आई एन एस कोच्चि

विशेषताएँ
[संपादित करें]भारत द्वारा बनाया गया क्षमतावान सतही युद्धक है। यह 164 मीटर लंबा और लगभग 17 मीटर चौड़ा है तथा इसकी भार क्षमता 7500 टन है। इस पोत में सामूहिक गैस तथा गैस (सीओजीएजी) प्रेरक प्रणाली है, जिसमें चार उच्च शक्ति के उलटने योग्य गैस टर्बाइन लगे हैं और यह तीस नॉट से अधिक की गति प्राप्त कर सकता है। पोत की विद्युत ऊर्जा चार गैस टर्बाइन जनरेटर और एक डीजल अल्टरनेटर से प्राप्त होती है, यह दोनों 4.5 मेगावाट बिजली पैदा करते हैं। इस युद्धपोत में 40 अधिकारी और 350 नौसैनिक रह सकते हैं।[10]
युद्धक प्रणालियाँ
[संपादित करें]आईएनएस कोच्ची में राडार से बच निकलने के लिए नया डिजाइन है और इसमें स्वदेशी युद्ध क्षमता का बड़ा भाग है। इसमें अत्याधुनिक हथियार लगाए गए हैं। युद्ध पोत में लम्बी दूरी के सतह से हवा में मिसाइल सीधे रूप में लांच करने वाला सेंसर और अनेक कार्य करने वाला राडार एमएफ-स्टार है। यह केवल कोलकाता वर्ग के युद्धक पोतों में ही लगा है। यह अग्रणी सुपर सोनिक तथा जमीन से जमीन तक मार करने वाला ब्रह्मोस मिसाइल भारत-रूस संयुक्त उद्यम का- से लैस है। 76 एमएमके सुपर रैपिड गन माउंट (एसआरजीएम) तथा एके630 सीआईडब्ल्यूएस लगे हैं, जो हवा में और जमीन पर लक्ष्य साध सकते हैं। यह दोनों स्वदेश निर्मित हैं। संपूर्ण समुद्र रोधी हथियार और इसके ऊपर लगे सेंसर सूट में स्वदेशी रॉकेट लांचर, स्वदेशी टवीन ट्यूब टोरपेडो लांचर (आईटीटीएल) और कमान पर लगे नई पीढ़ी का हमसा सोनार भारतीय स्वदेशी प्रयास के बेहतरीन उदाहरण हैं। सेंसर सूट में अन्य अग्रणी जमीन से वायु निगरानी करने वाला राडार तथा इलेक्ट्रोनिक युद्धक प्रणाली लगी है। हथियारों और सेंसरों के साथ अत्याधुनिक युद्ध प्रबंधन प्रणाली (सीएसएम-15ए) को एकीकृत किया गया है। यह दो चेतक हैलिकोप्टरों के संचालन के लिए लैस है।[10]
इस युद्धपोत को नेटवर्क ऑफ नेटवर्क्स के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, क्योंकि इसमें ऐसिंफक्रोनस ट्रांसफर मोड बेस्ड इंटिग्रेडिट विशेष डाटा नेटवर्क (एआईएसडीएन), युद्धक प्रबंधन प्रणाली (सीएमएस), स्वचालित विद्युत प्रबंधन प्रणाली (एपीएमएस) तथा ऑक्सिलियरी कंट्रोल सिस्टम (एसीएस) जैसे सूक्ष्म डिजिटल नेटवर्क हैं। एआईएसडीएम सूचना मार्ग है, जिस पर सभी सेंसर और हथियार संबंधी डाटा रहते हैं। मेरीटाइम डामेन जानकारी देने के लिए सीएनएस का उपयोग स्वदेशी डाडा लिंक प्रणाली का इस्तेमाल करके अन्य प्लेटफर्मों से सूचना एकीकरण में किया जाता है। विद्युत आपूर्ति प्रबंधन एटीएमएस के इस्तेमाल से होता और एसीएस के जरिए रिमोट कंट्रोल और मशीन की निगरानी की जाती है।[10]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ "INS Kochi commissioned at Mumbai". भारतीय नौसेना. 30 सितंबर 2015. Archived from the original on 14 अक्तूबर 2015. Retrieved 30 सितंबर 2015.
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(help) - ↑ अ आ इ "आईएनएस कोच्चि नौसेना के बेड़े में शामिल". नवभारत टाइम्स. 30 सितम्बर 2015. Archived from the original on 1 अक्तूबर 2015. Retrieved 30 सितम्बर 2015.
