कलानाथ शास्त्री
कलानाथ शास्त्री | |
---|---|
जन्म |
15 जुलाई 1936 जयपुर |
आवास | जयपुर |
नागरिकता | भारत,[1] ब्रिटिश राज, भारतीय अधिराज्य |
पेशा | भाषाविद, कवि |
प्रसिद्धि का कारण | आख्यानवल्लरी |
पुरस्कार | साहित्य अकादमी पुरस्कार[2] |
कलानाथ शास्त्री (जन्म : 15 जुलाई 1936) संस्कृत के जाने माने विद्वान,भाषाविद्, एवं बहुप्रकाशित लेखक हैं। आप राष्ट्रपति द्वारा वैदुष्य के लिए अलंकृत, केन्द्रीय साहित्य अकादमी, संस्कृत अकादमी आदि से पुरस्कृत, अनेक उपाधियों से सम्मानित व कई भाषाओँ में ग्रंथों के रचयिता हैं। वे विश्वविख्यात साहित्यकार तथा संस्कृत के युगांतरकारी कवि भट्ट मथुरानाथ शास्त्री के ज्येष्ठ पुत्र हैं।
परिचय
[संपादित करें]कलानाथ शास्त्री का जन्म 15 जुलाई 1936 को जयपुर, राजस्थान, भारत में हुआ। इन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से संस्कृत साहित्य में साहित्याचार्य तथा राजस्थान विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एम. ए. की उपाधियाँ सर्वोच्च स्थान प्राप्त करते हुए लीं। आपने संस्कृत साहित्य का अध्ययन जयपुर में अपने पिता तथा वहाँ के शिखर विद्वानों म.म. पं. गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी, पं. पट्टाभिराम शास्त्री, आचार्य जगदीश शर्मा, आशुकवि पं. हरिशास्त्री आदि से किया। अंग्रेजी साहित्य के प्राध्यापक के रूप में आपने दशकों तक राजस्थान विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों में अध्यापन किया और कइयों में वह प्रधानाचार्य पद पर भी रहे। इन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य के अलावा वेदों, भारतीय और पाश्चात्य दर्शन, तुलनात्मक भाषाशास्त्र आदि का गहन अध्ययन करते हुए बंगला, गुजराती, तेलुगु आदि लिपियों पर मौलिक शोधकार्य किया है।[3] ये बचपन में ही संस्कृत के छन्दों को उंगलियों पर गिनते और कण्ठ से गुनगुनाते रहते थे, तभी से श्लोकों और पद्यों की मौलिक रचनाएँ तो इनके उंगलियों पर थिरकतीं और कण्ठ से तरंगित होती हुई संस्कृत साहित्य के लोक को आलोकित करती रहती हैं। इन्होंने संस्कृतसाहित्य का अवगाहन और पोषण करते हुए एक नए छन्द का आविष्कार भी किया जिसका नाम पण्डित पद्मशास्त्री जी ने उन्हीं के नाम से ‘कलाशालिनी’ रखा।
प्रमुख पुस्तकें
[संपादित करें]हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी में हिन्दी भाषा और भारतीय संस्कृति विषयक अनेक ग्रंथ प्रकाशित हुए हैं। [4] प्रकाशित ग्रंथों में-
संस्कृत में -
- ‘जीवनस्य पृष्ठद्वयम्’ (उपन्यास)
- ‘आख्यानवल्लरी’ (कथा-संग्रह) (2004 का संस्कृत का केन्द्रीय संस्कृत अकादमी का पुरस्कार) [5]
- ‘नाट्यवल्लरी’(नाटक), (राजस्थान संस्कृत अकादमी द्वारा पुरस्कृत)
