एम॰ के॰ स्टालिन
- इस भारतीय नाम में - मुथुवेल करुणानिधि उपनाम होने के बजाय एक पितृनाम है एवं इन व्यक्ति को उनके प्रदत्त नाम - स्टालिन से संबोधित किया जाना चाहिए।
एम॰ के॰ स्टालिन மு.க. ஸ்டாலின் | |
---|---|
M. K. Stalin | |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 7 मई 2021 | |
पूर्वा धिकारी | एडप्पाडी क पलनीस्वामी |
विपक्ष के नेता, तमिलनाडु विधान सभा
| |
पद बहाल 24 मई 2016 – 6 मई 2021 | |
पूर्वा धिकारी | विजयकांत |
उत्तरा धिकारी | एडप्पाडी क पलनीस्वामी |
अध्यक्ष, द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम
| |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 28 अगस्त 2018 | |
पूर्वा धिकारी | करुणानिधि |
कोषाध्यक्ष, द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम
| |
पद बहाल 2008–2018 | |
पार्टी अध्यक्ष | करुणानिधि |
जन्म | 1 मार्च 1953 भारांग: 10 फाल्गुन 1974 मद्रास, मद्रास प्रांत, भारत |
राजनीतिक दल | द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम |
जीवन संगी | दुर्गा |
बच्चे | उदयनिधि स्टालिन सेन्थराई सुबरिशन |
निवास | चेन्नई, तमिलनाडु, भारत |
मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन (जन्म 1 मार्च 1953) ,अक्सर उनके आद्याक्षर एमकेएस' द्वारा संदर्भित किया जाता है एक भारतीय राजनेता हैं जो तमिलनाडु के 8वें और वर्तमान मुख्यमंत्री के रूप में सेवारत हैं।डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के निधन के बाद उनके बेटे एम.के. स्टालिन को औपचारिक रूप से DMK पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था[1] . वह 1996 से 2002 तक चेन्नई के 37 वें मेयर और 2009 से 2011 तक तमिलनाडु के पहले उप मुख्यमंत्री थे। स्टालिन को सूची में 30 वें स्थान पर रखा गया था। द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा 2019 में भारत के सबसे शक्तिशाली व्यक्तित्वों की सूची।
राजनीतिक जीवन
[संपादित करें]स्टालिन का जन्म मद्रास में हुआ था, जिसे अब चेन्नई के रूप में जाना जाता है। उनका राजनीतिक करियर 14 वर्ष की आयु में 1967 के चुनावों में प्रचार के साथ शुरू हुआ था। 1973 में स्टालिन को द्रविड़ मुनेत्र कझगम (डीएमके) की आम समिति में निर्वाचित किया गया था।
वे उस समय सुर्खियों में आए जब उन्हें आपातकाल का विरोध करने के लिए आन्तरिक सुरक्षा रखरखाव अधिनियम (मीसा) के तहत जेल में बन्द कर दिया गया था।[2] स्टालिन 1989 के बाद से तमिलनाडु विधानसभा के लिए चेन्नई के थाउजेंड लाइट्स निर्वाचन क्षेत्र से चार बार चुने गए हैं। स्टालिन 1996 में इस नगर के पहले सीधे तौर पर निर्वाचित मेयर बने थे।[3]
