"हिण्डौन तहसील": अवतरणों में अंतर

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===नक्कश की देवी - गोमती धाम===
===नक्कश की देवी - गोमती धाम===
[[Nakkash Ki Devi - Gomti Dham|नक्कश की देवी - गोमती धाम]] को हिण्डौन सिटी का हृदय कहा जाता है। यह हिण्डौन सिटी के मध्य में स्थित है। यह माता दुर्गा के एक रूप नक्कश की देवी का मंदिर है। कहा जाता है कि जब संत श्री गोमती दास जी महाराज यहाँ पर आए थे तो उन्हें रात्रि को कैला माता ने स्वप्न में अपने एक पीपल के नीचे दवे होने की सूचना दी। अगले ही दिन वहाँ खुदाई करने पर माता की दो चमत्कारी मूर्तियां मिली जिन्हें वहीं स्थापित कर माता का मंदिर बनवाया। मंदिर के पीछे की तरफ परम पूज्य ब्रह्मलीन '''श्री श्री 1008 गोमती दास जी महाराज''' का विशालकाय मंदिर उनके शिष्यों द्वारा बनाया गया। जिसमें उनकी समाधि भी स्थित है। यहाँ पर चमत्कारी शिव परिवार, पँचमुखी हनुमानजी की प्रतिमा, राम मंदिर, यमराज जी आदि के मंदिर स्थित हैं। यहाँ पर एक वाटिका स्थित है। इसे गोमती धाम के नाम जाना जाता है। इसके एक तरफ विशालकाय तालाब '''जलसेन''' स्थित है।
[[Nakkash_Ki_Devi_-_Gomti_Dham|नक्कश की देवी - गोमती धाम]] को हिण्डौन सिटी का हृदय कहा जाता है। यह हिण्डौन सिटी के मध्य में स्थित है।



=== श्री महावीरजी मंदिर ===
=== श्री महावीरजी मंदिर ===

16:19, 20 अगस्त 2015 का अवतरण

हिण्डौन Subdistrict in राजस्थान, भारत
हिण्डौन उपजिला
—  उपजिला  —
Map of राजस्थान with हिण्डौन उपजिला marked
Location of हिण्डौन उपजिला
  
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य राजस्थान
ज़िला करौली जिला
मुख्यालय हिण्डौन


सबसे बड़ा नगर हिण्डौन
उपजिला कलेक्टर कैलाशचन्द्र शर्मा
जनसंख्या
घनत्व
4,42,690[1] (2011 के अनुसार )
• 634/किमी2 (1,642/मील2) (2011 के अनुसार )
लिंगानुपात M-50.6%/F-49.4% /
आधिकारिक भाषा(एँ) हिंदी, राजस्थानी
क्षेत्रफल 698 km² (269 sq mi)
जलवायु
तापमान
• ग्रीष्म
• शीत

     26.0 °C (79 °F)
     49.6 °C (121 °F)
     2.8 °C (37 °F)
Central location: 26°73′N 77°03′E / 27.217°N 77.050°E / 27.217; 77.050 निर्देशांक: latitude minutes >= 60
{{#coordinates:}}: invalid latitude

निर्देशांक: 26°43′41″N 77°01′59″E / 26.728°N 77.033°E / 26.728; 77.033

हिण्डौन भारत के राज्य राजस्थान का एक उपजिला है।

इसे हिंदौन तथा हिंडोन के नाम से भी जाना जाता है। इसका मुख्यालय हिण्डौन है। यहां मुख्यतः सभी समुदाय के लोग रहते हैं।

प्रमुख आकर्षक स्थल

नक्कश की देवी - गोमती धाम

नक्कश की देवी - गोमती धाम को हिण्डौन सिटी का हृदय कहा जाता है। यह हिण्डौन सिटी के मध्य में स्थित है। यह माता दुर्गा के एक रूप नक्कश की देवी का मंदिर है। कहा जाता है कि जब संत श्री गोमती दास जी महाराज यहाँ पर आए थे तो उन्हें रात्रि को कैला माता ने स्वप्न में अपने एक पीपल के नीचे दवे होने की सूचना दी। अगले ही दिन वहाँ खुदाई करने पर माता की दो चमत्कारी मूर्तियां मिली जिन्हें वहीं स्थापित कर माता का मंदिर बनवाया। मंदिर के पीछे की तरफ परम पूज्य ब्रह्मलीन श्री श्री 1008 गोमती दास जी महाराज का विशालकाय मंदिर उनके शिष्यों द्वारा बनाया गया। जिसमें उनकी समाधि भी स्थित है। यहाँ पर चमत्कारी शिव परिवार, पँचमुखी हनुमानजी की प्रतिमा, राम मंदिर, यमराज जी आदि के मंदिर स्थित हैं। यहाँ पर एक वाटिका स्थित है। इसे गोमती धाम के नाम जाना जाता है। इसके एक तरफ विशालकाय तालाब जलसेन स्थित है।


