पाब्लो पिकासो

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पाब्लो पिकासो
Signatur Pablo Picasso
Signatur Pablo Picasso

पाब्लो पिकासो (1882-1973) स्पेन के महान चित्रकार थे। वे बीसवीं शताब्दी के सबसे अधिक चर्चित, विवादास्पद और समृद्ध कलाकार थे। उन्होंने तीक्ष्ण रेखाओं का प्रयोग करके घनवाद को जन्म दिया। पिकासो की कलाकृतियां मानव वेदना का जीवित दस्तावेज हैं। पिकासो टीवी। Archived 2023-03-15 at the वेबैक मशीन[1]

जीवनी[संपादित करें]

25 अक्टूबर 1881 को मलागा, स्पेन में पैदा हुए [[1]] जन्मजात कलाकार थे। बचपन में वह अपने साथियों को नाना प्रकार की आकृतियां बनाकर अचरज में डाल देते थे। पिकासो के पिता कला के अध्यापक थे। इसलिए कला की प्रारंभिक शिक्षा उन्हें अपने पिता से मिली, किंतु 14-15 वर्ष की अवस्था में ही वह इतने उत्कृष्ट चित्र बनाने लगे थे कि उनके पिता ने चित्रकारी का अपना सारा सामान उन्हें देकर भविष्य में कभी कूची न उठाने का संकल्प ले लिया। फिर चित्रकारी में उच्च शिक्षा के लिए उन्हें मेड्रिड अकादमी में भेजा गया। किंतु पिकासो वहां के वातावरण से जल्दी ही ऊब गए और उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी।

वर्ष 1900 में कुछ समय के लिए वह पेरिस गए। पेरिस तब कला का केंद्र समझा जाता था। पेरिस में पिकासो अनेक समकालीन कलाकारों के संपर्क में आए। उनकी कला पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा। फिर स्पेन लौटकर उन्होंने उन्मुक्त होकर चित्र बनाने शुरू किए। उनके उस काल के चित्रों में गहरे नीले रंग और गुलाब के फूलों की बहुतायत है। इनमें से अधिकांश की कथावस्तु पददलित मानवता और समाज से उपेक्षित एवं शोषित वर्गों से संबंधित है।

वर्ष 1904 में उनकी कला में दूसरा मोड़ आया। इस काल में उन्होंने कलाबाजों, भांडों, मसखरों, सितारवादकों के चित्र बनाए। वर्ष 1906 में उन्होंने अपनी सुप्रसिद्ध कलाकृति ‘एविगनन की महिलाएं’ बनानी शुरू की। उन्होंने इस चित्र को लगभग एक वर्ष में पूरा किया।

वर्ष 1909 में पिकासो ने कला के क्षेत्र में ‘घनवाद’ का प्रवर्तन किया। उनकी यह शैली 60-65 वर्षों तक आलोचना का विषय रही है और विश्व के सभी देशों में इसने युवा कलाकारों को प्रभावित किया। इन चित्रों में हर तरह के रंगों और रेखाओं का प्रयोग हुआ है। लगभग इसी समय उन्होंने इंग्रेस की कलाकृतियों में रुचि ली और महिलाओं के अनेक चित्र बनाए। इन चित्रों की तुलना प्राचीन यूनानी मूर्तियों से की जाती है। पिकासो किसी रूप में अत्याचार और अन्याय को स्वीकार नहीं कर सकते थे। 1937 में जब नाजी बमवर्षकों ने स्पेन की रिपब्लिकन फौजों पर बमबारी की, तो उन्होंने नाजी हमलावरों के विरुद्ध अपना रोष जताने के लिए दिन-रात मेहनत कर विशालकाय चित्र ‘गुएर्निका’ बनाया। इसके बाद उन्होंने स्वेच्छा से देश निकाला स्वीकार किया। उन्होंने कसम खाई कि जब तक स्पेन में फिर से रिपब्लिक की स्थापना नहीं हो जाती, वह स्पेन नहीं लौटेंगे। पिकासो ने चित्रकला से अथाह दौलत कमाई। संभवत: आज तक किसी भी कलाकार या साहित्यकार को अपनी रचनाकृतियों से इतनी आय नहीं हुई होगी। जहां वह निजी व्यक्तियों से अपने चित्रों का अधिक-से-अधिक मूल्य वसूल करते थे, वहीं उन्होंने अनेक संग्रहालयों को अपने चित्र नि:शुल्क भेंट कर दिए।

बाहरी कडियां[संपादित करें]

पिकासो के रोचक संस्मरण

  1. "Pikashow [APK]". Pikashow APK. अभिगमन तिथि 18 May 2023.