावेरी अस्पताल में हुआ।[9]
आरंभिक जीवन
[संपादित करें]एम॰ करुणानिधि का जन्म मुत्तुवेल और अंजुगम के यहाँ 3 जून 1924 को ब्रिटिश भारत[10] के नागपट्टिनम के तिरुक्कुभलइ में [11] के रूप में हुआ था।[3] वे हिन्दू समुदाय से संबंध रखते हैं।[12]
पटकथा-लेखन
[संपादित करें]करुणानिधि ने तमिल फिल्म उद्योग में एक पटकथा लेखक के रूप में अपने करियर का शुभारम्भ किया। अपनी बुद्धि और भाषण कौशल के माध्यम से वे बहुत जल्द एक राजनेता बन गए। वे द्रविड़ आंदोलन से जुड़े थे और उसके समाजवादी और बुद्धिवादी आदर्शों को बढ़ावा देने वाली ऐतिहासिक और सामाजिक (सुधारवादी) कहानियाँ लिखने के लिए मशहूर थे। उन्होंने तमिल सिनेमा जगत का इस्तेमाल करके पराशक्ति नामक फिल्म के माध्यम से अपने राजनीतिक विचारों का प्रचार करना शुरू किया।[13] पराशक्ति तमिल सिनेमा जगत के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई क्योंकि इसने द्रविड़ आंदोलन की विचारधाराओं का समर्थन किया और इसने तमिल फिल्म जगत के दो प्रमुख अभिनेताओं शिवाजी गणेशन और एस॰एस॰ राजेन्द्रन से दुनिया को परिचित करवाया।[14] शुरू में इस फिल्म पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था लेकिन अन्त में इसे 1952 में रिलीज कर दिया गया।[14] यह बॉक्स ऑफिस पर एक बहुत बड़ी हिट फिल्म साबित हुई लेकिन इसकी रिलीज विवादों से घिरी थी। रूढ़िवादी हिन्दूओं ने इस फिल्म का विरोध किया क्योंकि इसमें कुछ ऐसे तत्व शामिल थे जिसने ब्राह्मणवाद की आलोचना की थी।[15] इस तरह के सन्देशों वाली करूणानिधि की दो अन्य फ़िल्में पनाम और थंगारथनम थीं।[13] इन फिल्मों में विधवा पुनर्विवाह, अस्पृश्यता का उन्मूलन, आत्मसम्मान विवाह, ज़मींदारी का उन्मूलन और धार्मिक पाखंड का उन्मूलन जैसे विषय शामिल थे।[14] जैसे-जैसे उनकी सुदृढ़ सामाजिक सन्देशों वाली फ़िल्में और नाटक लोकप्रिय होते गए, वैसे-वैसे उन्हें अत्यधिक सेंसशिप का सामना करना पड़ा; 1950 के दशक में उनके दो नाटकों को प्रतिबंधित कर दिया गया।[14]
राजनीति
[संपादित करें]राजनीति में प्रवेश
[संपादित करें]जस्टिस पार्टी के अलगिरिस्वामी के एक भाषण से प्रेरित होकर करुणानिधि ने 14 साल की उम्र में राजनीति में प्रवेश किया और हिन्दी विरोधी आंदोलन में भाग लिया। उन्होंने अपने इलाके के स्थानीय युवाओं के लिए एक संगठन की स्थापना की। उन्होंने इसके सदस्यों को मनावर नेसन नामक एक हस्तलिखित अखबार परिचालित किया। बाद में उन्होंने तमिलनाडु तमिल मनावर मन्द्रम नामक एक छात्र संगठन की स्थापना की जो द्रविड़ आन्दोलन का पहला छात्र विंग था। करूणानिधि ने अन्य सदस्यों के साथ छात्र समुदाय और खुद को भी सामाजिक कार्य में शामिल कर लिया। यहाँ उन्होंने इसके सदस्यों के लिए एक अखबार चालू किया जो डी॰एम॰के॰ दल के आधिकारिक अखबार मुरासोली के रूप में सामने आया।
कल्लाकुडी में हिन्दी विरोधी विरोध प्रदर्शन में उनकी भागीदारी, तमिल राजनीति में अपनी जड़ मजबूत करने में करूणानिधि के लिए मददगार साबित होने वाला पहला प्रमुख कदम था। इस औद्योगिक नगर को उस समय उत्तर भारत के एक शक्तिशाली मुग़ल के नाम पर डालमियापुरम कहा जाता था। विरोध प्रदर्शन में करूणानिधि और उनके साथियों ने रेलवे स्टेशन से हिन्दी नाम को मिटा दिया और रेलगाड़ियों के मार्ग को अवरुद्ध करने के लिए पटरी पर लेट गए। इस विरोध प्रदर्शन में दो लोगों की मौत हो गई और करूणानिधि को गिरफ्तार कर लिया गया।[16]
सत्ता प्राप्ति
