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15 नवम्बर 2023

8 नवम्बर 2023

5 नवम्बर 2023

4 नवम्बर 2023

25 अक्टूबर 2023

15 अक्टूबर 2023

  • 00:3700:37, 15 अक्टूबर 2023 अन्तर इतिहास +1,366 छो शाण्डिल्यमहाराजा अग्रसेन जी ने अपने राज्य को 18 गणराज्यो में विभाजित कर एक विशाल राज्य का निर्माण किया था, जो इनके नाम पर अग्रेय गणराज्य कहलाया। महर्षि गर्ग ने महाराजा अग्रसेन को 18 गणाधिपतियों के साथ 18 यज्ञ करने का संकल्प करवाया। यज्ञों में बैठे इन 18 गणाधिपतियों के नाम पर ही अग्रवंश के साढ़े सत्रह गोत्रो (अग्रवाल समाज) की स्थापना हुई। प्रथम यज्ञ के पुरोहित स्वयं गर्ग ॠषि बने, सबसे बड़े राजकुमार विभु को दीक्षित कर उन्हें गर्ग गोत्र से मंत्रित किया। इसी प्रकार छठा यज्ञ शांडिल्य ॠषि ने करवाया और छठे गणाध टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन

28 सितंबर 2023

27 सितंबर 2023

17 सितंबर 2023

17 मई 2023

  • 00:2000:20, 17 मई 2023 अन्तर इतिहास +1,420 छो पृथ्वीराज चौहानधरती के महान शासक पृथ्वीराज चौहान का जन्म ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी, विक्रम संवत् १२०६ (11 जून 1149) को हुआ था। पृथ्वीराज अजमेर के महाराज सोमेश्र्वर और कपूरी देवी की संतान थे। पृथ्वीराज का जन्म उनके माता पिता के विवाह के 12 वर्षो के पश्चात हुआ। यह राज्य मे खलबली का कारण बन गया और राज्य मे उनकी मृत्यु को लेकर जन्म समय से ही षड्यंत्र रचे जाने लगे, परंतु वे बचते चले गए। परंतु मात्र 11 वर्ष की आयु मे पृथ्वीराज के सिर से पिता का साया उठ गया था, उसके बाद भी उन्होने अपने दायित्व अच्छी तरह से निभाए और लगाता टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन
  • 00:1700:17, 17 मई 2023 अन्तर इतिहास +122 छो पृथ्वीराज चौहानजन्म ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी, विक्रम संवत् १२०६ टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन

14 मई 2023

  • 08:2608:26, 14 मई 2023 अन्तर इतिहास +1,885 छो सम्भाजीशिवाजी के पुत्र के रूप में विख्यात संभाजी महाराज का जीवन भी अपने पिता छत्रपति शिवाजी महाराज के समान ही देश और हिंदुत्व को समर्पित रहा। सम्भाजी ने अपने बाल्यपन से ही राज्य की राजनीतिक समस्याओं का निवारण किया था और इन दिनों में मिले संघर्ष के साथ शिक्षा-दीक्षा के कारण ही बाल शम्भुजी राजे कालान्तर में वीर संभाजी राजे बन सके थे। छत्रपति संभाजी महाराज का जन्म ज्येष्ठ शुक्ल द्वादशी, विक्रम संवत् १७१४ को पुरंदर किले में हुआ था लेकिन संभाजी के 2 वर्ष के होने तक उनकी माता सईबाई का देहांत हो गया था, इसलि टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन

5 मई 2023

4 मई 2023

  • 00:4600:46, 4 मई 2023 अन्तर इतिहास +414 छो नरसिंहपुराणों के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर धर्म की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने नरसिंह के रूप में अवतार लिया था और हिरण्यकश्यप का वध किया था‌। टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन

