"फ़ारसी भाषा": अवतरणों में अंतर

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09:23, 17 जनवरी 2011 का अवतरण

पारसी
فارسی
Fārsi (local name for Persian) in Perso-Arabic script (Nasta‘liq style)
उच्चारण [farˈsi]
बोली जाती है ईरान, अफ़ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, और बहरीन. Also in various Iranian, Afghan, Uzbekistani, and Tajikistani diaspora communities in the USA, Pakistan, Russia, Germany, Canada, Turkmenistan, France, Spain, Sweden, UAE, Kuwait, Bahrain, Qatar, India, Israel, Brazil and Turkey.
क्षेत्र Middle East, Central Asia
कुल बोलने वाले ca. 56,000,000 मातृभाषा (2006 का अनुमान)
भाषा परिवार
आधिकारिक स्तर
आधिकारिक भाषा घोषित None
नियामक Academy of Persian Language and Literature
Academy of Sciences of Afghanistan
भाषा कूट
ISO 639-1 fa
ISO 639-2 per (B)  fas (T)
ISO 639-3 variously:
fas – Persian
prs – Eastern Persian
pes – Western Persian
tgk – Tajik
aiq – Aimaq
bhh – Bukharic
deh – Dehwari
drw – Darwazi
haz – Hazaragi
jpr – Dzhidi
phv – Pahlavani

फ़ारसी को मातृभाषा के रूप में प्रयोग करने वाले क्षेत्र

फ़ारसी (فارسی), एक भाषा है जो ईरान, ताज़िकिस्तान, अफ़गानिस्तान और उज़बेकिस्तान में बोली जाती है । यह तीन देशों की राजभाषा है और इसे 7.5 करोड़ लोग इस्तेमाल करते हैं। भाषाई परिवार के लिहाज से यह हिन्द यूरोपीय परिवार की हिन्द ईरानी (इंडो ईरानियन) शाखा की ईरानी उपशाखा का सदस्य है और इसमें क्रियापद वाक्य के अंत में आता है। फ़ारसी संस्कृत से क़ाफ़ी मिलती-जुलती है, और उर्दू (और हिन्दी) में इसके कई शब्द प्रयुक्त होते हैं ।ये फ़ार्सी-अरबी लिपि में लिखी जाती है ।

अंग्रेज़ों के आगमन से पहले भारतीय उपमहाद्वीप में फ़ारसी भाषा का प्रयोग दरबारी कामों तथा लेखन की भाषा के रूप में होता है । दरबार में प्रयुक्त होने के कारण ही अफ़गानिस्तान में इस दारी कहा जाता है ।

वर्गीकरण

इसे भारोपीय भाषा परिवार के हिन्द-एरानी (हिन्द-ईरानी) शाखा के पश्चिमी विभाग में वर्गीकृत किया जाता है ।

नाम

भारत में इसे फ़ारसी कहा जाता है । इसका मूल नाम पारसी है पर अरब लोग, जिन्होंने फ़ारस पर सातवीं सदी के अंत तक अधिकार कर लिया था, की वर्णमाला में प का शब्द नहीं होता है । इस कारण से वे इसे फ़ारसी कहते थे और यही नाम भारत में भी प्रयुक्त होता है । यूनानी लोग फार्स को पर्सिया (पुरानी ग्रीक में पर्सिस, Πέρσις) कहते थे । जिसके कारण यहाँ की भाषा पर्सियन (Persian) कहलाई । यही नाम अंग्रेज़ी सहित अन्य यूरोपीय भाषाओं में प्रयुक्त होता है ।

स्थानीय भाषा और बोलियाँ

  • फारसी को ताजिकिस्तान में ताजिक कहा जाता है और सीरिलिक लिपि में लिखा जाता है ।
  • अफ़गानिस्तान में इसे दारी (दरबार मे प्रयुक्त होने वाली भाषा ) कहते हैं ।

बोलियाँ

लूरी - लूरिस्तान की फ़ारसी
तात
बुख़ारी
झ़ीदि (इसरायल)

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