- ‘सुधीजनवृत्तम्’ (जीवनी संग्रह, जयपुर, 1997)
- ‘कवितावल्लरी’ (काव्य संग्रह, जयपुर, 2008)[6]
- 'कथानकवल्ली' (कथा संग्रह, जयपुर, 1987)
- ‘विद्वज्जनचरितामृतम्’ (जीवनी संग्रह, नई दिल्ली, 1982)[7]
- 'जीवनस्य-पाथेयम्' (उपन्यास, 2003)
- 'ललितकथा कल्पवल्ली' (2012)[8]
- 'भारतीय साहित्य निर्माता (श्रृंखला): भट्ट मथुरानाथ शास्त्री 'मंजुनाथः (साहित्य अकादमी, नई दिल्ली, 2013)[9]
हिन्दी में -
- 'वैदिक वाङ्मय में भारतीय संस्कृति' (बीकानेर, 2003)
- 'आधुनिक काल का संस्कृत गद्य साहित्य' (नई दिल्ली, 1995)[10]
- 'मानक हिन्दी का स्वरुप' (नई दिल्ली, 2002, जयपुर, 2010)
- ‘संस्कृत साहित्य का इतिहास’ (जयपुर, 1995, 2009)[11]
- 'भारतीय संस्कृति- स्वरूप और सिद्धान्त’ (जयपुर, 2003)
- ‘संस्कृति के वातायन’ (जयपुर, 1984)
- 'राजभाषा हिन्दी : विविध पक्ष' (बीकानेर, 2003)
- ‘संस्कृत के गौरव-शिखर’ (नई दिल्ली, 1998)[12]
- ‘जयपुर की संस्कृत परम्परा’ जयपुर, 2000)
- 'भारतीय संस्कृति:आधार और परिवेश' (जयपुर, 1989)
- 'साहित्य चिन्तन' (जयपुर, 2005)[13]
- 'संस्कृत के युगपुरुष:मंजुनाथ' (2004)
- 'बोध कथाएँ' (2012)
- 'आधुनिक संस्कृत साहित्य:एक व्यापक दृष्टिपात' (इलाहाबाद, 2001)
अंग्रेज़ी में -
- समालोचनात्मक पुस्तक - ‘पोयट्री ऑफ जगन्नाथ पंडितराज’
- 'हॉराइज़न्स ऑफ़ संस्कृत' [14]
संपादन, प्रकाशन और प्रसारण
[संपादित करें]कलानाथ शास्त्री ने मौलिक सृजन के अलावा अनेक ग्रंथों, अभिनन्दन ग्रंथों व संस्कृत एवं हिंदी पत्र-पत्रिकाओं आदि का सम्पादन किया है।
संस्कृत में सम्पादिक प्रमुख ग्रन्थ
- ‘संस्कृत कल्पतरु’ (शोध संग्रह, जयपुर, 1972)
- ‘गीर्वाणगिरागौरवम्’ (भट्ट मथुरानाथ शास्त्री का भाषाशास्त्रीय ग्रन्थ, जयपुर, 1987)
- ‘प्रबन्ध-पारिजातः’ (भट्ट मथुरानाथ शास्त्री के निबन्धों का संकलन, जयपुर, 1988)
- ‘नवरत्ननीति-रचनावली’ (गिरिधर शर्मा नवरत्न की नीतिकविता, जयपुर, 1985)
- 'विशिष्टाद्वैतसिद्धांतः' (स्वामी भगवदाचार्य रचित वेदांत ग्रन्थ, रेवासा, 2003)
- ‘इन्द्रविजयः’ (पं. मधुसूदन ओझा कृत वेदेतिहासग्रन्थ, जोधपुर, 1996)
- ‘पंचलहर्यः’ (पण्डितराज जगन्नाथ का स्तोत्र संग्रह, संस्कृत टीका, हिन्दी अनुवाद, समीक्षा सहित, जयपुर, 1987)
- 'भट्ट मथुरानाथस्य काव्यशास्त्रीया निबन्धाः' (नई दिल्ली, 2011)
- 'जयपुर वैभवम्' (भट्ट मथुरानाथ शास्त्री रचित ग्रन्थ, जयपुर, 2009)
- 'वीरेश्वरप्रत्यभिज्ञानम्' (पं. जगदीश शर्मा लिखित जीवनी, जयपुर, 2009)
- ‘मंजुनाथग्रंथावली’ (5 खंड), (नई दिल्ली, 2009-2011)[15]
- ‘रामचरिताब्धिरत्नम्’ (पं. नित्यानंद शास्त्री का महाकाव्य, कोलकाता, 2003)
हिन्दी में सम्पादिक ग्रन्थ
- ‘प्रशासन शब्दावली’ (जयपुर, 1972)