[संपादित करें]करूणानिधि को तिरुचिरापल्ली जिले के कुलिथालाई विधानसभा से 1957 में तमिलनाडु विधानसभा के लिए पहली बार चुना गया। वे 1961 में डी॰एम॰के॰ कोषाध्यक्ष बने और 1962 में राज्य विधानसभा में विपक्ष के उपनेता बने और 1967 में जब डी॰एम॰के॰ सत्ता में आई तब वे सार्वजनिक कार्य मंत्री बने। जब 1969 में अन्नादुरई की मौत हो गई तब करूणानिधि को तमिलनाडु का मुख्यमंत्री बना दिया गया। तमिलनाडु राजनीतिक क्षेत्र में अपने लंबे करियर के दौरान वे पार्टी और सरकार में विभिन्न पदों पर रह चुके हैं।
मई 2006 के चुनाव में अपने गठबंधन द्वारा अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी जे॰ जयललिता के हारने के बाद उन्होंने 13 मई 2006 को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला।[17] वे currently के अनुसार [update] तमिलनाडु राज्य की विधानसभा के सेन्ट्रल चेन्नई के चेपौक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे। तमिलनाडु विधानसभा में उन्हें 11 बार और अब समाप्त हो चुके तमिलानडु विधान परिषद में एक बार निर्वाचित किया गया।[18]
विधान सभा के सदस्य (विधायक)
[संपादित करें]वर्ष | निर्वाचित/पुनर्निर्वाचित | स्थान |
---|---|---|
1957 | निर्वाचित | कुलितलाई |
1962 | निर्वाचित | तंजावुर |
1967 | निर्वाचित | सैदापेट |
1971 | पुनर्निर्वाचित | सैदापेट |
1977 | निर्वाचित | अन्ना नगर |
1980 | पुनर्निर्वाचित | अन्ना नगर |
1989 | निर्वाचित | हार्बर |
1991 | पुनर्निर्वाचित | हार्बर |
1996 | निर्वाचित | चेपॉक |
2001 | पुनर्निर्वाचित | चेपॉक |
2006 | पुनर्निर्वाचित | चेपॉक |
विधायिका में पद
[संपादित करें]साल से | वर्ष तक | पद |
---|---|---|
1962 | 1967 | विपक्ष के उप नेता |
1967 | 1969 | लोक निर्माण के कैबिनेट मंत्री |
1977 | 1980 | विपक्ष नेता |
1980 | 1983 | विपक्ष नेता |
1984 | बाद | विधान परिषद के लिए निर्वाचित |
मुख्यमंत्री
[संपादित करें]साल से | वर्ष तक | चुनाव |
---|---|---|
1969 | 1971 | तमिलनाडु राज्य विधानसभा चुनाव, 1967 |
1971 | 1976 | तमिलनाडु राज्य विधानसभा चुनाव, 1971 |
1989 | 1991 | तमिलनाडु राज्य विधानसभा चुनाव, 1989 |
1996 | 2001 | तमिलनाडु राज्य विधानसभा चुनाव, 1996 |
2006 | 2011 | तमिलनाडु राज्य विधानसभा चुनाव, 2011 |
साहित्य
[संपादित करें]करुणानिधि तमिल साहित्य में अपने योगदान के लिए मशहूर हैं। उनके योगदान में कविताएं, चिट्ठियाँ, पटकथाएं, उपन्यास, जीवनी, ऐतिहासिक उपन्यास, मंच नाटक, संवाद, गाने इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने तिरुक्कुरल, थोल्काप्पिया पूंगा, पूम्बुकर के लिए कुरालोवियम के साथ-साथ कई कविताएं, निबंध और किताबें लिखी हैं।
साहित्य के अलावा करूणानिधि ने कला एवं स्थापत्य कला के माध्यम से तमिल भाषा में भी योगदान दिया है। कुरालोवियम की तरह, जिसमें कलाईनार ने तिरुक्कुरल के बारे में लिखा था, वल्लुवर कोट्टम के निर्माण के माध्यम से उन्होंने तिरुवल्लुवर, चेन्नई, तमिलनाडु में अपनी स्थापत्य उपस्थिति का परिचय दिया है। कन्याकुमारी में करूणानिधि ने तिरुवल्लुवर की एक 133 फुट ऊँची मूर्ति का निर्माण करवाया है जो उस विद्वान के प्रति उनकी भावनाओं का चित्रण करता है।
पुस्तकें
[संपादित करें]करुणानिधि द्वारा लिखित पुस्तकों में शामिल हैं: रोमपुरी पांडियन, तेनपांडि सिंगम, वेल्लीकिलमई, नेंजुकू नीदि, इनियावई इरुपद, संग तमिल, कुरालोवियम, पोन्नर शंकर, और तिरुक्कुरल उरई . उनकी गद्य और पद्य की पुस्तकों की संख्या 100 से भी अधिक है।
मंचकला
[संपादित करें]करुणानिधि के नाटकों में शामिल हैं: मनिमागुडम, ओरे रदम, पालानीअप्पन, तुक्कु मेडइ, कागिदप्पू, नाने एरिवाली, वेल्लिक्किलमई, उद्यासूरियन और सिलप्पदिकारम .
