"सीमा सुरक्षा बल": अवतरणों में अंतर
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'''सीमा सुरक्षा बल''' (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स,{{lang-en|Border Security Force}} - संक्षेप में सीसुब या बीएसएफ, BSF) भारत का एक प्रमुख अर्धसैनिक बल है एवँ विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल है। जिसका गठन 1 दिसम्बर 1965 में हुआ था। इसकी जिम्मेदारी शांति के समय के दौरान [[भारत]] की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर निरंतर निगरानी रखना, भारत भूमि सीमा की रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अपराध को रोकना है।<ref>{{cite web | url = http://bsf.nic.in/welcomehn.html | title = सीमा सुरक्षा बल की वैबसाईट | accessdate = 9 अप्रैल 2014 | archive-url = https://web.archive.org/web/20160425195643/http://bsf.nic.in/welcomehn.html | archive-date = 25 अप्रैल 2016 | url-status = dead }}</ref> इस समय बीएसएफ की 188 बटालियन है और यह 6,385.36 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करती है जो कि पवित्र, दुर्गम रेगिस्तानों, नदी-घाटियों और हिमाच्छादित प्रदेशों तक फैली है। सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में सुरक्षा बोध को विकसित करने की जिम्मेदारी भी बीएसएफ को दी गई है। इसके अलावा सीमा पर होने वाले अपराधों जैसे तस्करी/घुसपैठ और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने की जवाबदेही भी इस पर है। |
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== आदर्श वाक्य == |
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* श्री [[देवेंद्र कुमार पाठक]] - 7 अप्रैल 2014 से 01 फरवरी 2016<ref name="pib">{{cite web | url = http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=27582 | title = श्री देवेंद्र कुमार पाठक सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक नियुक्त | publisher = पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार | date = 7 अप्रैल 2014 | accessdate = 7 अप्रैल 2014 | archive-url = https://web.archive.org/web/20140408211317/http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=27582 | archive-date = 8 अप्रैल 2014 | url-status = live }}</ref> |
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19:33, 15 जून 2020 का अवतरण
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संक्षेपाक्षर | सीसुब, बीएसएफ |
---|---|
सिद्धांत | “जीवन पर्यन्त कर्तव्य” |
स्थापना | दिसम्बर 1, 1965 |
मुख्यालय |
सीमा सुरक्षा बल मुख्यालय, ब्लॉक 10 सी जी ओ कॉम्प्लेक्स लोधी रोड नई दिल्ली 110003 |
Sh. S.S Deswal I/C D.G(Hy 84) | |
जालस्थल | bsf.nic.in |
सीमा सुरक्षा बल (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स,अंग्रेज़ी: Border Security Force - संक्षेप में सीसुब या बीएसएफ, BSF) भारत का एक प्रमुख अर्धसैनिक बल है एवँ विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल है। जिसका गठन 1 दिसम्बर 1965 में हुआ था। इसकी जिम्मेदारी शांति के समय के दौरान भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर निरंतर निगरानी रखना, भारत भूमि सीमा की रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अपराध को रोकना है।[1] इस समय बीएसएफ की 188 बटालियन है और यह 6,385.36 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करती है जो कि पवित्र, दुर्गम रेगिस्तानों, नदी-घाटियों और हिमाच्छादित प्रदेशों तक फैली है। सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में सुरक्षा बोध को विकसित करने की जिम्मेदारी भी बीएसएफ को दी गई है। इसके अलावा सीमा पर होने वाले अपराधों जैसे तस्करी/घुसपैठ और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने की जवाबदेही भी इस पर है।