- ‘पदनाम शब्दावली’ (जयपुर, 1973)
- ‘हिंदी प्रयोग मार्गदर्शिका’ (जयपुर, 1983)
- ‘कविपुण्डरीक सम्पूर्णदत्त मिश्र’ (जयपुर, 1998)
- ‘इन्द्रधनुष की छटा’ (हिंदी विविधा, उदयपुर, 2001)
- ‘वेदमनीषी डॉ॰ फतहसिंह’ (उदयपुर, 1977)
- पं॰ झाबरमल शर्मा, पं॰ रामानन्द तिवारी भारतीनंदन, पं॰ नवलकिशोर कांकर, पं॰ जगदीश शर्मा, पं॰ गोपालनारायण बहुरा, श्री मोहनलाल सुखाड़िया, वैदिक शिवदत्त जोशी, श्री रामप्रकाश स्वामी आदि के अभिनन्दन ग्रन्थ, स्मृति ग्रन्थ
- भाषा विभाग, राजस्थान के लगभग 20 ग्रन्थ
- राजस्थान ग्रन्थ अकादमी के दर्शन एवं भाषाविषयक ग्रन्थ व विभिन्न स्मारिकाएं।[16]
अनुवाद
- ‘दर्शन के सौ वर्ष’ (जॉन पासमोर लिखित ‘हंड्रेड इयर्स ऑफ़ फ़िलोसॉफ़ी’, जयपुर, 1966, 1987) का अंग्रेज़ी से हिन्दी में
- ‘अर्वाचीनं संस्कृतसाहित्यम्’ (कृष्णमाचारियर लिखित ‘हिस्ट्री ऑफ़ संस्कृत लिटरेचर’, 1954-1960) के अंतिम खंड का अंग्रेज़ी से संस्कृत में
- 'पंडितराज जगन्नाथ के स्तोत्रकाव्य' (पांच लहरियों) (1988); मेघदूतम् (धारावाहिक रेडियो रूपक, आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से प्रसारित (1981-1993); मालतीमाधवम्, सुधालहरी, पंचस्तवी आदि कालजयी कृतियों का आकाशवाणी प्रसारण के लिए (1957-1983); गीतगोविन्दम् (नृत्य नाटिका का आलेख, दूरदर्शन के विभिन्न चैनलों से प्रसारित (1995 से अद्यतन) आदि का संस्कृत से हिन्दी में
- 'इसिभासियाइं' (ऋषिभाषितानि सूत्राणि, जयपुर, 1988) का प्राकृत से अंग्रेज़ी में
- 'रामानन्द: द पायोनियर ऑफ़ रामभक्ति' (वाराणसी, 2009) व हेमन्त शेष की हिन्दी कविताओं (पोयट, चेन्नई, 1974) का हिन्दी से अंग्रेज़ी में तथा राजस्थानी कहानियों (इन्डियन लिटरेचर, नई दिल्ली 1980 तथा प्रतिभा इंडिया, नई दिल्ली, 2005-06) का राजस्थानी से अंग्रेज़ी में।
- ‘भारतीय दर्शन का इतिहास’ (सुरेन्द्रनाथ दासगुप्त लिखित ‘हिस्ट्री ऑफ़ इन्डियन फ़िलोसॉफ़ी’, जयपुर, 1978, 1988, 1998) के प्रथम खंड का 450 पृष्ठ का मूल अंग्रेज़ी से राजस्थान हिंदी ग्रन्थ अकादमी के लिए अनुवाद (1978 में प्रथम संस्करण)।[17]
संपादन एवं पत्रकारिता को योगदान
- संस्कृत में ‘भारती’, ‘स्वरमंगला’, ‘वैजयन्ती’, ‘वयम्’ आदि पत्रिकाओं का (2007 से) संपादन
- हिन्दी में ‘आलोक’ (1954), ‘भाषा परिचय’ (1972-94), ‘शिक्षा संवाद’ (1990-94), ‘दृक्’ (1999) आदि का संपादन
- साहित्यिक पत्रिकाओं को शताधिक लेखों, शोधपत्रों, सम्मतियों, सुझावों, परामर्शों, समीक्षाओं, आलोचनाओं आदि द्वारा विशाल योगदान।
वे आजकल विख्यात भारतीय संस्कृत मासिक पत्रिका ‘भारती’ के प्रधान-सम्पादक हैं। भारत की लगभग सभी हिन्दी और संस्कृत पत्रिकाओं में आपके लगभग एक हज़ार से भी अधिक शोधपत्र, आलेख, संस्कृत-कविताएं, निबंध, कहानियां, नाटक आलोचनाएं, डायरी-पृष्ठ और पुस्तक-समीक्षाएँ आदि प्रकाशित हो चुके हैं।