पटकथायें
[संपादित करें]20 वर्ष की आयु में करुणानिधि ने ज्यूपिटर पिक्चर्स के लिए पटकथा लेखक के रूप में कार्य शुरु किया। उन्होंने अपनी पहली फिल्म राजकुमारी से लोकप्रियता हासिल की। पटकथा लेखक के रूप में उनके हुनर में यहीं से निखार आना शुरु हुआ। उनके द्वारा लिखी गई 75 पटकथाओं में शामिल हैं: राजकुमारी, अबिमन्यु, मंदिरी कुमारी, मरुद नाट्टू इलवरसी, मनामगन, देवकी, पराशक्ति, पनम, तिरुम्बिपार, नाम, मनोहरा, अम्मियापन, मलाई कल्लन, रंगून राधा, राजा रानी, पुदैयाल, पुदुमइ पित्तन, एल्लोरुम इन्नाट्टु मन्नर, कुरावांजी, ताइलापिल्लई, कांची तलैवन, पूम्बुहार, पूमालई, मनी मगुड्म, मारक्क मुडियुमा?, अवन पित्तना?, पूक्कारी, निदिक्कु दंडानई, पालईवना रोजाक्कल, पासा परावाईकल, पाड़ाद थेनीक्कल, नियाय तरासु, पासाकिलिग्ल, कन्नम्मा, यूलियिन ओसई, पेन सिन्गम और इलइज्ञइन .
संपादक और प्रकाशक
[संपादित करें]उन्होंने 10 अगस्त 1942 को मुरासोली का आरम्भ किया। अपने बचपन में वे मुरासोली नामक एक मासिक अखबार के संस्थापक सम्पादक और प्रकाशक थे जो बाद में एक साप्ताहिक और अब एक दैनिक अखबार बन गया है। उन्होंने अपनी राजनीतिक विचारधारा से संबंधित मुद्दों को जनता के सामने लाने के लिए एक पत्रकार और कार्टूनिस्ट के रूप में अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल किया। वह अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को नाम से संबोधित करके रोज चिट्ठी लिखते हैं; वह 50 वर्षोंं से ये चिट्ठियाँ लिखते आ रहे थे। इसके अलावा उन्होंने कुडियारसु के सम्पादक के रूप में काम किया है और मुत्तारम पत्रिका को अपना काफी समय दिया है। वे स्टेट गवर्नमेंट्स न्यूज़ रील, अरासु स्टूडियो और तमिल एवं अंग्रेज़़ी में प्रकाशित होने वाली सरकारी पत्रिका तमिल अरासु के भी संस्थापक हैं।
विश्व तमिल सम्मेलन
[संपादित करें]उन्होंने 1970 में पेरिस में आयोजित तृतीय विश्व तमिल सम्मलेन के उद्घाटन दिवस पर और 1987 में कुआलालंपुर (मलेशिया) में आयोजित षष्ठ विश्व तमिल सम्मलेन के उद्घाटन दिवस पर भी विशेष भाषण दिया।
उन्होंने विश्व शास्त्रीय तमिल सम्मलेन 2010 के लिए आधिकारिक विषय गीत "सेम्मोज्हियाना तमिज्ह मोज्हियाम" लिखा जिसे उनके अनुरोध पर ए॰आर॰ रहमान ने संगीतबद्ध किया।
पुरस्कार और खिताब
[संपादित करें]- उन्होंने कभी-कभी प्यार से कलाईनार और मुथामिझ कविनार भी कहा जाता है।[उद्धरण चाहिए]
- अन्नामलई विश्वविद्यालय ने 1971 में उन्हें मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया। [उद्धरण चाहिए]
- "थेनपंदी सिंगम" नामक किताब के लिए उन्हें तमिल विश्वविद्यालय, तंजावुर द्वारा "राजा राजन पुरस्कार" से सम्मानित किया गया। [उद्धरण चाहिए]
- 15 दिसम्बर 2006 को तमिलनाडु के राज्यपाल और मदुराई कामराज विश्वविद्यालय के चांसलर महामहिम थिरु सुरजीत सिंह बरनाला ने 40वें वार्षिक समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री को मानद डॉक्टरेट की उपाधि से विभूषित किया।[19]
- जून 2007 में[20][21][22] तमिलनाडु मुस्लिम मक्कल काची ने घोषणा की कि यह एम॰ करूणानिधि को 'मुस्लिम समुदाय के दोस्त' (यारां-ए-मिल्लाथ') प्रदान करेगा।
विवाद
[संपादित करें]उन पर सरकारिया कमीशन द्वारा वीरानम परियोजना के लिए निविदाएं आवंटित करने में भष्टाचार का आरोप लगाया गया है।[23] इन्दिरा गांधी ने संभावित अलगाव और भ्रष्टाचार के आरोप के आधार पर करूणानिधि सरकार को ख़ारिज कर दिया। [24] 2001 में करुणानिधि, पूर्व मुख्य सचिव के॰ए॰ नाम्बिआर और अन्य कई लोगों के एक समूह को चेन्नई में फ्लाईओवर बनाने में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।[25] उन्हें और उनकी पार्टी के सदस्यों पर आई॰पी॰सी॰ की धारा 120(b) (आपराधिक षड्यन्त्र), 167 (घायल करने के इरादे से सरकारी कर्मचारी द्वारा गलत दस्तावेज का निर्माण), 420 (धोखाधड़ी) और 409 (विश्वास का आपराधिक हनन) और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 13(1)(d) के साथ 13(2) के तहत कई आरोप लगाए गए लेकिन उनके और उनके बेटे एम॰के॰ स्टालिन के ख़िलाफ़ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला। [26]