2001[4] में स्टालिन एक बार फिर से मेयर चुने गए, हालाँकि उसके बाद तत्कालीन मुख्यमन्त्री जे॰ जयललिता ने तमिलनाडु नगर कानून (संशोधन) अधिनियम, 2002 को अधिनियमित किया था। यह एक ऐसा कानून है जो एक व्यक्ति को सरकार में दो निर्वाचित पद रखने से रोकता है। इस कानून को पूर्वव्यापी रूप से स्टालिन के मामले पर लागू किया गया था (वे एक निर्वाचित विधायक थे) जिसे व्यापक रूप से उन्हें चेन्नई के मेयर पद से हटाने के उद्देश्य से उठाये गए कदम के रूप में देखा गया था।[5] हालाँकि मद्रास उच्च न्यायालय ने इस कानून को यह कहते हुए अप्रभावी करार दिया था कि वैधानिक निकायों को पूर्वव्यापी रूप से लोगों के "मौलिक अधिकारों" को प्रभावित करने वाले कानून बनाने से "रोका" नहीं गया था। हालाँकि अदालत ने यह माना कि मद्रास (अब चेन्नई) सिटी नगर निगम अधिनियम, 1919 के तहत एक व्यक्ति लगातार दो कार्यकालों के लिए मेयर नहीं बन सकता है यद्यपि स्टालिन के विपरीत पहले के मेयर सीधे तौर पर निर्वाचित नहीं हुए थे। स्टालिन ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील नहीं की। [6]
मीसा जो आतंकवाद और गुण्डा अधिनियम के काफी करीब है, इसके तहत 1975 में पहली बार गिरफ्तार किये जाने के बाद से स्टालिन को विभिन्न सार्वजनिक मुद्दों पर कई बार गिरफ्तार किया गया है और उन्हें पूर्व में गम्भीर शारीरिक दण्ड भी दिया जा चुका है। करुणानिधि को आधी रात को गिरफ्तार किया जाना जिसमें करुणानिधि, स्टालिन, मारान और अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन पर फ्लाईओवर घोटाले का आरोप लगाया गया था। इसे व्यापक रूप से राजनीतिक प्रतिशोध[7] का कदम समझा गया था क्योंकि एफआईआर या पुलिस में शिकायत शुक्रवार रात को दर्ज कराई गयी थी और गिरफ्तारियाँ इसके कुछ ही घंटों के बाद शनिवार सुबह को की गयी थीं।[8] हालाँकि यह गिरफ्तारी 2001 में हुई थी, अदालत में आरोप पत्र चार साल बाद 2005 में दायर किया गया था।[9]
तमिलनाडु में स्टालिन ने 2009 के आम चुनाव में चुनाव प्रचार और अन्ततः डीएमके-गठबन्धन-संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन (संप्रग) की जीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।[10]
वंश विवाद
[संपादित करें]डीएमके के विरोधी, कुछ राजनीतिक प्रेक्षक और डीएमके पार्टी के सबसे-वरिष्ठ सदस्य इस बात की आलोचना करते हैं कि करूणानिधि नेहरू-गांधी परिवार की तर्ज पर एक राजनीतिक वंशवाद शुरू करने की कोशिश में स्टालिन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। डीएमके का साथ छोड़ देने वाले वाइको सबसे अधिक मुखर रहे हैं और कुछ राजनीतिक प्रेक्षक इसे वाइको को किनारे करने के एक कदम के रूप में देखते हैं क्योंकि उन्हें स्टालिन के लिए एक खतरे के रूप में देखा गया था।
हालाँकि डीएमके के सूत्रों और जिन लोगों ने 70 और 80 के दशक की राजनीतिक उथल-पुथल को देखा है वे इसका खण्डन करते हैं और कहते हैं कि स्टालिन अपनी स्वयं की योग्यता के आधार पर आगे आये हैं। उनका कहना है कि स्टालिन अपने कदमों के बूते आगे बढ़े हैं, 1975 से ही उन्हें बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है जब उन्हें मीसा के तहत जेल में बन्द किया गया था और आपातकाल के दौरान जेल के अन्दर इतनी क्रूरता से उनकी पिटाई की गयी थी कि उन्हें बचाने की कोशिश में डीएमके पार्टी के उनके साथी कैदी की मौत हो गयी थी।[11]