आदर्श वाक्य
इस बल का आदर्श वाक्य है - “जीवन पर्यन्त कर्तव्य”
महानिदेशक
इसके प्रथम महानिदेशक श्री के एफ रुस्तम जी थे।
- श्री के. के. शर्मा-02 फरवरी 2016 से वर्तमान[2]
- श्री देवेंद्र कुमार पाठक - 7 अप्रैल 2014 से 01 फरवरी 2016[3]
- श्री सुभाष चंद्र जोशी
- श्री उत्थान कुमार बंसल
- श्री रमन श्रीवास्तव
घठन
1 9 65 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, सीमा प्रबंधन प्रणाली व्यक्तिगत राज्य पुलिस बलों के हाथों में थी, और ये सीमा खतरों से ठीक से निपटने में असमर्थ साबित हुई। इन एपिसोड के बाद, सरकार ने सीमा सुरक्षा बल को एक एकीकृत केंद्रीय एजेंसी के रूप में बनाया जो भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा के विशिष्ट जनादेश के साथ था। भारतीय पुलिस सेवा से के एफ रुस्तमजी बीएसएफ के पहले महानिदेशक थे। 1 9 65 तक पाकिस्तान के साथ भारत की सीमाएं राज्य सशस्त्र पुलिस बटालियन द्वारा बनाई गई थीं। पाकिस्तान ने 9 अप्रैल 1 9 65 को कच्छ में सरदार पोस्ट, छार बेट, और बेरिया बेट पर हमला किया। इसने सशस्त्र आक्रामकता से निपटने के लिए राज्य सशस्त्र पुलिस की अपर्याप्तता का खुलासा किया जिसके कारण भारत सरकार ने विशेष रूप से नियंत्रित सीमा सुरक्षा बल की आवश्यकता महसूस की, जिसे पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा बनाने के लिए सशस्त्र और प्रशिक्षित किया जाएगा। सचिवों की समिति की सिफारिशों के परिणामस्वरूप, सीमा सुरक्षा बल 1 दिसंबर 1 9 65 को के एफ रुस्तमजी के साथ अपने पहले महानिदेशक के रूप में अस्तित्व में आया। [12]
1 9 71 के भारत-पाकिस्तानी युद्ध में बीएसएफ की क्षमताओं का इस्तेमाल उन क्षेत्रों में पाकिस्तानी ताकतों के खिलाफ किया गया था जहां नियमित बल कम फैल गए थे; बीएसएफ सैनिकों ने लांगवाला की प्रसिद्ध लड़ाई समेत कई परिचालनों में हिस्सा लिया। वास्तव में, बीएसएफ के लिए दिसम्बर '71 में युद्ध वास्तव में टूटने से पहले पूर्वी मोर्चे पर युद्ध शुरू हो गया था। बीएसएफ ने "मुक्ति बहनी" का हिस्सा प्रशिक्षित, समर्थित और गठित किया था और वास्तविक शत्रुताएं टूटने से पहले पूर्व पूर्वी पाकिस्तान में प्रवेश कर चुका था। बीएसएफ ने बांग्लादेश के लिबरेशन में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें इंदिरा गांधी और शेख मुजीबुर रहमान ने भी स्वीकार किया था।
बीएसएफ, जिसे लंबे समय तक नर बुर्ज माना जाता है, ने अब सीमा पर महिला कर्मियों के अपने पहले बैच को महिलाओं के नियमित रूप से फिसलने के साथ-साथ सीमा के संरक्षण सहित अपने पुरुष समकक्षों द्वारा किए गए अन्य कर्तव्यों को पूरा करने के लिए तैनात किया है। भारत में अत्यधिक अस्थिर भारत-पाक सीमा पर 100 से ज्यादा महिलाएं तैनात की गई हैं, जबकि लगभग 60 भारतीयों को भारत-बांग्ला सीमा पर तैनात किया जाएगा। कुल मिलाकर, विभिन्न चरणों में सीमा पर 5 9 5 महिला कॉन्स्टेबल तैनात किए जाएंगे
सन्दर्भ
- ↑ "सीमा सुरक्षा बल की वैबसाईट". मूल से 25 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अप्रैल 2014.
- ↑ "मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 02 फरवरी 2016. मूल से 6 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 06 फरवरी 2016.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ "श्री देवेंद्र कुमार पाठक सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक नियुक्त". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 7 अप्रैल 2014. मूल से 8 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 अप्रैल 2014.
इन्हें भी देखें
- सशस्त्र सीमा बल (SSB)