राम सेतु से संबंधित टिप्पणियाँ
[संपादित करें]सेतुसमुद्रम विवाद के जवाब में करूणानिधि ने हिन्दू भगवान राम के वजूद पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा:
Some say there was a person over 17 lakh years ago. His name was Rama. Do not touch the bridge (Ramar Sethu) constructed by him. Who is this Rama? From which engineering college did he graduate? Is there any proof for this?[27]
उनकी टिप्पणियों ने विवाद की इस आग में घी का काम किया। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने करूणानिधि पर धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाया और कहा कि "हम करूणानिधि से यह जानना चाहते हैं कि क्या वे किसी अन्य धर्म के किसी धार्मिक प्रमुख के खिलाफ इस तरह का बयान करेंगे; जिसका जवाब 'नहीं' है।"[28]
राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी के प्रवक्ता डी॰पी॰ त्रिपाठी ने कहा, "राम के वजूद के सबूत पर सवाल खड़ा करने की क्या जरूरत है जब इतने सारे लोगों की उनमें पूरी आस्था है?"[29]
इन बयानों के जवाब में करुणानिधि ने बेखटके कहा, "वैसे, [राम के वजूद के दावे को सही साबित करने के लिए] यहाँ न तो वाल्मीकि मौजूद हैं और न ही राम। यहाँ केवल एक ऐसा समूह है जो लोगों को बेवक़ूफ़ समझता है। वे गलत साबित होंगे।[29]
कई दिनों बाद, उन्होंने टिप्पणी की:
I have not said anything more than Valmiki, who authored Ramayana. Valmiki had even stated that Rama was a drunkard. Have I said so?[30]
एल॰टी॰टी॰ई॰ के साथ संबंध
[संपादित करें]राजीव गांधी की हत्या की जाँच करने वाले जस्टिस जैन कमीशन की अंतरिम रिपोर्ट में करूणानिधि पर लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया था।[31] अंतरिम रिपोर्ट ने सिफारिश की कि राजीव गांधी के हत्यारों को बढ़ावा देने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम॰ करूणानिधि और डी॰एम॰के॰ पार्टी जिम्मेदार माना जाए। अंतिम रिपोर्ट में ऐसा कोई आरोप शामिल नहीं था।[32]
अप्रैल 2009 में करूणानिधि ने एक विवादस्पद टिप्पणी की कि "प्रभाकरण मेरा अच्छा दोस्त है" और यह भी कहा कि "राजीव गांधी की हत्या के लिए भारत एल॰टी॰टी॰ई॰ को कभी माफ नहीं कर सकता"।[33]
कुलपक्षपात का आरोप
[संपादित करें]करूणानिधि के विरोधियों, उनकी पार्टी के कुछ सदस्यों और अन्य राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने करूणानिधि पर कुलपक्षपात को बढ़ावा देने और नेहरु-गांधी परिवार की तरह एक राजनीतिक वंश का आरम्भ करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। डी॰एम॰के॰ को छोड़ कर जाने वाले वाइको की आवाज़ सबसे बुलंद है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि एम॰के॰ स्टालिन और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए एक खतरे के रूप में वाइको को दरकिनार कर दिया गया।
उनके भतीजा स्वर्गीय मुरासोली मारन एक केन्द्रीय मंत्री थे; हालाँकि इस बात पर ध्यान दिलाया गया है कि 1969 में करूणानिधि के मुख्यमंत्री बनने से काफी समय पहले से वे राजनीति में थे। उन्हें 1965 में हिन्दी विरोधी आंदोलन सहित कई अन्य मामलों में गिरफ्तार किया गया। उनसे 1967 में दक्षिण मद्रास का उपचुनाव लड़ने के लिए कहा गया और राजाजी, अन्नादुरई और मोहम्मद इस्माइल (कायद-ए-मिल्लाथ) ने नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर किए जिससे यह पता चलता है कि उनका राजनीतिक करियर पूरी तरह से करूणानिधि के साथ अपने रिश्ते की बुनियाद पर नहीं खड़ा था।[34]