श्री महावीरजी मंदिर

महावीरजी मंदिर

श्री महावीर जी हिण्डौन सिटी से 17 किलोमीटर दूर महावीरजी कस्वे मे स्थित है। यह मंदिर जैन धर्म की आस्था का केन्द्र है। इस मन्दिर मे भगवान महावीर कि तांबे से निर्मित प्रतिमा है, जोकी पद्मासन मे विराजित है। मंदिर के पास हि गम्भीरी नदी बहती है। महावीरजी कि प्रतिमा को जमीन से खोद कर प्राप्त किया गया है, जिससे से सम्बन्धित कथा है कि एक ग्वाले कि कामधेंनु गायें प्रतिदिन एक टीले पर जा कर अपना सारा दुध उस टीले पर फैला देती थीं। इस घटना से आश्चर्य चकित होकर ग्वाले व गाँव वालो ने उस टीले कि खुदाई कि तो वहाँ से महावीरजी कि मुर्ति निकली। यहाँ प्रतिवर्ष महावीर जयंती पर (अप्रैल माह मे) मेले का आयोजन किया जाता है, जो कि पाँच दिनो तक चलता है। मेले के अंतिम दिन रथ यात्रा निकाली जाती है व कई धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन किये जाते हैं। देशभर से हजारों श्रद्धालु इसमे सम्मिलित होने आते हैं।

तिमनगढ़ किला

(40 किमी.)

तिमनगढ किला

तीमनगढ़ हिण्डौन सिटी के निकट है। इस किले का निर्माण 12वीं शताब्‍दी के मध्‍य में हुआ था। अपने समय में तिमनगढ़ स्‍थानीय सत्‍ता का केंद्र था। 1196 में यहां के राजा कुंवर पाल का हराकर मोहम्‍मद गौरी और उनके सेनापति कुतुबुद्दीन ने इस पर अपना कब्‍जा कर लिया था। इसके बाद राजा कुंवर पाल को रेवा के एक गांव में शरण लेनी पड़ी। किले के मुख्‍य द्वार पर मुगल स्‍थापत्‍य कला का प्रभाव दिखाई पड़ता है। लेकिन किले के आं‍तरिक हिस्‍सों पर यह प्रभाव नहीं है। इसकी दीवारें, मंदिर और बाजार अपने सही रूप में देखे जा सकते हैं। किले से सागर झील का विहंगम दृश्‍य भी देखा जा सकता है।

श्री कैला देवी मंदिर

कैलादेवी मंदिर करौली.

श्री कैला देवी जी मंदिर हिण्डौन सिटी से 53 किमी. दूर स्थित है। यह माना जाता है कि इस मंदिर की स्‍थापना 1100 ई. में हुई थी। श्री कैला देवी पूर्वी राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश और उत्‍तर प्रदेश के लाखों लोगों की आराध्‍य देवी हैं। प्रतिवर्ष करीब 60 लाख श्रद्धालु यहां दर्शनों के लिए आते हैं। यह मंदिर देवी दुर्गा के 9 शक्तिपीठों में से एक है। चैत्र नवरात्रों में यहां मेले का आयोजन किया जाता है।

कैला देवी अभ्‍यारण्‍य

(53 किमी.) यह अभ्‍यारण्‍य हिण्डौन सिटी से 53 किमी. दक्षिण पश्चिम में स्थित है। इस अभ्‍यारण्‍य की सीमा कैलादेवी मंदिर के पास से शुरु होकर करन पुर तक जाती हैं और रणथंभौर राष्‍ट्रीय उद्यान से भी मिलती हैं। कैला देवी अभ्‍यारण्‍य में नीलगाय, तेंदुए और सियार के अलावा किंगफिशर में मिलते हैं।



सन्दर्भ

  1. "2011 Census of India date=16 अप्रैल 2011 author= url=http://www.censusindia.gov.in/2011-prov-results/prov_data_products.html publisher= Indian government" (Excel)|format= requires |url= (मदद). |title= में पाइप ग़ायब है (मदद); |title= में 21 स्थान पर line feed character (मदद); गायब अथवा खाली |url= (मदद)