अमृतलाल नागर
अमृतलाल नागर | |
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जन्म |
17 अगस्त 1916[1][2] आगरा[3] |
मौत |
23 फ़रवरी 1990[1] लखनऊ |
नागरिकता | ब्रिटिश राज, भारत |
शिक्षा | भारतेन्दु नाट्य अकादमी |
पेशा | लेखक, उपन्यासकार |
प्रसिद्धि का कारण | अमृत और विष |
पुरस्कार | साहित्य अकादमी पुरस्कार,[4][5] पद्म भूषण[6] |
अमृतलाल नागर (17 अगस्त, 1916 - 23 फरवरी, 1990) हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार थे। उन्हें भारत सरकार द्वारा १९८१ में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
जीवनी
[संपादित करें]अमृत लाल नागर का जन्म 17 अगस्त 1916 ई. को गोकुलपुरा, आगरा (उत्तर प्रदेश) में गुजराती नागर ब्राह्मण परिवार में हुआ। श्रीअमृत लाल नागर के पिता का नाम राजाराम नागर था। आपके पितामह शिवराम नागर 1895 से लखनऊ आकर बस गए थे। आपकी पढ़ाई हाईस्कूल तक ही हुई। फिर स्वाध्याय द्वारा साहित्य, इतिहास, पुराण, पुरातत्व व समाजशास्त्र का अध्ययन किया। बाद में हिन्दी, गुजराती, मराठी, बंगला, अंग्रेजी पर अधिकार। पहले नौकरी, फिर स्वतंत्र लेखन, फिल्म लेखन का खासा काम किया। 'चकल्लस' का संपादन भी किया। आकाशवाणी, लखनऊ में ड्रामा प्रोड्यूसर भी रहे।
1932 में निरंतर लेखन किया। शुरुआत में मेघराज इंद्र के नाम से कविताएं लिखीं। 'तस्लीम लखनवी' नाम से व्यंग्यपूर्ण स्केच व निबंध लिखे तो कहानियों के लिए अमृतलाल नागर मूल नाम रखा। अमृत के भाषा सहज, सरल दृश्य के अनुकूल है। मुहावरों, लोकोक्तियों, विदेशी तथा देशज शब्दों का प्रयोग आवश्यकतानुसार किया गया है। भावात्मक, वर्णनात्मक, शब्द चित्रात्मक शैली का प्रयोग इनकी रचनाओं में हुआ है।
रचनाएँ
[संपादित करें]उपन्यास : महाकाल (1947) (1970 से ‘भूख’ शीर्षक प्रकाशित), सेठ बांकेलाल (1955), बूँद और समुद्र (1956), शतरंज के मोहरे (1959), सुहाग के नुपूर (1960)(यह तमिल महाकाव्य 'सिलप्पदिकारम:दुःख की लड़ी' के आधार पर लिखा माना जाता है।)[7], अमृत और विष (1966), सात घूँघट वाला मुखड़ा (1968), एकदा नैमिषारण्ये (1972), मानस का हंस (1973), नाच्यौ बहुत गोपाल (1978), खंजन नयन (1981), बिखरे तिनके (1982), अग्निगर्भा (1983), करवट (1985), पीढ़ियाँ (1990)।
कहानी संग्रह : वाटिका (1935), अवशेष (1937), तुलाराम शास्त्री (1941), आदमी, नही! नही! (1947), पाँचवा दस्ता (1948), एक दिल हजार दास्ताँ (1955), एटम बम (1956), पीपल की परी (1963), कालदंड की चोरी (1963), मेरी प्रिय कहानियाँ (1970), पाँचवा दस्ता और सात कहानियाँ (1970), भारत पुत्र नौरंगीलाल (1972), सिकंदर हार गया (1982), एक दिल हजार अफसाने (1986 - लगभग सभी कहानियों का संकलन)।