कई राजनीतिक विरोधियों और डी॰एम॰के॰ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी में एम॰के॰ स्टालिन की उत्थान की आलोचना की है। लेकिन पार्टी के कुछ लोगों ने बताया है कि स्टालिन ने अपने दम पर उन्नति की है। उन्होंने 1975 के बाद से काफी मुश्किलों का सामना किया है जब उन्हें आतंरिक सुरक्षा रखरखाव अधिनियम (मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्यूरिटी एक्ट/एम॰आई॰एस॰ए॰) के तहत जेल भेज दिया गया और जेल में उन्हें आपातकाल के दौरान इतनी बुरी तरह से पीटा गया कि उन्हें बचाने की कोशिश में डी॰एम॰के॰ पार्टी के साथी कैदी की मौत हो गई।[35] 1989 और 1996 में स्टालिन को विधायक बनाया गया था जब उनके पिता करूणानिधि मुख्यमंत्री थे लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था। वे 1996 में चेन्नई के 44वें मेयर और इसके पहली बार प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित मेयर बने। विधायक के रूप में केवल अपने चौथे कार्यकाल में ही वे करूणानिधि के मंत्रिमंडल के एक मंत्री थे।
करूणानिधि पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा टेलीविजन नेटवर्क सन नेटवर्क चलाने वाले कलानिधि मारन (मुरासोली मारन के पुत्र) की मदद करने का आरोप लगाया गया है। फोर्ब्स के मुताबिक कलानिधि भारत के 2.9 बिलियन डॉलर की सम्पत्ति वाले 20 सबसे बड़े रईसों में से हैं।[36] इसके अलावा टीकाकारों का कहना है कि उन्होंने अपनी योग्यता के आधार पर इस स्थिति को प्राप्त किया है और यहाँ तक कि करूणानिधि के बेटों ने भी उनकी तुलना में कुछ हासिल नहीं किया जो उनके बीच के टकराव का एक कारण रहा है। उनके चैनलों ने डी॰एम॰के॰ पार्टी के प्रवक्ता की तरह काम किया है (हाल के समय तक) और ए॰आई॰ए॰डी॰एम॰के॰ की जया टीवी के साथ संतुलन स्थापित करने में मदद की है।
दयानिधि मारन (मारन का एक अन्य बेटा) संचार एवं आई॰टी॰ विभाग, न कि प्रसारण मंत्रालय, के एक पूर्व केन्द्रीय मंत्री रह चुके हैं जो टी॰वी॰ नेटवर्क के लिए जिम्मेदार है। दयानिधि मारन को केन्द्र के आई॰टी॰ एवं संचार विभाग से निकाल दिया गया (वे आई॰टी॰ एवं सचार विभाग के एक केन्द्रीय मंत्री थे) क्योंकि दिनाकरन (मारन भाइयों द्वारा संचालित अखबार) में प्रदर्शित एक सार्वजनिक मतदान के परिणाम के अनुसार दयानिधि मारन करूणानिधि के उत्तारधिकारी थे। इससे दिनाकरन कार्यालय की मदुराई शाखा में खूनी हिंसा (एम॰के॰ अज़गिरी द्वारा कार्यान्वित) भड़क उठी जिसकी वजह से तीन कर्मचारियों की मौत हो गई। इसे एक बार फिर करूणानिधि परिवार के वंश विवाद के एक परिणाम के रूप में देखा गया।
इस बात का ज़िक्र किया गया है कि करूणानिधि को अपने परिवार के भूले-भटके सदस्यों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने में संकोच होता है हालाँकि गलत कार्य करने[37] का दोषी पाए जाने पर उन्होंने अपने अन्य दो बेटों एम॰के॰ मुथु और एम॰के॰ अज़गिरी को निष्कासित कर दिया था और इसी तरह दयानिधि मारन को केन्द्रीय मंत्री पद से हटा दिया था (जिसके कारण का उल्लेख पिछले अनुच्छेद में किया गया है)।
बाद में उन पर दिनाकरन अखबार के कार्यालय पर एम॰के॰ अज़गिरी के समर्थकों द्वारा हमला किए जाने और तीन लोगों की मौत (जैसा कि ऊपर बताया गया है) होने के बाद एम॰के॰ अज़गिरी के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगाया गया है। एम॰के॰ अज़गिरी पूर्व डी॰एम॰के॰ मंत्री किरुत्तिनन की हत्या के मामले के मुख्य अभियुक्त हैं। करूणानिधि पर अज़गिरी को मदुराई में एक बेलगाम प्राधिकारी के रूप में कार्य करने की अनुमति प्रदान करने का भी आरोप है।[38] दिनाकरन अखबार से संबंधित मामले को सी॰बी॰आई॰ को सौंप दिया गया। लेकिन जिला एवं सत्र अदालत ने उस मामले के सभी 17 मुलजिमों को बरी कर दिया। [39] इस अपराध को अंजाम देने वालों की पहचान करने और उन्हें सजा दिलाने के लिए अब तक इस मामले को किसी उच्च अदालत में पेश नहीं किया गया है।