सन् 1955 से ही आकाशवाणी जयपुर, दिल्ली, इलाहाबाद आदि केन्द्रों से आपके लिखे संस्कृत नाटक, हिन्दी वार्ताएं, हिन्दी नाटक कविताएं, आदि तथा जयपुर व दिल्ली दूरदर्शन से हिन्दी व संस्कृत कार्यक्रमों मे अनवरत प्रसारित होते रहे हैं। आप वर्षों तक दूरदर्शन पर संस्कृत के समसामयिक कार्यक्रमों के आशु-संचालक और सहभागी के रूप में समादृत, संयोजक रहे हैं।[18]
प्रमुख-सम्मान एवं पुरस्कार
[संपादित करें]यद्यपि स्थानाभाव की सीमाओं से इन्हें मिले अनेकानेक सम्मानों और अलंकरणों की पूरी सूची दी जानी सम्भव नहीं है, परन्तु इन्हें प्राप्त कुछ उल्लेखनीय उपाधियाँ व सम्मान निम्नलिखित हैं-[19]
- महामहिम राष्ट्रपति द्वारा संस्कृत वैदुष्य के लिए अलंकृत एवं सम्मानित (1998)
- ‘महामहोपाध्याय’ की उपाधि (ला.ब.शा. राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ, मानित विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, 2008)[20] [21]
- संस्कृत साधना शिखर सम्मान, राजस्थान सरकार द्वारा, जयपुर, 2012[22]
- संस्कृत पत्रकारिता का शिखर सम्मान, उ. प्र. संस्कृत संस्थान द्वारा, 2008
- रामानन्द साहित्य साधना सम्मान (संत साहित्य समिति, 2011)
- साहित्य अकादमी (केन्द्रीय) का संस्कृत पुरस्कार (2004) कथा–संग्रह आख्यानवल्लरी के लिये[23]
- राजस्थान संस्कृत अकादमी द्वारा ‘नाट्यवल्लरी’ पर हरिजीवन मिश्र संस्कृत नाट्य पुरस्कार’ (2000)
- ‘साहित्य महोदधि’ की उपाधि (भारती मंदिर, जयपुर, 1993)
- ‘सरस्वती पुत्र’ सम्मान (सर्वब्राह्मण महासभा, 2000)
- ‘साहित्य शिरोमणि’ की उपाधि (व्यास बालाबक्श शोध संस्थान, जयपुर, 1999)
- रामानन्द पुरस्कार (काशी के रामानन्द पीठ द्वारा, 2002)
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा सम्मान (1995 व 1998)
- भूतपूर्व जयपुर महाराजा स्व. ब्रिगेडियर भवानी सिंह द्वारा 2005 में सम्मान
- स्व.रामरतन कोचर स्मृति साहित्य पुरस्कार
- 'मानस श्री' सम्मान, मौनतीर्थ, उज्जैन, 2016
- वाङ्मय मार्तण्ड सम्मान, राजस्थान साहित्य सम्मेलन, जयपुर, 2016
- स्पंदन भाषाविद् सम्मान, 'स्पंदन साहित्य संस्थान, जयपुर, 2017
- साहित्य मण्डल नाथद्वारा का ब्रजभाषा सम्मान, 2017
- राजस्थान साहित्य अकादमी का विशिष्ट साहित्यकार सम्मान,2017-18 [24]
इनके अतिरिक्त आपको अनेकानेक संस्थाओं द्वारा भी सम्मानित किया गया है जिनमें कुछ हैं - गुजरात संस्कृत साहित्य अकादमी (1997), ज्योतिष परिषद शोध संस्थान, जयपुर (1995 व 1997), राजस्थान संस्कृत साहित्य सम्मलेन, जयपुर (1994), राजस्थान सरकार द्वारा संस्कृत दिवस पर (1997), वाणी परिषद एवं तुलसीमानस संस्थान, जयपुर (1999), दिल्ली संस्कृत अकादमी (1997), राजस्थान भाषा विभाग (1998), राजस्थान संस्कृत साहित्य सम्मलेन, जयपुर (1994), वैदिक संस्कृति प्रचारक संघ, जयपुर (1994), भारत सेवक समाज, जयपुर (1993), आदि।