नाटक : युगावतार (1956), बात की बात (1974), चंदन वन (1974), चक्कसरदार सीढ़ियाँ और अँधेरा (1977), उतार चढ़ाव (1977), नुक्कड़ पर (1981), चढ़त न दूजो रंग (1982)।
व्यंग्य : नवाबी मसनद (1939), सेठ बाँकेमल (1944), कृपया दाएँ चलिए (1973), हम फिदाये लखनऊ (1973), मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ (1985), चकल्लस (1986) : उपलब्ध स्फुट हास्यँ-व्यंग्य रचनाओं का संकलन।
अन्य कृतियाँ : गदर के फूल (1957 - 1857 की इतिहास-प्रसिद्ध क्रांति के संबंध में महत्त्वपूर्ण सर्वेक्षण), ये कोठेवालियाँ (1960 - वेश्याओं की समस्या पर एक मौलिक एवं अनूठा सामाजिक सर्वेक्षण), जिनके साथ जिया (1973 - साहित्यकारों के संस्मरण), चैतन्य महाप्रभु (1978 - आत्म परक लेखों का संकलन), टुकड़े-टुकड़े दास्तान (1986 - आत्मोपरक लेखों का संकलन), साहित्यत और संस्कृति (1986 - साहित्यिक एवं ललित निबंधों का संकलन), अमृत मंथन (1991 - अमृतलाल नागर के साक्षात्कार (संपादक : डॉ॰ शरद नागर एवं डॉ॰ आनंद प्रकाश त्रिपाठी), अमृतलाल नागर रचनावली (संपादक : डॉ॰ शरद नागर, 12 खंडों में, 1992), फिल्मरक्षेत्रे रंगक्षेत्रे (2003 - नागरजी के फिल्मी, रंगमंच तथा रेडियो नाटक संबंधी लेखों का संकलन), अत्र कुशलं तत्रास्तु (2004 - नागरजी एवं रामविलास शर्मा के व्यक्तिगत पत्राचार का संग्रह)।
बाल साहित्य: नटखट चाची (1941), निंदिया आजा (1950), बजरंगी नौरंगी (1969), बजरंगी पहलवान (1969), बाल महाभारत (1971), इतिहास झरोखे (1970), बजरंग स्मडगलरों के फंदे में (1972), हमारे युग निर्माता (1982), छ: युग निर्माता (1982), अक्ल बड़ी या भैंस (1982), आओ बच्चोंं नाटक लिखें (1988), सतखंडी हवेली का मालिक (1990), फूलों की घाटी (1997), बाल दिवस की रेल (1997), सात भाई चंपा (1998), इकलौता लाल (2001), साझा (2001), सोमू का जन्म-दिन (2001), शांति निकेतन के संत का बचपन (2001), त्रिलोक विजय (2001)।
अनुवाद : बिसाती (1935 - मोपासाँ की कहानियाँ), प्रेम की प्याकस (1937 - गुस्तामव फ्लाबेर के उपन्यास ‘मादाम बोवरी’ का संक्षिप्त भावानुवाद), काला पुरोहित (1939 - एंटन चेखव की कहानियाँ), आँखों देखा गदर (1948 - विष्णु भट्ट गोडसे की मराठी पुस्ताक ‘माझा प्रवास’ का अनुवाद), 5. दो फक्कड़ (1955 - कन्हैकयालाल माणिकलाल मुन्शी के तीन गुजराती नाटक), सारस्वत (1956 - मामा वरेरकर के मराठी नाटक का अनुवाद)।
संपादन : सुनीति (1934), सिनेमा समाचार (1935-36), अल्ला कह दे (20 दिसंबर, 1937 से 3 जनवरी 1938, साप्ता्हिक), चकल्लस (फरवरी, 1938 से 3 अक्टूबर, 1938, साप्ताहिक), नया साहित्य (1945), सनीचर (1949), प्रसाद (1953-54) मासिक पत्रों का संपादन किया।।
संस्मरण : 'गदर के फूल', 'ये कोठेवालियां', 'जिनके साथ जिया।'
