सतीश गुजराल

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सतीश गुजराल
जन्म सतीश गुजराल
शिक्षा मुंबई
प्रसिद्धि का कारण चित्रकार, मूर्तिकार, वास्तुकार और ग्राफिक डिज़ायनर
जीवनसाथी किरण
पुरस्कार पद्म विभूषण 1999
पंजाब खेतीबाड़ी यूनीवर्सिटी लुधियाना के कैम्पस में सतीश गुजराल का एक मुरल

सतीश गुजराल का जन्म 25 दिसम्बर, 1925 को ब्रिटिश इंडिया के झेलम (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उन्होंने लाहौर स्थित मेयो स्कूल ऑफ आर्ट में पाँच वर्षों तक अन्य विषयों के साथ-साथ मृत्तिका शिल्प और ग्राफिक डिज़ायनिंग का अध्ययन किया। इसके पश्चात सन 1944 में वे बॉम्बे चले गए जहाँ उन्होंने प्रसिद्ध सर जे जे स्कूल ऑफ आर्ट में दाखिला लिया पर बीमारी के कारण सन 1947 में उन्हें पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। बचपन में इनका स्वास्थ्य काफ़ी अच्छा था। आठ साल की उम्र में पैर फिसलने के कारण इनकी टांगे टूट गई और सिर में काफी चोट आने के कारण इन्हें कम सुनाई पड़ने लगा। परिणाम स्वरूप लोग सतीश गुजराल को लंगड़ा, बहरा और गूंगा समझने लगे। सतीश चाहकर भी आगे की पढ़ाई नहीं कर पाए। ख़ाली समय बिताने के लिए चित्र बनाने लगे। इनकी भावना प्रधान चित्र देखते ही बनती थी। इनके अक्षर एवं रेखाचित्र दोनों ही ख़ूबसूरत थी।

इन्हें कला का राष्ट्रीय पुरस्कार तीन बार प्राप्त हो चुका है दो बार चित्रकला के लिए एवं एक बार मूर्तिकला के लिए | इनका विवाह किरण गुजराल के साथ हुआ। इनका बेटा एक प्रसिद्ध वास्तुकार है। इनकी बड़ी बेटी अल्पना ज्वैलरी डिजाइनर है एवं छोटी बेटी रसील इंटीरियर डिजाइनर है। इनके बेटे मोहित का विवाह भूतपूर्व मॉडल फिरोज के साथ हुआ।

पुरस्कार[संपादित करें]

  • सतीश गुजराल को मैक्सिको का लियोनार्डो डा विंसी पुरस्कार प्राप्त है।
  • इन्हें "ऑर्डर ऑफ क्राउन " सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।
  • इन्हें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक बार भारतीय सरकार द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]