सन् 2000 के बाद मोरिशस, श्रीलंका और रूस में प्रवास के दौरान उन्हें अपने उत्कृष्ट सांस्कृतिक योगदानों के लिए वहाँ की कई संस्थाओं ने सम्मानित किया है। उन्होंने विदेशों में संस्कृत की वैदिक परम्परा, संस्कृत साहित्य और भारतीय ज्योतिष के विविध आयामों पर 'अतिथि वक्ता' के बतौर जो व्याख्यान दिए हैं, वे स्मारिकाओं, पुस्तकों और कई मुद्रित/ इलेक्ट्रोनिक रूपों में सुलभ हैं।
विविध पदों पर राज्यसेवा
[संपादित करें]भाषा विभाग, राजस्थान में निदेशक सहित अन्य पदों-सहायक निदेशक, उप निदेशक पर दो दशक तक रहे। 1991 से 1993 तक संस्कृत शिक्षा विभाग, राजस्थान के निदेशक भी रहे। 1994 में सेवानिवृत्ति के बाद 1995 से 1998 तक राजस्थान संस्कृत अकादमी के अध्यक्ष रहे हैं। सम्प्रति आप जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना के समय से कवि शिरोमणि भट्ट मथुरानाथ शास्त्री आधुनिक संस्कृत-पीठ तथा 'मंजुनाथ स्मृति संस्थान' के संस्थापक-अध्यक्ष हैं। आप वर्तमान में भी राजस्थान शासन की 'हिन्दी विधायी समिति' के स्थायी सदस्य, केन्द्रीय संस्कृत बोर्ड के सदस्य,नेशनल बुक ट्रस्ट व साहित्य अकादमी के सदस्य, विभिन्न अकादमियों, संस्कृत व हिन्दी की राजकीय व गैर-राजकीय साहित्यसेवी संस्थाओं के अध्यक्ष/उपाध्यक्ष आदि विभिन्न रूपों से संबद्ध हैं।[25]
आप 2013 से भारत सरकार के संस्कृत आयोग के सदस्य हैं।
- संपर्क-सूत्र: सी-8, पृथ्वीराज मार्ग, सी-स्कीम, जयपुर-302001 (राजस्थान)
स्रोत
[संपादित करें]- ↑ https://catalogue.bnf.fr/ark:/12148/cb13738473n. अभिगमन तिथि 26 मार्च 2017. गायब अथवा खाली
|title=
(मदद) - ↑ http://sahitya-akademi.gov.in/awards/akademi%20samman_suchi.jsp#SANSKRIT. अभिगमन तिथि 15 अप्रैल 2019. गायब अथवा खाली
|title=
(मदद) - ↑ [1] Archived 2012-05-01 at the वेबैक मशीन Inventory of Sanskrit Scholars, Ed. Radha Vallabh Tripathi, Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi, 2012, ISBN 978-93-86111-85-2
- ↑ महामहिम राष्ट्रपति सम्मानित संस्कृत मनीषी देवर्षि कलानाथ शास्त्री – एक परिचय, राजस्थान संस्कृत अकादमी, जयपुर, 2013
- ↑ आख्यानवल्लरी, राष्ट्रीय संस्कृत साहित्य केंद्र, जयपुर, 2002
- ↑ संस्कृत कविता वल्लरी, जगदीश संस्कृत पुस्तकालय, जयपुर, 2006, ISBN 81-87177-60-8