28 अप्रैल 2023

11 अप्रैल 2023

21 अप्रैल 2022

16 जनवरी 2022

  • 16:1916:19, 16 जनवरी 2022 अन्तर इतिहास +3 छो हेमचन्द्र विक्रमादित्यNo edit summary टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 16:1716:17, 16 जनवरी 2022 अन्तर इतिहास +682 छो हेमचन्द्र विक्रमादित्यहेमचन्द्र विक्रमादित्य मध्यकाल के वैश्यों में ऐसे प्रतापी व्यक्ति थे जिनका मुकाबला राजपूत योद्धा भी नहीं कर सकते थे। उन्हें गुप्तचरों द्वारा मुगल सेना के दिल्ली की ओर बढ़ने की सूचना मिली। हेमचन्द्र विक्रमादित्य ने मुगलों को पानीपत के मैदान में ही रोक लेने का निर्णय लिया। पानीपत के मैदान पर 5 नवंबर 1556 को महाराजा हेमचन्द्र विक्रमादित्य व मुगल बादशाह अकबर के बीच घमासान युद्ध हुआ। वैश्य रत्न महाराजा हेमचन्द्र विक्रमादित्य ने हाथी पर बैठकर इस युद्ध का नेतृत्व किया। टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

7 अगस्त 2021

23 जून 2021

  • 10:4610:46, 23 जून 2021 अन्तर इतिहास −3 श्यामाप्रसाद मुखर्जी→‎मृत्यु: मृत्यु टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 10:4610:46, 23 जून 2021 अन्तर इतिहास +1,271 साँचा:मृत्युडॉ॰ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। संसद में अपने भाषण में डॉ॰ मुखर्जी ने धारा-370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की... अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने तात्कालिन नेहरू सरकार को चुनौती दी तथा अपने दृढ़ निश्चय पर अटल रहे। अपने संकल्प को पूरा करने के लिये वो 1953 में बिना परमिट लिए जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े... वहाँ पहुँचते ही उन्हें गिरफ्तार कर नज़रबन्द कर लिया गया। 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्य ह... वर्तमान टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 10:4510:45, 23 जून 2021 अन्तर इतिहास −15 श्यामाप्रसाद मुखर्जी→‎सन्दर्भ: डॉ॰ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। संसद में अपने भाषण में डॉ॰ मुखर्जी ने धारा-370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की... अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने तात्कालिन नेहरू सरकार को चुनौती दी तथा अपने दृढ़ निश्चय पर अटल रहे। अपने संकल्प को पूरा करने के लिये वो 1953 में बिना परमिट लिए जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े... वहाँ पहुँचते ही उन्हें गिरफ्तार कर नज़रबन्द कर लिया गया। 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में... टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

24 मार्च 2021

  • 00:0000:00, 24 मार्च 2021 अन्तर इतिहास +4,708 रेडियोसक्रियता→‎इतिहास: भारत के ऋषि-मुनियों को रेडियो सक्रियता का ज्ञान हजारों साल पहले भी था। शिवलिंग एक Radioactive Cource Container भारत का रेडियो एक्टिविटी मैप उठा लें, हैरान हो जायेंगे... भारत सरकार के न्युक्लियर रिएक्टर के अलावा सभी ज्योतिर्लिंगों के स्थानों पर सबसे ज्यादा रेडिएशन पाया जाता है। ▪️ शिवलिंग एक Radioactive Cource Container है। जाग्रत शिवलिंग Live source का Container है, बाकी सब प्रतीक हैं। चूंकि Source गर्म हो जाता है, इसलिये इस पर लगातार जल की बूंदे डाली जाती हैं। ▪️शिवालय में शिवलि... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

18 जनवरी 2021

  • 06:2706:27, 18 जनवरी 2021 अन्तर इतिहास −23 जन गण मन→‎बंगाली और देवनागरी लिप्यन्तरण के साथ: जन-गण-मन अधिनायक जय हे भारत भाग्‍य विधाता । पंजाब-सिंधु-गुजरात-मराठा द्राविड़-उत्‍कल-बंग विंध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्‍छल जलधि तरंग तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मांगे गाहे तव जय-गाथा । जन-गण-मंगलदायक जय हे भारत भाग्‍य विधाता । जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे । टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