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(help) - ↑ "Navy gets its largest destroyer". द हिन्दू. 13 जुलाई 2014. Archived from the original on 3 मार्च 2018. Retrieved 15 जुलाई 2014.
- ↑ "Largest destroyer project of Navy hit by delay". Defence Express. 6 जून 2013. Archived from the original on 10 अगस्त 2014. Retrieved 15 जुलाई 2014.
- ↑ "Bharat Electronics Ltd. awards LW08 contract to Thales". Thalesgroup.com. 2 जुलाई 2008. Archived from the original on 27 जुलाई 2011. Retrieved 2 अप्रैल 2010.
- ↑ "Indian Navy to get four new destroyers". dnaindia.com. 17 मार्च 2009. Archived from the original on 18 मार्च 2009. Retrieved 2 अप्रैल 2010.
- ↑ सोम, विष्णु (16 अगस्त 2014). "On INS Kolkata, PM is Only Partially Correct". एनडीटीवी. Archived from the original on 8 जून 2016. Retrieved 8 मार्च 2015.
At the moment, she is designed to carry only 32 Barak surface-to-air missiles...
- ↑ "Israeli navy equipping warships with new missile system: report". XinhuaNet. 29 जुलाई 2013. Archived from the original on 22 फ़रवरी 2015. Retrieved 29 जुलाई 2013.
- ↑ "INS Kochi stealth guided missile destroyer commissioned". द इकोनॉमिक टाइम्स. 30 सितम्बर 2015. Archived from the original on 30 सितंबर 2015. Retrieved 30 सितम्बर 2015.
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(help) - ↑ अ आ इ ई "श्री मनोहर पर्रिकर ने आईएनएस कोच्ची का जलावतरण किया". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 30 सितंबर 2015. Archived from the original on 1 अक्तूबर 2015. Retrieved 1 अक्टूबर 2015.
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बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]कैरियर (भारत) | ![]() |
---|---|
नाम: | कोच्चि |
स्वामित्व: | भारतीय नौसेना |
प्रचालक: | भारतीय नौसेना |
निर्माता: | माझगाँव डॉक लिमिटेड |
वे संख्या: | डी ६४ |
आधारशिला: | 25 अक्टूबर 2005 |
जलावतरण: | 18 सितम्बर 2009 |
प्रायोजक: | रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार |
नाम दिया: | कोच्ची |
सेवा शुरु: | 30 सितम्बर 2015 |
सेवा में: | है |
गृहपत्तन: | मुंबई बंदरगाह[1] |
ध्येय: | जही शत्रुन् महाबाहो[2] |
सामान्य विशेषताएँ | |
वर्ग और प्रकार: | विध्वंसक - कोलकाता श्रेणी |
विस्थापन: | 7,500 टन[3][4] |
लम्बाई: | 163 मी॰ (535 फीट) |
चौड़ाई: | 17.4 मी॰ (57 फीट) |
स्थापित शक्ति: | ४½ मेगावॉट |
प्रणोदन: | कोगैग |
गति: | 30 नॉट (56 किमी/घंटा; 35 मील/घंटा) से ज्यादा |
सहन-शक्ति: | ३३०० नॉटिकल मील |
नाविक संख्या: | ४० अधिकारी + ३५० नाविक = कुल ३९०[2] |
संवेदक और संसाधन प्रणाली: |
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इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और लूभाव (फंदे): |
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आयुध: |
वायुरोधी प्रक्षेपास्त्र: 4 × एके-६३० सी आई डब्ल्यु एस पनडुब्बी मारक हथियार: 4× तारपीडो ट्यूब 2× आरबीयू-६००० पनडुब्बी रोधी रॉकेट |
जहाज़ पर विमान: | 2x हेलीकॉप्टर: *वेस्टलैंड सी किंग * ध्रुव |
भारतीय युद्ध पोत की श्रेणियाँ | ||
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वायुयान वाहक पोत | ||
विनाशक | ||
परमाणु पनडुब्बियाँ | ||
पनडुब्बियाँ | ||
फ्रिगेट | ||
कॉर्वेट | ||
उभयचर युद्ध पोत | ||
गश्त यान/छोटे युद्धक जहाज | ||
माईनस्वीपर | ||
*निर्माणाधीन |
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