स्वामी विवेकानंद अंतर्राज्यीय बस अड्डा
स्वामी विवेकानंद अन्तर्राज्यीय बस अड्डा | |
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सामान्य जानकारी | |
स्थान | आनंद विहार, दिल्ली, ११००९२ भारत |
निर्देशांक | 28°38′50″N 77°18′58″E / 28.64722°N 77.31611°Eनिर्देशांक: 28°38′50″N 77°18′58″E / 28.64722°N 77.31611°E |
स्वामित्व | दिल्ली सरकार |
संचालक | परिवहन विभाग, दिल्ली सरकार |
बस स्टैंड | १४० |
बस संचालक |
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कनेक्शन | |
निर्माण | |
संरचना प्रकार | भूतल पर |
पार्किंग | हाँ |
साइकिल सुविधाएँ | नहीं |
सुलभ | हाँ |
इतिहास | |
प्रारंभ | १९९६ |
स्वामी विवेकानंद अन्तर्राज्यीय बस अड्डा, जिसे आनंद विहार आईएसबीटी भी कहा जाता है, दिल्ली में स्थित तीन अन्तर्राज्यीय बस अड्डों में से एक है। स्वामी विवेकानंद अन्तर्राज्यीय बस अड्डे का निर्माण १९९३ में शुरू हुआ, और मार्च १९९६ से यह पूरी तरह कार्यात्मक हो गया था। बस अड्डा लगभग २५ एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के लिए बस सेवाएं आनंद विहार से ही संचालित की जाती हैं।
स्थिति
[संपादित करें]आनंद विहार क्षेत्र में स्थित यह बस अड्डा पूर्वी दिल्ली के चौधरी चरण सिंह मार्ग पर है। बस अड्डा परिसर आनंद विहार टर्मिनल रेलवे स्टेशन और आनंद विहार मेट्रो स्टेशन से संलग्न है।
इतिहास
[संपादित करें]दिल्ली में यातायात का सबसे लोकप्रिय साधन बसें ही हैं। १९७६ में खुला कश्मीरी गेट आईएसबीटी दिल्ली का सबसे पुराना बस अड्डा है। १९९३ तक यह दिल्ली का एकमात्र आईएसबीटी था, लेकिन इसके बाद इसे दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था। कश्मीरी गेट आईएसबीटी में अव्यवस्था को कम करने के लिए, दो नए आईएसबीटी सराय काले खान और आनंद विहार में बनाए गए। आनंद विहार आईएसबीटी, ट्रांस-यमुना क्षेत्र में स्थित है, और मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के साथ साथ ही दिल्ली के पूर्वी भाग के यातायात पर भी केंद्रित है।
सेवाएं
[संपादित करें]आनंद विहार आईएसबीटी से १४००-१५०० बसें प्रति-दिन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड तक चलती हैं। इसके अतिरिक्त लगभग १८००-२००० स्थानीय डीटीसी और क्लस्टर बसें भी हर दिन काम करती हैं। १९९३ में निर्मित, अंतरराज्यीय बस अड्डा क्षेत्र के सबसे व्यस्त परिवहन केंद्रों में से एक है। आईएसबीटी का दिन-प्रतिदिन कामकाज एक सामान्य प्रबंधक के नियंत्रण में होता है, जो उप महाप्रबंधक, लेखा अधिकारी, कार्यकारी अभियंता और इंजीनियरिंग, वित्तीय और प्रशासनिक सहित अन्य कर्मचारियों द्वारा अधीनस्थ होते हैं। इसके अलावा एक एस्टेट मैनेजर को भी आईएसबीटी के कामकाज देखने के लिए तैनात किया जाता है।
पुनर्विकास
[संपादित करें]२०१३ में कश्मीरी गेट आईएसबीटी के नवीकरण के बाद, आईएसबीटी आनंद विहार के पुनर्विकास के भी कई योजनाऐं बनी। दिल्ली विकास प्राधिकरण ने २०१२ में नवीकरण के संबंध में दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डिम्टस) की ओर से दिल्ली शहरी कला आयोग को एक प्रस्ताव भेजा। आईएसबीटी को डिम्टस द्वारा २०० करोड़ रुपये की अनुमानित लागत में ९.२ हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया जाना था। परियोजना शुरू होने के बाद २० महीनों में ही पूरा होने की संभावना थी।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- "बस अड्डे से चलने वाली बसों की समय सारणी". delhi.gov.in (अंग्रेज़ी में). मूल से 25 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 सितम्बर 2017.
सन्दर्भ
[संपादित करें]- "Swami Vivekanand : Anand Vihar". www.delhi.gov.in (अंग्रेज़ी में). मूल से 18 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २३ सितम्बर २०१७.
- सूफी, मयंक ऑस्टेन (१० मई २०१३). "Photo Essay | When buses will fly". livemint.com (अंग्रेज़ी में). मूल से 25 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २३ सितम्बर २०१७.
- बनर्जी, रुमु (१४ जून २०१३). "In terminal state, Anand Vihar ISBT commuters' pain" (अंग्रेज़ी में). द टाइम्स ऑफ़ इंडिया. टी.एन.एन. मूल से 29 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २३ सितम्बर २०१७.jug
- "Now a new company for managing ISBTs". द हिन्दू (अंग्रेज़ी में). द हिन्दू. 14 June 2010. अभिगमन तिथि 28 September 2016.jug
- "Anand Vihar bus terminal all set for facelift" (अंग्रेज़ी में). दक्कन हेराल्ड. DHNS. ४ अप्रैल २०१२. मूल से 26 जून 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २३ सितम्बर २०१७.jug
- "Revamp of ISBT, Anand Vihar gets green signal from Delhi Urban Arts Commission | NetIndian". netindian.in (अंग्रेज़ी में). नेटइंडियन. नेटइंडियन न्यूज़ नेटवर्क. २३ मार्च २०१२. मूल से 24 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २३ सितम्बर २०१७.jug