15 जनवरी 2021

  • 11:3211:32, 15 जनवरी 2021 अन्तर इतिहास +2,566 थाईलैण्डबैंकॉक स्थित शिव मंदिर, दुर्गा मंदिर विष्णु मंदिर वगैरह का निर्माण हिन्दुओं के साथ-साथ यहां के बौद्धों ने भी करवाया है। ये वास्तव में कमाल है। जहां तक हिंदू मंदिरों की बात है तो इन्हें यहां पर दशकों से बस गए भारत वंशियों ने बनवाया है। कुछ मंदिर निजी प्रयासों से भी बने हैं। थाईलैंड में तमिल और उत्तर भारत के भारतवंशी हैं। इसलिए मंदिर पर दक्षिण और उत्तर भारत के मंदिरों की तरह से बने हुए हैं। बैंकॉक के प्रमुख रथचेप्रयोंग चौराहे पर ब्रह्मा जी के मंदिर में लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां देखने लायक हैं।... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 11:2911:29, 15 जनवरी 2021 अन्तर इतिहास +5,534 थाईलैण्डअब प्रश्न उठता है कि जिस देश का सरकारी धर्म बौद्ध हो वहां पर हिंदू धर्म का प्रतीक क्यों है? इसका उत्तर ये है कि चूंकि थाईलैंड मूल रूप से हिंदू धर्म था, इसलिए उसे इस में कोई विरोधाभास नजर नजर नहीं आता कि वहां पर हिंदू धर्म का प्रतीक राष्ट्रीय चिन्ह हो। एक सामान्य थाई गर्व से कहता है कि उसके पूर्वज हिंदू थे और उसके लिए हिंदू धर्म भी आदरणीय है। आपको थाईलैंड एक के बाद एक आश्चर्य देता है। वहां का राष्ट्रीय ग्रंथ रामायण है। वैसे थाईलैंड में थेरावाद बौद्ध के मानने वाले बहुमत में हैं, फिर भी वहां का... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 11:2211:22, 15 जनवरी 2021 अन्तर इतिहास +2,401 थाईलैण्डहिंदू धर्म का थाईलैंड के राज परिवार पर सदियों से गहरा प्रभाव रहा है। माना यह जाता है कि थाईलैंड के राजा भगवान विष्णु के अवतार हैं। इसी भावना का सम्मान करते हुए थाईलैंड का राष्ट्रीय प्रतीक गरुड़ है। थाईलैंड में राजा को राम कहा जाता है। राज परिवार अयोध्या नामक शहर में रहता है। ये स्थान बैंकॉक से कोई 50-60 किलोमीटर दूर होगा। यहां पर बौद्ध मंदिरों की भी भरमार है जिनमें भगवान बुद्ध की विभिन्न मुद्राओं में मूर्तियां स्थापित हैं। क्या ये कम हैरानी की बात है कि बौद्ध होने के बावजूद थाईलैंड के लोग अप... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

14 जनवरी 2021

  • 10:2710:27, 14 जनवरी 2021 अन्तर इतिहास +8,680 चातकजनश्रुति के अनुसार चातक पक्षी स्वाती नक्षत्र में बरसने वाले जल को बिना पृथ्वी में गिरे ही ग्रहण करता है, इसलिए उसकी प्रतीक्षा में आसमान की ओर टकटकी लगाए रहता है। वह प्यासा रह जाता है। लेकिन ताल तलैया का जल ग्रहण नहीं करता। उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में चातक पक्षी को चोली कहा जाता है। जिसके बोर में लोक विश्वास है कि यह एकटक आसमान की ओर देखते हुए उससे विनती करता है कि ‘सरग दिदा पाणी दे पाणी दे’ अर्थात आसमान भाई पानी दे पानी दे। चोली के जन्म के विषय में गढ़वाल क्षेत्र में एक रोचक कथा प्रचलित... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
  • 10:1910:19, 14 जनवरी 2021 अन्तर इतिहास +718 चातक"एक एव खगो मानी चिरंजीवतु चातकम्। म्रियते वा पिपासार्ताे याचते वा पुरंदरम्।।" अर्थात "चातक ही एक ऐसा स्वाभिमानी पक्षी है, जो भले प्यासा हो या मरने वाला हो, तब भी वह इन्द्र से ही याचना करता है। किसी अन्य से नहीं अर्थात केवल वर्षा का जल ही ग्रहण करता हैं, किसी अन्य स्रोत का नहीं।" टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन

27 सितंबर 2018

9 सितंबर 2018

27 फ़रवरी 2018

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