"प्रभासाक्षी": अवतरणों में अंतर

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प्रभासाक्षी.कॉम<ref>[http://www.prabhasakshi.com वेबसाइट]</ref> पिछले डेढ़ दशक से ज्यादा समय से देश और विदेशों के कोने-कोने में हिंदी पाठकों का चहेता बना हुआ है। वर्तमान में प्रतिदिन दस लाख से ज्यादा हिट्स प्राप्त करने वाले इस पोर्टल पर प्रकाशित सामग्री रुचिकर और पठनीय होने के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता से भरी होती है। जहाँ इंटरनेट पर सनसनीखेज और अशालीन सामग्री की भरमार है, वहीं प्रभासाक्षी ने साफ-सुथरी तथा निष्पक्षतापूर्ण सामग्री के माध्यम से अपनी अलग पहचान बनाई है। यह पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण नहीं कर रहा अपितु भारतीय संस्कृति और भारतीयता का संदेश प्रसारित करने में भी तल्लीनता के साथ जुड़ा हुआ है।
प्रभासाक्षी.कॉम<ref>[http://www.prabhasakshi.com वेबसाइट]</ref> पिछले डेढ़ दशक से ज्यादा समय से देश और विदेशों के कोने-कोने में हिंदी पाठकों का चहेता बना हुआ है। वर्तमान में प्रतिदिन दस लाख से ज्यादा हिट्स प्राप्त करने वाले इस पोर्टल पर प्रकाशित सामग्री रुचिकर और पठनीय होने के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता से भरी होती है। जहाँ इंटरनेट पर सनसनीखेज और अशालीन सामग्री की भरमार है, वहीं प्रभासाक्षी ने साफ-सुथरी तथा निष्पक्षतापूर्ण सामग्री के माध्यम से अपनी अलग पहचान बनाई है। यह पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण नहीं कर रहा अपितु भारतीय संस्कृति और भारतीयता का संदेश प्रसारित करने में भी तल्लीनता के साथ जुड़ा हुआ है।


समाचार पोर्टल (www.prabhasakshi.com) का मोबाइल ऐप गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर पर भी उपलब्ध है । आप प्रभासाक्षी की खबरें यूसी न्यूज़, डेली हंट, टैप्जो पर भी पढ़ सकते हैं । सोशल मीडिया के सभी मंचों पर प्रभासाक्षी की उपस्थिति है ।
समाचार पोर्टल (www.prabhasakshi.com) का मोबाइल ऐप गूगल प्ले स्टोर<ref>[https://play.google.com/store/apps/details?id=com.prabhasakshinews&hl=en गूगल प्ले स्टोर]</ref> और एप्पल स्टोर पर भी उपलब्ध है । आप प्रभासाक्षी की खबरें यूसी न्यूज़, डेली हंट, टैप्जो पर भी पढ़ सकते हैं । सोशल मीडिया के सभी मंचों पर प्रभासाक्षी की उपस्थिति है ।


== इतिहास ==
== इतिहास ==

09:00, 20 जुलाई 2017 का अवतरण

प्रभासाक्षी.कॉम[1] पिछले डेढ़ दशक से ज्यादा समय से देश और विदेशों के कोने-कोने में हिंदी पाठकों का चहेता बना हुआ है। वर्तमान में प्रतिदिन दस लाख से ज्यादा हिट्स प्राप्त करने वाले इस पोर्टल पर प्रकाशित सामग्री रुचिकर और पठनीय होने के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता से भरी होती है। जहाँ इंटरनेट पर सनसनीखेज और अशालीन सामग्री की भरमार है, वहीं प्रभासाक्षी ने साफ-सुथरी तथा निष्पक्षतापूर्ण सामग्री के माध्यम से अपनी अलग पहचान बनाई है। यह पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण नहीं कर रहा अपितु भारतीय संस्कृति और भारतीयता का संदेश प्रसारित करने में भी तल्लीनता के साथ जुड़ा हुआ है।

समाचार पोर्टल (www.prabhasakshi.com) का मोबाइल ऐप गूगल प्ले स्टोर[2] और एप्पल स्टोर पर भी उपलब्ध है । आप प्रभासाक्षी की खबरें यूसी न्यूज़, डेली हंट, टैप्जो पर भी पढ़ सकते हैं । सोशल मीडिया के सभी मंचों पर प्रभासाक्षी की उपस्थिति है ।

इतिहास

प्रभासाक्षी, द्वारिकेश इन्फॉर्मेटिक्स लिमिटेड[3] के स्वामित्व वाला अग्रणी हिंदी समाचार पोर्टल है जो कि 26 अक्टूबर, 2001 को नई दिल्ली में शुरू किया गया ।

देश के अनेक जाने-माने पत्रकार, लेखक, साहित्यकार, व्यंग्यचित्रकार आदि प्रभासाक्षी के साथ जुड़े रहे हैं। स्व. खुशवंत सिंह, स्व. अरुण नेहरू, स्व. दीनानाथ मिश्र प्रभासाक्षी पर नियमित कॉलम लिखते रहे। वर्तमान में श्री तरुण विजय, श्री राजनाथ सिंह सूर्य और श्री कुलदीप नायर जैसे प्रतिष्ठित स्तंभकार प्रभासाक्षी से जुड़े हुए हैं।

तकनीकी दृष्टि से भी इस पोर्टल ने नए प्रतिमान कायम किए हैं, विशेषकर हिंदी भाषा में मौजूद प्रारंभिक सीमाओं तथा कठिनाइयों के बावजूद उसने गांव-कस्बों में रहने वाले नागरिकों के लिए उनकी अपनी भाषा में समाचार और विश्लेषण प्राप्त करना आसान बनाया है।

लगभग डेढ़ दशक पहले जब इंटरनेट पर हिंदी नाममात्र के लिए उपलब्ध थी उस समय प्रभासाक्षी के प्रबंध संपादक श्री गौतम मोरारका ने बिना किसी व्यावसायिक लाभ की अपेक्षा करते हुए इंटरनेट पर हिंदी भाषा के विकास, विस्तार और आम भारतीयों तक उनकी अपनी भाषा में वांछित जानकारी पहुँचाने का जो लक्ष्य तय किया था उसे देश-विदेश के लाखों पाठकों की बदौलत हासिल तो कर लिया गया लेकिन चुनौती बिना आर्थिक लाभ के मैदान में डटे रहने की थी। पिछले 16 वर्षों में पता नहीं कितने हिंदी के समाचार पोर्टल आए और गए लेकिन श्री मोरारका जी के दृढ़ निश्चयी रुख और हिंदी भाषा के प्रति प्रतिबद्धता के कारण प्रभासाक्षी मैदान में ना सिर्फ डटा रहा बल्कि अपने तीव्र अपडेशन और विविधता भरी पठनीय सामग्री के चलते समाचार जगत में एक अलग पहचान बनाने में भी कामयाब रहा।

डीआईएल सक्रिय रूप से अपनी परियोजनाओं के बारे में जागरुकता फैलाने और पाठकों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए सामाजिक नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करता है। नए तकनीकी विकास और समवर्ती ऑनलाइन रुझानों को ध्यान में रखते हुए, पोर्टल, prabhasakshi.com को 2017 में नए सिरे से डिजाइन किया गया।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

  1. वेबसाइट
  2. गूगल प्ले स्टोर
  3. द्वारीकेश