उनकी बेटी कानिमोझी को राज्य सभा पद के लिए मनोनीत किया गया है।
व्यक्तिगत जीवन
[संपादित करें]वे पहले मांसाहारी थे लेकिन बाद में शाकाहारी हो गये थे।[40] उनका दावा था कि उनकी स्फूर्ति और सफलता का रहस्य उनके द्वारा दैनिक रूप से किया जाने वाला योगाभ्यास है।[41] उन्होंने तीन बार शादी की; उनकी पत्नियाँ हैं पद्मावती, दयालु आम्माल और राजात्तीयम्माल।[42][43][44]
उनके बेटे हैं एम॰के॰ मुत्तु, एम॰के॰ अलागिरी, एम॰के॰ स्टालिन और एम॰के॰ तामिलरसु। उनकी पुत्रियाँ हैं सेल्वी और कानिमोझी। कानिमोझी राज्यसभा की सांसद हैं। पद्मावती, जिनका देहावसान काफी जल्दी हो गया था, ने उनके सबसे बड़े पुत्र एम॰के॰ मुत्तु को जन्म दिया था। अज़गिरी, स्टालिन, सेल्वी और तामिलरासु दयालुअम्मल की संताने हैं, जबकि कनिमोझी उनकी तीसरी पत्नी राजात्तीयम्माल की पुत्री हैं।[उद्धरण चाहिए].. एक बुद्धिवादी होने के बावजूद बृहस्पति ग्रह शान्ति के लिए वे पीला वस्त्र पहनते थे।
मंत्रिमंडल (कैबिनेट)
[संपादित करें]करुणानिधि का मंत्रिमंडल (13 मई 2006 - 16 मई 2011)
[संपादित करें]- एम. करुणानिधि: मुख्यमंत्री, लोक निर्माण विभाग, गृह, सामान्य प्रशासन, लोक सेवा, पुलिस, अल्पसंख्यक कल्याण, निषेध और राज्य आबकारी, तमिलनाडु सरकारी भाषायें, तमिल सांस्कृतिक के मंत्री.[45]
- के. अन्बझगन: वित्त मंत्री[45]
- एर्कोट एन. वीरास्वामी: विद्युत मंत्री[45]
- एम. के. स्टालिन: उप मुख्यमंत्री, ग्रामीण विकास और स्थानीय प्रशासन मंत्री[45]
- को। सी. मणि: सांख्यिकी और सहयोग मंत्री तथा एक पूर्व सैनिक[45]
- वीरापांडी एस. अरुमुगम: कृषि मंत्री[45]
- दुराई मुरुगन: कानून मंत्री[45]
- पोनमुडी: उच्च शिक्षा मंत्री[45]
- के. एन. नेहरु: परिवहन मंत्री[45]
- एम.आर.के. पनीरसेल्वम: स्वास्थ्य मंत्री[45]
- पोंगालुर एन. पालानीसामी: ग्रामीण उद्योग और पशुपालन मंत्री[45]
- आई.पेरिआसामी: राजस्व और आवास मंत्री[45]
- एन. सुरेश राजन: पर्यटन और पंजीकरण मंत्री[45]
- परिथि लाम्वाझुथी: सूचना मंत्री[45]
- ई.वी. वेलू: खाद्य मंत्री[45]
- सूबा थान्गावेलन: स्लम क्लीयरेंस और आवास मंत्री[45]
- के.के.एस.एस.आर.रामचंद्रन: पिछड़े वर्गों के मंत्री[45]
- टी.एम.एन्बरासन: श्रम मंत्री[45]
- के.आर. पेरियाकरुप्पन: हिन्दू धर्म और धर्मार्थ दान मंत्री[45]
- थंगम थेन्नारासु: स्कूल शिक्षा मंत्री[45]
- एस.एन.एम. उब्यादुल्लाह: वाणिज्यिक कर मंत्री[45]
- टी.पी.एम. मोहिदीन खान: पर्यावरण मंत्री[45]
- एन. सेल्वराज: वन मंत्री[45]
- वेल्लाकोइल सेमिनाथन: राजमार्ग मंत्री[45]
- पूनगोथई अलादी अरुणा: सूचना प्रौद्योगिकी संचार मंत्री[45]
- गीता जीवन: सामाजिक कल्याण मंत्री[45]
- तमिलारासी: आदि-द्रविडार कल्याण मंत्री[45]
- के.पी.पी. सामी: मत्स्य पालन मंत्री[45]
- यू.मथिवानन: डेयरी विकास मंत्री[45]
- के. रामचंद्रन: खादी मंत्री[45]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Narayan, Pushpa. "M Karunanidhi, DMK chief and former Tamil Nadu chief ministe, dies aged 94". द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया. No. 7 August 2018. Archived from the original on 7 अगस्त 2018. Retrieved 7 August 2018.
- ↑ "Karunanidhi shares dais with Sai Baba". Archived from the original on 22 मई 2011. Retrieved 15 मार्च 2011.
