कौशी समीकरण
Jump to navigation
Jump to search
कौशी समीकरण एक विशेष पारदर्शी पदार्थ के लिए प्रकाश के अपवर्तनांक और तरंगदैर्घ्य के मध्य आनुभाविक सम्बन्ध है। इसका नामकरण महान गणितज्ञ ऑगस्टिन लुइस कौशी के नाम से किया गया, जिन्होनें इसे १८३६ में परिभषित किया था।
समीकरण[संपादित करें]
कौशी समीकरण का व्यापक रूप निम्न है :
जहाँ गुणक B और C समीकरण के तुल्य सारणिक हैं।
कुछ सामान्य प्रकाशिय पदार्थों के लिए ये गुण्क निम्न सारणी में दिये गए हैं:
पदार्थ | B | C (वर्ग माइक्रो मीटर) |
फ्यूज सिलिका | 1.4580 | 0.00354 |
बोरोसिलिकेट काँच BK7 | 1.5046 | 0.00420 |
दृढ़ क्राऊन कांच K5 | 1.5220 | 0.00459 |
बेरियम क्राउन काँच BaK4 | 1.5690 | 0.00531 |
बेरियम फ्लिन्ट काँच BaF10 | 1.6700 | 0.00743 |
सघन क्राउन काँच SF10 | 1.7280 | 0.01342 |
सन्दर्भ[संपादित करें]
- एफ॰ ए॰ जेनकींस और एच॰ ई॰ व्हाईट, प्रकाशिकी के मूल तत्व (Fundamentals of Optics), 4वाँ संस्करण, McGraw-Hill, Inc. (1981).