गृह विभाग (बिहार)

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

गृह विभाग प्रशासन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पुलिस प्रशासन का आधार है। यह विभाग कानून और व्यवस्था का रखरखाव; अपराधों की रोकथाम और नियंत्रण; फायर सर्विसेज और जेल प्रशासन के अलावा अपराधियों के अभियोजन पक्ष से सम्बंधित कार्य भी देखता है । अपराध नियंत्रण, पुलिस आधुनिकीकरण, सांप्रदायिक सद्भावना का रखरखाव, विदेशी / भारतीय नागरिकों को पासपोर्ट / वीजा औपचारिकताएं, निजी सुरक्षा एजेंसियों पर नियंत्रण आदि विभाग के कुछ अन्य भी महत्वपूर्ण कार्य हैं | यह राज्य पुलिस और CAPFs द्वारा किए गए नक्सली विरोधी कार्यों के संचालन का पर्यवेक्षण करता है |यह नक्सली हिंसा में मारे गए पुलिस कर्मियों और नागरिकों को अनुग्रह अनुदान भुगतान और अन्य लाभ भी प्रदान करता है | यह सैनिक कल्याण निदेशालय के माध्यम से पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को विभिन्न कल्याणकारी सेवाएं प्रदान करता है | यह वीआईपी / वीवीआईपी के साथ-साथ महत्वपूर्ण सरकारी / सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई के प्रतिष्ठानों को सुरक्षा भी प्रदान करता है। यह संसद, और राज्य विधानसभा के चुनावों से सम्बंधित कार्यों से निकटता से जुड़ा हुआ है | यह सेना की रक्षा सेवाएं और नागरिक सहयोग की रक्षा सेवाओं से राज्य में रक्षा परियोजनाओं की स्थापना के लिए घनिष्ठ संपर्क रखता है | गृह विभाग मुख्य रूप से प्रदेश की शान्ति एवं कानून व्यवस्था के प्रवर्तन एवं पुलिस के क्रिया-कलाप से सम्बंधित नीति विषयक निर्णय कराने, बजट तैयार कर विधायिका से अनुमोदन के पश्चात् धनराशि अवमुक्त करने, सी.आई.डीसी.बी.आई. को प्रकरण संदर्भित करने, दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध अभियोजन का निर्णय लेने, शस्त्र लाईसेंसों की सीमा विस्तार, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से प्राप्त मामलों का अनुश्रवण करने, राज्य मानवाधिकार आयोग से संबंधित कार्यों को सम्पादित करने, विधानसभा/विधान परिषद में प्रश्नों के उत्तर देने, भारत सरकार से पुलिस संबंधी मामलों में समन्वय तथा राज्य में कानून एवं व्यवस्था आदि कार्यों का निष्पादन करता हैं। उपरोक्त कार्यों को सम्पादित करने हेतु प्रधान सचिव के सहायतार्थ विभाग स्तर एक विशेष सचिव, दो अपर सचिव, एक संयुक्त सचिव, एक उप सचिव एवं चार अवर सचिव कार्यरत हैं। विभागाध्यक्ष स्तर पर पुलिस महानिदेशक के अलावा महानिदेशक-सह-समादेष्टा (गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन सेवाएं), कारा महानिरीक्षक , निदेशक (अभियोजन) एवं निदेशक (सैनिक कल्याण) नियुक्त हैं। पुलिस विभाग की आवास एवं भवन संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु विभागीय निर्माण ईकाई बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम स्थापित है, जो एक स्वायत्तशासी संस्था है। शासन स्तर पर प्रमुखत: भारतीय पुलिस सेवा एवं बिहार पुलिस सेवा के अधिकारियों के सेवा संबंधी मामलो का निष्पादन किया जाता है ।https://state.bihar.gov.in/home/CitizenAboutUs.html[मृत कड़ियाँ]