"अंतरिक्ष संस्थान": अवतरणों में अंतर
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==अंतरिक्ष संस्थानों से अंतरिक्ष में कचरे की समस्या== |
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विश्व के कई देशों के अंतरिक्ष संस्थानों की सक्रिय परियोजनाओं के कारण अंतरिक्ष में कचरे की समस्या उत्पन्न हुई है। इस पर भारत से अंतरिक्ष में पहली बार प्रवेश करने वाले विंग कमांडर [[राकेश शर्मा]] का कहना है कि अब समय आ गया है कि अंतरिक्ष में [[उपग्रह]], [[प्रयोगशाला|प्रयोगशालाएँ]] और [[अंतरिक्ष शटल|शटल]] भेजने वाले देश स्थिति की गंभीरता को समझें ताकि अरबों रूपए ख़र्च करके अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले मिशन नाकाम न हों और मानवीय विकास में सहायता |
विश्व के कई देशों के अंतरिक्ष संस्थानों की सक्रिय परियोजनाओं के कारण अंतरिक्ष में कचरे की समस्या उत्पन्न हुई है। इस पर भारत से अंतरिक्ष में पहली बार प्रवेश करने वाले विंग कमांडर [[राकेश शर्मा]] का कहना है कि अब समय आ गया है कि अंतरिक्ष में [[उपग्रह]], [[प्रयोगशाला|प्रयोगशालाएँ]] और [[अंतरिक्ष शटल|शटल]] भेजने वाले देश स्थिति की गंभीरता को समझें ताकि अरबों रूपए ख़र्च करके अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले मिशन नाकाम न हों और मानवीय विकास में सहायता हो<ref>https://www.bbc.com/hindi/scitech/030301_space_kachra_mk.shtml</ref>। |
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[[श्रेणी:अंतरिक्ष परियोजना]] |
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18:55, 12 अक्टूबर 2018 का अवतरण
अंतरिक्ष संस्थान वह संस्थान होता है, जहाँ पर अंतरिक्ष सम्बन्धी काम होता है और वह भारत में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन है।
इसी तरह संयुक्त राज्य अमेरिका की नासा (NASA)।
अंतरिक्ष संस्थानों से अंतरिक्ष में कचरे की समस्या
विश्व के कई देशों के अंतरिक्ष संस्थानों की सक्रिय परियोजनाओं के कारण अंतरिक्ष में कचरे की समस्या उत्पन्न हुई है। इस पर भारत से अंतरिक्ष में पहली बार प्रवेश करने वाले विंग कमांडर राकेश शर्मा का कहना है कि अब समय आ गया है कि अंतरिक्ष में उपग्रह, प्रयोगशालाएँ और शटल भेजने वाले देश स्थिति की गंभीरता को समझें ताकि अरबों रूपए ख़र्च करके अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले मिशन नाकाम न हों और मानवीय विकास में सहायता हो[1]।