- ↑ अ आ "करुणानिधि कुटुम्बम". Archived 2011-01-28 at the वेबैक मशीन दी इंडियन एक्सप्रेस.
- ↑ "The Death Of The Atheist, Anti-hindi, Anti Brahminism Karunanidhi Quite Literally Marks An End Of An Era". Archived from the original on 8 अगस्त 2018. Retrieved 8 अगस्त 2018.
- ↑ "डीएमके होमपेज-चेन्नई-तमिलनाडु-इंडिया 800x600 स्क्रीन रिसॉल्यूशन". Archived from the original on 21 जुलाई 2011. Retrieved 15 मार्च 2011.
- ↑ "Biography in official party website". Archived from the original on 15 अक्तूबर 2013. Retrieved 15 मार्च 2011.
{{cite web}}
: Check date values in:|archive-date=
(help) - ↑ ""करुणानिधि विन्स फॉर रिकॉर्ड 11थ टाइम" - Sify.com". Archived from the original on 2 फ़रवरी 2009. Retrieved 15 मार्च 2011.
- ↑ कलाईनार सर्वाईव्स 4 चैलेंजिंग ईयर्स Archived 2017-07-02 at the वेबैक मशीन, दी इकॉनोमिक टाइम्स, 14 मई 2010 एट
- ↑ "डीएमके अध्यक्ष एम करुणानिधि का निधन, शोक में डूबे प्रशंसक". नवभारत टाइम्स. Archived from the original on 7 अगस्त 2018. Retrieved 7 अगस्त 2018.
- ↑ [नाई परिवार "करुणानिधि बीन नाइस, बट हिज़ विलेज नॉट ब्लाइंड टू अम्मा ऑप्शन". दी इंडियन एक्सप्रेस .
- ↑ विथ देम / अगेंस्ट देम: दी डीएमके बिटर बैटल्स विथ दी स्टेट बीजेपी कंटीन्यू, सो हाउ लॉन्ग कैन दे हैंग ऑन एट दी सेंटर? Archived 2011-01-25 at the वेबैक मशीन अवेक्षण भारत
- ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 26 जनवरी 2011. Retrieved 15 मार्च 2011.
- ↑ अ आ Guneratne, Anthony R.; Wimal Dissanayake, Sumita S. Chakravarty (2003). Rethinking Third Cinema. Routledge. p. 216. ISBN 0415213541. Archived from the original on 3 जनवरी 2014. Retrieved 15 मार्च 2011.
- ↑ अ आ इ ई
Hardgrave, Jr, Robert L (1973). "Politics and the Film in Tamilnadu: The Stars and the DMK". Asian Survey. 13 (3). JSTOR: 288–305. Retrieved 2010-02-12.
{{cite journal}}
: Unknown parameter|month=
ignored (help) - ↑ A. Srivathsan (जून 12, 2006). "Films and the politics of convenience". Chennai, भारत: idlebrain.com. Archived from the original on 1 अप्रैल 2013. Retrieved 2010-02-12.
- ↑ Ramaswamy, Sumathy (1997). Passions of the tongue: language devotion in Tamil India, 1891-1970. University of California Press. p. 226. ISBN 0-520-20805-6 ISBN 978-0-520-20805-6.
- ↑ "rediff.com: asdadadaadav fsafsdfs fasfsf: The Sachin of TN politics". Archived from the original on 10 फ़रवरी 2011. Retrieved 15 मार्च 2011.
- ↑ NDTV.com: लेटेस्ट न्यूज़, ई-बुलेटिन, स्टॉक्स, बॉलीवुड, क्रिकेट, वीडियो, ब्लॉग, आरएसएस फ्रॉम इंडिया
- ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 19 दिसंबर 2006. Retrieved 15 मार्च 2011.
{{cite web}}
: Check date values in:|archive-date=
(help) - ↑ United News of India (3 जून 2007). "TMMK to confer Karunanidhi with 'Friend of the Community' title". newkerala.com. Archived from the original on 26 सितंबर 2007. Retrieved 15 मार्च 2011.
चेन्नई, जून 3: Tamil Nadu Chief Minister and DMK President M Karunanidhi, who turned 84 today, will be conferred with the 'Friend of the Muslim Community' title by the Tamil Nadu Muslim Makkal Katchi.
- ↑ United News of India (3 जून 2007). "MK awarded 'Friend of the Community' title". oneindia.in.[मृत कड़ियाँ]
- ↑ United News of India (4 जून 2007). "Karunanidhi turns 84". news.webindia123.com. Archived from the original on 17 मई 2012. Retrieved 15 मार्च 2011.
The Tamil Nadu Muslim Makkal Katchi has decided to confer 'Yaaraan-E-Millath (meaning friend of the Muslim community) title on Mr Karunanidhi to mark the occasion.
- ↑ "हिंदू: व्हाट दी सरकारिया कमिशन". Archived from the original on 5 दिसंबर 2010. Retrieved 15 मार्च 2011.
