"भारत रत्न": अवतरणों में अंतर
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'''भारत रत्न''' [[भारत]] का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन |
'''भारत रत्न''' [[भारत]] का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान या सार्वजनिक सेवा शामिल है। इस सम्मान की स्थापना [[२ जनवरी]] [[१९५४]] में तत भारत के [[राष्ट्रपति]] श्री [[राजेंद्र प्रसाद]] द्वारा की गई थी। इससे सम्मानित व्यक्ति नाम के आगे कोई पदवी नही लगाते। शु्रुआत मे इसमे मरणोपरांत देने का प्रावधान नही था (शायद इसलिए महात्मा गांधी को यह सम्मान कभी नही दिया गया), यह प्रावधान [[१९५५]] मे बाद मे जोड़ा गया। बाद में यह १० व्यक्तियों को मरणोपरांत प्रदान किया गया। |
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अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में [[पद्मश्री]], [[पद्म विभूषण]] और [[पद्म भूषण]] का नाम लिया जा सकता है । |
अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में [[पद्मश्री]], [[पद्म विभूषण]] और [[पद्म भूषण]] का नाम लिया जा सकता है । |
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==पदक== |
==पदक== |
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मूल रूप |
मूल रूप में इस सम्मान के पदक का डिजाइन ३५ मिमि गोलाकार स्वर्ण मैडल था। जिसमें सामने सूर्य बना था, ऊपर हिन्दी मे भारत रत्न लिखा था, और नीचे पुष्प हार था। और पीछे की तरफ़ राष्ट्रीय चिह्न और मोटो था। फिर इस पदक के डिज़ाइन को बदल कर तांबे के बने पीपल के पत्ते पर [[प्लेटिनम]] का चमकता सूर्य बना दिया गया। जिसके नीचे चाँदी में लिखा रहता है "भारत रत्न", और यह सफ़ेद फीते से गले पर पहना जाता है। |
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== सम्मानित व्यक्तित्व == |
== सम्मानित व्यक्तित्व == |
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|सर डॉ. [[मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या]] |
|सर डॉ. [[मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या]] |
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|([[१५ सितंबर]], [[१८६०]] - [[१२ अप्रैल]], [[१९६२]]) |
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|पं. [[जवाहर लाल नेहरु]] |
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|[[गोविंद वल्लभ पंत]] |
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|डॉ. [[धोंडो केशव कर्वे]] |
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|[[मदर टेरेसा]] |
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|आचार्य [[विनोबा भावे]] |
|आचार्य [[विनोबा भावे]] |
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|[[खान अब्दुल गफ्फार खान]] |
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|[[मरुदुर गोपाला रामचन्द्रन | एम जी आर]] |
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|[[एम एस सुब्बुलक्ष्मी]] |
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|[[गोपीनाथ बोरदोलोई]] |
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20:24, 25 जनवरी 2009 का अवतरण
भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान या सार्वजनिक सेवा शामिल है। इस सम्मान की स्थापना २ जनवरी १९५४ में तत भारत के राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। इससे सम्मानित व्यक्ति नाम के आगे कोई पदवी नही लगाते। शु्रुआत मे इसमे मरणोपरांत देने का प्रावधान नही था (शायद इसलिए महात्मा गांधी को यह सम्मान कभी नही दिया गया), यह प्रावधान १९५५ मे बाद मे जोड़ा गया। बाद में यह १० व्यक्तियों को मरणोपरांत प्रदान किया गया।
अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में पद्मश्री, पद्म विभूषण और पद्म भूषण का नाम लिया जा सकता है ।
पदक
मूल रूप में इस सम्मान के पदक का डिजाइन ३५ मिमि गोलाकार स्वर्ण मैडल था। जिसमें सामने सूर्य बना था, ऊपर हिन्दी मे भारत रत्न लिखा था, और नीचे पुष्प हार था। और पीछे की तरफ़ राष्ट्रीय चिह्न और मोटो था। फिर इस पदक के डिज़ाइन को बदल कर तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया। जिसके नीचे चाँदी में लिखा रहता है "भारत रत्न", और यह सफ़ेद फीते से गले पर पहना जाता है।