- ↑ [https://web.archive.org/web/20120501074308/http://www.sanskrit.nic.in/DigitalBook/I/Inventory%20of%20Sanskrit%20Scholars.pdf Archived 2012-05-01 at the वेबैक मशीन Inventory of Sanskrit Scholars, Ed. Radha Vallabh Tripathi, Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi, 2012, ISBN 978-93-86111-85-2
- ↑ ललितकथा कल्पवल्ली, हंसा प्रकाशन, जयपुर, 2012, ISBN 978-93-81954-28-7
- ↑ "भारतीय साहित्य के निर्माता (श्रृंखला): भट्ट मथुरानाथ शास्त्री 'मंजुनाथः", केन्द्रीय साहित्य अकादमी, नई दिल्ली, 2013, ISBN 978-81-260-3365-2
- ↑ 'आधुनिक काल का संस्कृत गद्य साहित्य', राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली, 1995
- ↑ ’संस्कृत साहित्य का इतिहास’, साहित्यागार, जयपुर, 2009, ISBN 81-7711-150-7
- ↑ संस्कृत के गौरव शिखर, राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली, 1998
- ↑ साहित्य चिन्तन, हंसा प्रकाशन, जयपुर, 2005, ISBN 81-88257-07-9
- ↑ 'हॉराइज़न्स ऑफ़ संस्कृत', राजस्थान संस्कृत अकादमी , जयपुर, 2016
- ↑ ‘मंजुनाथग्रंथावली’, राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली, 2009 – 2011
- ↑ महामहिम राष्ट्रपति सम्मानित संस्कृत मनीषी देवर्षि कलानाथ शास्त्री – एक परिचय, राजस्थान संस्कृत अकादमी, जयपुर, 2013
- ↑ महामहिम राष्ट्रपति सम्मानित संस्कृत मनीषी देवर्षि कलानाथ शास्त्री – एक परिचय, राजस्थान संस्कृत अकादमी, जयपुर, 2013
- ↑ "राजकमल प्रकाशन समूह, नई दिल्ली". मूल से 14 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 जनवरी 2016.
- ↑ महामहिम राष्ट्रपति सम्मानित संस्कृत मनीषी देवर्षि कलानाथ शास्त्री – एक परिचय, राजस्थान संस्कृत अकादमी, जयपुर, 2013
- ↑ http://www.thehindu.com/lf/2005/06/05/stories/2005060503220200.htm Archived 2016-01-14 at archive.today The Hindu : Sanskrit title conferred on Kalanath Shastri, June 05, 2005 (retrieved 04.01.2016)
- ↑ http://www.slbsrsv.ac.in/newconvocation.asp Archived 2016-01-27 at the वेबैक मशीन ला.ब.शा. राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली दीक्षांत समारोह
- ↑ http://www.vedicpeeth.org/team_members/devrshi-kalanath-shastri Archived 2016-01-26 at the वेबैक मशीन Pandit Madhusudan Ojha Institute of Vedic Studies & Research, Jaipur-302004
- ↑ साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता सूची
- ↑ <https://artandculture.rajasthan.gov.in/content/dam/doitassets/art-and-culture/rajasthan-sahitya-academy-udaipur/pdf/Saman%20Pursakar.pdf
- ↑ 'आधुनिक काल का संस्कृत गद्य साहित्य', (लेखक परिचय), राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली, 1995