वेध
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यह हिन्दू समय मापन इकाई है। यह इकाई अति लघु श्रेणी की है।
- एक तॄसरेणु = 6 ब्रह्माण्डीय अणु.
- एक त्रुटि = 3 तॄसरेणु, या सैकिण्ड का 1/1687.5 भाग
- एक वेध =100 त्रुटि.
- एक लावा = 3 वेध.[1]
- एक निमेष = 3 लावा, या पलक झपकना
- एक क्षण = 3 निमेष.
- एक काष्ठा = 5 क्षण, = 8 सैकिण्ड
- एक लघु =15 काष्ठा, = 2 मिनट.[2]
- 15 लघु = एक नाड़ी, जिसे दण्ड भी कहते हैं। इसका मान उस समय के बराबर होता है, जिसमें कि छः पल भार के (चौदह आउन्स) के ताम्र पात्र से जल पूर्ण रूप से निकल जाये, जबकि उस पात्र में चार मासे की चार अंगुल लम्बी सूईं से छिद्र किया गया हो। ऐसा पात्र समय आकलन हेतु बनाया जाता है।
- 2 दण्ड = एक मुहूर्त.
- 6 या 7 मुहूर्त = एक याम, या एक चौथाई दिन या रत्रि.[3]
- 4 याम या प्रहर = एक दिन या रात्रि. https://web.archive.org/web/20100721112026/http://vedabase.net/sb/3/11/10/en1]
ऊष्ण कटिबन्धीय मापन
[संपादित करें]- एक याम = 7½ घटि
- 8 याम अर्ध दिवस = दिन या रात्रि
- एक अहोरात्र = नाक्षत्रीय दिवस (जो कि सूर्योदय से आरम्भ होता है)
- एक तिथि वह समय होता है, जिसमें सूर्य और चंद्र के बीच का देशांतरीय कोण बारह अंश बढ़ जाता है। तुथियां दिन में किसी भी समय आरम्भ हो सकती हैं और इनकी अवधि उन्नीस से छब्बीस घंटे तक हो सकती है।
- एक पक्ष या पखवाड़ा = पंद्रह तिथियां
- एक मास = २ पक्ष (पूर्णिमा से अमावस्या तक कॄष्ण पक्ष; और अमावस्या से पूर्णिमा तक शुक्ल पक्ष)[4]
- एक ॠतु = २ मास
- एक अयन = 3 ॠतुएं
- एक वर्ष = 2 अयन [5]