स्टालिन 1989 और 1996 में एक विधायक थे जब उनके पिता करुणानिधि मुख्यमन्त्री थे, लेकिन उन्हें मन्त्रिमण्डल में शामिल नहीं किया गया था। उन्होंने अपनी लड़ाई खुद लड़ी और 1996 में चेन्नई के 44वें मेयर बने जिसमें उन्हें पहले सीधे तौर पर निर्वाचित मेयर के रूप में चुना गया था। विधायक के रूप में यह उनका चौथा कार्यकाल था जब उन्हें करुणानिधि मन्त्रिमण्डल में एक मंत्री बनाया गया, इस तरह उनकी प्रगति धीमी और स्थिर है। वे आगे बताते हैं कि करुणानिधि ने यहाँ तक कि अपने अन्य पुत्रों एम॰के॰ मुत्थू और एम॰के॰ अझगिरी को भी गलत कार्यों के लिए दोषी पाए जाने पर निष्कासित कर दिया था।[12] स्टालिन, अपनी सौतेली बहन कनीमोझी के साथ मिलकर करोड़ों की सम्पत्ति जुटाने वाले ए॰ राजा को समर्थन देने के लिए अपने पिता के विरुद्ध हैं।
फ़िल्मी सफर
[संपादित करें]1980 के दशक के दौरान उन्होंने कुछ तमिल फ़िल्मों में काम किया है। उन्होंने 1990 के दशक के मध्य में सन टीवी के टेलीविजन धारावाहिकों में भी अभिनय किया है।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- विश्व के राजनीतिक परिवार
- नेपोलियन (अभिनेता)
- एम॰के॰ अझगिरी (नेता)
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "स्टालिन को मिली करुणानिधि की विरासत, बने DMK के अध्यक्ष". आज तक (hindi में). अभिगमन तिथि 2022-05-13.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
- ↑ डेली एक्सेलसियर ... Archived 2007-09-27 at the वेबैक मशीनएडिटोरियल Archived 2007-09-27 at the वेबैक मशीन
- ↑ "टूवार्ड्स सिंगारा चेन्नई - इंटरव्यू विथ दी मेयर - www.chennaibest.com". मूल से 13 मार्च 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अप्रैल 2011.
- ↑ "rediff.com: स्टालिन रि-इलेक्टेड मेयर ऑफ मद्रास". मूल से 14 मई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अप्रैल 2011.
- ↑ "मेयर्स ऑफिस स्लिप आउट ऑफ स्टालिन्स हैंड-सिटिज़- दी टाइम्स ऑफ इंडिया". मूल से 10 सितंबर 2004 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 सितंबर 2004.
- ↑ "दी टेलीग्राफ - कोलकाता: नेशन". मूल से 26 मई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अप्रैल 2011.
- ↑ "rediff.com: करुणानिधि, स्टालिन अरेस्टेड". मूल से 17 मई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अप्रैल 2011.
- ↑ "rediff.com: पर्सनल एजेंडा प्रिविलेड ओवर रूल ऑफ दी लॉ: अरुण जेटली". मूल से 8 फ़रवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अप्रैल 2011.
- ↑ "चार्जशीट फाइल्ड आउट ऑफ पॉलिटिकल वेन्डेटा: डीएमके - Sify.com". मूल से 4 मार्च 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अप्रैल 2011.
- ↑ स्टालिन बिकम्स डिप्टी चीफ मिनिस्टर इन तमिलनाडु Archived 2010-03-28 at the वेबैक मशीन ऐसा कहा जाता है कि वे ही तमिलनाडु के अगले मुख्यमन्त्री बनेंगे क्योंकि उनके पिता डॉ॰ एम॰ करूणानिधि को लगता है कि समस्याओं का सामना करने में वे एम॰के॰ अलागिरी की तुलना में अधिक सक्षम हैं।
- ↑ "पॉलिटिक्स: स्पेशल सीरीज; एम के स्टालिन". मूल से 24 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अप्रैल 2011.
- ↑ "तहलका - दी पीपुल्स पेपर". मूल से 11 सितंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अप्रैल 2011.