अन्य : मोपासां, चेखव, लाबेयर, के. एम. मुंशी, मामा वरेरकर की रचनाओं के अनुवाद व विपुल बाल-साहित्य। नाटक, रेडियो नाटक व फीचर भी अनेक। 1940 से 1947 तक फिल्म सेनेरियो का लेखन कार्य किया। 1953 से 1956 तक आकाशवाणी लखनऊ में ड्रामा प्रोड्यूसर रहे।
पुरस्कार
[संपादित करें]- ‘बूँद और समुद्र’ पर काशी नागरी प्रचारिणी सभा का विक्रम संवत 2015 से 2018 तक का बटुक प्रसाद पुरस्का्र एवं सुधाकर पदक,
- ‘सुहाग के नूपुर’ पर उत्तर प्रदेश शासन का वर्ष 1962-63 का प्रेमचंद पुरस्कार,
- ‘अमृत और विष’ पर वर्ष 1967 का साहित्य अकादेमी पुरस्काकर,
- ‘अमृत और विष’ पर वर्ष 1970 का सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार,
- ‘मानस का हंस’ पर मध्य प्रदेश शासन साहित्य परिषद का वर्ष 1972 का अखिल भारतीय वीरसिंह देव पुरस्कार,
- ‘मानस का हंस’ पर उत्तर प्रदेश शासन का वर्ष 1973-74 का राज्य साहित्यिक पुरस्कार,
- हिंदी रंगमंच की विशिष्ट सेवा हेतु सन 1970-71 का उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्काार,
- ‘खंजन नयन’ पर भारतीय भाषा, कलकत्ता (कोलकाता) का वर्ष 1984 का नथमल भुवालका पुरस्कार,
- वर्ष 1985 का उ॰प्र॰ हिंदी संस्थान का सर्वोच्च भारत भारती सम्मान (22 दिसंबर, 1989 को प्रदत्त),
- हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग द्वारा 'साहित्य वाचस्पति' उपाधि से विभूषित।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ https://catalogue.bnf.fr/ark:/12148/cb13177871m. अभिगमन तिथि 10 अक्टूबर 2015. गायब अथवा खाली
|title=
(मदद) - ↑ "Amritlal Nagar (Author of मानस का हंस) - Goodreads". अभिगमन तिथि 2 मार्च 2018.
- ↑ फ्रीबेस डेटा डंप, गूगल, Wikidata Q15241312
- ↑ https://harpercollins.co.in/author-details/amritlal-nagar/. अभिगमन तिथि 2 मार्च 2018. गायब अथवा खाली
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(मदद) - ↑ http://sahitya-akademi.gov.in/awards/akademi%20samman_suchi.jsp#KASHMIRI. अभिगमन तिथि 7 मार्च 2019. गायब अथवा खाली
|title=
(मदद) - ↑ "Founder Chair Person". अभिगमन तिथि 2 मार्च 2018.
- ↑ वर्मा, विमलेश कान्ति, संपा॰ (2015). भाषा, साहित्य और संस्कृति. नई दिल्ली: ओरियंट ब्लैकस्वॉन प्राइवेट लिमिटेड. पृ॰ 141.
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- मानस का हंस : हिन्दी साहित्य की बेजोड़ निधि (दैनिक ट्रिब्यून)
- किस्सागोई के माहिर रचनाकार थे अमृतलाल नागर
- प्रायश्चित (अमृतलाल नागर की कहानी)
- मेरी कहानियाँ (अमृतलाल नागर)
- अमृतलाल नागर : ग्रामीण इतिहास का राष्ट्रवादी संदर्भ ( देवेंद्र चौबे)
- हिंदी और मध्यम वर्ग का विकास (अमृतलाल नागर ; वर्ष १९६२ में लिखित)