{{cite web}}
: Check date values in:|archive-date=
(help) - ↑ राम सेतु एंड करुणानिधि[मृत कड़ियाँ]
- ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 6 जून 2011. Retrieved 15 मार्च 2011.
- ↑ "करुणानिधि हेल्ड इन प्री-डाउन स्वूप -- जेल्ड ऑन करेप्शन चार्जेज". Archived from the original on 1 जून 2006. Retrieved 15 मार्च 2011.
- ↑ Which engineering college did Rama study, asks Karuna Archived 2007-11-09 at the वेबैक मशीन New Ind Press - सितंबर 18, 2007
- ↑ करुणा अर्न्स बीजेपी वर्थ फॉर कमेंट्स ऑन लॉर्ड राम Archived 2012-03-14 at the वेबैक मशीन रेडिफ - 17 सितंबर 2007
- ↑ अ आ डीएमके चीफ रबिशेस राम अगेन Archived 2018-12-16 at the वेबैक मशीन दी पायोनियर - 20 सितम्बर 2007
- ↑ As per Valmiki, Rama was a drunkard: Karunanidhi[मृत कड़ियाँ] AndhraNews.net
- ↑ "इंडिया टुडे Cover Story [Jain Commission Revelations: Damning the DMK]". Archived from the original on 24 सितंबर 2015. Retrieved 15 मार्च 2011.
- ↑ "No adverse comments on DMK leaders in Jain report". द हिन्दू. Chennai, भारत. फ़रवरी 14, 2004. Archived from the original on 29 दिसंबर 2010. Retrieved 15 मार्च 2011.
{{cite news}}
: Check date values in:|archive-date=
(help) - ↑ "करुणानिधि फ्लिप फ्लॉप, सेज़ कांट फोरगिव एलटीटीई". Archived from the original on 16 अक्तूबर 2012. Retrieved 15 मार्च 2011.
{{cite web}}
: Check date values in:|archive-date=
(help) - ↑ "मारन - दी आईज एंड इयर्स ऑफ डीएमके इन डेल्ही". Archived from the original on 17 जून 2011. Retrieved 15 मार्च 2011.
- ↑ "पॉलिटिक्स: स्पेशल सीरीज; एम के स्टालिन". Archived from the original on 24 सितंबर 2015. Retrieved 15 मार्च 2011.
- ↑ "The World's Billionaires Page 11 of 41". Forbes. मार्च 10, 2010. Archived from the original on 21 फ़रवरी 2011. Retrieved 15 मार्च 2011.
- ↑ "तहलका - दी पीपुल्स पेपर". Archived from the original on 11 सितंबर 2012. Retrieved 15 मार्च 2011.
- ↑ "Charge sheet filed against Azhagiri in Kiruttinan case". द हिन्दू. Chennai, भारत. अगस्त 19, 2003. Archived from the original on 10 नवंबर 2012. Retrieved 15 मार्च 2011.
{{cite news}}
: Check date values in:|archive-date=
(help) - ↑ "दी हिंदू : ऑल एक्विटेड इन दिनाकरन केस". Archived from the original on 13 फ़रवरी 2010. Retrieved 15 मार्च 2011.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 6 मई 2008. Retrieved 16 जून 2020.
- ↑ "Yoga keeps me going, says Karunanidhi". द हिन्दू. Chennai, भारत. अक्टूबर 1, 2005. Archived from the original on 13 अक्तूबर 2012. Retrieved 15 मार्च 2011.
{{cite news}}
: Check date values in:|archive-date=
(help) - ↑ इन साउथ इंडिया, मोर दी मेरियर Archived 2009-03-01 at the वेबैक मशीन - दी टाइम्स ऑफ इंडिया 2 मई 2006
- ↑ राम, रावण बैटल अगेन इन टीएन Archived 2011-12-06 at the वेबैक मशीन - रेडिफ
- ↑ "In South India, more the merrier". The Times Of India. मई 2, 2006. Archived from the original on 1 मार्च 2009. Retrieved 15 मार्च 2011.
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न "Council of Ministers". Government of Tamil Nadu. Archived from the original on 16 दिसंबर 2006. Retrieved 15 मार्च 2011.
{{cite web}}
: Check date values in:|archive-date=
(help)
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]पूर्वाधिकारी सी॰एन॰ अन्नादुरै |
Chief Minister of Tamil Nadu First Term (1969-1971) Second Term (1971-1976) 1969-1976 |
उत्तराधिकारी मारुदुर गोपालन रामचन्द्रन |
पूर्वाधिकारी जानकी रामचंद्रन |
Chief Minister of Tamil Nadu Third Term 1989-1991 |
उत्तराधिकारी जयललिता |
पूर्वाधिकारी जयललिता |
Chief Minister of Tamil Nadu Fourth Term 1996-2001 |
उत्तराधिकारी जयललिता |
पूर्वाधिकारी जयललिता |
Chief Minister of Tamil Nadu Fifth Term 2006-2001 |
उत्तराधिकारी जयललिता |